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चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी तीव्र गति सी बढ़ेगी
Posted Date : 07-Mar-2025 7:53:14 pm

चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी तीव्र गति सी बढ़ेगी

नई दिल्ली । हाल ही में जारी बैंक ऑफ बड़ौदा की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था के हाई-फ्रिक्वेंसी इंडीकेटर के आधार पर चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत की जीडीपी वृद्धि में तेजी आने की उम्मीद है।
चौथी तिमाही में सुधार दर्शाने वाले सकारात्मक संकेतकों में जीएसटी कलेक्शन, ई-वे बिल जनरेशन में वृद्धि शामिल है।
जीएसटी कलेक्शन जनवरी-फरवरी 2025 में औसतन 3.8 लाख करोड़ रुपये रहा, जो जनवरी-फरवरी 2024 में 3.4 लाख करोड़ रुपये था।
ई-वे बिल जनरेशन जनवरी 2025 में 23.1 प्रतिशत हो गया, जबकि जनवरी 2024 में 16.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 16.9 प्रतिशत था। जनवरी-फरवरी 2025 में टोल कलेक्शन में औसतन 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जनवरी-फरवरी 2024 में 11.2 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी-फरवरी 2025 की अवधि में हवाई यात्री ट्रैफिक और वाहन रजिस्ट्रेशन जैसे संकेतक कम हुए, लेकिन कुंभ मेले के कारण उपभोग, सेवाओं और एफएमसीजी सेक्टर को बढ़ावा मिलने से चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में वृद्धि का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे वर्ष के लिए कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि को देखते हुए, 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जिसने पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में तीसरी तिमाही में 5.6 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है।
रिपोर्ट में यह भी उम्मीद की गई है कि मुद्रास्फीति में कमी आने के कारण आरबीआई आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख दरों को और कम करेगा।
इसमें बताया गया है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत से 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया और रुख को न्यूट्रल रखा गया। आरबीआई गवर्नर ने विकास को समर्थन देने के लिए लेस रिस्ट्रिक्टिव मौद्रिक नीति की आवश्यकता पर ध्यान दिया क्योंकि मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्षित बैंड के भीतर बनी हुई है।
केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025 के 6.4 प्रतिशत से बढक़र 6.7 प्रतिशत हो जाएगी।
वित्त वर्ष 2026 में मुद्रास्फीति घटकर 4.2 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2025 में 4.8 प्रतिशत थी।
सीपीआई वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 4.5 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी।
इन अनुमानों में रुपये की अस्थिरता को भी ध्यान में रखा गया है। मुद्रास्फीति के दबाव में कमी आने की उम्मीद है, जिससे आरबीआई को दरों में और कमी करने की गुंजाइश मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, हमें इस कैलेंडर वर्ष में दरों में 75 बीपीएस (संचयी) तक की कमी की उम्मीद है। अगली दर कटौती के समय, हमें रुख में बदलाव की भी उम्मीद है।
मुद्रास्फीति में नरमी और बदलती लिक्विडिटी स्थितियों को देखते हुए, भारत की 10 साल की यील्ड में कमी आई है।
वीआरआर ऑक्शन के जरिए लिक्विडिटी के प्रबंधन में आरबीआई द्वारा किए गए प्रयासों ने बॉन्ड यील्ड को सपोर्ट किया।
10 साल की यील्ड मार्च 2025 में 6.65 प्रतिशत से 6.75 प्रतिशत की सीमा में कारोबार करने की उम्मीद है, जिसमें टैक्स आउटफ्लो के बीच लिक्विडिटी की स्थिति को कड़ा करना शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है, नीति दर पर, हम अनुमान लगाते हैं कि आरबीआई अप्रैल 2025 में कोई भी कार्रवाई करने से पहले प्रतीक्षा करेगा और देखेगा। क्योंकि मुख्य मुद्रास्फीति में नरमी आई है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि घरेलू जीडीपी वृद्धि में उम्मीद किया जा रहा उछाल, सीमित तेल की कीमतें और मजबूत एक्सटर्नल बफर भारतीय रुपये के लिए सकारात्मक हैं।
हालांकि, ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में निरंतर अस्थिरता को देखते हुए, रुपये के मूल्य में वृद्धि की गुंजाइश सीमित दिखती है।
अमेरिकी टैरिफ नीतियां और डॉलर रुपये को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है, हमें आने वाले महीने में रुपये के लिए 86.75-87.75/डॉलर की सीमा की उम्मीद है और इस सीमा पर वापस आने से पहले भारतीय करेंसी 88/डॉलर को भी छू सकती है।

