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मारुति त्यौहारी सीजन में वाहनों की बिक्री बढने को आशान्वित
Posted Date : 15-Sep-2019 2:00:13 pm

मारुति त्यौहारी सीजन में वाहनों की बिक्री बढने को आशान्वित

नई दिल्ली ,15 सितंबर । देश के आटोमोबाइल क्षेत्र में दो वर्ष की सर्वाधिक मंदी के कारणों को लेकर छिड़ी बहस के बीच अग्रणी यात्री कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड चालू त्यौहारी सीजन में वाहनों की बिक्री बढऩे को लेकर पूरी तरह आशान्वित है किंतु संभावित बढ़ी मांग को आगे भी सतत रुप से कैसे बरकरार रखा जाये इसे लेकर फ्रिकमंद है। अगस्त..19 में देश में वाहन बिक्री में आई गिरावट के लिए अलग-अलग कारण गिनाये जा रहे हैं और इसको लेकर बहस छिड़ी हुई है ।
मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक (बिक्री एवं विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि वाहनों की मांग में कमी कोई एक माह में नहीं आई है । उन्होंने कहा कि 2018..19 की पहली तिमाही के बाद जुलाई..18 से वाहनों की बिक्री में गिरावट का दौर शुरु हुआ और यह पिछले 14 माह में गहराता चला गया।
श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल केरल में ओणम के मौके पर आई भयंकर बाढ़ से दक्षिण के क्षेत्रों में मांग पर असर पडऩा शुरु हुआ था और वह बराबर बढ़ता चला गया । उन्होंने कहा कि इस ओणम से फिर त्यौहारी सीजन की मांग शुरु हुई है । वाहन खरीदने के इच्छुक ग्राहकों की तरफ से पूछ परख बढऩे लगी है और उम्मीद है कि नवरात्र से मांग निकलनी शुरु हो जायेगी । कार्यकारी निदेशक ने कहा कि दो माह के त्यौहारी सीजन के दौरान मांग अच्छी रहने की उम्मीद है किंतु इस संभावित मांग को आगे भी कैसे बरकरार रखा जाये इस पर नजर रखने की जरुरत है ।
वाहन बिक्री में आई गिरावट का उल्लेख करते हुए श्रीवास्तव ने कहा नियामक बदलावों से कारों की कीमत में खासी बढ़ोतरी हुई । खरीदार को वाहन खरीदने के लिए रिण मिलने में दिक्कत , बीएस4 से बीएस 6 को लेकर ग्राहकों में संशय की स्थिति मांग में कमी के मुख्य कारण रहे।
उन्होंने बताया कि नियामक बदलाव से कारों में सुरक्षा के लिहाज से विभिन्न सहूलियतों को उपलब्ध कराना, राज्यों के पथकर में सात प्रतिशत बढ़ोतरी और उच्चतम न्यायालय के नये वाहन की खरीद पर तीन साल का बीमा अनिवार्य करना आदि की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हुई। श्रीवास्तव ने कहा कि इन कारणों से मारुति की छोटी कार अल्टों के दाम ही 15 से 21 प्रतिशत के बीच बढ़ गए। रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.50 से घटाकर 5.30 प्रतिशत कर दिया किंतु बैंकों ने ब्याज दर में मुश्किल से 10 से 15 आधार अंक की कटौती की। नये खरीदारों को वाहन खरीदने के लिए रिण लेने में औपचारिकताओं के बढऩे के साथ ही बैंकों ने डीलरों को भी कर्ज मुहैया कराने में कड़ा रुख दिखाया।
