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श्रीलंका ने मारे गए और लापता पत्रकारों के लिए न्याय की मांग की
Posted Date : 26-Jan-2019 7:44:44 am

श्रीलंका ने मारे गए और लापता पत्रकारों के लिए न्याय की मांग की

कोलंबो,25 जनवरी । श्रीलंका में मारे गए और लापता हुए पत्रकारों के संबंधियों, सांसदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर सरकार से हत्या एवं अपहरण की इन घटनाओं की जांच तेज करने की मांग की है। रैली के एक आयोजक फ्रेड्डी गैमेज ने कहा कि चार साल सत्ता में होने के बावजूद मौजूदा सरकार ‘‘पत्रकारों पर हमलों के जिम्मेदार लोगों को सजा देने के अपने वादे का पूरा करने में नाकाम रही है’’। 2015 में सत्ता में आए देश के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने सजा माफी की संस्कृति को समाप्त करने और मारे गए पत्रकारों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का वादा किया था। पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल में पत्रकारों की हत्या, उनके अपहरण और उत्पीडऩ की कई घटनाएं सामने आई थीं। गैमेज ने कहा कि 2006 से 2015 के बीच 44 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए। उन्होंने कहा, ‘‘केवल दो या तीन मामलों में जांच शुरू की गई है लेकिन अभी तक कोई भी जांच पूरी नहीं हुई है और अपराधियों को सजा नहीं हुई है।’’ सांसद अजीत परेरा ने कहा कि पत्रकारों पर हमले की घटनाओं को प्राधिकारियों ने पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को शर्म आनी चाहिए कि अभी तक किसी भी अपराधी को सजा नहीं मिली है।’’ इस बीच पत्रकार प्रगीत एकनेलिगोडा की पत्नी संध्या एकनेलीगोडा ने राष्ट्रपति के कार्यालय के बाहर बृहस्पतिवार को धरना प्रदर्शन किया। प्रगीत का नौ साल पहले 24 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था।

सरकार की ई-नाम से 22 हजार मंडियों को जोडऩे की योजना
Posted Date : 24-Jan-2019 1:04:11 pm

सरकार की ई-नाम से 22 हजार मंडियों को जोडऩे की योजना

नई दिल्ली ,24 जनवरी । केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सरकार देश भर के साप्ताहिक और सप्ताह में दो बार लगने वाले अस्थायी बाजारों सहित सभी 7,500 कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) को वर्ष 2021-22 तक कृषि जिंसों के केन्द्रीकृत आनलाइन उपभोक्ता जिंस व्यापारिक मंच (ई-नाम) के साथ जोडऩे की योजना बना रही है। 
केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक समारोह में कहा कि पहले से ही देश की 585 मंडियों को ई-नाम के साथ जोड़ा जा चुका है और वित्तवर्ष 2020 तक हम इसके साथ देश भर में 400 अन्य मंडियों को जोड़ देंगे। इसके बाद आनलाइन एपीएमसी की कुल संख्या 1,000 हो जायेगी। इसके अलावा देश भर में कृषि एवं गैर-कृषि जिंसों में कारोबार करने वाली करीब 14,500 तात्कालिक या अस्थायी मंडियां हैं जिन्हें कृषि मंत्रालय ई-नाम के साथ जोडऩा चाहती है। सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पहले से ही 585 मंडियां ई-नाम से सम्बद्ध हैं और हम वर्ष 2022 तक 22,000 मंडियों को इससे जोडऩे की योजना बना रहे हैं। सिंह ने कहा कि यह वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक कदम और आगे होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र को विकसित करने और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। उन्होंने कहा, ष्उत्पादन लागत कम करने, किसानों की उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने, अपव्यय रोकने और आय के वैकल्पिक स्रोतों को सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों को निर्णायक तरीके से देखा जा रहा है। मंत्री ने कहा कि अगर सरकार, उद्योग और किसान एक साथ काम करें तो कई चुनौतियों को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग के साथ काम कर रही है ताकि किसानों को उनके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके। हालांकि, समर्थन की गति में तेजी लाने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि देश में किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए योजनायें बनाने और लागू करने के लिए 2014 से 19 के बीच कृषि मंत्रालय का बजट आवंटन 2,11,694 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