 

भारतीय शहरों में महिलाओं के लिए रोजगार छह वर्षों में 10 प्रतिशत बढ़ा
Posted Date : 07-Mar-2025 7:52:43 pm

भारतीय शहरों में महिलाओं के लिए रोजगार छह वर्षों में 10 प्रतिशत बढ़ा

चेन्नई । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 से पहले शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, शहरी भारत में महिलाओं के लिए रोजगार में पिछले छह वर्षों (2017-18 से 2023-24) में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
चेन्नई के ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, चालीस वर्ष की आयु की शहरी महिलाओं की रोजगार दर सबसे अधिक है, जो 2023-24 में 38.3 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2023-24 में 8.9 करोड़ से अधिक शहरी महिलाएं लेबर मार्केट से बाहर रहीं। देखभाल संबंधी जिम्मेदारियां, लचीली कार्य व्यवस्था का अभाव और आवागमन संबंधी चुनौतियों जैसे कारण अनेक उच्च योग्यता प्राप्त महिलाओं को अर्थव्यवस्था में पूर्ण रूप से भाग लेने से रोकते हैं।
रिपोर्ट में चिंता पैदा करने वाला ट्रेंड भी बताया गया। शहरी भारत में 20-24 वर्ष के आयु वर्ग के 10 प्रतिशत पुरुष बेरोजगार हैं, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 7.5 प्रतिशत का है।
रिपोर्ट के निष्कर्षों ने उच्च शिक्षित परिवारों में भी लैंगिक असमानता को उजागर किया। यहां तक कि दोहरी आय वाले, उच्च शिक्षित दम्पतियों में भी लैंगिक असमानताएं स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 62 प्रतिशत परिवारों में समान शैक्षणिक योग्यता के बावजूद पति अधिक कमाते हैं। इसके अलावा, 41 प्रतिशत घरों में पत्नियां घर के कामों की प्राथमिक जिम्मेदारी उठाती हैं, जबकि पतियों के मामले में यह आंकड़ा केवल 2 प्रतिशत है।
ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की अर्थशास्त्र की प्रोफेसर और निदेशक डॉ. विद्या महाम्बरे ने कहा, शहरी भारत में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, लेकिन यह अभी भी आय, करियर विकास और घरेलू जिम्मेदारियों में सही मायने में लैंगिक समानता में तब्दील नहीं हो पाई है। वास्तविक बदलाव लाने के लिए, सबसे पहले, हमें सभी के लिए अधिक रोजगार के अवसरों की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा, चाइल्डकेयर नीतियों में संरचनात्मक सुधार, लचीली कार्य व्यवस्था और सामाजिक मानदंडों में बदलाव किया जाना चाहिए, जो महिलाओं पर अधिक बोझ डालते हैं।

 

गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज ने शुरू किया नया एआई स्टार्टअप
Posted Date : 07-Mar-2025 7:52:23 pm

गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज ने शुरू किया नया एआई स्टार्टअप

नईदिल्ली। गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप डायनेटॉमिक्स शुरू किया है। यह कंपनी एआई की मदद से चीजों को डिजाइन करने और उन्हें कारखाने में बनाने पर काम कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पेज कुछ इंजीनियरों के साथ मिलकर ऐसे डिजाइन बना रहे हैं, जिन्हें एआई के जरिए आसानी से तैयार किया जा सके।
इस प्रोजेक्ट को क्रिस एंडरसन चला रहे हैं, जो पहले किट्टीहॉक नामक एयरप्लेन स्टार्टअप में सीटीओ थे।
पेज अकेले नहीं हैं जो एआई के जरिए चीजों को बनाने की प्रक्रिया को आसान कर रहे हैं। ऑर्बिटल मैटेरियल्स नामक कंपनी एआई से नई बैटरियां और दूसरी उपयोगी चीजें बनाने पर काम कर रही है।
फिजिक्सएक्स नामक कंपनी एआई से कार और हवाई जहाज डिजाइन करने में मदद कर रही है। वहीं, इंस्ट्रूमेंटल नामक कंपनी एआई की मदद से फैक्ट्रियों में बनने वाली चीजों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का काम कर रही है।
एआई तकनीक अब उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से बदलाव ला रही है।
मशीन लर्निंग और सिमुलेशन तकनीक से चीजों को बनाने की प्रक्रिया पहले से ज्यादा तेज और आसान हो रही है। पेज का स्टार्टअप इसी दिशा में काम कर रहा है, जिससे चीजें जल्दी और कम लागत में बनाई जा सकें।
आने वाले समय में एआई के जरिए फैक्ट्रियों में उत्पादन की पूरी सिस्टम बदल सकती है और चीजों को बनाना पहले से ज्यादा आसान हो सकता है।