मारुति की तरफ से डीलरों को कर्ज लेने में आ रही दिक्कतों के संबंध में श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनी ने इस दिशा में कदम उठाया है और जिन डीलरों का रिकार्ड अच्छा है उनके लिए बैंकों से इन्वेंटरी रिण दिलाने में मदद की है। इसके लिए बैंक आफ बड़ौदा और फैडरल बैंक के साथ करार किया गया है ।
उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मारुति ने अपने बिक्री नेटवर्क में नये माडल लाने में कोई कोताही नहीं बरती और बीएस6 को अगले साल एक अप्रैल से लागू होना है। इसके बावजूद कम्पनी ने बीएस6 के अनुपालन वाले कम्प्लाइयंट पेट्रोल माडल्ज़ बाज़ार में पॉलिसी लागू होने के लगभग एक साल पहले से उतारना शुरू कर दिया। ये सात बीएस 6 कम्प्लाइयंट पेट्रोल मॉडल है अल्टो बलेनो वेगनआर (1.2 लीटर) स्वफिट डिजायर अर्टिगा और एक्स एल 6 एक और माडल इस माह उतारने की तैयारी है। ये सभी बीएस 6 पेट्रोल मॉडल बीएस 4 पेट्रोल से भी बखूब चलते है और इसलिये देशभर में उपलब्ध है।
श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ ग्राहक इस उम्मीद में है कि अगले बीएस6 मानक के प्रभावी होने से बीएस4 के वाहनों के दामों में और गिरावट आयेगी । कुछ अन्य ग्राहक इस भ्रम में है कि बीएस 6 ईंधन आने के बाद उनकी बीएस4 गाड़ी नहीं चल पायेगी। कंपनी बीएस4 डीजल गाडिय़ों को लेकर ग्राहकों की आशंका दूर कर रही है। कंपनी ने बीएस4 डीजल के वाहनों के लिए पांच साल की वारंटी निकाली है ।
उन्होंने कहा कि फिलहाल डीजल चलित कारें पेट्रोल की तुलना में एक लाख से सवा लाख रुपए तक मंहगी हैं । पेट्रोल वाहनों को बीएस4 से बीएस6 में परिवर्तित करने पर महज 20 हजार रुपए का खर्च आयेगा जबकि डीजल पर यह व्यय सवा लाख रुपए तक होगा । ऐसे में उम्मीद है कि पेट्रोल और डीजल की कारों के दाम में अंतर अधिक हो जाने पर ग्राहकों का रुझान पेट्रोल चलित कारों पर अधिक नजर आयेगा।
आटोमोबाइल उद्योग की वाहन बिक्री की गिरावट को देखते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने संबंधी मांग पर श्रीवास्तव ने कहा इस पर कंपनी ने अभी ज्यादा सोच विचार नहीं कर रही है और वह अपनी तरफ से लागत को कम करने की दिशा में काम कर रही है । वाहन क्षेत्र के लिए ‘स्क्रेपिंग’नीति के संबंध में पूछे जाने पर कार्यकारी निदेशक ने कहा कि दुपहिया क्षेत्र के लिए आई नीति को देखते हुए उम्मीद है कि इसके आने पर सकारात्मक असर होगा।
उन्होंने कहा कि कंपनी की तरफ से फिलहाल ग्राहक कार खरीद पर एक लाख रुपए तक की आकर्षक छूट केवल इस माह में दी जा रही है। मारुति के देश में बिकने वाली कारों के पहले दस माडलों में शामिल ‘स्विफ्ट’ में 77,700 रुपए तो विटारा ब्रेजा में 101,200 रुपए की छूट दी जा रही है । ईको में यह 50,000 रुपए तो छोटी कार अल्टो , अल्टो के10 और सेलेरिया में 65,000 और डिजायर सेडान में 84,100 रुपए है।