जेटली अमेरिका के अस्पताल में भर्ती, गोयल को दिया प्रभार
Posted Date : 24-Jan-2019 1:02:20 pm

जेटली अमेरिका के अस्पताल में भर्ती, गोयल को दिया प्रभार

0-पीयूष गोयल पेश करेंगे अंतरिम बजट
नई दिल्ली ,24 जनवरी । रेल मंत्री पीयूष गोयल को केंद्रीय वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वह केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में मंत्रालय और विभाग से संबंधित उनकी जिम्मेदारी को देखेंगे। जेटली 14 मई 2018-23 अगस्त 2018 की तरह बिना विभाग के केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे। इससे पहले भी पीयूष गोयल यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अब गोयल ही संसद में अंतरिम बजट-2019 को पेश करेंगे। 
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार अस्थायी रूप से गोयल को सौंपा गया है। गोयल के पास पहले से जो मंत्रालय हैं वह उसका कामकाज भी देखते रहेंगे। भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को एक फरवरी को अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करना है। इसके अलावा जेटली को उनके इलाज तक बिना पोर्टफोलियो वाला मंत्री बनाया गया है। स्वस्थ होने के बाद जेटली फिर से वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे पहले पिछले साल मई में भी गोयल को दोनों मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। उस समय जेटली का गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था। गोयल ने 100 दिन तक जेटली की अनुपस्थिति में इन मंत्रालयों का प्रभार संभाला था। जेटली पिछले साल 23 अगस्त को काम पर लौट आए थे और उन्होंने वित्त और कॉरपोरेट मंत्रालयों की जिम्मेदारी फिर संभाल ली थी।  
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का मंगलवार को न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में आपरेशन हुआ। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि चिकित्सकों ने जेटली को दो सप्ताह आराम करने की सलाह दी है। जेटली (66 वर्ष) 13 जनवरी को अमेरिका गए थे। सूत्रों ने कहा कि इस सप्ताह ही उनकी ‘सॉफ्ट टिश्यू’ कैंसर के लिए जांच की गई थी। इस दौरान भी जेटली सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे। फेसबुक पर पोस्ट लिखने के अलावा उन्होंने मौजूदा मुद्दों पर ट्वीट भी किए। इससे पहले पिछले साल 14 मई को जेटली का एम्स में गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था। उसके बाद से वह विदेश नहीं गए थे। इसी महीने जेटली को आगामी आम चुनाव के लिए भाजपा का प्रचार प्रमुख बनाया गया था। 
दो सप्ताह आराम की सलाह
सूत्र बताते हैं कि ऑपरेशन की अनिवार्यता को देखते हुए चिकित्सकों ने इसे जरूरी समझा। न्यूयॉर्क के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे अरुण जेटली को चिकित्सकों ने दो सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी है। जेटली 13 जनवरी 2019 से ही चिकित्सीय जांच और निदान के सिलसिले में अमेरिका में हैं। डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार समझा जा रहा है कि वह फरवरी 2019 के दूसरे सप्ताह में ही भारत आ सकेंगे।  

जस्टिस सीकरी ने सीबीआई अंतरिम निदेशक मामले की सुनवाई से खुद को किया अलग
Posted Date : 24-Jan-2019 1:00:02 pm

