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मर्डर नहीं गुस्से में गैर-इरादतन हत्या
Posted Date : 27-Jan-2019 12:29:12 pm

मर्डर नहीं गुस्से में गैर-इरादतन हत्या

वेश्या कहने पर पति की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पति ने अपनी पत्नी को वेश्या संबोधित किया और इस कारण गुस्से में पत्नी ने उसकी हत्या कर दी। कोर्ट ने इसे हत्या का नहीं बल्कि गैर इरादतन हत्या का केस माना। पति की हत्या के मामले में पत्नी और उसके पड़ोसी को गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए 10-10 साल कैद की सजा सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पति ने पत्नी को वेश्या कहा था इस कारण एकाएक गुस्से में आकर पति पर महिला ने पड़ोसी के साथ मिलकर अटैक किया और गला घोंटकर मार दिया।
हमारे समाज में महिला बर्दाश्त नहीं कर सकती कि पति वेश्या कहे- अदालत ने कहा कि हमारे समाज में कोई महिला इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सकती कि उसका पति उसे वेश्या कहे और इस तरह इस मामले में हुई वारदात एकाएक गुस्से में आकर की गई वारदात है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को इस कारण गैर इरादतन हत्या करार दिया। निचली अदालत और हाई कोर्ट ने मामले में महिला और उसके पड़ोसी को हत्या मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम शांतनागौड़ा और जस्टिस दिनेश महेश्वरी ने मामले को हत्या नहीं बल्कि गैर इरादतन हत्या करार दिया। 
पति को पत्नी और बेटी की निष्ठा पर शक था- सुप्रीम कोर्ट के सामने आए तथ्य के मुताबिक आरोप था कि आरोपी महिला का अपने पड़ोसी से अवैध संबंध थे। महिला के पति को अपनी पत्नी की निष्ठा पर शक था साथ ही उसे अपनी बेटी पर भी शक था। घटना वाले दिन महिला का पति से झगड़ा हुआ था। महिला को उसके पति ने गुस्से में वेश्या कहा और कहा कि उसने अपनी बेटी को भी वेश्या बना दिया है। पहले फ्लोर पर रह रहा पड़ोसी भी लड़ाई सुनकर वहां आ गया और उसने इस दौरान महिला के पति को थप्पर मारे। इसके बाद महिला और उसके पड़ोसी ने उसका गला घोंट दिया। फिर दोनों ने डेडबॉडी जला दी। ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट ने महिला और उसके पड़ोसी को हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। 
हत्या नहीं गैर इरादतन हत्या का मामला- सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गैर इरादतन हत्या करार दिया और कहा कि यह मामला अपवाद में आएगा। वारदात एकाएक गुस्से में आकर की गई। मृतक ने अपनी पत्नी और बेटी को वेश्या कहा था और इसी कारण महिला को गुस्सा आया और गुस्से में महिला और उसके पड़ोसी ने आदमी का गला घोंट दिया। यह सब चंद मिनट में हो गया। महिला और उसकी बेटी को मृतक ने वेश्या कहा था और इस कारण अपने आप पर दोषियों का काबू नहीं रहा। सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने कहा, हमारे समाज में कोई भी महिला इस बात को हजम नहीं कर सकती कि उसका पति उसे वेश्या कहे। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत और हाई कोर्ट के फैसले में बदलाव किया और हत्या (आईपीसी की धारा-302) के बदले गैर इरादतन हत्या (धारा-304) मामले में दोषी करार दिया और 10 साल कैद की सजा सुनाई।

 

गणतंत्र दिवस पर पहली बार कई नए हथियारों का प्रदर्शन
Posted Date : 27-Jan-2019 12:28:30 pm

