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छोटे विक्रेताओं को डर, नए एफडीआई नियमों का भी तोड़ निकाल लेंगी कंपनियां
Posted Date : 31-Dec-2018 12:34:47 pm

छोटे विक्रेताओं को डर, नए एफडीआई नियमों का भी तोड़ निकाल लेंगी कंपनियां

नई दिल्ली,31 दिसंबर । ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म के छोटे विक्रेताओं को डर है कि ई-कॉमर्स की नई एफडीआई नीति से भी उनकी सारी शिकायतें दूर नहीं होंगी। उन्हें लगता है कि बड़े मार्केटप्लेस इन प्रतिबंधों की काट ढूंढ लेंगे क्योंकि वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं। सेलर्स की दलील है कि नए सख्त नियमों का मकसद उनके कारोबार की हिफाजत करना है। हालांकि, अगर कोई ऑनलाइन कंपनी इनका पालन नहीं करती है तो उस पर जुर्माना लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। बेंगलुरु की इलेक्ट्रॉनिक्स और असेसरीज ऑनलाइन विक्रेता कार्ट2इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर आदिल सलीम का कहना है, च्पॉलिसी का सारा दारोमदार उसके अमल पर टिका है। हमें इसी बात की फ्रिक है कि इसे सही तरीके से लागू किया जाएगा या नहीं।ज्
सेलर्स बताते हैं कि पहले प्रेस नोट 3 में भी हमारे कारोबार की सुरक्षा के लिए निर्धारित नियम थे, लेकिन कंपनियों ने उसकी काट निकाल ली थी। वे रूल्स हमें ऑनलाइन कारोबार में बराबरी का मौका नहीं दिला पाए, क्योंकि उन्हें ढंग से लागू ही नहीं किया गया। ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट पर मौजूद 3,500 छोटे विक्रेताओं के ग्रुप ऑल इंडिया वेंडर्स असोसिएशन का कहना है, च्कुछ ऑनलाइन कंपनियों ने प्रेस नोट 3 की काट निकाल ली थी। वे नई पॉलिसी की भी काट निकाल लेंगे।
सरकार ने पिछले हफ्ते फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को सख्त करने का ऐलान किया था। इससे उनके लिए कैशबैक और डिस्काउंट जैसे ऑफर्स देना मुश्किल हो जाएगा। ये कंपनियां अब इन्वेंटरी पर मालिकाना हक या नियंत्रण नहीं रख सकतीं। अब ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी सेलर्स को बिना भेदभाव के वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक और ऐडवर्टाइजिंग जैसी सुविधाएं देनी होंगी। कई मार्केटप्लेस पर जूलरी और लाइफस्टाइल प्रॉडक्ट्स बेचने वाले वीओवाईएलएलए फैशन के सीईओ विश्वास श्रृंगी का कहना है कि नए नियम का मकसद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सबको समान अवसर देना है, ताकि स्मॉल थर्ड-पार्टी सेलर्स बड़ी कंपनियों का मुकाबला कर सकें। हालांकि, इस पर अमल करना बड़ी चुनौती रहेगी।
ई-कॉमर्स ने शुरुआत से ही छोटे और मध्यम विक्रेताओं को अपनी तरफ खींचा था। यह उन्हें अतिरिक्त आमदनी और बड़ा बाजार देता था। हालांकि, क्लाउडटेल और डब्ल्यूएस रिटेल जैसे सेलर्स या तो ई-कॉमर्स कंपनियों के काफी करीब थे या इनमें उनका कुछ हिस्सा था। इसके चलते इनका मार्केटप्लेस पर कंट्रोल बढ़ गया और इन्होंने प्लेटफॉर्म पर प्राइवेट लेबल (खुद ईकॉमर्स कंपनियों के ब्रैंड्स) वाले ब्रैंड्स को फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया।
एक सेलर ने बताया, च्अगर मेरे पास एक अच्छा प्रॉडक्ट है। मैं उसे ऑनलाइन बेचता हूं तो ऑनलाइन मार्केटप्लेस को उसका सारा डेटा मिल जाता है। फिर कंपनी प्राइवेट लेबल के साथ अपना ब्रैंड उतार देती है और वह मेरे प्रॉडक्ट को टक्कर देने लगता है। चूंकि, वह कंपनी का ब्रैंड होता है तो वह उसे ज्यादा तरजीह देती है और मेरा प्रॉडक्ट पीछे छूट जाता है। मुझे लगता है कि देश रिटेल कारोबार को इन कंपनियों के हाथों में सुपुर्द किया जा रहा है।

1 जनवरी, 2019 से बदल जाएंगे कई नियम, आप पर होगा सीधा असर
Posted Date : 31-Dec-2018 12:24:43 pm