जस्टिस सीकरी ने सीबीआई अंतरिम निदेशक मामले की सुनवाई से खुद को किया अलग

नयी दिल्ली ,24 जनवरी । सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए के सीकरी ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किये जाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को गुरुवार को अलग कर लिया। जस्टिस ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध की है। दूसरी पीठ अब इस मामले की सुनवाई करेगी। जैसे ही मामला सुनवाई के लिये आया न्यायमूर्ति सीकरी ने गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे को बताया कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते और खुद को इससे अलग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, आप मेरी स्थिति समझते हैं, मैं इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकता। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति सीकरी सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा को पद से हटाने वाली उच्च अधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा थे।

लोकसभा चुनाव में बैलट पेपर्स की तरफ नहीं लौटेंगे
Posted Date : 24-Jan-2019 12:58:39 pm

लोकसभा चुनाव में बैलट पेपर्स की तरफ नहीं लौटेंगे

0-ईवीएम विवाद पर सीईसी ने कहा
नई दिल्ली ,24 जनवरी । ईवीएम हैकिंग विवाद के 3 दिन बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने साफ कहा कि वापस बैलट पेपर्स से चुनाव नहीं कराए जाएंगे। दिल्ली में आज एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम वापस बैलट पेपर्स के दौर में नहीं लौट रहे हैं। आपको बता दें कि हाल ही में लंदन में हैकथॉन के दौरान एक कथित साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया था कि वह ईवीएम डिजाइन टीम के सदस्य थे और भारत में इस्तेमाल हो रही ईवीएम को हैक कर सकते हैं।
सैयद शुजा ने यह भी दावा किया था कि 2014 के लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को खत लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की, जिस पर संसद मार्ग थाने ने एफआईआर दर्ज कर ली। वहीं, विपक्षी दलों की ओर से भी बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग ने जोर पकड़ लिया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल लगातार बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
इस पर आज सुनील अरोड़ा ने कहा कि हम ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल जारी रखेंगे। उन्होंने आगे कहा, हम किसी भी पक्ष जिसमें राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं, की आलोचना और फीडबैक का स्वागत करते हैं। सुनील अरोड़ा ने यह भी कहा कि हम इन सबसे डरने या परेशान होने वाले नहीं हैं और ऐसे में बैलट पेपर्स का दौर फिर से नहीं लौटेगा।
आपको बता दें कि ताजा विवाद से कुछ दिन पहले ही देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। दरअसल, कुछ विपक्षी दल चुनाव आयोग से 2019 का लोकसभा चुनाव ईवीएम की बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सीईसी ने कहा था, हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे और मुझे विश्वास है कि हम एक विश्वसनीय, निष्पक्ष, तटस्थ और नैतिक चुनाव कराने में सफल होंगे।

ट्रेन-18 के ट्रायल में हुआ बड़ी खामियों का खुलासा
Posted Date : 24-Jan-2019 12:56:04 pm

