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रिटायरमेंट से पहले जनरल मनोज पांडे को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
Posted Date : 30-Jun-2024 10:46:02 pm

रिटायरमेंट से पहले जनरल मनोज पांडे को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

नई दिल्ली । सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे रविवार 30 जून को सेवानिवृत्ति हो रहे हैं। कार्यकाल के आखिरी दिन उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके सेवानिवृत होने के साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रविवार को ही नए सेना प्रमुख का पदभार संभालेंगे। जनरल मनोज पांडे 26 महीने तक इस पद पर रहे। अपने कार्यकाल के अंतिम दिन उन्होंने वॉर मेमोरियल पर जाकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अब भारतीय सेना की कमान संभालने जा रहे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30वें सेना प्रमुख होंगे। इससे पहले उन्होंने फरवरी में थल सेना उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल द्विवेदी की नियुक्ति को सरकार ने 11 जून को मंजूरी दी थी। सन् 1964 में 01 जुलाई को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू-कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था।
लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, वह विभिन्न कमानों, स्टाफ, प्रशिक्षण संबंधी और विदेशी नियुक्तियों में कार्यरत रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), महानिरीक्षक, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने सेना उपप्रमुख के रूप में नियुक्ति से पूर्व 2022-24 तक महानिदेशक इन्फैंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी अध्ययन किया है।
आज रिटायर्ड हो रहे जनरल मनोज पांडे को 30 अप्रैल 2022 को सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्हें दिसंबर 1982 में इंजीनियरों की कोर (बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था। सीओएएस के रूप में कार्यभार संभालने से पहले वह थल सेना के उपप्रमुख के रूप में नियुक्त हुए थे।
जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल 31 मई 2024 को समाप्त हो रहा था। हालांकि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 26 मई 2024 को उन्हें एक और महीने का सेवा विस्तार देने की मंजूरी दी थी।
नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति में सरकार सरकार द्वारा सीनियरिटी के सिद्धांतों का पूरी तरह से पालन किया गया है।
गौरतलब है कि तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष 62 साल की उम्र तक या तीन साल के कार्यकाल तक (इनमें से जो भी पहले हो) पद पर बने रह सकते हैं। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 60 वर्ष निर्धारित है।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर अग्रणी रहे हैं। उन्होंने सेना की नॉर्दर्न कमांड में तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके साथ ही नए सेनाध्यक्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम जैसी आधुनिकतम तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में भी काम करते रहे हैं। वह सोमालिया में रहे और सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया।
इसके साथ ही भारतीय सेना में पहली बार एक साथ पढ़ चुके दो अधिकारी सेना की दो अलग-अलग शाखाओं का नेतृत्व कर रहे हैं। दरअसल लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी क्लासमेट रह चुके हैं। दोनों 1970 के दशक की शुरुआत में 5वीं कक्षा में एक साथ पढ़े थे। तब जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था।

 

इतिहास में पहली बार दो क्लासमेट के हाथ में होगी सेना की कमान, एडमिरल त्रिपाठी के बाद अब आर्मी चीफ की कमान संभालेंगे उपेंद्र द्विवेदी
Posted Date : 30-Jun-2024 10:45:35 pm

इतिहास में पहली बार दो क्लासमेट के हाथ में होगी सेना की कमान, एडमिरल त्रिपाठी के बाद अब आर्मी चीफ की कमान संभालेंगे उपेंद्र द्विवेदी

नई दिल्ली । भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी आज से सेना प्रमुख का अपना नया पदभार संभालेंगे। इसमें खास बात यह है कि इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब दो क्लासमेट अपने-अपने सेनाओं के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे। बता दें, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी आर्मी और नेवी के चीफ होंगे। जानकारी के मुताबिक नौसेना चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और नामित सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा में 5वीं क्लास में एक साथ पढ़ते थे।
स्कूल टाइम से ही इन दोनों लोगों में काफी अच्छी दोस्ती है। वहीं सेना के अलग-अलग अंगों में जिम्मेदारी संभालने के बावजूद यह लोग हमेशा संपर्क में रहे। जानकारी के मुताबिक इनके रोल नंबर भी आसपास ही थे। जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी का 938 था।
जानकारी के मुताबिक एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि सेना में अधिकारियों के बीच मजबूत दोस्ती सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल को और मजबूत करती है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दो छात्रों को ट्रेनिंग देने का यह सम्मान, जो 50 साल बाद अपनी-अपनी सेनाओं का प्रमुख बनेंगे, रीवा के सैनिक स्कूल को जाता है। बता दें कि दोनों क्लासमेट की जॉइनिंग भी लगभग एक ही समय पर हुई हैं। एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने एक मई को नेवी की कमान संभाली थी। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी आज आर्मी चीफ की अपनी नई जिम्मेदारी को संभालेंगे। उपेंद्र द्विवेदी जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे, जो रिटायर होने वाले हैं।

