0-राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों की दिलों की धडक़नें तेज
रायपुर, 10 दिसंबर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों के साथ ही प्रदेश स्तरीय नेताओं की दिलों की धडक़नें तेज हो गई है। इधर आयोग ने मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। यह पहली बार होगा जब ड्रोन कैमरे से पूरे मतगणना परिसर की निगरानी रखी जाएगी। मतगणना में सुरक्षा को लेकर काफी सख्ती बरती जा रही है।
छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में संपन्न हो चुके विधानसभा चुनाव का परिणाम कल सामने आ जाएगा। सुबह 9 बजे से ही रूझान आने शुरू हो जाएंगे। इधर चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों, प्रदेश स्तरीय नेताओं और पार्टी प्रत्याशियों की दिलों की धडक़नें तेज हो गई है। अधिकांश प्रत्याशी कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं के माध्यम से रूझान जानने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन इस बार राज्य में संपन्न हो चुके विधानसभा चुनाव का रूझान जानने में अच्छे-अच्छे राजनीतिक जानकारों और सर्वे टीम के लिए भी टेड़ी खीर साबित हो रही है। अब तक के एग्जिट पोल में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा नहीं किया गया है। वहीं इस बार प्रदेश में त्रिशंकु चुनाव को लेकर भी काफी रोमांच बना हुआ है। हालांकि जानकारों की माने तो प्रदेश में त्रिशंकु परिणाम के आसार काफी कम है। इसका कारण भी स्पष्ट है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही हुआ है। जोगी कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन वाले सीटों पर मुश्किल से 6 सीट आने की उम्मीद जताई गई है। हालांकि दोनों ही राष्ट्रीय दलों को यदि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता तो यह 6 सीट भी काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसके अलावा राज्य के रायगढ़, महासमुंद और बसना में चुनाव लडऩे वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका भी इस तरह की परिस्थितियों में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं।
इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पुलिस प्रशासन की ओर से कानून और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी है। यह पहली बार होगा कि मतगणना स्थल में कई स्तर के जांच-पड़ताल के बाद ही पासधारियों को प्रवेश दिया जाएगा। आलम यह होगा कि मतगणना में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी। इसका मतलब यह हुआ कि एक टेबल में बैठा कर्मचारी दूसरी टेबल तक भी नहीं जा सकेगा। इधर सुरक्षा को और सख्त करते हुए इस बार पूरे मतगणना स्थल की डे्रान कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा मतगणना स्थल के आसपास कई स्तर का सुरक्षा घेरा रखा जाएगा।
विजयी प्रत्याशी प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे मुख्यालय :
इधर मिशन-65 का नारा भूलने के बाद भाजपा के नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि विजयी प्रत्याशी विजयी घोषित होने के बाद जीत का प्रमाण पत्र लेकर सीधे पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगे और किसी भी तरह के विजयी जुलूस आदि में शामिल नहीं होंगे। कुछ इसी तरह के निर्देश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने प्रत्याशियों को दिया है। विजयी होने की दशा में सभी विजयी प्रत्याशी प्रमाण पत्र लेकर सीधे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचेंगे। इस निर्देश का सीधा मतलब यही है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को खरीद-फरोख्त की आशंका है। इससे बचने के लिए ही दोनों ही दल अपने-अपने विजयी प्रत्याशियों को एक साथ रखना चाहते हैं।
0-प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
नई दिल्ली ,10 दिसंबर । प्रधानमंत्री कार्यालय में जनसंपर्क अधिकारी के रुप में कार्यरत जगदीश ठक्कर का दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया है। वे 72 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल थे और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनका उपचार चल रहा था, जहां रविवार की रात उनका निधन हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठक्कर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ठक्कर वरिष्ठ पत्रकार थे और मैंने उनके साथ गुजरात और दिल्ली में लंबे समय तक कार्य किया। उन्होंने पहले भी गुजरात के कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। ठक्कर के साथ तमाम पत्रकार पिछले कई सालों से संपर्क में रहे। उन्होंने कहा, अपने कर्तव्य के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित ठक्कर सादगीप्रिय, जोशीले और दिलखुश स्वभाव के इंसान भी थे।
उनके निधन से हमने एक बेहतरीन व्यक्तित्व खो दिया। मेरी उनके परिवार और हितैषियों के प्रति गहरी संवेदना है। ठक्कर ने काफी लंबे समय तक मोदी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके साथ वहां काम किया। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।
0-शीतकालीन सत्र
नईदिल्ली ,10 दिसंबर । 11 दिसंबर शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पूर्व संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा परंपरागत रूप से संसद सत्र की शुरूआत की पूर्वसंध्या पर होने वाली बैठक में सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री सरकार का एजेंडा बताते हैं और सरकारी कामकाज के लिए विपक्ष का समर्थन मांगते हैं. यह लोकसभा चुनाव से पहले संसद का अंतिम संपूर्ण सत्र होगा.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे संसद की कार्यवाही पर असर डाल सकते हैं जहां भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. इसी दिन संसद सत्र शुरू होगा.