1 जनवरी, 2019 से बदल जाएंगे कई नियम, आप पर होगा सीधा असर

नईदिल्ली ,31 दिसंबर । आप भी नए साल के आगमन को लेकर उत्साहित होंगे। लेकिन, ध्यान रहे कि न केवल साल बदल रहा है, बल्कि कुछ नियम भी बदल रहे हैं जिनका सीधा-सीधा असर आप पर होगा। आइए देखिए कल से क्या-क्या बदल रहा है...नए साल की शुरुआत सभी लोग हंसते-गाते, बिना किसी परेशानी के करना चाहते हैं। अगर आप भी 2019 में झंझटों से बचना चाहते हैं तो 2018 के 31 दिसंबर तक कुछ जरूरी कामों को निपटा लें। इसमें बैंक से जुड़े काम हैं और कुछ से आपका फायदा भी होगा।
इनकम टैक्स रिटर्न
2017-18 का इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख वैसे 31 जुलाई 2018 थी। लेकिन अगर आप तब चूक गए तो 31 दिसंबर 2018 तक का मौका है। फिलहाल जुर्माना 5 हजार रुपये देना होगा, वहीं अगर यह डेडलाइन भी मिस हो गई तो आपको पास 31 मार्च 2018 तक का वक्त होगा। लेकिन तब जुर्माना डबल, यानी 10 हजार रुपये हो जाएगा।
कारों के दाम बढ़ेंगे
टाटा, रेनॉ, फॉक्सवैगन, इसुजु मोटर्स जैसी ऑटो कंपनियों ने 1 जनवरी 2019 से अपनी कारों की कीमतें बढ़ाने का ऐलान किया है। टाटा ने तो यहां तक कह दिया है कि 1 जनवरी से उसकी कारें मॉडल के मुताबिक 40 हजार रुपये तक महंगी हो जाएंगी।
बदल लें पुराने डेबिट-क्रेडिट कार्ड
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों के पुराने मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड को 31 दिसंबर तक बदलने का ऑर्डर दिया है। इसकी जगह ईएमवी वाले कार्ड जारी किए जा रहे हैं। इन्हें बैंक शाखा जाकर या फिर नेट बैंकिंग के जरिए बदला जा सकता है। ऐसे में 31 दिसंबर के बाद पुराने कार्ड ब्लॉक हो जाएंगे।
प्री-जीएसटी वाली चीजें खरीदें
प्री-जीएसटी वाली चीजों को बेचने की डेडलाइन 31 दिसंबर तक ही बढ़ाई गई थी। ऐसे में दुकानदारों को स्टॉक क्लीयर करने की जल्दी है। इसका फायदा उठाकर डिस्काउंट में चीजें खरीद सकते हैं।
15 लाख हो जाएगा ऐक्सिडेंटल कवर
1 जनवरी से वाहन दुर्घटना के एवज में मिलनी वाली बीमा की रकम 1 लाख से बढक़र 15 लाख रुपये हो जाएगी। इंश्योरेंस रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इंश्योरेंस कंपनियों को सर्कुलर जारी कर कहा कि मालिक या ड्राइवर के लिए मोटर इंश्योरेंस पॉलिसीज बढ़ाकर 15 लाख तक किया जाए। इसके लिए 750 रुपये का प्रीमियम तय किया जा चुका है। 31 दिसंबर 2018 तक यह रकम दोपहिया वाहनों के लिए 1 लाख रुपये और प्राइवेट अथवा कमर्शल कारों के लिए 2 लाख रुपये है।
नॉन-सीटीएस चेक बुक बदलवाएं
अगर अपने चेक बाउंस होने से बचाने हैं तो 31 दिसंबर से पहले चेकबुक बदलवा लें। नई चेकबुक सीटीएस वाली हैं। इससे चेक का फिजिकली मूवमेंट बचेगा, जिससे अमाउंट जल्दी ट्रांसफर होगा। सीटीएस चेकबुक की पहचान करने के कई तरीके हैं। सबसे आसान है चेक की लेफ्ट साइड पर सीटीएस-2010 लिखा होना।
जीरो प्रोसेसिंग फीस पर एसबीआई लोन
अगर होम लोन लेने का विचार है तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अच्छा ऑफर दे रहा है। इसमें 31 दिसंबर से पहले लोन अप्लाइ करनेवालों को कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होगी, जिससे हजारों रुपये बचाए जा सकते हैं।

सरकारी बैंकों के बैड लोन में आई कमी, पहली छमाही में 23,860 करोड़ रुपये की कमी
Posted Date : 31-Dec-2018 12:23:45 pm