 

भारतीय शेयर बाजार की दमदार वापसी, निवेशकों को हुआ 9 लाख करोड़ रुपये का फायदा
Posted Date : 06-Mar-2025 7:05:55 pm

भारतीय शेयर बाजार की दमदार वापसी, निवेशकों को हुआ 9 लाख करोड़ रुपये का फायदा

मुंबई । भारतीय शेयर बाजार में बुधवार के कारोबारी सत्र में दमदार तेजी देखने को मिली। निफ्टी ने लगातार 10 दिनों की गिरावट के ट्रेंड को तोड़ा और एक प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 740 अंक या 1.01 प्रतिशत की तेजी के साथ 73,730 और निफ्टी 254 अंक या 1.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,337 पर था।
बाजार में तेजी के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केटकैप 9 लाख करोड़ रुपये बढक़र 393 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि मंगलवार को 384 लाख करोड़ रुपये था। लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी देखी गई है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,160 अंक या 2.42 प्रतिशत की तेजी के साथ 49,168 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 436.50 अंक या 2.96 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,199 पर बंद हुआ।
बाजार में करीब सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा और पीएसई सबसे ज्यादा बढऩे वाले इंडेक्स थे। व्यापक बाजार का रुझान भी सकारात्मक था। बीएसई पर 3,241 शेयर हरे निशान में, 771 शेयर लाल निशान में और 89 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं। असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड में तकनीकी विश्लेषक, रोहन शाह का कहना है कि लगातार 10 दिनों तक नकारात्मक बंद होने के बाद भारतीय शेयर बाजार बढक़र बंद हुए हैं। मार्केट के ओवरसोल्ड होने के कारण यह एक रिलीफ रैली है।
सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, एमएंडएम, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, आईटीसी, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, नेस्ले, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और इन्फोसिस टॉप गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, जोमैटो और मारुति सुजुकी टॉप लूजर्स थे। शाह ने आगे कहा कि निफ्टी के लिए 21,800 एक मजबूत सपोर्ट है। अगर यह टूटता है तो 21,300 के स्तर भी देखने को मिल सकते हैं। अगर 21,800 का सपोर्ट बना रहता है तो 22,800 और फिर 23,000 एक मजबूत रुकावट का स्तर है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 4 मार्च को अपनी बिकवाली जारी रखी और उन्होंने 3,405.82 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी अपनी खरीदारी जारी रखी और उसी दिन 4,851.43 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

 

पीएलआई बूस्टर : मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एफडीआई इक्विटी इनफ्लो 69 प्रतिशत बढक़र 165 बिलियन डॉलर पर पहुंचा
Posted Date : 06-Mar-2025 7:05:35 pm

पीएलआई बूस्टर : मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एफडीआई इक्विटी इनफ्लो 69 प्रतिशत बढक़र 165 बिलियन डॉलर पर पहुंचा