गणतंत्र दिवस पर पहली बार कई नए हथियारों का प्रदर्शन

नई दिल्ली । इस बार का गणतंत्र दिवस कई मायनों में खास रहा। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर भारत का पराक्रम और ताकत देखने को मिला। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित झांकियों ने भी सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इस बार आर्मी में शामिल किए गए नए हथियारों के अलावा महिला अर्द्धसैनिक बल द्वारा मार्च पहली बार मार्च किया गया। इसके अलावा पुरुष टीमों का नेतृत्व भी महिला ऑफिसरों ने ही किया। बोफोर्स के आने के 30 साल बाद पहली बार आर्मी एम777 और के9 वज्र का प्रदर्शन रिपब्लिक डे परेड में किया गया।
पहली बार परेड में आर्मी ने अपनी नई आर्टिलरी का प्रदर्शन किया। पिछले साल ही अमेरिका से लाई गई एम777 ए2 अल्ट्रा लाइट होवित्सर भी इस परेड में देखने को मिली। इसके अलावा भारत में ही बनी के9 वज्र का प्रदर्शन भी किया गया, इसका निर्माण एल ऐंड टी ने पीएम मोदी के मेक इन इंडिया के तहत किया था।
एम777 एक 155एमएम आर्टिलरी गन है, जिसकी अधिकतम रेंज 30 किलोमीटर है। यह बंदूक अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल की गई थी। 2017 में भारत और अमेरिका के बीच 5000 करोड़ रुपये की लागत से 145 होवित्सर खरीद की डील हुई थी। वहीं दूसरी तरफ के9 वज्र दक्षिण कोरियाई आर्टिलरी गन है। एल ऐंड टी इस गन टेक्नॉलजी को दक्षिण कोरिया से लाई है। कंपनी ने 4500 करोड़ रुपये में 100 यूनिट की सप्लाई की है।
डीआरडीओ के दो डिफेंस प्रॉजेक्ट- मध्यम दूरी की सर्फेस टु एयर मिसाइल और अर्जुन आर्म्ड रिकवरी ऐंड रिपेयर वीइकल, जिनका अभी ट्रायल चल रहा है, का भी इस परेड में पहली बार प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा सर्फेस माइन क्लीयरिंग वीइकल का भी पहली बार प्रदर्शन हुआ।
राजपथ पर फ्लाईपास्ट के दौरान, 32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने पहली बार बायो फ्यूल से उड़ान भरी। इसके अलावा नेता जी की आर्मी आईएनए का हिस्सा रहे चार व्यक्ति भी पहली बार परेड में हिस्सा लिया।
बड़े-बड़े हथियारों के अलावा परेड का मुख्य आकर्षण सेना की महिला शक्ति भी रही। पहली बार महिला अर्द्धसैनिकों की टुकड़ी परेड में हिस्सा लिया। यह टुकड़ी असम राइफल का हिस्सा है, जो देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल है। इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया।
बुधवार को फुल ड्रेस रिहर्सल के बाद मेजर खुशबू ने कहा, यह मेरे लिए काफी गर्व का क्षण है कि पहली बार परेड में हिस्सा ले रही टुकड़ी का नेतृत्व मैं कर रही हूं। देश के सबसे पुराने अर्द्धसैनिक बल ने 2015 में महिलाओं की टुकड़ी बनाई थी। 124 महिलाओं का पहला बैच अप्रैल 2016 में पास हुआ था। आज फोर्स में 220 महिला राइफल हैं। इनमें लगभग 33 प्रतिशत उत्तर पूर्वी राज्यों से हैं बाकी महिलाएं देश के बाकी हिस्सों से हैं। हालांकि असम राइफल में महिला ऑफिसर सेना से डेप्युटेशन पर आई हैं।

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दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा बने गणतंत्र दिवस परेड के साक्षी
Posted Date : 27-Jan-2019 12:27:18 pm

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा बने गणतंत्र दिवस परेड के साक्षी

नई दिल्ली । दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा देश के 70वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड के साक्षी बने। रामफोसा ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ राजपथ पर परेड का आनंद लिया। नेल्सन मंडेला के बाद भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले वह दूसरे दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति है। पिछले साल 10 आसियान देशों के नेताओं ने गणतंत्र दिवस परेड देखी थी। 2017 में अबु धाबी के वली अहद शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और 2016 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे। वहीं 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और 2014 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे समारोह के मुख्य अतिथि थे। 2013 में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक यहां पहुंचे थे। नेल्सन मंडेला 1995 में गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करने भारत आए थे।

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राजपथ पर दिखी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन की झांकी
Posted Date : 27-Jan-2019 12:26:04 pm

