नई दिल्ली, 01 जनवरी । पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती का सिलसिला नए साल में भी जारी रहा। तेल के साथ-साथ घरेलू गैस सिलेंडर के दाम भी घट जाने से आम उपभोक्ताओं को नए साल में राहत मिली है। तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में मंगलवार को लगातार छठे दिन कटौती की है। इससे पहले, सोमवार को रसोई गैस के सिलेंडरों के दाम में कटौती की घोषणा की गई। तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में 19 पैसे, जबकि कोलकाता में 18 पैसे और चेन्नई में 17 पैसे प्रति लीटर की कटौती की है। वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली और मुंबई में 20 पैसे, जबकि कोलकाता में 19 पैसे और चेन्नई में 21 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम क्रमश: 68.65 रुपये, 70.78 रुपये, 74.30 रुपये और 71.22 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए। चारों महानगरों में डीजल क्रमश: 62.66 रुपये, 64.42 रुपये, 65.56 रुपये और 66.14 रुपये प्रति लीटर के भाव मिल रहा है।
दिल्ली-एनसीआर स्थित नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 68.90 रुपये, 68.77 रुपये, 70.14 रुपये और 69.93 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गईं। वहीं, डीजल इन चारों शहरों में क्रमश: 62.28 रुपये, 62.15 रुपये, 63.11 रुपये और 62.89 रुपये लीटर मिलने लगा है।
पेट्रोल के दाम चंडीगढ़, लखनऊ, पटना, भोपाल और जयपुर में क्रमश: 64.92 रुपये, 68.77 रुपये, 72.81 रुपये, 71.67 रुपये और 69.42 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं, जबकि इन पांचों नगरों में डीजल के दाम क्रमश: 59.67 रुपये, 62.17 रुपये, 65.92 रुपये, 63.88 रुपये और 65.02 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
रसोई गैस की नई दरें एक जनवरी से लागू हो गई हैं, जिसके अनुसार दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम 120.50 रुपये घटकर 689 रुपये हो गए हैं, जबकि सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में 5.91 रुपये की कटौती की गई है। दिल्ली में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 494.99 रुपये हो गई है।
नई दिल्ली ,01 जनवरी । ऐपल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को भारत में प्रॉडक्शन और एक्सपोर्ट के लिए विशेष पॉलिसी इंसेंटिव दिए जा सकते हैं। आईफोन बनाने वाली ऐपल अपने कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स को विशेष इंसेंटिव देने पर कॉमर्स मिनिस्ट्री और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के साथ बातचीत कर रही है। ऐपल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) के तहत पांच वर्षों के लिए टैक्स में छूट के साथ ही एक्सपोर्ट की मात्रा के अनुपात में इनकम टैक्स बेनेफिट भी चाहती है। इसके लिए पॉलिसी में बदलाव को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी से जानकारी मांगी गई है।
अधिकारी ने कहा, ऐपल भारत को एक बड़े मार्केट के तौर पर नहीं देखती और इस वजह से उसका जोर एक्सपोर्ट पर है। एमईआईएस के तहत सरकार प्रॉडक्ट और जिस देश को एक्सपोर्ट किया जा रहा है उसके आधार पर ड्यूटी में 2-4 पर्सेंट का बेनेफिट देती है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी इन इंसेंटिव के जरिए देश को इलेक्ट्रॉनिक्स के एक्सपोर्ट का हब बनाना चाहती है। सरकार का मानना है कि केवल ऐपल को इंसेंटिव देने के बजाय पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को पॉलिसी में बदलाव का फायदा मिलना चाहिए।
