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माल्या का लग्जरी जेट आखिरकार नीलाम हुआ, 35 करोड़ रुपये में बिका
Posted Date : 01-Jul-2018 7:54:36 pm

माल्या का लग्जरी जेट आखिरकार नीलाम हुआ, 35 करोड़ रुपये में बिका

देश के बैंकों का 9000 करोड़ रुपये लेकर भागे विजय माल्या के लग्जरी जेट को आखिरकार खरीदार मिल गया है. माल्या के लग्जरी ए319 जेट को सेवा कर के अधिकारियों ने जब्त कर रखा है. मार्च 2016 से कम चार निरस्त प्रयासों के बाद अधिकारियों को सफलता मिली है.  सूत्रों के हवालों से कहा कि फ्लोरिडा स्थित एविएशन मैनेजमेंट सेल्स ने लग्जरी जेट के लिए 34.8 करोड़ रुपये की बोली लगाई. सूत्र ने कहा कि लेनदेन पिछले शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट  के आदेश के बाद ई-नीलामी के माध्यम से पूरा हुआ था.  सूत्र ने कहा कि जेट 2013 में जब्त होने के बाद से मुंबई हवाई अड्डे के एक हैंगर में पार्क किया गया है. अब बॉम्बे हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद यह सौदा होगा .

विभाग ने शुरुआत में मार्च 2016 में पहली नीलामी के प्रयास में रिजर्व प्राइस के रूप में 152 करोड़ रुपये तय किए थे.मार्च 2016 में लगाई गई पहली बोली में रिजर्व प्राइस के बदले सिर्फ एक शख्स ने 1.09 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.   इसके बाद विभाग ने बोली को रद्द कर दिया था और रिजर्व प्राइस को 10% कम कर दिया था. बता दें कि किंगफिशर एयरलाइंस के 800 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकाए के बदले में विमान को सेवा कर विभाग ने दिसंबर 2013 में जब्त कर लिया था.  पूर्व में नीलामी विफल रही क्योंकि बोली रिजर्व प्राइस से बहुत कम थी, जो शुरू में 22.5 मिलियन अमेरीकी डालर से 12.5 मिलियन अमेरीकी डॉलर हो गई थी. आखिरी बोली प्रक्रिया मार्च 2017 में मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन (एमएसटीसी) द्वारा आयोजित की गई थी.

आधुनिक सुविधाओं से लैस है जेट

माल्या की जब्त इस जेट में सीएफएम 56-5 इंजन लगा है. 266 करोड़ के माल्या के लग्‍जरी जेट में घर जैसी कई सुविधाएं हैं. एक बार ईंधन भरने पर यह मुंबई से अमेरिका जा सकता है. माल्या इसे घर और ऑफिस दोनों की तरह इस्तेमाल करते था. इस जेट में कॉन्फ्रेंस हॉल और मीटिंग रूम हैं. माल्या ने इस प्लेन को कस्टमाइज करवाने पर 4 करोड़ डॉलर खर्च किए थे.  खुद विजय माल्या का नाम शॉर्ट फॉर्म में ‘VJM’ जेट के खिड़की, दरवाजे और सोफे पर लिखा है. अमेरिका कंपनी द्वारा निर्मित माल्या के इस प्राइवेट जेट में सोफा, बिस्तर, बार, शावर भी है. इस विमान में 25 सीटें हैं.

जीएसटी का असर, फर्स्ट क्वार्टर में 44 फीसदी बढ़ा डायरेक्ट टैक्स
Posted Date : 01-Jul-2018 7:50:09 pm

जीएसटी का असर, फर्स्ट क्वार्टर में 44 फीसदी बढ़ा डायरेक्ट टैक्स

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के अमल में आने से प्रत्यक्ष कर संग्रहण बढ़ा है और अप्रैल जून तिमाही में अग्रिम प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 44% की वृद्धि देखने को मिली।

केंद्रीय मंत्री जेटली ने यहां जीएसटी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में यह जानकारी दी। जेटली ने कहा, ‘मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अग्रिम कर भुगतान से संकेत मिलता है कि व्यक्तिगत कर संग्रहण (सकल) में 44% की वृद्धि हुई। वहीं कंपनी कर 17% बढ़ा।

