नई दिल्ली ,03 जनवरी । इंटेग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन 18 अपनी पहली यात्रा नई दिल्ली और वाराणसी के बीच करेगी। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ट्रेन 18 अपनी पहली यात्रा नई दिल्ली और वाराणसी के बीच, कानपुर और प्रयागराज होते हुए करेगी। उन्होंने कहा, परीक्षण की औपचारिकता पूरी होने के बाद इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाएंगे।
ट्रेन 18 का कड़ा परीक्षण किया जा रहा है और रिसर्च डिजायन एंड स्टैंडर्ड ऑगेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ की देखरेख में अभी कुछ और परीक्षण बाकी है। इसने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति परीक्षण के दौरान सफलतापूर्वक पकड़ी है।
अधिकारी ने बताया कि ट्रेन 18 में कोई इंजन नहीं है, बल्कि यह मेट्रो ट्रेनों की तरह डिब्बों के साथ पूरी ट्रेन है, जिसे शताब्दी एक्सप्रेस के बेड़े में शामिल किया जाएगा। अधिकारी के मुताबिक, ट्रेन 18 देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है। किराए के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी तय नहीं किया गया है। अधिकारी ने यह भी ध्यान दिलाया कि कुंभ मेले से पहले ट्रेन 18 की सेवा शुरू हो जाएगी।
होसुर ,03 जनवरी । दोपहिया और तिपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी टीवीएस मोटर की बिक्री दिसंबर में छह फीसदी बढक़र 2,71,395 इकाई हो गयी। कंपनी ने दिसंबर 2017 में 2,56,870 वाहन बेचे थे। कंपनी द्वारा आज जारी मासिक वाहन बिक्री के आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य माह में उसने कुल 2,58,709 दोपहिया वाहन बेचे जो गत साल के समान माह में बिके 2,47,591 वाहनों से चार फीसदी अधिक है। घरेलू बाजार में कंपनी के दोपहिया वाहनों की बिक्री 2,07,906 इकाई से एक फीसदी बढक़र 2,09,906 इकाई हो गयी।
स्कूटरों की बिक्री भी गत माह नौ फीसदी बढक़र 83,638 इकाई से 91,480 इकाई हो गयी। मोटरसाइकिल की बिक्री में 13 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह आंकड़ा 95,246 इकाई से बढक़र दिसंबर 2018 में 1,07,189 इकाई हो गया। कंपनी के तिपहिया वाहनों की बिक्री भी आलोच्य माह में 37 फीसदी बढक़र 9,279 इकाई से 12,686 इकाई हो गयी। कंपनी का कुल निर्यात भी दिसंबर 2017 के 47,818 इकाई से 26 प्रतिशत बढक़र 60,262 इकाई हो गया। दोपहिया वाहनों का निर्यात 22 फीसदी बढक़र 39,852 इकाई से 48,803 इकाई हो गया।
नई दिल्ली, 02 जनवरी । रिजर्व बैंक ने बैंकों को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उद्यमों के फंसे कर्ज के एकबारगी पुनर्गठन (वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग) की छूट देते हुए नियम जारी किए। केन्द्रीय बैंक के एक वक्तव्य में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने एमएसएमई के फंसे कर्ज की एकबारगी पुनर्गठन किए जाने की अनुमति दे दी है। वक्तव्य के अनुसार, एमएसएमई के ऐसे कर्ज जिनकी किस्तों की अदायगी रुक गई है, लेकिन वे एक जनवरी 2019 को स्टैंडर्ड लोन कैटिगरी में हैं, उनकी एकबारगी रीस्ट्रक्चरिंग की जाएगी।
ध्यान रहे कि जिन मुद्दों पर सरकार और आरबीआई के बीच खींचतान चली है, उनमें एमएसएमई के लिए रीस्ट्रक्चरिंग पैकेज भी एक है। नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से नकदी संकट का सामना कर रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को आरबीआई का ताजा फैसला बहुत मददगार साबित होगा। चूंकि एमएसएमई सेक्टर देश की कुल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में अपनी 50 प्रतिशत भागीदारी निभाती है। ऐसे में सरकार ने इस सेक्टर की मदद के लिए कई कदम उठाने का सुझाव दिया।
बहरहाल, वक्तव्य में कहा गया है कि किसी कर्जदार इकाई के लिए इस छूट का पात्र होने के लिए जरूरी है कि उस पर 1 जनवरी 2019 को बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की गैर-कोष आधारित सुविधा (नॉन-फंड बेस्ट फसिलिटीज) सहित कुल उधार 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हो। इस योजना के तहत लोन की रीस्ट्रक्चरिंग 31 मार्च 2020 तक लागू किया जा सकता है।
एम्सटर्डम, 02 जनवरी । विमान दुर्घटना में होने वाली मौतों में वर्ष 2017 की तुलना में 2018 में तीव्र वृद्धि आई है लेकिन यह साल अभी भी नौवें सुरक्षित स्थान पर है।
नीदरलैंड्स स्थित एविएशन सेफ्टी नेटवर्क (एएसएन) के अनुसार, विमान दुर्घटनाओं में 2018 में 556 लोगों की मौत हुई है जबकि 2017 में यह आंकड़ा 44 था।