नई दिल्ली । सरकार ने बताया कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 98 बिलियन डॉलर (2004-2014) से बढक़र 165 बिलियन डॉलर (2014-2024) हो गया है।
औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एक मजबूत कदम के रूप में, सरकार ने 2025-26 में पीएलआई योजना के तहत प्रमुख क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की है, जिससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है।
अगस्त 2024 तक, कुल 1.46 लाख करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश प्राप्त हुआ है, अनुमान है कि यह आंकड़ा अगले वर्ष के भीतर 2 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।
इन निवेशों से उत्पादन और बिक्री में वृद्धि हुई है, जो 12.50 लाख करोड़ रुपये है, जबकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 9.5 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं, निकट भविष्य में यह संख्या बढक़र 12 लाख होने की उम्मीद है।
कई क्षेत्रों में शानदार वृद्धि देखी गई है, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर के लिए आवंटन 5,777 करोड़ रुपये (2024-25 के लिए संशोधित अनुमान) से बढक़र 9,000 करोड़ रुपये हो गया है, और ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट में 346.87 करोड़ रुपये से 2,818.85 करोड़ रुपये तक की वृद्धि देखी गई है।
सरकार के अनुसार, कपड़ा क्षेत्र को भी बड़ा बढ़ावा मिला है, जिसका आवंटन 45 करोड़ रुपये से बढक़र 1,148 करोड़ रुपये हो गया है।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पीएलआई योजना के तहत फल-फूल रहा है, जो मोबाइल फोन के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक में बदल गया है।
घरेलू उत्पादन 2014-15 में 5.8 करोड़ यूनिट से बढक़र 2023-24 में 33 करोड़ यूनिट हो गया, जबकि आयात में गिरावट आई।
निर्यात 5 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 254 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो मैन्युफैक्चरिंग और निवेश को बढ़ावा देने में योजना की भूमिका को दर्शाता है।
3.5 बिलियन डॉलर (20,750 करोड़ रुपये) के परिव्यय के साथ, ऑटोमोटिव पीएलआई योजना ने निवेश को बढ़ावा दिया है और उच्च तकनीक वाले ऑटोमोटिव उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
115 से अधिक कंपनियों ने आवेदन किया, जिनमें से 85 को प्रोत्साहन के लिए मंजूरी दी गई, जिससे 8.15 बिलियन डॉलर (67,690 करोड़ रुपये) का निवेश हुआ, जो लक्ष्य से कहीं अधिक है।
इस सफलता ने ग्लोबल ऑटोमोटिव सेक्टर में भारत की स्थिति को मजबूत किया है। सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजना ने भारत के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को गति दी है।
पहले चरण में 541.8 मिलियन डॉलर (4,500 करोड़ रुपये) के व्यय के साथ मैन्युफैक्चरिंग क्षमता स्थापित की गई, जबकि दूसरे चरण में 2.35 बिलियन डॉलर (19,500 करोड़ रुपये) के साथ 65 गीगावाट क्षमता का निर्माण करने का लक्ष्य है।
सरकार ने कहा कि इस पहल से रोजगार सृजन, आयात में कमी और सोलर इनोवेशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भारत ने पीएलआई योजना के तहत दूरसंचार उत्पादों में 60 प्रतिशत आयात सब्सिट्यूशन हासिल किया है। ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की हैं, जिससे भारत 4जी और 5जी दूरसंचार उपकरणों का एक प्रमुख निर्यातक बन गया है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि यह वृद्धि भारत के टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करती है और ग्लोबल सप्लाई चेन में इसकी स्थिति को बेहतर करती है।

 

फोनपे ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘इंश्योरिंग हीरोज’ कैंपेन किया लॉन्च
Posted Date : 06-Mar-2025 7:05:14 pm

फोनपे ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘इंश्योरिंग हीरोज’ कैंपेन किया लॉन्च

नई दिल्ली ।  फोनपे ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले अपना ‘इंश्योरिंग हीरोज’ अभियान लॉन्च कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस पहल के साथ कंपनी चुनिंदा टर्म लाइफ और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर महिलाओं को 30 प्रतिशत तक की विशेष छूट दे रही है। यह विशेष छूट 9 मार्च, 2025 तक फोनपे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेगी। महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने और लॉन्ग-टर्म स्टेबिलिटी का आनंद लेने के लिए फोनपे ऐप पर इन विशेष ऑफर का लाभ उठा सकती हैं।
पहल के तहत स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर 15 प्रतिशत तक की छूट और टर्म लाइफ बीमा योजनाओं पर 30 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। इस पहल के माध्यम से फोनपे का उद्देश्य महिलाओं को अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, जिससे महिलाओं को उनकी जरूरतों के हिसाब से सही बीमा आसानी से मिल सकेगा। फोनपे ऐप पर इन ऑफर्स का लाभ उठाने के लिए यूजर्स को सबसे पहले फोनपे ऐप के इंश्योरेंस सेक्शन में ‘इंश्योरिंग हीरोज’ बैनर को सेलेक्ट करना होगा।
आगे बढ़ते हुए वे ‘बाय टर्म प्लान’ पर क्लिक कर सकती हैं। इसके बाद कवरेज कैलकुलेट करने के लिए उन्हें ‘बाय न्यू प्लान’ बटन पर क्लिक करना होगा और ‘डेट ऑफ बर्थ’ और ‘एनुअल इनकम’ की जानकारी भरनी होगी। यूजर को अपनी जरूरतों के हिसाब से सबसे अच्छी बीमा योजनाएं खोजने के लिए कुछ ‘एडिशनल पर्सनल डिटेल्स’ भी शेयर करनी होगी। इसके बाद वे अपनी जरूरत के अनुसार ‘चेक आउट द टॉप प्लान्स’ में अपने लिए बेस्ट इंश्योरेंस प्लान चेक कर सकती हैं।