आईसीआईसीआई बैंक ने दिया झटका, अब जमा-निकासी पर इस दिन से लगेगा 100-125 रुपये का शुल्क
Posted Date : 15-Sep-2019 1:59:51 pm

आईसीआईसीआई बैंक ने दिया झटका, अब जमा-निकासी पर इस दिन से लगेगा 100-125 रुपये का शुल्क

नई दिल्ली ,15 सितंबर ।  एक तरफ जहां केंद्र सरकार बैंकिंग नियमों को ग्राहकों की सुविधानुसार आसान बना रही है। वहीं निजी क्षेत्र के बड़े बैंक आईसीआईसीआई ने अपने ग्राहकों को जोर का झटका दिया है। बैंक के जीरो बैलेंस खाताधारकों को 16 अक्टूबर से शाखा से हर कैश विदड्रॉल के लिए 100 रुपये से 125 रुपये का शुल्क देना होगा। अगर ग्राहक बैंक की शाखा में मशीन के जरिये पैसे जमा करते हैं तो इसके लिए भी उन्हें शुल्क अदा करना होगा। आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार रात अपने अकाउंट होल्डर्स को जारी एक नोटिस में कहा, हम अपने ग्राहकों को बैंकिंग ट्रांजैक्शंस डिजिटल मोड में करने के लिए उत्साहित करते हैं, जिससे डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव को बढ़ावा मिले। 
बता दें कि बैंक ने मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये होने वाले एनईएफटी, आरटीजीएस तथा यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर लगने वाले तमाम तरह के शुल्क को खत्म कर दिया है।
आईसीआईसीआई बैंक की शाखाओं से 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के एनईएफटी ट्रांजैक्शन पर 2.25 रुपये से लेकर 24.75 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है। वहीं, शाखाओं से दो लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक किए जाने वाले आरटीजीएस ट्रांजैक्शन के लिए 20 रुपये से लेकर 45 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है। 
अकाउंट बंद करने की सलाह
बैंक ने अपने जीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स से अनुरोध किया है कि वे अपने अकाउंट को या तो किसी अन्य बेसिक सेविंग्स अकाउंट में बदल लें या अकाउंट बंद कर दें।

प्याज में कीमतों में नरमी, त्योहारों पर नहीं सताएंगे बढ़े दाम
Posted Date : 14-Sep-2019 2:12:50 pm

प्याज में कीमतों में नरमी, त्योहारों पर नहीं सताएंगे बढ़े दाम

नई दिल्ली ,14 सितंबर । पिछले महीने कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी के बाद अब प्याज की थोक कीमतों में नरमी शुरू हो गई है और ट्रेडर्स का अनुमान है कि दाम फिर ऊपर का रुख नहीं करेंगे। महंगाई के बीच करीब 50 हजार टन का स्टॉक खोलने वाले नेशनल ऐग्रिकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडेरेशन (हृ्रस्नश्वष्ठ) भी अब बाजार में उतारे जाने वाले प्याज की मात्रा की समीक्षा कर रहा है।
हिंदू त्योहार मे प्याज की खपत कम ही होती है अब नवरात्रि में तो प्याज की मांग लगभग न के बराबर ही रहती है
देश की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर में प्याज अगस्त के आखिरी हफ्ते में 35 रुपये किलो के औसत मूल्य तक जा पहुंचा था और 30 रुपये पर स्थिर हुआ था। बीते दस दिनों में थोक कीमतें हर ग्रेड में 3 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम तक घटी हैं।
प्याज के दामों पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अनियन ऐंड गार्लिक असोसिएशन के प्रेजिडेंट सुरेंद्र बुद्धिराजा ने बताया, ‘फिलहाल हायर ग्रेड में प्याज 25 रुपये तक आ गया है और सप्लाई में तंगी के रुझान नहीं दिख रहे। जहां बारिश खत्म होने से नासिक और दूसरे दक्षिणी राज्यों से सप्लाई घटने की आशंका खत्म हुई है, वहीं अगले एक हफ्ते में कर्नाटक से नई फसल आने की संभावना से कीमतों पर दबाव बना है।’ गुरुवार को आजादपुर में प्याज तीन ग्रेड में 15 से 25 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, हालांकि रिटेल में यह 40 से ऊपर बना हुआ है।
हृ्रस्नश्वष्ठ के चेयरमैन बिजेंदर सिंह ने बताया कि कीमतें फिलहाल स्थिर हैं और मार्केट ट्रेंड को देखते हुए हम इसका आकलन कर रहे हैं कि नासिक स्थित स्टॉक से अब कितना माल बाजारों में उतारा जाए। उन्होंने बताया कि पीक कीमतों के बीच हृ्रस्नश्वष्ठ की ओर से बाजारों में सप्लाई बढऩे से ही कीमतों पर लगाम कसी है।
ट्रेडर्स का डर
पोटैटो ऐंड अनियन मर्चेंट असोसिएशन के जनरल सेक्रटरी राजेंद्र शर्मा के मुताबिक आजादपुर में रोजाना औसतन 1500 टन प्याज बिकता है। अगर सप्लाई इससे कम होती है तो कीमतें बढ़ेंगी और इससे ज्यादा माल आया तो घटेंगी। ्रक्करूष्ट सूत्रों के मुताबिक बीते दस दिनों में प्याज की औसत सप्लाई 1200 टन के आसपास रही है, लेकिन हृ्रस्नश्वष्ठ और लोकल स्टॉक के चलते सप्लाई की तंगी नहीं हुई है। अगर एक हफ्ते में नए इलाकों से प्याज आने लगता है और महाराष्ट्र के किसान भी खुलकर माल भेजने लगते हैं तो थोक कीमतों में कम से कम 5 रुपये की और कमी आएगी।
हालांकि कुछ ट्रेडर नासिक से होने वाली मेन सप्लाई को लेकर आशंकित हैं और उनका कहना है कि हालिया बारिश से हुए नुकसान का सही आकलन नहीं हो सका है। किसान भी मार्केट में डिमांड भांपकर ही माल निकाल रहे हैं, ऐसे में मौसम में थोड़ी सी भी गड़बड़ी कीमतें बढ़ा सकती है।