 

नए कानूनों के लिए मध्य प्रदेश पूरी तरह तैयार
Posted Date : 30-Jun-2024 10:44:55 pm

नए कानूनों के लिए मध्य प्रदेश पूरी तरह तैयार

भोपाल । देश की कानून और न्याय व्यवस्था के लिए एक जुलाई इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली तारीख है। सोमवार से देश में तीन नए कानून अमल में आ रहे हैं। इन कानूनों को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए मध्य प्रदेश पूरी तरह तैयार है।
आईपीसी की 511 धाराओं की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में 358 धाराएं होंगी। इसमें 21 नए अपराध जुड़े हैं और 41 धाराओं में सजा बढ़ाई गई है। इसके अलावा पहली बार छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा जोड़ी गई है।
इसी तरह सीआरपीसी के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) अस्तित्व में आ रहा है। नए कानूनों को अमल में लाने और लागू करने के लिए पुलिस बल को सबसे ज्यादा सक्षम बनाने की जरूरत है।
यही कारण है कि मध्य प्रदेश में छह महीने में पुलिस बल और विवेचकों को इसके लिए तैयार किया गया है। इस दौरान इन तीनों कानूनों के बारे में पुलिस बल और विवेचकों को प्रशिक्षित किया गया है। अब तक 60 हजार पुलिस जवानों और अधिकारियों के अलावा 31 हजार विवेचकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
राज्य की पुलिस प्रशिक्षण शाखा ने तीन सौ से ज्यादा मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया है और इनके माध्यम से पुलिस मुख्यालय से लेकर थानों और चौकियों तक के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। नए कानूनों से लोगों को अवगत कराने और उनमें जागरूकता लाने के मकसद से कार्यशालाएं हुईं, सेमिनार हुए और सामूहिक चर्चा हुई।
इसके अलावा सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया गया है, शॉर्ट फिल्में तक बनाई गई हैं। इतना ही नहीं पुलिस विभाग की ओर से पोस्टर भी जारी किए गए हैं। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने भी इस कानून की तैयारी और प्रशिक्षण पर पूरी नजर रखी, साथ ही निर्देश दिए।
नए कानूनों की विस्तृत जानकारी पुलिस थाने के अलावा पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर भी उपलब्ध रहेगी। जिस दिन यह कानून लागू होने वाले हैं। उस दिन एक जुलाई को सभी थानों में विशेष कार्यक्रम होंगे और आमजन को अवगत कराया जाएगा।

 

गूगल मैप के कारण नदी में पहुंच गई कार, बाल-बाल बचे 2 युवक
Posted Date : 30-Jun-2024 10:44:30 pm

गूगल मैप के कारण नदी में पहुंच गई कार, बाल-बाल बचे 2 युवक

केरल । केरल के उत्तरी कासरगोड जिले में ‘गूगल मैप्स’ का उपयोग करके अस्पताल का रास्ता खोजना दो युवकों को महंगा पड़ गया। गूगल मैप में रास्ता देखने की वजह से उनकी कार को उफनती नदी में पहुंच गए। कार अचानक पानी की धारा में बहने लगी और बाद में नदी के किनारे एक पेड़ में फंस गई। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने उनकी जान बचाई।
रविवार को सोशल मीडिया पर इसका वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पल्लांची में उफनती नदी से दमकल कर्मी उन्हें सुरक्षित बाहर निकालते हुए दिखाई दे रहे हैं। जब उनकी कार पानी के तेज बहाव में बहकर एक पेड़ में फंस गई तो उन्होंने किसी तरह गाड़ी से निकलकर दमकलकर्मियों को अपनी लोकेशन के बारे में जानकारी दी। बाद में, अग्निशमन दल के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और रस्सियों की मदद से दोनों व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
बचाए गए युवकों ने बताया कि वे पड़ोसी राज्य कर्नाटक के एक अस्पताल जा रहे थे, जिसके लिए ‘गूगल मैप्स’ का उपयोग करके आगे बढ़ रहे थे। युवकों में से एक अब्दुल रशीद ने बताया कि ‘गूगल मैप्स’ से उन्हें आगे एक संकरी सडक़ होने का पता चला, जिसके बाद वे अपनी कार लेकर गए। लेकिन वह दरअसल एक नदी थी। पिछले साल केरल में 29 वर्षीय एक डॉक्टर की इसी तरह से मौत हो गई थी, जब वह गूगल मैप के सहारे रास्ता देख रहा था और पेरियार नदी के बीचों बीच पहुंच गया था।
गूगल मैप्स एक वेब सर्विस है जो दुनिया भर के भौगोलिक क्षेत्रों और स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। पारंपरिक सडक़ मानचित्रों के अलावा, ‘गूगल मैप्स’ कई स्थानों के हवाई और उपग्रह तस्वीर भी देता है। उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, वाहन की हेडलाइट की मदद से हमें लगा कि हमारे सामने कुछ पानी है, लेकिन हम यह नहीं देख पाए कि दोनों तरफ नदी थी और बीच में एक पुल था।

