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बैंक ऑफ इंडिया में 10,086 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगा केंद्र
Posted Date : 30-Dec-2018 1:16:37 pm

बैंक ऑफ इंडिया में 10,086 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगा केंद्र

नई दिल्ली ,30 दिसंबर । सरकार ने बैंक ऑफ इंडिया में 10,086 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का निर्णय किया है। सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ने शनिवार को यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक बैंकों में 28,615 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की सरकार की योजना के तहत यह राशि बैंक ऑफ इंडिया को उपलब्ध कराई जाएगी।
बैंक ऑफ इंडिया ने नियामक को दी गई जानकारी में कहा है कि वित्त मंत्रालय ने 26 दिसंबर को उसे पूंजी डाले जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शेयरों के तरजीही आबंटन के जरिए ये पूंजी डाली जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्रों के सात बैंकों में पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड के जरिए 28,615 करोड़ रुपये डालने का निर्णय किया है। 
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 65,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी। इसमें से 23,000 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं, जबकि शेष 42,000 करोड रुपये की पूंजी अभी उपलब्ध कराई जानी है। 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस माह की शुरुआत में कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 41,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी। यह राशि पहले घोषित राशि से अलग होगी। सरकार ने 20 दिसंबर को बैंकों में डालने के लिए 41,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि के लिये संसद की मंजूरी मांगी है।

हुवावे के समर्थन में उतरीं चीनी कंपनियां
Posted Date : 30-Dec-2018 1:15:46 pm

हुवावे के समर्थन में उतरीं चीनी कंपनियां

0-आईफोन खरीदने पर दी जुर्माना लगाने की चेतावनी 
शंघाई ,30 दिसंबर । चीनी कंपनियां अपने कर्मचारियों को हुवावे के स्मार्टफोन खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं और इसके लिए कर्मचारियों को नकद सहायता तक दी जा रही है। दूसरी तरफ एप्पल के प्रोडक्ट्स खरीदने पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। अमेरिका के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कनाडा में हुवावे की एक शीर्ष अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद चीन की कंपनियों ने यह आह्वान किया है। 
फुचुन टेक्नोलॉजीज के 200 में से ‘लगभग 60’ कर्मचारियों ने शनिवार तक हुवावे के फोन पर 100 से 500 युआन की सब्सिडी का लाभ उठाया है। एक अन्य प्रौद्योगिकी कंपनी चेंग्दु आरवाईडी इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी ने हुवावे का फोन खरीदने पर 15 प्रतिशत सहायता की पेशकश की है। कंपनी की एक प्रवक्ता ने कहा कि हम चीन में बने अच्छे उत्पादों के समर्थक हैं जिसके लिए नकद सहायता की पेशकश की गई है और इसमें सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं। दूसरी तरफ शेनझेन स्थित मेनपैड ने कर्मचारियों को आईफोन खरीदने पर जुर्माना लगाने की चेतावनी तक दे डाली है।

100 रुपए के सिक्के के बाद अब सरकार जारी करेगी 75 रुपए का सिक्का
Posted Date : 30-Dec-2018 1:14:39 pm

100 रुपए के सिक्के के बाद अब सरकार जारी करेगी 75 रुपए का सिक्का

नई दिल्ली ,30 दिसंबर । पिछले दिनों सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की याद में 100 रूपए का सिक्का जारी किया था, अब सरकार 75 रूपए का सिक्का जारी करने जा रही है।
वित्त मंत्रालय की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ओर से पहली बार पोर्टब्लेयर में तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 75 रुपये का स्मारक सिक्का यानी कोमेमोरेटिव कॉइन जारी होगा। जानकारी के अनुसार 75 रुपये के इस सिक्के का वजन 35 ग्राम होगा। इसमें 50 फीसदी चांदी, 40 फीसदी तांबा और 5-5 फीसदी निकल, जिंक धातु होगी। सिक्के पर सेल्युलर जेल के पीछे तिरंगे को सलामी देते नेताजी सुभाष चंद्र बोस का चित्र बना होगा। पोर्ट्रेट के नीचे 75 अंक का मतलब ‘वर्षगांठ’ होगा। सिक्के पर देवनागरी और अंग्रेजी में ‘प्रथम ध्वजारोहण दिवस’ लिखा होगा। बता दें कि स्मारक सिक्के आम चलन में नहीं होते हैं। इन्हें सिर्फ आरबीआई के जरिए ही खरीदा जा सकता है।

वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों का ग्रॉस एनपीए बढ़ कर 11.2 प्रतिशत या 10,390 अरब रुपये पर
Posted Date : 29-Dec-2018 11:54:42 am

वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों का ग्रॉस एनपीए बढ़ कर 11.2 प्रतिशत या 10,390 अरब रुपये पर

मुंबई ,29 दिसंबर । बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट्स यानी जीएनपीए) वित्त वर्ष 2017-18 में बढक़र 11.2 प्रतिशत या 10,390 अरब रुपये पर पहुंच गईं। एक साल पहले बैंकिंग प्रणाली की ग्रॉस एनपीए 9.3 प्रतिशत पर था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान कुल जीएनपीए में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जीएनपीए 8,950 करोड़ रुपए था। इस तरह सरकारी बैंकों में की जीएनपीए उनके सकल ऋण के 14.6 प्रतिशत के बराबर था। वित्त वर्ष 2016-17 में बैंकिंग प्रणाली का सकल एनपीए 9.3 प्रतिशत पर था। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए 11.7 प्रतिशत था।
रिजर्व बैंक की बैंकिंग का रुख और प्रगति 2017-18 रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए पुनर्गठित ऋण के एनपीए बनने और एनपीए की बेहतर तरीके से पहचान की वजह से बढ़ा। जहां तक शुद्ध एनपीए अनुपात की बात है, पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से बिगड़ी। इन बैंकों में शुद्ध एनपीए बढ़ कर 8 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो उससे एक साल पहले 6.9 प्रतिशत था। 
निजी क्षेत्र के बैंकों का 2017-18 में सकल एनपीए 4.7 प्रतिशत पर है, जो उससे पिछले वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा अपने बही खाते को साफ सुथरा करने के गहन प्रयासों की वजह से उनका सकल एनपीए अनुपात घटा है। निजी बैंकों द्वारा एनपीए को बट्टे खाते में डालने के ऊंचे स्तर तथा बेहतर वसूली से उनका सकल एनपीए घटा है। 
विदेशी बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता बीते वित्त वर्ष में मामूली सुधरी। इन बैंकों का एनपीए 3.8 प्रतिशत था जो एक वर्ष पहले 4 प्रतिशत के स्तर पर था। वित्त वर्ष 2017-18 में कुल एनपीए में संदिग्ध किस्म के ऋणों की राशि 5,110 अरब रुपये तक पहुंच गई जो कुल कर्ज का 6.7 प्रतिशत है। इसका मुख्य हिस्सा सरकारी बैंकों के खातों में रहा। सरकारी बैंकों में ऐसे बैंकों का अनुपात 9 प्रतिशत था। 
वित्त वर्ष 2017-18 में फंसे कर्जों को तेजी से बट्टा खाते में डालने के निर्णयों से निजी बैंकों के डूबे और घाटे वाले ऋणों का हिस्सा घटकर क्रमश: 1.1 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत पर आ गया था। बीते वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बड़े खातों (पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक कर्ज वाले) के सकल एनपीए का हिस्सा बढक़र 23.1 प्रतिशत हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 18.1 प्रतिशत पर था। 
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष में र प्रतिशत एवं आभूषण क्षेत्र का कुल एनपीए बढ़ा है। इसकी वजह पंजाब नैशनल बैंक का 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी हीरा और जेवरात कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी हैं।