ट्रेन-18 के ट्रायल में हुआ बड़ी खामियों का खुलासा

0-अब दो बार और किया जाएगा परीक्षण
नई दिल्ली ,24 जनवरी । देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन टी-18 के ट्रायल के दौरान कई बड़ी खामियों का खुलासा है। जानकारी के अनुसार उत्तर रेलवे ने इसके ट्रायल के दौरान 8 कोच खाली और 8 में यात्रियों का जितना वजन लादकर इसका ट्रायल रन कराया है, वह बिल्कुल गलत था। जबकि यह ट्रेन एक बार पूरी तरह से खाली और दूसरी बार पूरी तरह से भरी हुई दौडऩी चाहिए थी। अगर टी-18 ट्रैक पर पूरी तरह से खाली दौड़ती है, तो क्या यह पटरी से तो नहीं उतर जाएगी और अगर यह पूरी तरह से यात्रियों से भरी चलाई जाती है, तो क्या फिर भी यह अपनी स्पीड को अच्छे से मेंटेन कर पाएगी या नहीं?
टी-18 के अभी कम से कम 2 ट्रायल रन और कराए जाएंगे। इसके बाद ही इसे दिल्ली से वाराणसी के बीच दौडऩे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ग्रीन सिग्नल दिलाया जाएगा। हालांकि, टी-18 के ट्रैक पर कर्मशल दौड़ लगाने की डेट के बारे में अभी तक कोई अंतिम डेट फाइनल तो नहीं की गई है। लेकिन रेलवे बोर्ड से मिले ताजा संकेत बताते हैं कि यह ट्रेन 15 से 18 दिनों के अंदर अपनी सेवाएं देना शुरू कर देगी।
रेलवे सूत्रों से टी-18 के बारे में मिली और कई जानकारियों में पता लगा है कि कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से पहले 21 आपत्तियां और सुझाव दिए हैं। इनमें मोटे तौर पर सीआरएस ने नॉर्दर्न रेलवे से पूछा है कि आपने जब इस ट्रेन का ट्रायल रन किया, तो इसके आधे कोच खाली और आधे भरे हुए तो रखे गए, लेकिन क्या आपने इसे एक बार पूरी तरह से खाली और दूसरी बार पूरी तरह से भरकर ट्रायल किया? जवाब नहीं में मिलने पर सीआरएस ने कहा है कि इस तरह का ट्रायल भी होना चाहिए।
इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट की भी जरूरत 
यह भी पूछा गया कि जब इसके तमाम ट्रेन मेट्रो की तरह से ऑटोमैटिक हैं, तो क्या यह देखा गया कि अगर आपात स्थिति में इन गेटों को मैनुअली खोलकर यात्रियों को बाहर निकालना पड़ा तो क्या इसके तमाम कोच के गेट यात्री अपने आप से खोल भी पाएंगे या नहीं? चूंकि टी-18 में मेटल का इस्तेमाल अधिक से अधिक हुआ है, तो इसके बारे में यह भी कहा गया है कि क्या इसके तमाम कोच का इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट कराया गया। यह बेहद जरूरी है, क्योंकि इस ट्रेन के तमाम कोच में हाई पावर 25 केवी करंट वाली केबिल पड़ी है। इसलिए इसके प्रत्येक कोच का यात्रियों को करंट ना लगे इसके लिए सेफ्टी ऑडिट जरूरी है।
वाराणसी से दिल्ली के ट्रैक पर कराई जाए फेंसिंग 
सीआरएस ने यह भी कहा है कि टी-18 के लगभग प्रत्येक कोच में यह भी देखना होगा कि इमरजेंसी के वक्त इस ट्रेन से अगर यात्रियों को बाहर निकालना पड़ा तो क्या इसमें समुचित इमरजेंसी एग्जिट गेट का इंतजाम हैं भी या नहीं। ट्रेन को दौड़ाने से पहले यह भी कहा गया है कि अगर इसकी स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटे से उपर रखनी होगी तो यह जरूरी है कि दिल्ली से वाराणसी के बीच ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग की जाएं। नहीं तो ट्रैक के बीच में किसी के आ जाने से ना केवल उसकी जान जाएगी, बल्कि ट्रेन में बैठे सैकड़ों यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में बिना फेंसिंग के इस ट्रेन को मौजूदा शताब्दी जितनी स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही दौड़ाने का सुझाव दिया गया है।
रेलवे क्रॉसिंग को पूरी तरह खत्म करने की सलाह 
हालांकि, 180 किलोमीटर प्रति घंटे से नीचे 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच टी-18 को दौड़ाने पर कुछ मसलों पर आवश्यक काम करके दौड़ाने पर सहमति बन सकती है। टी-18 के लिए सिग्नल और रेडियो फ्रीच्ेंसी के बीच एक बार फिर से ट्रायल करने को भी कहा गया है। इसके अलावा रेलवे क्रॉसिंग को पूरी तरह से खत्म करने और पटरियों को ग्राइंड करने की सलाह भी दी गई है। यह भी बताया जा रहा है कि टी-18 वाराणसी से इलाहाबाद के बीच प्रवासी भारतीयों को भी अपनी सेवाएं दे सकती है।