रायपुर। रायपुर का बहुप्रतीक्षित और लंबे समय से अधूरा पड़ा स्काई वॉक प्रोजेक्ट (फुट ओवर ब्रिज) एक बार फिर निर्माण की राह पर लौट आया है। करीब 8 वर्षों से ठप पड़े इस प्रोजेक्ट पर अब फिर से काम शुरू किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में शुरू हुई इस योजना को कांग्रेस सरकार के आने पर रोक दिया गया था। अब साय सरकार ने इसे पुरानी स्वीकृत डिजाइन के अनुसार पूरा करने का फैसला लिया है।
लोक निर्माण विभाग ने स्काई वॉक को पूरा करने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। रायपुर की पी.एस.ए.ए. कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. को इस कार्य का ठेका मिला है। कंपनी ने इस काम के लिए अनुमानित लागत 31.41 करोड़ रुपए से 20.17 प्रतिशत ज्यादा कीमत यानी 37.75 करोड़ रुपए में निविदा भरी, जिसे शासन से मंजूरी मिल चुकी है।
प्रोजेक्ट को उसी पुरानी डिजाइन के अनुसार बनाया जाएगा, जिसे पहले स्वीकृति मिली थी। निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी की जाएगी, और यह काम तय समय सीमा और बजट के भीतर ही पूरा करना होगा। परियोजना को किसी अन्य को सबलेट नहीं किया जा सकेगा और न ही पावर ऑफ अटॉर्नी दी जाएगी।
गौरतलब है कि 2017 में इस स्काई वॉक प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी और 2019 तक इसका लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था। लेकिन नई सरकार आने के बाद इसे रोक दिया गया। इसके बाद एक सुझाव समिति का गठन किया गया, जिसने केवल चर्चा की, लेकिन निर्माण के संदर्भ में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया।
इस बीच अधूरे ढांचे की हालत खराब होती गई। कभी पिलर्स पर वर्टिकल गार्डन लगाए गए, कभी पेंटिंग की गई, लेकिन निर्माण आगे नहीं बढ़ा। अब सरकार के नए फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि राजधानी रायपुर को जल्द ही उसका बहुप्रतीक्षित स्काई वॉक मिल जाएगा।
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सुपेला थाना क्षेत्र से एक बांग्लादेशी महिला को फर्जी पहचान के साथ अवैध रूप से भारत में निवास करते हुए गिरफ्तार किया है। यह एसटीएफ की अवैध घुसपैठियों के खिलाफ की गई पहली कार्रवाई है।
गिरफ्तार महिला की असली पहचान पन्ना बीबी (उम्र लगभग 25 वर्ष), निवासी दीधीरपार, जिला खुलना, बांग्लादेश के रूप में हुई है। वह पिछले दो वर्षों से *काकोली घोष उर्फ अंजली सिंह* नाम से सुपेला के नेहरू रोड स्थित सूरज साव के मकान में किराए पर रह रही थी।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम ने जब महिला से पूछताछ की, तो उसने पहले खुद को पूर्वी दिल्ली निवासी अंजली सिंह बताया और एक आधार कार्ड भी प्रस्तुत किया। लेकिन जांच में दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। गहन पूछताछ पर महिला ने अपना असली नाम और बांग्लादेशी नागरिक होना स्वीकार किया।
बिना वीजा और पासपोर्ट के भारत में प्रवेश
जांच में सामने आया कि पन्ना बीबी करीब 8 साल पहले बिना वैध पासपोर्ट और वीजा के* पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले स्थित बॉर्डर से भारत में घुसी थी। उसने कोलकाता के सोनागाछी इलाके में लगभग 5 साल और दिल्ली में 1 साल तक अवैध रूप से रहकर पहचान छिपाई। इसके बाद वह भिलाई आकर काकोली घोष या अंजली सिंह के नाम से निवास करने लगी।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल इलाज में भी
महिला ने दिल्ली निवासी बनकर एक फर्जी आधार कार्ड तैयार करवाया और उसका इस्तेमाल इलाज के लिए अस्पताल में खुद को भर्ती कराने के लिए किया। दस्तावेजों में लगे फोटो जानबूझकर धुंधले रूप में लगाए गए ताकि असली पहचान छिपी रहे।
फोन जांच में भी बांग्लादेश से संपर्क के सबूत
एसटीएफ द्वारा महिला के मोबाइल फोन की जांच में पाया गया कि वह लगातार बांग्लादेश स्थित अपने परिवार और रिश्तेदारों से संपर्क में थी।
कानूनी धाराओं के तहत मामला दर्ज
महिला के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम 1946, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1920, तथा **भारतीय न्याय संहिता 2023* की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
मकान मालिक पर भी होगी कार्रवाई
महिला को किराए पर रखने वाले मकान मालिक सूरज साव ने भी पुलिस को किराएदार की जानकारी नहीं दी, जो कि कानूनन अनिवार्य है। उसे भी इस मामले में सहयोगी मानते हुए वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
कार्यवाही में इन अधिकारियों की रही भूमिका