उन्होंने कहा कि इस साल प्रत्यक्ष कर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का श्रेय जीएसटी के प्रभावी कार्यान्वयन को भी जाता है। आयकर के नये रिटर्न फार्म में कारोबारियों को रिटर्न भरते समय अपना जीएसटी नंबर और कारोबारी आंकड़ा भी देना होगा।

जेटली ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों, नोटबंदी और कालेधन के खिलाफ किये गये उपायों के बावजूद पिछले साल प्रत्यक्ष कर संग्रह 18 प्रतिशत बढ़ा। यह स्थिति तब रही जब पिछले साल जीएसटी का असर पूरी तरह नहीं दिखाई दिया।

एलआईसी खोल सकती है अपना बैंक, आईडीबीआई बैंक का बड़ा हिस्सा खरीदने के जरिये तैयारी
Posted Date : 26-Jun-2018 4:37:00 pm

एलआईसी खोल सकती है अपना बैंक, आईडीबीआई बैंक का बड़ा हिस्सा खरीदने के जरिये तैयारी

देश की सबसे बड़ी कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) बैंकिंग क्षेत्र में उतर सकती है। इसके लिए कंपनी की निगाह आईडीबीआई बैंक की बड़ी हिस्सेदारी पर है। 
     सूत्रों ने कहा कि बैंक का बही खाता दबाव वाला है, लेकिन इससे एलआईसी को कारोबारी दृष्टि से तालमेल में मदद मिलेगी। आईडीबीआई बैंक पर भारी डूबे कर्ज का बोझ है और सरकार बैंक के पुनरोद्धार का प्रयास कर रही है। संभावना है कि एलआईसी अपने आवास वित्त और म्यूचुअल फंड कारोबार की तरह आईडीबीआई बैंक को भी सहायक इकाई बना ले। गौरतलब है कि आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर एलआईसी और सरकार की आलोचना हो रही है। एलआईसी के पास 21.71 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति है। सूत्रों का कहना है कि एलआईसी द्वारा बहुलांश हिस्सेदारी लेने से दीर्घावधि में दोनों सरकारी वित्तीय कंपनियों को फायदा हो सकता है। हालांकि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है कि आईडीबीआई बैंक में एलआईसी 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी लेगी। 

आईडीबीआई भारी कर्ज में डूबा
आईडीबीआई बैंक एनपीए की समस्या से जूझ रहा है। मार्च तिमाही के अंत तक बैंक का डूबा कर्ज 55,600 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध घाटा 5,663 करोड़ रुपये रहा। बैंक का बाजार पूंजीकरण करीब 23,000 करोड़ रुपये का है। उसकी रीयल एस्टेट परिसंपत्तियां और निवेश पोर्टफोलियो अनुमानित 20,000 करोड़ रुपये है। 

न्यूनतम पेंशन एक हजार से बढ़ाकर दो हजार करने की तैयारी
Posted Date : 26-Jun-2018 4:35:29 pm

न्यूनतम पेंशन एक हजार से बढ़ाकर दो हजार करने की तैयारी

सरकार न्यूनतम पेंशन डबल करने जा रही है। इस बारे में श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर बुधवार को ईपीएफओ बोर्ड की बैठक में चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 2000 रुपये कर सकती है। 

सरकार के निर्देश बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने इस बारे में बाकायदा एक प्रस्तव तैयार किया है। इस प्रस्ताव में पेंशन बढ़ोत्तरी से कितने लोगों को फायदा होगा और सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा इसके ताजा आंकड़े भी मुहैया कराए गए हैं। 

ईपीएफओ की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक अगर सरकार न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का फैसला लेती है तो ईपीएफओ पर करीब 3000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अधिकारियों की मानें तो रिटायरमेंट फंड बॉडी के पास इतना अतिरिक्त पैसा है कि न्यूनतम पेंशन डबल करने का बोझ उठाया जा सके। पेंशन की रकम दोगुना करने के पीछे सरकार का मकसद पेंशन धारकों की सामाजिक सुरक्षा के दायरे को मजबूत करना है। 

मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक इस बढ़त से इंप्लाई पेंशन स्कीम यानि ईपीएस के 40 लाख पेंशन धारकों को सीधा फायदा होगा। इसमें से 18 लाख लोगों को 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन मिलती है जबकि 22 लाख लोगों की पेंशन 1500 रुपये महीना है। फिलहाल इस स्कीम के जरिये 60 लाख लोगों को पेंशन का फायदा मिल रहा है। 