 

अंतरिक्ष से सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर इसरो चीफ ने दी शुभ समाचार
Posted Date : 30-Jun-2024 10:44:13 pm

अंतरिक्ष से सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर इसरो चीफ ने दी शुभ समाचार

ऩई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (इसरो) की वापसी को लेकर अच्छी खबर दी है। उन्होंने कहा है कि उनकी वापसी चिंताजनक मुद्दा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि अंतरिक्ष स्टेशन लोगों के लिए लंबे समय तक रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान है। सुनीता विलियम्स महीनों तक अंतरिक्ष में रह सकती हैं।
इसरो चीफ ने कहा, यह केवल सुनीता विलियम्स या किसी अन्य अंतरिक्ष यात्री की बात नहीं है। उन्हें किसी न किसी दिन वापस आना ही है। पूरा मुद्दा बोइंग स्टारलाइनर नामक एक नए क्रू मॉड्यूल के परीक्षण, वहां जाने और फिर सुरक्षित वापस आने की क्षमता के बारे में है। स्पेस एजेंसी के पास उन्हें घर वापस लाने के लिए पर्याप्त क्षमताएं हैं। यह कोई मुद्दा नहीं है। आईएसएस लोगों के लिए लंबे समय तक रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान है।
नासा के दो अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर और सुनीता विलियम्स 14 जून को वापस लौटने वाले थे। हालांकि, बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में कई समस्याएं आ चुकी हैं। इस वजह से उनकी वापसी में कई बार देरी हो चुकी है। सोमनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के बारे में चिंता करने के बजाय, एक नए क्रू मॉड्यूल के परीक्षण और अंतरिक्ष में यात्रा करने की इसकी क्षमता पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने विलियम्स की नए अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान भरने के साहस के लिए भी प्रशंसा की।

 

नीट पेपर लीक : गुजरात में सीबीआई ने जय जलाराम स्कूल के चेयरमैन को हिरासत में लिया
Posted Date : 30-Jun-2024 10:43:41 pm

नीट पेपर लीक : गुजरात में सीबीआई ने जय जलाराम स्कूल के चेयरमैन को हिरासत में लिया

अहमदाबाद । नीट (यूजी) पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंचमहल जिले के जय जलाराम स्कूल के चेयरमैन दीक्षित पटेल को शनिवार देर रात हिरासत में ले लिया। दीक्षित पटेल को हिरासत में लेने के बाद गोधरा सिविल अस्पताल में उनका मेडिकल कराया गया। नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क में होने के संदेह के आधार पर सीबीआई ने दीक्षित पटेल के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
इससे पहले 27 जून को नीट में धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने दीक्षित पटेल से पूछताछ की थी। इसके अलावा सीबीआई ने कुछ छात्रों के परिजनों के भी बयान दर्ज किए। नीट पास कराने के लिए 10 लाख रुपये की ठगी के मामले में जय जलाराम स्कूल के प्रिंसिपल और एक शिक्षक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि नीट में गड़बड़ी करने के आरोप में गुजरात पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद ढाई करोड़ रुपए के मनी ट्रेल की बात सामने आई थी। पुलिस के मुताबिक, छात्रों से पैसे लेकर नीट परीक्षा पास कराने का गोरखधंधा चल रहा था।
पिछले महीने पंचमहल जिले के कलेक्टर को मिली सूचना के आधार पर गोधरा के जय जलाराम स्कूल के नीट परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया गया। इस दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि बच्चों से पैसे लेकर परीक्षा पास कराने का खेल हुआ है।
पुलिस की जांच के अनुसार, इस सेंटर पर परीक्षा देने वाले कई उम्मीदवार नकल माफिया के संपर्क में थे। ऐसे छात्रों से 10-10 लाख रुपए लिए जाने की बात भी सामने आई।