कॉमर्स मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने पिछले सप्ताह कहा था कि ऐपल की भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना पर वह जनवरी में दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स के साथ मुलाकात करेंगे।
0-रिजर्व बैंक ने जताया अनुमान
मुंबई ,01 जनवरी । बैड लोन का पूरा आंकड़ा अपने बही-खाते में दर्ज करने के लिए बैंकों पर लगातार दबाव बनाने आ रहे आरबीआई का मानना है कि बदतर दौर संभवत: बीत चुका है क्योंकि बैंकिंग इंडस्ट्री मौजूदा वित्त वर्ष में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स में गिरावट दर्ज कर सकती है। साल 2015 के बाद ऐसा पहली बार हो सकता है। 2015 में ही आरबीआई ने इस मामले में सख्ती बरतनी शुरू की थी।
आरबीआई का अनुमान है कि मार्च 2019 तक ग्रॉस बैड लोन का आंकड़ा घटकर टोटल लोन का 10.3 प्रतिशत रह जाएगा। सितंबर 2018 के अंत में यह आंकड़ा 10.8 प्रतिशत और मार्च 2018 में 11.5 प्रतिशत पर था। इस दौरान नेट एनपीए रेशियो में भी गिरावट दर्ज की गई है।
आरबीआई ने अपनी 18वीं फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में कहा, इंपेयर्ड एसेट्स के बोझ से संभावित रिकवरी का संकेत मिल रहा है। पब्लिक और प्राइवेट, दोनों तरह के बैंकों के ग्रॉस एनपीए रेशियो में छमाही आधार पर गिरावट दिखी है। ऐसा मार्च 2015 के बाद पहली बार हुआ है। शक्तिकांत दास के आरबीआई गवर्नर बनने के बाद यह पहली फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट है। इसमें कहा गया, बैंकिंग स्टेबिलिटी इंडिकेटर दिखा रहा है कि बैंकों की एसेट च्ॉलिटी में सुधार आया है, हालांकि प्रॉफिटेबिलिटी का कम होना जारी है।
2015 में आरबीआई ने एसेट च्ॉलिटी रिव्यू शुरू किया था। उससे बैंकों को कई लोन को बैड एसेट्स के रूप में दर्ज करना पड़ा, जबकि वे उन्हें स्टैंडर्ड एसेट के रूप में दिखा रहे थे। बैंकों की इस हरकत के चलते कई कंपनियां अपने लोन की रिस्ट्रक्चरिंग ऐसी शर्तों पर कराती रहीं, जिन्हें पूरा करना अससंभव सा था। ये कंपनियां लगातार डिफॉल्ट भी करती जा रही थीं।
हालांकि आरबीआई की सख्ती से अब आया बदलाव सरकार के लिए अच्छी खबर है। सरकार इकनॉमिक एक्टिविटी बढ़ाने और रोजगार के ज्यादा मौके बनाने के लिए कर्ज वितरण की रफ्तार बढ़ाना चाहती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ओवरऑल स्थिति भले ही सुधर रही हो, लेकिन स्ट्रेस्ट टेस्ट के हालात में बैड लोन में उछाल से कई बैंकों को दिक्कत होगी और वे मिनिमम कैपिटल रिक्वायरमेंट्स से नीचे चले जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया, सेंसिटिविटी एनालिसिस से संकेत मिल रहा है कि अगर पूंजी मुहैया नहीं कराई गई और बैंकों ने अपना प्रदर्शन नहीं सुधारा तो प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन के दायरे में लाए गए सभी सरकारी बैंकों सहित 18 शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक हो सकता है कि जीएनपीए रेशियो में 2 स्टैंडर्ड डेविएशन के चलते ही कैपिटल टु रिस्क वेटेड रेशियो का जरूरी स्तर बनाए रखने में नाकाम हो जाएं।