पेट्रोल, डीजल की कीमतों में गिरावट जारी
Posted Date : 29-Dec-2018 11:53:13 am

पेट्रोल, डीजल की कीमतों में गिरावट जारी

नई दिल्ली ,29 दिसंबर । पेट्रोल और डीजल के दाम में शनिवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट का सिलसिला जारी रहा, जबकि अंतर्राट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुआ। तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल के दाम में 29 पैसे और कोलकाता में 28 पैसे और चेन्नई में 31 पैसे प्रति लीटर की कटौती की है। वहीं, डीजल के दाम दिल्ली और कोलकाता में 30 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में 32 पैसे प्रति लीटर घट गए हैं।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें घटकर क्रमश: 69.26 रुपये, 71.37 रुपये, 74.89 रुपये और 71.85 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं।चारों महानगरों डीजल के दाम क्रमश: 63.32 रुपये, 65.07 रुपये, 66.25 रुपये और 66.84 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। दिल्ली-एनसीआर स्थित नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 69.37 रुपये, 69.24 रुपये, फरीदाबाद 70.62 रुपये और 70.40 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गईं। वहीं, डीजल इन चारों शहरों में क्रमश: 62.84 रुपये, 62.71 रुपये, 63.66 रुपये और 63.45 रुपये लीटर मिल रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार आईसीई पर शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड का मार्च डिलीवरी अनुबंध 0.57 फीसदी की बढ़त के साथ 53.03 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान ऊपरी स्तर 54.42 डॉलर प्रति बैरल रहा। ब्रेंट क्रूड में हालांकि पिछले सप्ताह के मुकाबले करीब 1.5 फीसदी की गिरावट आई। वहीं, डब्ल्यूटीआई का फरवरी अनुबंध 1.14 फीसदी की तेजी के साथ 45.12 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हआ, जबकि कारोबार के दौरान भाव 46.22 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक उछला।

कम किराए से यात्री बढ़े, लेकिन ईंधन कीमतों से एयरलाइंस बेहाल
Posted Date : 29-Dec-2018 11:52:44 am

कम किराए से यात्री बढ़े, लेकिन ईंधन कीमतों से एयरलाइंस बेहाल

नई दिल्ली ,29 दिसंबर । जेट फ्यूल की बढ़ी कीमतें, मुनाफे में कमी और वित्तीय परेशानी जैसे विपरीत परिस्थितियों के बावजूद देश के नागरिक विमानन क्षेत्र में साल 2018 में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि, उच्च ईंधन कीमतों और उच्च प्रतिस्पर्धा के चलते किराया कम रखने के कारण, एयरलाइनों के मुनाफे में गिरावट, डॉलर के खिलाफ रुपये के गिरने और उच्च ब्याज दरों के कारण और अधिक बढ़ गई। एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) में जनवरी-दिसंबर 2018 में साल-दर-साल आधार पर 27 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि इसी अवधि में रुपया डॉलर के खिलाफ औसतन 5 फीसदी गिर गया। 
उद्योग पर्यवेक्षकों के मुताबिक, ईधन कीमतों में वृद्धि से भारतीय विमानन कंपनियां खासतौर से प्रभावित होते हैं, क्योंकि इस मद में उनके परिचालन खर्च का 34 फीसदी तक खर्च होता है, जबकि वैश्विक औसत 24 फीसदी है। रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने इस उद्योग को नकारात्मक रेटिंग दी है। एजेंसी के उपाध्यक्ष (कार्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स) किंजल शाह ने बताया, चालू वित्त वर्ष में भारतीय विमानन उद्योग एटीएफ की बढ़ती कीमतें और डॉलर के खिलाफ रुपये के गिरने के कारण कठिन समय से जूझ रहा है। साथ ही प्रतिस्पर्धा के कारण किराया बढ़ाने में असमर्थता के कारण उद्योग का नुकसान बढ़ा है।
इक्सिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक आलोक बाजपेयी ने बताया, प्रौद्योगिकी के प्रयोग से यात्रियों के लिए यात्रा की बुकिंग करना, योजना बनाना और विमान सफर करना आसान हो गया है। इसके साथ प्रयोज्य आय में बढ़ोतरी और आकर्षक हवाई किराए के कारण छोटे और मझोले शहरों के लोग भी ट्रेन की बजाय विमान को तरजीह दे रहे हैं। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, देश के घरेलू विमान यात्रियों की संख्या नवंबर में 11.03 फीसदी बढक़र 1.164 करोड़ रही, जबकि जनवरी-नवंबर की अवधि में इसमें 19.21 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 
डीजीसीए ने 21 दिसंबर को जारी रिपोर्ट में कहा, जनवरी-नवंबर 2018 की अवधि में कुल 1,262.83 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह संख्या 1,059.34 लाख थी, जोकि 19.21 फीसदी की वृद्धि दर है। इसी प्रकार से, अंतर्राष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के आंकड़ों में बताया गया कि अक्टूबर में देश के घरेलू विमान यात्रियों की आवाजाही में लगातार 50वें महीनों दो अंकों में वृद्धि दर दर्ज की गई है।