इस सफल कार्रवाई में एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी, सुपेला थाना प्रभारी विजय यादव, तथा एसटीएफ टीम के सउनि रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी, और संतोष गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले आरोपी जय कुमार वर्मा को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी वर्तमान में जीआरपी गवर्नमेंट रेलवे पोलिस रायपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम परसदा निवासी महेन्द्र सिंह मानसर (49 वर्ष) ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग द्वारा आरक्षक भर्ती निकाली गई थी, जिसके तहत उन्होंने अपने भाई भूपेन्द्र सिंह मानसर का आवेदन जिला राजनांदगांव के लिए जमा कराया था। इसी दौरान बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर महेन्द्र सिंह की मुलाकात आरोपी जय कुमार वर्मा से हुई, जिसने खुद को जीआरपी में पदस्थ बताते हुए राजनांदगांव जिले में आरक्षक पद दिलाने का झांसा दिया। आरोपी ने इसके एवज में 10 लाख रुपये की मांग की। प्रार्थी, जो एक पैर से विकलांग है, अपने भाई की नौकरी के लिए घर की कृषि भूमि गिरवी रखकर रुपये जुटाए। 06 सितंबर 2018 को खमतराई निवासी मनोज मिंज के घर पर, मनोज की मां और अन्य गवाहों की उपस्थिति में महेन्द्र सिंह ने 9 लाख रुपये और मनोज मिंज की ओर से उसकी मां द्वारा 3 लाख रुपये आरोपी को नगद दिए। इसके अतिरिक्त, 1 लाख रुपये एटीएम के माध्यम से आरोपी को दिए गए। बाद में आरोपी ने अन्य लोगों से भी नौकरी दिलाने के नाम पर रकम वसूली। जब भर्ती प्रक्रिया में दोनों उम्मीदवार असफल हो गए, तब प्रार्थी ने आरोपी से रुपये वापस मांगे। आरोपी ने समय देने की बात कहकर रकम लौटाने से इंकार किया। वर्ष 2019 में प्रार्थी के एक पारिवारिक विवाह समारोह के दौरान आरोपी ने मात्र 2 लाख रुपये लौटाए, शेष रकम अब तक नहीं लौटाई गई है। पुलिस ने महेन्द्र सिंह की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए अपराध क्रमांक 440/25, धारा 420 भादवि के तहत आरोपी जय कुमार वर्मा को 15 मई 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
गिरफ्तार आरोपी का विवरण:
नाम: जय कुमार वर्मा
पिता का नाम: केजूराम वर्मा, उम्र: 40 वर्ष, स्थायी पता: ग्राम कडार, पोस्ट सेमार, थाना चकरभाठा, जिला बिलासपुर, वर्तमान निवास: शांति नायक का मकान, डब्ल्यूआरएस कॉलोनी, रायपुर।
बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के चांदो थाना क्षेत्र के कंठी घाट इलाके में बारातियों से भरी बस के गहरी खाई में गिर जाने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बरातियों से भरी बस शंकरगढ़ से झारखंड जा रही थी इस बीच चांदो थाना क्षेत्र के कंठी घाट में बस अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई वहीं दो दर्जन लोग घायल हो गये है। मृतकों में एक बच्ची, एक युवक और एक महिला शामिल हैं। हादसे की खबर मिलते ही पुलिस और 108 एंबुलेंस की टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। सभी घायलों को चांदो के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल सात लोगों को बेहतर इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। बाकी घायलों का इलाज बलरामपुर जिला अस्पताल में चल रहा है।
हादसे की सूचना मिलते ही बलरामपुर के कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने अस्पताल पहुंचकर घायलों की स्थिति का जायजा लिया और डॉक्टरों को समुचित इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जिस सडक़ पर हादसा हुआ वह लंबे समय से निर्माणाधीन है और कार्य की रफ्तार बेहद धीमी है। वहीं प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि बस की खराब हालत भी दुर्घटना का कारण हो सकती है।
कोरबा। कोरबा जिला जैवविविधता से भरा हुआ है आए दिन दुर्लभ जीव मिलने की खबरें सामने आते रहती हैं ऐसा ही मामला कटघोरा वनमण्डल अंतर्गत आने वाले हरदी बाजार क्षेत्र के मुढ़ाली गाँव में दुर्लभ प्रजाति की एशियन पाम सिवेट मिला। मानवीय रहवास में धान के कोठी में मादा सीवेट अपने बच्चों के साथ एक घर में रह रही थी। गांव वाले देखे तो उनके लिए यह डर और आश्चर्य का नजारा था। वह अपने बच्चों को छोड़ कर जाना नहीं चाह रही थी। जिसकी सूचना घर के मालिक केशव जायसवाल द्वारा वन विभाग को दिया गया। वन विभाग एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी की संयुक्त टीम द्वारा एक सुनियोजित और सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए घटना स्थल पहुंची और रेस्क्यू अभियान कटघोरा वन मण्डल के वनमण्डलाधिकारी कुमार निशांत के निर्देशानुसार उप वन मण्डलाधिकारी चंद्रकांत के मार्गदर्शन में शुरू कर उसे पकडकर जंगल में छोड़ दिया। वन विभाग एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी के इस समन्वित प्रयास की स्थानीय ग्रामीणों, पर्यावरण प्रेमियों तथा वन्यजीव संरक्षण से जुड़े संगठनों द्वारा सराहना की जा रही है। इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन ने न केवल एक प्रजाति की रक्षा की, बल्कि भविष्य में ऐसे प्रयासों को प्रेरणा देने वाला कार्य भी किया है।