सरकारी बैंकों के बैड लोन में आई कमी, पहली छमाही में 23,860 करोड़ रुपये की कमी

दिल्ली ,31 दिसंबर । सरकारी बैंकों के बैड लोन में कमी आई है और बैंक ज्यादातर स्ट्रेस्ड असेट्स की पहचान कर चुके हैं। यह जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने दी है। सरकारी बैंकों के ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) मार्च में पीक पर पहुंचने के बाद कम हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2019 की पहली छमाही में इसमें 23,860 करोड़ रुपये की कमी आई है।
फाइनैंशल सर्विसेज सेक्रेटरी राजीव कुमार ने बताया, ‘बैड लोन की पहचान और उन्हें बैलेंस शीट में दिखाने का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। रिस्ट्रक्चर्ड स्टैंडर्ड असेट्स मार्च 2017 के 7 पर्सेंट के पीक लेवल से सितंबर 2018 तक गिरकर 0.59 पर्सेंट तक आ गए थे।’ 
वित्त मंत्रालय के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोन अकाउंट्स की किस्त में 31 से 90 दिनों की देरी हुई है और जो अभी तक एनपीए नहीं बने हैं, वे लगातार पांच तिमाहियों में 61 पर्सेंट की गिरावट के साथ सितंबर 2018 में 0.87 लाख करोड़ के रह गए थे, जबकि जून 2017 में ऐसा एनपीए 2.25 लाख करोड़ रुपये का था। इससे पता चलता है कि अब नए बैड लोन बहुत कम बन रहे हैं। 
इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकारी बैंकों ने रिकॉर्ड 60,726 करोड़ की रिकवरी की है, जो साल भर पहले की इसी तिमाही का दोगुना है। कुमार ने बताया, ‘सरकारी बैंकों का प्रोविजन कवरेज रेशियो (पीसीआर) मार्च 2015 में 46.04 पर्सेंट था, जो सितंबर 2018 तक बढक़र 66.85 पर्सेंट हो गया था। इससे बैंकों की नुकसान बर्दाश्त करने की क्षमता बढ़ी है।’ 
पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार और पैसे लगा रही है। केंद्र का मानना है कि इससे कम से कम दो या तीन बैंक रिजर्व बैंक के प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क से इस वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले बाहर आ जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसी महीने कहा था कि सरकार पहले पब्लिक सेक्टर बैंकों में जितने निवेश की बात कह चुकी है, उसके अलावा उन्हें 41 हजार करोड़ रुपये देगी। इससे सरकारी बैंकों में केंद्र की तरफ से लगाई जाने वाली रकम 65 हजार करोड़ से बढक़र 1.06 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। जेटली ने कहा था कि इससे सरकारी बैंकों की लोन देने की क्षमता बढ़ेगी और वे रिजर्व बैंक के पीसीए फ्रेमवर्क से भी बाहर आ पाएंगे। पीसीए में उन बैंकों को डाला जाता है, जो कुछ मानकों का पालन नहीं कर पाते। प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क में डाले जाने के बाद बैंकों के लोन देने और नई शाखाएं खोलने पर रोक लग जाती है।

देर से इंश्योरेंस क्लेम मिलने पर पॉलिसी होल्डर ब्याज का हकदार
Posted Date : 31-Dec-2018 12:22:58 pm

देर से इंश्योरेंस क्लेम मिलने पर पॉलिसी होल्डर ब्याज का हकदार

मुंबई ,31 दिसंबर । मेडिक्लेम पॉलिसी होल्डर्स के हक में फैसला देते हुए महाराष्ट्र उपभोक्ता आयोग ने कहा है कि अगर रीइंबर्समेंट अमाउंट मिलने में देरी होती है, तो पॉलिसी होल्डर्स ब्याज का दावा कर सकता है। ओवरी की सर्जरी पर खर्च हुए 1.7 लाख रुपये का रीइंबर्समेंट तीन साल बाद पाने वाली एक महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आयोग ने कहा कि वह रीइंबर्समेंट राशि पर नौ फीसदी की दर से ब्याज की हकदार हैं।
न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने शुरुआत में महिला का दावा खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने एक इंश्योरेंस ओम्बुड्समैन का दरवाजा खटखटाया, जिसने महिला के पक्ष में फैसला दिया और अंतत: 2013 में उन्हें बीमे की रकम मिली।
एक डिस्ट्रिक्ट फोरम के आदेश को खारिज करते हुए महाराष्ट्र स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन ने कहा कि उसने सभी तथ्यों पर सही तरीके से गौर नहीं किया और गलत तरीके से इस निष्कर्ष पर पहुंच गया कि महिला ने अपना क्लेम सहर्ष स्वीकार कर लिया और वह राशि पर ब्याज के साथ-साथ मुआवजा और शिकायत पर आने वाली लागत पाने की हकदार नहीं है। 
आयोग ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 30 हजार रुपये मुआवजा और शिकायत करने पर आई लागत का भी भुगतान करने को कहा। डिस्ट्रिक्ट फोरम द्वारा दिसंबर 2016 में शिकायत खारिज होने के बाद महिला ने स्टेट कमिशन का दरवाजा खटखटाया था। महिला ने कहा कि वह 26 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2011 के बीच अस्पताल में भर्ती हुई थी, जिस दौरान उनकी ओवरी की सर्जरी हुई थी। उन्होंने कहा कि उनका दावा 15 अक्टूबर, 2013 को खारिज कर दिया गया, लेकिन बाद में एक इंश्योरेंस ओम्बुड्समैन ने इंश्योरेंस कंपनी को बीमे की रकम का भुगतान करने का आदेश दिया। दिसंबर 2013 में उन्हें कंपनी की तरफ से चेक मिला। 
फरवरी 2014 में उन्होंने कंपनी को एक पत्र में कहा कि चूंकि उनका क्लेम तीन साल बाद मिला है, इसलिए वह राशि के साथ मुआवजा तथा शिकायत पर आने वाली लागत के साथ ब्याज की हकदार हैं, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने इससे मना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया।

घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दामों के गिरावट का सिलसिला जारी
Posted Date : 31-Dec-2018 12:22:15 pm

घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दामों के गिरावट का सिलसिला जारी

नयी दिल्ली ,31 दिसंबर । अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के परिणामस्वरूप घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दामों के गिरावट का सिलसिला जारी है।
देश के चार बड़े महानगरों में सोमवार को पेट्रोल की कीमत लगातार पांचवें दिन घटती हुई एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। डीजल नौ माह से अधिक के न्यूनतम स्तर पर आ गया। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 20 पैसे घटकर 2018 के निचले स्तर 68.84 रुपये प्रति लीटर रह गया। डीजल 23 पैसे की कमी से 62.86 रुपये प्रति लीटर रह गया। डीजल का दाम इस वर्ष 21 मार्च के बाद का न्यूनतम है। 
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के चलते 4 अक्टूबर को पेट्रोल दिल्ली में 84 रुपये और 17 अक्टूबर को डीजल 75.69 रुपये प्रति लीटर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे। वाणिज्यिक नगरी मुंबई में पेट्रोल सोमवार को 74.47 रुपये प्रति लीटर रहा। चार अक्टूबर के रिकार्ड भाव 91.34 रुपए की तुलना में मुंबई में पेट्रोल 16.87 रुपये प्रति लीटर घट चुका है। यहां डीजल 65.76 रुपये प्रति लीटर रहा जो चार अक्टूबर के रिकार्ड भाव से 11.54 रुपये प्रति लीटर कम है। कोलकाता में दोनों ईंधन के दाम क्रमश: 70.96 रुपये और 64.61 रुपये प्रति लीटर रह गए। चेन्नई में यह क्रमश: 71.41 रुपये और 66.35 रुपए रहे। नोएडा में क्रमश: 69.11 और 62.51 रुपये और गुरुगारम में 69.87 और 62.86 रुपये प्रति लीटर रहे।

त्रिपुरा में बांस, रबर आधारित उद्योग लगाने की केंद्र की योजना
Posted Date : 30-Dec-2018 1:18:50 pm

त्रिपुरा में बांस, रबर आधारित उद्योग लगाने की केंद्र की योजना

अगरतला ,30 दिसंबर । सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की त्रिपुरा को साइकिल के कल-पुर्जों और बांस एवं रबर आधारित उद्योग का बड़ा केन्द्र बनाने की योजना है। राधाकिशोर नगर में राष्ट्रीय औजार कक्ष एवं प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी राज्यों में कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुये इन प्रदेशों में बांस और रबर पर आधारित उद्योग लगाये जाएंगे। एमएसएमई मंत्रालय के तहत 18 प्रौद्योगिकी केन्द्र काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के निर्देश पर विभिन्न स्थानों पर 15 नये केंद्रों की स्थापना की जाएगी। सिंह ने कहा, हम यहां स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योग विकसित करना चाहते हैं। त्रिपुरा में बहुतायत में उपलब्धता के कारण हम यहां बांस और रबर से जुड़े उद्योग लगाने को इच्छुक हैं। मुख्यमंत्री बिपलव कुमार देब ने इस अवसर पर कहा कि भाजपा- आईपीएफटी सरकार किसानों के कल्याण को लेकर प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर राज्य के किसानों से धान की खरीद शुरू की है। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती वामपंथी सरकार ने किसानों की सामाजिक- आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये कोई कदम नहीं उठाया। राज्य की नई सरकार अगले तीन साल में राजय को एक आदर्श राज्य बनाने की दिशा में काम कर रही है।