मुंबई ,01 जनवरी । रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस जियो इंफोकॉम ने उस अग्रीमेंट की अवधि बढ़ाकर 28 जून, 2019 कर दी है, जिसके तहत अनिल अंबानी की कंपनी बड़े भाई मुकेश की फर्म को कुछ वायरलेस एसेट्स बेचना चाहती है। इससे पहले अटकलें लग रही थीं कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिलने की वजह से डील शायद न हो पाए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया, रिलायंस की सब्सिडियरी रिलायंस जियो ने रिलायंस कम्युनिकेशंस की एसेट्स को खरीदने के लिए हुए समझौते की अवधि बढ़ाकर 28 जून 2019 कर दी है। एक अलग फाइलिंग में आरकॉम ने बताया कि जियो के साथ 28 दिसंबर 2017 को टावर, फाइबर, एमसीएन और स्पेक्ट्रम बेचने का जो एग्रीमेंट हुआ था, उसकी मियाद बढ़ाकर 28 जून 2019 कर दी गई है। इस बारे में पूछे गए सवालों का दोनों ही कंपनियों ने जवाब देने से इनकार कर दिया।
आरकॉम और जियो के बीच 17 हजार की चार वायरलेस एसेट्स के लिए एग्रीमेंट हुआ था, लेकिन स्पेक्ट्रम इसमें सबसे महत्वपूर्ण है। इससे जियो की 4जी एयरवेव होल्डिंग मजबूत होगी और आरकॉम को बैंकों के साथ एरिक्सन जैसी ऑपरेशनल क्रेडिटर्स का पैसा चुकाने में मदद मिलेगी। अनिल अंबानी की कंपनी पर 46 हजार करोड़ का कर्ज है। आरकॉम पहले ही जियो को फाइबर और नोड्स 5,000 करोड़ रुपये में बेच चुकी है। एक एग्जिक्यूटिव ने बताया, इस ऐलान से डील को लेकर सारी अटकलें खत्म हो जाएंगी।
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने दो हफ्ते पहले स्पेक्ट्रम सेल के लिए आरकॉम को मंजूरी नहीं दी थी। उसने कहा था कि यह एयरवेव ट्रेडिंग रूल्स के मुताबिक नहीं है। इसके बाद इस सौदे के टूटने की अटकलें लग रही थीं। इससे पहले जियो ने सरकार को लिखे लेटर में कहा था कि वह इन स्पेक्ट्रम के लिए आरकॉम पर बकाया रकम के लिए जवाबदेह नहीं होगी।
इसमें जियो ने यह भी कहा था कि आरकॉम ने सौदे की खातिर जिन शर्तों की हामी भरी है, उसके पूरा किए जाने के बाद ही टेलीकॉम डिपार्टमेंट डील को मंजूरी दे। इसके बाद डिपार्टमेंट ने कहा था कि जियो की शर्तें सरकार के स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग नॉर्म्स के मुताबिक नहीं हैं, जिनमें कहा गया है कि बेचने वाले की बकाया देनदारी के लिए स्पेक्ट्रम का खरीदार जवाबदेह होगा।
मुंबई ,01 जनवरी । साल के पहले दिन मंगलवार को देश के शेयर बाजार मजबूती के साथ खुले। हालांकि, कुछ ही देर में बाजार ने शुरुआती मजबूती गवां दी। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 93.47 अंकों की मजबूती के साथ 36,161.80 पर और निफ्टी 19.15 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 10,881.70 पर खुला। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 10.34 बजे 87.29 अंकों की गिरावट के साथ 35,981.04 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी लगभग इसी समय 29.80 अंकों की कमजोरी के साथ 10,832.75 पर कारोबार करते देखे गए।
नयी दिल्ली ,01 जनवरी । पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला मंगलवार को लगातार छठे दिन जारी रहा। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 19 पैसे और डीजल का 20 पैसे प्रति लीटर घट गया।
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत घटकर 68.65 रुपए और डीजल की 62.66 रुपये प्रति लीटर रह गयी। वाणिज्यिक नगरी मुंबई में भाव क्रमश: 74.30 और 65.56 रुपये प्रति लीटर रह गए। कोलकाता में दोनों ईंधन के दाम क्रमश: 70.78 रुपए 64.42 रुपये प्रति लीटर रहे। चेन्नई में भाव क्रमश: 71.22 और 66.14 रुपए प्रति लीटर रहे गए। नोएडा और गुरुग्राम में पेट्रोल क्रमश: 68.97 और 69.74 रुपये प्रति लीटर रह गया जबकि डीजल के दाम यहां क्रमश: 62.43 और 62.71 रुपये प्रति लीटर रहे।