सरकार राज्यसभा में लंबित ‘तीन तलाक’ विधेयक पारित करने पर जोर देगी. उसने तीन तलाक को रोकने के लिए अध्यादेश लागू किया है.
सामान्य रूप से शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू होता है. हालांकि लगातार दूसरी साल इस बार इसकी शुरूआत दिसंबर में होगी.
वाशिंगटन ,10 दिसंबर । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा मंत्री जेम्स मैट्टिस के आगामी वर्ष 750 अरब डॉलर के रक्षा बजट के प्रस्ताव को मंजूरी देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। एक अधिकारी ने रविवार को सीएनएन को बताया कि पिछले सप्ताह ट्रंप ने ट्वीट कर रक्षा विभाग के 716 अरब डॉलर के बजट को पागलपन बताया था।
इसके अगले दिन मैट्टिस और रिपब्लिकन सीनेटर्स ने सैन्य फंडिग को लेकर राष्ट्रपति से लंच पर मुलाकात की। गौरतलब है कि 750 अरब डॉलर बजट के प्रस्ताव पर सहमति चार दिसंबर को हुई इसी बैठक के बाद बनी, जिसमें ट्रंप, मैट्टिस और हाउस और सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमिटी के चैयरमैन ने हिस्सा लिया था।
अधिकारी ने कहा, राष्ट्रपति राष्ट्रीय रक्षा रणनीति का पूर्ण समर्थन करते हैं और सेना के सतत पुनर्निर्माण के हिमायती हैं। ट्रंप 750 अरब डॉलर के रक्षा बजट पर रजामंद हो गए हैं।
मोगादिशू ,10 दिसंबर । अमेरिकी सेना का कहना है कि उनके विशेष सुरक्षाबलों ने सोमालिया में हवाई हमले किए, जिसमें अल शबाब के चार आतंकवादियों की मौत हो गई। अमेरिका अफ्रीका कमान (अफ्रीकॉम) का कहना है कि सोमालिया सरकार के साथ मिलकर सामूहिक आत्मरक्षा हमले में अल शबाब के आतंकवादी ढेर हो गए।
अफ्रीकॉम ने जारी बयान में कहा, गठबंधन बलों पर हमलों के बाद अमेरिका ने आतंकवादियों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में चार आतंकवादी ढेर हुए हैं जबकि किसी स्थानीय नागरिक की मौत नहीं हुई है।
नई दिल्ली ,09 दिसंबर । आज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का 72वां जन्मदिवस है। भारत की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने वाली सोनिया गांधी को देश-विदेश से बधाई संदेश मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी। उन्होंने लिखा, सोनिया जी, आपके जन्मदिन की हार्दिक बधाई। मैं आपके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं। सोनिया गांधी को बधाई देने के लिए उनके आवास के बाहर कार्यकर्ताओं का तांता लगा है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जब कैंब्रिज में पढ़ते थे, वहीं उनकी मुलाकात सोनिया से हुई। उन्हें सोनिया से प्रेम हो गया और शादी की इच्छा जाहिर की। सोनिया के पिता ने इसके लिए शर्त रखी कि एक साल तक दोनों को नहीं मिलना है। सोनिया और राजीव दोनों ने शर्त निभाई और बाद में उनकी शादी हुई।
सोनिया गांधी के नेतृत्व में दो बार यूपीए को सरकार बनाने का मौका मिला लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री बनना स्वीकार नहीं किया। 1998 में जब कांग्रेस की सत्ता केवल चार राज्यों में रह गई थी तो उन्होंने नेतृत्व संभालकर फिर से पार्टी में जान फूंक दी।
सोनिया गांधी का जन्म 1946 में इटली के लुसियाना में हुआ था। वह 1999 में पहली बार अमेठी से सांसद बनीं। वह रायबरेली सीट से चार बार सांसद बन चुकी हैं। दुनियाभर में सोनिया गांधी की गिनती सशक्त महिलाओं में होती है।