जगदलपुर, 05 दिसंबर । छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के प्रवास के दौरान ही नक्सलियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है। नक्सलियों ने कमालूर पांडेवार गांव में जिंदल कंपनी के एक ठेकेदार गणेश नायडू की धारदार हथियार से हत्या कर, उसकी बोलेरो वाहन में आग लगा दी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बस्तर में संचालित अन्ना एंड अन्ना के संचालक रेलवे ठेकेदार गणेश नायडू आज अपने कर्मचारियों को पेमेंट करने फरसपाल थाना क्षेत्र के कमालूर गांव गया था। इसी दौरान नक्सलियों ने उसे रास्ते में रोक लिया और चेतावनी के बाद काम बंद नहीं करने का आरोप लगाते हुए, उसकी परम्परागत हथियारों से निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी। हत्या के बाद नक्सलियों ने ठेकेदार की बोलेरो वाहन में भी आग लगा दी। लौह अयस्क खदान की लीज स्वीकृति से पहले ड्रिलिंग के जरिये पूर्वेक्षण का काम जिंदल कम्पनी कर रही है। पहले भी मशीनें जलाए जाने और मजदूरों की बेदम पिटाई की घटना इस इलाके में हो चुकी है।
गणेश नायडू जगदलपुर में ही रहा करते थे। सरल स्वभाव व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी गणेश नायडू की नक्सलियों द्वारा हत्या किए जाने को लेकर जगदलपुर में काफी रोष व्याप्त है। गणेश नायडू आदिवासी नेता स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के करीबी माने जाते थे।
घटना की पुष्टि करते हुए दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सलियों ने ठेकेदार को फोन करके मौके पर बुलाया था, जिसके बाद उन लोगों ने घटना का अंजाम दिया। हत्या की जानकारी मिलते ही मौके की ओर पुलिस बल रवाना कर दिया गया है।
इधर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल आज दंतेश्वरी मंदिर दर्शन के लिए पहुंची हैं। राज्यपाल ने मंदिर में दर्शन से पहले आंगनबाड़ी केन्द्र का जायजा भी लिया है। राज्यपाल की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पखवाड़े भर पूर्व ही सुकमा जिले में नक्सलियों ने सडक़ निर्माण में संलग्र दुर्ग के ठेकेदार हरिशंकर साहू की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जगदलपुर, 05 दिसंबर । बस्तर जिले के दरभा थाना क्षेत्र के पखनार गांव में कल देर शाम नक्सलियों ने साप्ताहिक बाजार में दो आत्मसमर्पित नक्सलियों की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी।
बस्तर एसपी डी श्रवण ने बताया कि पूर्व नक्सली जल्लू और भीमा कुछ समय पहले ही नक्सली संगठन छोडक़र समाज के मुख्यधारा में लौटे थे। जो पुलिस के गोपनीय सैनिक बनाए गए थे। मंगलवार को दोनों बाजार गए हुए थे। इसी दौरान नक्सलियों की स्माल एक्शन टीम ने उन पर कुल्हाड़ी व अन्य धारदार हथियार से हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि नक्सली दोनों को घायल अवस्था में बाजार से दूर ले गए और घायल अवस्था में उनकी हत्या कर दी। बाजार में घटना के बाद अफरा-तफरी मच गयी और दहशत के चलते बाजार बंद हो गया। हत्या के बाद उनकी लाश पखनार चौकी से आधा किमी दूर फेंक दी। पुलिस ने दोनों के शव बरामद कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि आज सुबह से ही इन इलाकों में गश्त बढ़ा दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि नक्सलियों की जो स्मॉल एक्शन टीम होती है, उसमेें 3 या 4 सदस्य होते हैं, जिसके कारण वो बाजारों में फैल जाते हैं और उनकी पहचान या उनको पकडऩा मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम ऐसे ही घटनाओं को अंजाम देकर भाग जाती है।
नयी दिल्ली ,05 दिसंबर । पीएम नरेन्द्र मोदी देश के सबसे लंबे रेल-सडक़ पुल बोगीबील का 25 दिसंबर को उद्घाटन करेंगे। यह पुल असम के ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर तथा दक्षिणी तटों को जोड़ता है। रेलवे प्रशासन के मुताबिक यह पुल 4.94 किलोमीटर लंबा है। इस दिन को सरकार सुशासन दिवस के रूप में भी मनाती है।’’ पूर्व पीएम देवगौड़ा ने जनवरी 1997 में बोगीबील पुल की आधारशिला रखी थी लेकिन पूर्व पीएम वाजपेयी द्वारा निर्माण कार्य के शुभारंभ के बाद अप्रैल 2002 में इसका कार्य शुरू हुआ। विगत 16 वर्षों में इसके निर्माण को पूरा करने के लिये कई बार विभिन्न समय-सीमा तय की गई लेकिन उस अवधि में कार्य पूरा नहीं हो सका। तीन दिसंबर को पहली माल गाड़ी इस पर से गुजरी। उल्लेखनीय है कि भारत ने अरुणाचल प्रदेश के सीमाई इलाकों में साजो-सामान पहुंचाने में सुधार की योजना तैयार की है और बोगीबील उन्हीं ढांचागत परियोजनाओं का हिस्सा है। इनमें ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर ट्रांस अरुणाचल हाईवे तथा मुख्य नदी और इसकी सहायक नदियों जैसे दिबांग,लोहित,सुबनसीरी और कामेंग पर नई सडक़ों तथा रेल लिंक का निर्माण भी शामिल है।