सबसे भीषण विमान हादसा इंडोनेशिया में अक्टूबर में हुआ जब लॉयन एयर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 189 यात्रियों की मौत हो गई। वहीं, 2017 व्यवसायिक उड़ानों के लिहाज से इतिहास का सबसे सुरक्षित साल रहा जब कोई जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ। स्थिति में हालांकि पिछले 20 सालों में सुधार आया है।
नई दिल्ली, 02 जनवरी । सरकार ने आधार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यदि किसी कंपनी द्वारा नियमों के उल्लंघन का सिलसिला जारी रहता है तो एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त उन पर प्रतिदिन 10 लाख रुपये अतिरिक्त का जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव है। आधार को लेकर निजता संबंधी चिंताओं की वजह से कानून में संशोधन की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई को आय पर टैक्स छूट का भी प्रस्ताव है। सूत्रों ने बताया कि सरकार का इरादा इसके तहत यूआईडीएआई को अन्य नियामकों की तरह अधिक अधिकार देने का है। अभी आधार कानून के तहत यूआईडीएआई के पास किसी उल्लंघन करने वाली इकाई के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई का अधिकार नहीं है। प्रस्तावित बदलावों के तहत ऐसे बच्चे जिनके पास आधार हैं, उन्हें 18 साल की उम्र पूरी करने के छह महीने के अंदर इस 12 अंक की बायोमीट्रिक नंबर को रद्द कराने का विकल्प होगा।
प्रस्ताव में कहा गया है कि किसी बच्चे के आधार नामांकन के लिए माता-पिता या अभिभावक की मंजूरी जरूरी होगी। आधार नहीं होने पर किसी भी बच्चे को सब्सिडी, लाभ या अन्य सेवाओं से वंचित नहीं रखा जा सकेगा। प्रस्तावित संशोधनों में वर्चुअल आईडी और आधार के इस्तेमाल के स्वैच्छिक और ऑफलाइन तरीके का भी प्रावधान होगा। लोकसभा में बुधवार को आधार कानून, भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम और धन शोधन रोधक कानून में संशोधन संबंधी विधेयक सूचीबद्ध है। आधार कानून के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रस्ताव करते हुए प्रावधानों के मसौदे में कहा गया है कि इसमें एक नई धारा जोड़ी जाएगी। इसके तहत आधार पारिस्थितिकी तंत्र में कानून, नियम, नियमनों तथा निर्देशों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर जुर्माना लगाया जा सके। आधार पारिस्थितिकी तंत्र में नामांकन एजेंसियां, पंजीयक, अनुरोध करने वाली इकाइयां, ऑफलाइन सत्यापन करने वाली एजेंसियां आदि आती हैं। अनधिकृत तरीके से सेंट्रल आइडेंटिफिकेशन डेटा रिपॉजिटरी तक पहुंच तथा डेटा से छेड़छाड़ करने पर सजा की अवधि को मौजूदा के तीन साल से बढ़ाकर 10 साल करने का भी प्रस्ताव है।
नई दिल्ली, 02 जनवरी । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व संग्रह में लगातार दूसरे महीने दिसंबर में गिरावट दर्ज की गई है, जो 94,726 करोड़ रुपये रहा। जबकि नवंबर में यह 97,637 करोड़ रुपये था। हालांकि टैक्स रिटर्न दाखिल करने में तेजी दर्ज की गई है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 31 दिसंबर तक कुल 72.44 जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जबकि नवंबर में यह संख्या कुल 69.6 लाख थी।
इसमें सीजीएसटी 16,442 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 22,459 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 47,936 करोड़ रुपये (आयात पर संग्रह किये गये 23,635 करोड़ रुपये सहित) तथा चुंगी 7,888 करोड़ रुपये (आयात पर एकत्रित 838 करोड़ रुपये सहित) है। दिसंबर में एकत्र राजस्व नवंबर में हुए लेन-देन से संबंधित हैं। जीएसटी संग्रह अक्टूबर (सितंबर में हुए लेन-देन के) में एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था और कुल 1,00,710 करोड़ रुपये था, जोकि नवंबर (अक्टूबर में हुए लेन-देन के लिए) में गिरकर 97,637 करोड़ रुपये रहा।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, सरकार ने नियमित अदायगी के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी को 18,409 करोड़ रुपये तथा एसजीएसटी को 14,793 करोड़ रुपये अदा किए हैं। अस्थायी आधार पर केन्द्र के पास राज्य और केन्द्र के बीच 50:50 में उपलब्ध शेष आईजीएसटी से 18,000 करोड़ रुपये की अदायगी की गई है। बयान में आगे कहा गया है, दिसम्बर 2018 महीने में नियमित अदायगी के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 43,851 करोड़ रुपये तथा एसजीएसटी के लिए 46,252 करोड़ रुपये है।