भारतीय स्टेट बैंक बनना चाहता है लद्दाख का अग्रणी बैंक
Posted Date : 14-Sep-2019 2:11:12 pm

भारतीय स्टेट बैंक बनना चाहता है लद्दाख का अग्रणी बैंक

दिस्कित (लद्दाख) ,14 सितंबर ।  देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) हाल में बने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का अग्रणी बैंक बनना चाहता है। बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यहां नुब्रा घाटी के दिस्कित क्षेत्र में बैंक की लद्दाख क्षेत्र में 14वीं शाखा का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। गौरतलब है कि लद्दाख को हाल ही में जम्मू-कश्मीर राज्य से जुड़े अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म करने के बाद केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया है। सरकार ने पांच अगस्त को घोषणा की थी कि अब पूरा क्षेत्र एक राज्य नहीं होगा बल्कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बन होंगे। इसमें जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के अधीन राज्य विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख में कोई विधायिका नहीं होगी। इससे पहले जम्मू एंड कश्मीर बैंक यहां का अग्रणी बैंक था। दिस्कित में खोली गयी शाखा बैंक की 22,024 वीं शाखा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य या क्षेत्र में एक अग्रणी बैंक होता है। वह राज्य-स्तरीय बैंकिंग समिति के संयोजक के रूप में पर्याप्त बैंकिंग सेवाएं सुनिश्चित करने का दायित्व लेता है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में बैंक की 185 शाखाएं हैं और व्यक्तिगत ऋण खंड यह सबसे अधिक सक्रिय में है। दिस्कित 10,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है, और पाकिस्तान की तुर्तुक स्थित सीमा से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। लद्दाख क्षेत्र के मौजूदा सांसद जमयांग शेरिंग नमग्याल ने इस दूर दराज के गांव में दो और शाखाओं को खोलने के एसबीआई के कदम का स्वागत किया है।

लटके हाउजिंग प्रॉजेक्ट पर सरकार ने दी बड़ी राहत, 10 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान
Posted Date : 14-Sep-2019 2:10:26 pm

लटके हाउजिंग प्रॉजेक्ट पर सरकार ने दी बड़ी राहत, 10 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान

नई दिल्ली ,14 सितंबर । सरकार ने सुस्ती से गुजर रही अर्थव्यवस्था के लिए एक महीने के भीतर दूसरी बार बूस्टर डोज का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने हाउजिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए आज कई बड़े ऐलान किए हैं। हाउजिंग क्षेत्र को गति देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का फंड 60 प्रतिशत तक पूरे हो गए लटके प्रॉजेक्ट को देने की घोषणा की है। हालांकि इसमें शर्त यह होगी वह प्रॉजेक्ट हृक्क्र और हृष्टरुञ्ज में न हो। सरकार के इस ऐलान से दिल्ली-एनसीआर में अपने घर का इतंजार कर रहे हजारों निवेशकों को लाभ मिल सकता है। इसके अलावा एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए देश में अगले साल मार्च में मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।
हाउजिंग के लिए उठाए जाएंगे ये कदम
घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी। इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे। लोगों को घर लेने में आसानी होगी और आसानी से लोन लिया जा सकेगा। एक्सटर्नल कमर्शल गाइडलाइन फॉर अफोर्डेबल हाउजिंग में राहत दी जाएगी।
45 लाख के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में कई कदम उठाए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। 45 लाख कीमत के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा मिला है। क्षेत्र की कई कंपनियों ने इस योजना की तारीफ की है। सरकार ऐसे घरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अफोर्डेबेल हाउजिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ईसीबी गाइडलाइंस में कई सुधार करेगी।
हाउजिंग सेक्टर के लिए बड़े ऐलान
45 लाख कीमत के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा मिला। क्षेत्र की कई कंपनियों ने इस योजना की तारीफ की है। सरकार ऐसे घरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अफोर्डेबेल हाउजिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ईसीबी गाइडलाइंस में कई सुधार करेगी।
10 हजार करोड़ देने के लिए सरकार की शर्तें , 3.5 लाख घरों को फायदा
अफोर्डेबल, मिडल इनकम हाउजिंग के लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपये लटके प्रॉजेक्ट के लिए देगी। इतना ही फंड बाहर से लगाया जाएगा। सरकार के अलावा, बाहरी और रुढ्ढष्ट जैसे निवेशक भी करीब इतना ही पैसा इसमें लगाएंगे। हालांकि, यह पैसा उन्हीं प्रॉजेक्ट को मिलेगा जिनका काम 60 फीसदी तक पूरा हो चुका हो और वह हृक्क्र और हृष्टरुञ्ज में न हो। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 3.5 लाख घरों को फायदा मिलेगा।
सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा
अफोर्डेबल हाउजिंग के लिए एक्स्टर्नल कमर्शल बोरोइंग गाइडलाइन को थोड़ा आसान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्रक्चढ्ढ से मशविरे के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना में आने वाले अफोर्डेबल घरों के लिए श्वष्टक्च में राहत दी गई है। हाउस बिल्डिंग अडवांस पर ब्याज को कम किया गया है गया है। यह उनके लिए है जिसे 10 साल के लिए यील्ड्स से लिंक किया गया है। इससे सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए जाएंगे ये कदम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंदी से गुजर रही इकॉनमी को बूस्ट कर करने के लिए हाउजिंग और एक्सपोर्ट के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी में कमी का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज हमारा फोकस निर्यात को बढ़ावा देने पर है। पुराना आरओएसएल दिसंबर 2019 तक जारी रहेगा।
एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए मेगा प्लान
हैंडिक्राफ्ट कोऑपरेटर अब ई कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खुद को एनरोल करवा सकते हैं। एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए मेगा प्लान है। निर्यात की क्वॉलिटी को बेहतर किया जाएगा। हम इसपर काम कर रहे हैं। ताकि समयबद्ध तरीके से हम स्टैंडर्ड हासिल कर सकें। तय वक्त में स्टैंडर्ड सेट किया जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय इसके लिए एक ग्रुप बनाएगा। कुछ एक्सपोर्टर्स को ऑरिजिन सर्टिफिकेट के लिए परेशान होना पड़ता है। इसके लिए ऑरिजिन मैनेजमेंट सिस्टम चलाया जाएगा। इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनस को बढ़ावा मिलेगा।