ब्रसेल्स ,05 दिसंबर । अमेरिका ने रूस को चेतावनी दी है कि यदि उसने अपनी मिसाइलों को 60 दिन के भीतर नष्ट नहीं किया तो वह शीत युद्ध के दौरान परमाणु हथियारों को लेकर हुई महत्वपूर्ण संधि से खुद को अलग कर लेगा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि यदि मॉस्को अपनी नयी प्रणाली को वापस नहीं लेता है तो वह 1987 में हुई इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) संधि मानने को बाध्य नहीं होगा। अमेरिका का कहना है कि रूस की मिसाइल प्रणाली ने हथियारों की होड़ बढऩे का खतरा फिर से पैदा कर दिया है। नाटो का कहना है कि तमाम लोगों की नजरों में दुनिया भर में हथियारों की होड़ पर नियंत्रण रखने वाली इस संधि को बचाने की जिम्मेदारी अब रूस की है। वहीं, संगठन प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग का कहना है कि बिना संधि की दुनिया के लिये तैयार होने का वक्त आ गया है। नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के बाद पोम्पिओ ने कहा, ‘‘अमेरिका आज घोषणा करता है कि रूस ने संधि का गंभीर उल्लंघन किया है और यदि रूस 60 दिन के भीतर पूर्ण रूप से इसका सत्यापन योग्य अनुपालन नहीं करता है तो हम अपना सारा दायित्व छोड़ देंगे।’’ उन्होंने कहा कि रूस के इस कदम से अमेरिका और हमारे सहयोगियों तथा साझेदारों की राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा खतरा है। ‘‘इसका कोई मतलब नहीं बनता है कि अमेरिका इस संधि में बना रहे और रूस के उल्लंघनों का जवाब देने की अपनी क्षमता को नियंत्रित करता रहे।’’ अमेरिका और नाटो का कहना है कि रूस की 9एम729 प्रणाली आईएनएफ संधि का उल्लंघन करती है। इस संधि के तहत जमीन से दागी जाने वाली 500 से 5,500 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें प्रतिबंधित हैं। नाटो का कहना है कि रूस की परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम ये क्रूज मिसाइलें कहीं से भी दागी जा सकती हैं और इनका पता लगाना भी मुश्किल है। यह बेहद मामूली या बिना किसी चेतावनी के यूरोप के किसी भी शहर को अपना निशाना बना सकती हैं।
0-रिश्वत लेने का आरोप
न्यूयॉर्क ,05 दिसंबर । अमेरिका में एक उपनगरीय बस एजेंसी के भारतीय मूल के पूर्व प्रबंधक को रिश्वत लेने के आरोप में एक साल कारावास की सजा सुनाई गई है। शिकागो के स्कॉमबर्ग के रहने वाले राजिन्दर सचदेवा (54) पर वर्ष 2010 से 2014 के बीच बस एजेंसी का प्रबंधक रहने के दौरान दौरान एक आईटी कॉन्ट्रेक्टर से करीब 2,12,02,500 रुपये (300,000 अमेरिकी डॉलर) रिश्वत मांगने का आरोप है। अमेरिका के उत्तरी जिले इलिनोइस के अटॉर्नी जनरल जॉन लॉस्च ने कहा कि सचदेवा ने कॉन्ट्रेक्टर से रिश्वत मांगी और स्वीकार की। इसके बदले उन्होंने कॉन्ट्रे्क्टर के साथ काम जारी रखने के लिये अपने पद के प्रभाव का इस्तेमाल किया। सचदेवा ने अपने नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिये राशि का भुगतान करवा कर एजेंसी से इस करार को छुपाये रखा। इस साल की शुरूआत में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।
0-भारतीय रेलवे ने किया अहम बदलाव
नई दिल्ली, 04 दिसंबर । रेलवे ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिस कारण केहरो में रेलगाडिय़ों की रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए यात्री रेलगाडिय़ों की निगरानी का अधिकार डिवीजन को दे दिया है। अभी तक यह काम जोनल रेलवे के अधिकारी कर रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय से ट्रेन बिना लेट हुए समय पर अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगी।
यह पहली बार होगा जब डिवीजन स्तर पर ट्रेन समयपालन की निगरानी जोनल रेलवे की बजाय डिवीजन से कराई जाएगी। आदेश में कहा गया है कि रेलवे सूचना प्रणाली (क्रिस) सभी डिवीजन के एडीआरएम के यूजर आईडी व पासवर्ड सिस्टम में अपलोड कर दे। ताकि ट्रेन समयपालन निगरानी की प्रणाली में उनका दखल संभव हो।
इसमें मकसद यह है कि रेलगाडिय़ों को समय पर चलाने, कर्मियों की जवाबदेही तय करने, प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करने के अधिकार एडीआरएम के पास होंगे। रेलवे बोर्ड ने इस बार 15 दिसबंर से रेलगाडिय़ों को अधिकतम 75 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर चलाने के आदेश दिए हैं। जबकि हर साल रेलगाडिय़ों को 50-60 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाया जाता रहा है। रेलवे बोर्ड ने यह फैसला अधिकांश ट्रेन इंजनों के ड्राइवरों को फॉग सेफ डिवाइस देने के बाद लिया है। जीपीएस आधारित इस उपकरण की मदद से ड्राइवरों को सिगनल का पता पहले ही चल जाता है और ट्रेन धीमी नहीं करनी पड़ती।