मोदी सरकार ने सत्ता संभालते ही साल 2014 में न्यूनतम पेंशन की सीमा 1000 रुपये महीना करने को मंजूरी दी थी। इस स्कीम को शुरुआत में 1 साल के लिए लागू किया गया था लेकिन बाद में इसे अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया। इस प्रक्रिया में शामिल लोगों का मानना है कि मासिक पेंशन में बढ़त के चलते सरकारी खजाने में करीब 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा। 

आपको बता दें संसद की श्रम संबंधी स्टैंडिंग कमेटी ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में सरकार से न्यूनतम पेंशन स्कीम के तहत हर महीने मिलने वाली 1000 रुपये की सीमा की समीक्षा करने को कहा है। कमेटी का मानना है कि 1000 रुपये में आज के जमाने में पेंशन धारकों की मूलभूत आवश्कताओं की पूर्ति तक संभव नहीं है। ऐसे में इसे बढ़ाने की सख्त जरूरत है। वहीं, कर्मचारी संगठन भी लंबे समय न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 3000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं।

पेवल्र्ड ने रिलायंस म्युचुअल फंड संग साझेदारी की
Posted Date : 20-Jun-2018 6:43:34 am

पेवल्र्ड ने रिलायंस म्युचुअल फंड संग साझेदारी की

ग्रामीण एवं अर्ध शहरी आबादी के लिए अग्रणी वित्तीय सेवा प्रदाता पेवल्र्ड ने अपने तरह की पहली म्युचुअल फंड योजना/समाधान के लिए रिलायन्स म्युचुअल फंड के साथ साझेदारी की है। पेवर्ल्ड ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि निम्न आय वर्ग के लोगों को वित्तीय समावेशन के लिए सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए यह साझेदारी की गई है, जो ग्रामीण परिवारों को निवेश की सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।

बयान में कहा गया कि इस साझेदारी के तहत पेवल्र्ड निवेश को सुगम बनाएगी, वहीं पार्टनर असेट मैनेजमेन्ट कंपनी-रिलायन्स म्युचुअल फंड निवेश का प्रबन्धन करेगी। पेवल्र्ड अपने रीटेलर्स को गहन प्रशिक्षण भी देगी तथा उन्हें नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट का प्रमाणपत्र भी देगी, ताकि वे उपभोक्ताओं को म्युचुअल फंड सर्विस देने के लिए प्रशिक्षित और प्रमाणित हों। पहले चरण में तकरीबन 400 रीटेलरों को प्रशिक्षित कर प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।

पेवर्ल्ड के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण धबाई ने कहा, “जीवन को आसान बनाने के ष्टिकोण के साथ हमने रिलायन्स के साथ यह साझेदारी की है, जो न केवल म्युचुअल फंड में निवेश को सुगम बनाएगी, बल्कि निम्न आय वर्ग वाले परिवारों में बचत की आदत भी पैदा करेगी। इस पहल के माध्यम से हमने अगले तीन सालों में 1500 करोड़ के पोर्टपोलियो के साथ लगभग 30 लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है।”

31 जुलाई तक भरे इनकम टैक्स रिटर्न, देरी पर जुर्माना !
Posted Date : 19-Jun-2018 9:22:48 am

31 जुलाई तक भरे इनकम टैक्स रिटर्न, देरी पर जुर्माना !

करदाता जिनकी आय 2 लाख 50 हजार रुपए से अधिक है और जिन्हें अंकेक्षण (ऑडिट) नहीं करवाना है उनके लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की है. सरकार ने आयकर अधिनियम में इस वर्ष से धारा 234 एफ जोड़ी है, इस धारा के अनुसार यदि करदाता देय तिथि 31 जुलाई तक अपनी रिटर्न फाइल नहीं करता है तो 31 दिसम्बर तक रिटर्न फाइल करने पर 5 हजार रुपए का विलम्ब शुल्क एवं 31 दिसम्बर के बाद 10 हजार रुपए का विलम्ब शुल्क का भुगतान करना होगा. हालांकि छोटे करदाता जिनकी आय 5 लाख रुपए से कम है उनके लिए शुल्क रुपये 1000 होगा. यह शुल्क करदाता को स्वनिर्धारित कर के साथ भुगतान करना होगा.