फ्री ट्रेड अग्रीमेंट
स्पेशल एफटीए अग्रीमेंट मिशन चलाया जाएगा। इसका काम अलग से फेडरेशन ऑफ एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन और असोसिएशन से बात करना और समझौते करना होगा। इसके तहत टैरिफ में छूट के बारे में भी निर्यातकों और आयातकों को जानकारी दी जाएगी।
चार मेगा फेस्टिवल शो का पूरे देश में होगा आयोजन
वार्षिक मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का पूरे देश के चार जगहों पर आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मार्च 2020 से शुरू होगा। जेम्स ऐंड जूलरी, योगा एवं टूरिजम, टेक्सटाइल एवं लेदर क्षेत्र में ये आयोजन होगा।
एक्सपोर्ट समय को कम करने के लिए भी कदम
एक्सपोर्ट के समय को कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। बोस्टन जैसे पोर्ट टर्न अराउंड के लिए आधा दिन लेता है। शंघाई और भी कम समय लेता है। सभी क्लियरेंस के लिए मैनुअल सर्विसेज को खत्म करके ऑटौमैटिक सिस्टम लागू किया जाएगा। एक्सपोर्ट फाइनैंस एक इंटर मिनिस्टीरियल ग्रुप की निगरानी में काम करेगा। 36 हजार करोड़ से 38 हजार करोड़ एक्सपोर्ट क्रेडिट को बढ़ाने के लिए लगाए जाएंगे। यूएस डॉलर बेस्ड लेंडिंग में कमी आई है। रुपये में गिरावट की वजह से यह फर्क पड़ा है। सितंबर 2019 तक आईटीसी रिफंड के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड सिस्टम लागू किया जाएगा।
एमईआईएस 1 जनवरी 2020 से खत्म, इसकी जगह एक जनवरी से लागू होगा। नए क्रशष्ठञ्जश्वक्क से 50 हजार करोड़ का फायदा होगा। बता दें कि मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम यानी रूश्वढ्ढस् के तहत सरकार प्रॉडक्ट और देश के आधार पर शुल्क पर लाभ उपलब्ध कराती रही है।
दशहरा से ई-असेसमेंट स्कीम
बजट में सबका विश्वास की बात कही गई थी। इसका मतलब है कि अगर दिसंबर 2019 तक रिटर्न फाइल किया जाता है तो निश्चित जुर्माना देना होगा। इससे कोर्ट में जाने से लोग बचेंगे और देर से भी निश्चित जुर्माना देकर रिटर्न फाइल कर पाएंगे। ई-असेसमेंट स्कीम दशहरा से शुरू की जाएगी जिसका ऐलान किया जा रहा है। इसके अलावा असेसमेंट में कोई व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं करेगा। यह आवंटन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा।
सरकारी कदमों से बैंकिंग क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
वित्त मंत्री ने कहा, हमने पार्शल क्रेडिट गारंटी स्कीम का ऐलान किया, जिससे बैंक अपनी संपत्ति बढ़ा सकें। 19 सितंबर को हम सभी सरकारी बैंकों के हेड से मिलेंगे और अन्य जरूरतों के बारे में चर्चा करेंगे।' फिक्स्ड इनवेस्टमेंट में काफी सुधार दिख रहा है। जुलाई के बजट में हमने राजकोषीय घाटे का जिक्र किया था। एफडीआई फ्लो के बारे में हम काफी बात कर चुके हैं। अबतक इसमें सुधार ही हुआ है। अगस्त में इसमें काफी सुधार देखा गया है।
अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए बड़े ऐलान
हम हर बार यह कोशिश करते हैं कि पिछली घोषणाओं से आज की बातों को जोड़ा जाए। आज की प्रजेंटेशन में मैं पहले ब्रीफ में पिछली बातों का जिक्र करूंगी और किसी सेक्टर में अगर कोई सुधार हुआ है तो उसका भी जिक्र किया जाएगा। बता दें कि पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कई महत्वपूर्ण ऐलान किए थे। वित्त मंत्री ने 30 दिनों में जीएसटी रिफंड, बैंकों में 70 हजार करोड़ की पूंजी डालने, फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पर बढ़े सरचार्ज को वापस लेने का ऐलान किया था।
आर्थिक सुस्ती पर विपक्ष के निशाने पर है सरकार
इस समय सरकार विपक्ष के निशाने पर है और सरकार के सामने यह चुनौती है कि इस आर्थिक सुस्ती से कैसे निपटा जाए। पिछली तिमाही में विकास दर घटकर 5 फीसदी पर आ गई। इसके बाद सरकार की नीतियों को लेकर विपक्ष घेरने का मौका नहीं छोड़ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने की ऐमजॉन-फ्लिपकार्ट के फेस्टिव सेल पर बैन की मांग
Posted Date : 14-Sep-2019 2:08:42 pm

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने की ऐमजॉन-फ्लिपकार्ट के फेस्टिव सेल पर बैन की मांग

मुंबई ,14 सितंबर । देश के एक बड़े व्यापारी संगठन ने सरकार से मांग की है कि ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट के फेस्टिव सेल्स पर बैन लगाया जाए। संगठन का कहना है कि ये बड़े डिस्काउंट्स देश की फॉरन इन्वेस्टमेंट पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे हैं। दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां हर साल त्योहारी सीजन जैसे दशहरा, दिवाली में सेल्स का ऐलान करती हैं। यह ऐसा समय होता है जब भारतीय कार और गोल्ड जूलरी जैसे बड़े सामान खरीदते हैं।
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फ्लिपकार्ट ने 6 दिनों के सेल का ऐलान किया है जो 29 सितंबर से शुरू हो रही है। हालांकि ऐमजॉन ने अपने सेल के तारीख की घोषणा अभी तक नहीं की है। दोनों कंपनियों ने फैशन से लेकर स्मार्टफोन तक के डील्स पर बड़े डिस्काउंट का वादा किया है और पहले ही कहा है कि डिस्काउंट और डील्स सेलर्स द्वारा ही उनके प्लैटफॉर्म पर ऑफर किए जाएंगे।
संगठन ने सरकार को लिखी चि_ी
फेडरेशन ट्रेड मिनिस्टर को लिखे अपने पत्र में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(ष्ट्रढ्ढञ्ज) ने कहा, 'अपने ई-कॉमर्स पोर्टल पर 10 से 80 प्रतिशत के बड़े डिस्काउंट देकर ये कंपनियां स्पष्ट रूप से कीमतों को प्रभावित कर रही हैं और असमान प्रतिस्पर्धा पैदा कर रही हैं जो नीतियों का सीधा उल्लंघन है।
देशभर के 5 लाख मर्चेंट और ट्रेडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले ष्ट्रढ्ढञ्ज ने सरकार से मांग की कि ऐसे सेल्स पर बैन लगाया जाए। इसके अलावा उसने सरकार से एफडीआई मानदंडों के संभावित उल्लंघन की जांच के लिए भी कहा।
हालांकि इस साल के सेल्स पर सरकार की कार्रवाई की संभावना नहीं है लेकिन इससे बड़े डिस्काउंट पर सरकारी नीति लागू करने में मदद जरूर मिल सकती है।
क्या कहता है एफडीआई का नियम
भारत ई-कॉमर्स के इन्वेंट्री-संचालित मॉडल में फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) की अनुमति नहीं देता जैसा वॉलमार्ट और ऐमजॉन द्वारा अमेरिका में इस्तेमाल किया जाता है। वहां ई- कॉमर्स कंपनियां गुड्स और सर्विसेज का स्वामित्व करती हैं और इसे सीधे रीटेल कस्टमर्स को बेचा जाता है।
फ्लिपकार्ट-ऐमजॉन का जवाब
जब फ्लिपकार्ट से इस पर टिप्पणी मांगी गई तो उसने कहा कि 1 लाख से ज्यादा सेलर्स उनके प्लैटफॉर्म पर 'बिग बिलियन डिस्काउंट' का इंतजार कर रहे हैं। वहीं ऐमजॉन ने कहा कि 5 लाख से ज्यादा सेलर्स जिसमें छोटे बिजनस, महिला उद्यमी, स्टार्टअप, बुनकर और कारीगर शामिल हैं, इस फेस्टिव सेल के माध्यम से कस्टमर्स चक पहुंचते हैं। दोनों ही कंपनियों ने कहा कि उनके मार्केटप्लेस पर सेलर्स ही अपने प्रॉडक्ट का दाम तय करते हैं।