राजपथ पर दिखी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन की झांकी

नई दिल्ली । राजपथ पर गणतंत्र दिवस पर हर साल राज्यों की झांकी खास आकर्षण होती है। इस बार गांधीजी के जीवन और शिक्षाओं की थीम पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां निकाली गईं। विभिन्न राज्यों की इन झांकी में बापू के जीवन दर्शन और आजादी के संघर्ष की झलक दिखी। महाराष्ट्र की झांकी में अंग्रेजों भारत छोड़ो और स्वदेशी निर्माण की झलक थी तो गोवा की झांकी में सर्व धर्म समभाव की झांकी दिखी।
बापू के आदर्शों पर आधारित झांकी में भारत के ऐतिहासिक समृद्धि के साथ राष्ट्रपिता के अहिंसा, सत्य और सर्व धर्म समभाव जैसे भाव भी दिखे। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग कांड को दिखाया गया। राज्यों की इन झांकी में प्रदेशों की ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति की झलक भी देखने मिली। त्रिपुरा की झांकी में माता त्रिपुरसुंदरी की झलकी थी, तमिलनाडु की झांकी में पारंपरिक लोक-जीवन की झलक देखने मिली।
गुजरात की झांकी में नमक सत्याग्रह और बापू की मशहूर दांडी यात्रा की झलक दिखी। दांडी यात्रा की सफलता पर नाराज अंग्रेजों ने महात्मा गांधी को जेल में भी डाला था। जम्मू कश्मीर की झांकी में बापू को कश्मीर के पेड़ के नीचे विश्राम करते दिखाया गया। वहां की झांकी में लद्दाख के मठ, कश्मीर के मंदिर और मस्जिदों की झलक थी। बंगाल की झांकी में गांधी के साथ रवींद्रनाथ टैगोर भी थे। कोलकाता में बापू के उपवास और दंगाइयों के हारकर अहिंसा के रास्ते पर चलने के दृश्य को दिखाया गया। कर्नाटक की झांकी में कांग्रेस के बेलगाव में हुए 39वें सम्मेलन की झलक दिखी।
मंत्रालयों की झांकी में बापू की झलक 
राज्यों के साथ ऊर्जा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, भारतीय कृषि मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों की झांकी में भी बापू के जीवन की झलक देखने को मिली। राज्यों और मंत्रालयों की झांकियों के दौरान संबंधित मंत्रियों ने भी खड़े होकर अपने विभाग का उत्साह बढ़ाया। लोकनिर्माण विभाग की झांकी में विश्व शांति का संदेश दिया गया।
रेलवे की झांकी में दिखा बापू का जीवननामा 
रेल मंत्रालय की तरफ से झांकी में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंग को दिखाया गया। झांकी का सार था मोहन से महात्मा। झांकी में दक्षिण अफ्रीका में रेल के डिब्बे में जब बापू को रंगभेद का शिकार होना पड़ा था, उसका दृश्य था। साथ ही महात्मा गांधी ने आजादी आंदोलन के दौरान रेलवे का प्रयोग देश भर की यात्रा के लिए किया।
इसकी झांकी भी थी।

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नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न
Posted Date : 26-Jan-2019 8:00:20 am

नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न

नई दिल्ली ,25 जनवरी । गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) और डॉ. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा। तीनों ही नाम काफी बड़े हैं। नानाजी देशमुख ने अपनी जीवन समाजसेवा में समर्पित कर दिया। ग्रामीण विकास में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। मशहूर लोक गायक भूपेन हजारिका असम से ताल्लुक रखते हैं। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर असम राज्य के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था।
प्रणब मुखर्जी का नाम काफी चौंकाने वाला है। राष्ट्रपति बनने से पहले वह करीब पांच दशक तक कांग्रेस पार्टी में रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तीनों हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने पर खुशी जाहिर की है। प्रणव मुखर्जी के बारे में उन्होंने ट्वीट कर कहा, प्रणव दा हमारे समय के उत्कृष्ट राजनेता हैं।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर समेत 30 जगह सीबीआई का छापा
Posted Date : 26-Jan-2019 7:58:56 am

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर समेत 30 जगह सीबीआई का छापा

0-भूमि घोटाले मामला
चंडीगढ़ ,25 जनवरी । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक स्थित आवास पर सीबीआई ने शुक्रवार सुबह छापा मारा है। सूत्रों के मुताबिक कार्रवाई अभी जारी है और भूपेंद्र हुड्डा भी घर के अंदर ही मौजूद हैं। सीबीआई अधिकारी किसी को भी घर के अंदर या वहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। सीबीआई की टीमें दिल्ली-एनसीआर में एक साथ 30 से अधिक जगहों पर छापे मार रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक यह मामला 2009 में भूमि आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा मालूम होता है। उन्होंने बताया कि ऐसे आरोप हैं कि तत्कालीन हरियाणा सरकार की तरफ से 2009 में गुडग़ांव में किए गए 1,417 एकड़ जमीन के अधिग्रहण में जबर्दस्त गड़बडिय़ां हुई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ एक नया मामला भी दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि 2009 में गुडग़ांव में भूमि आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर यह मामला दर्ज किया गया है। 
बता दें कि सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। यही नहीं हाल ही में हरियाणा के राज्यपाल नारायण आर्य ने बहुचर्चित एजेएल मामले में सीबीआई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री पर एजेएल को उसके अखबार नैशनल हेरल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन अलॉट करने का आरोप है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने साल 2016 में यह मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था।
बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले हुड्डा के शासनकाल को मुद्दा बनाया था और सत्ता हासिल करते ही विभिन्न मामलों की जांच करवाई। इनमें एजेएल का मामला भी था। मामले पर बीजेपी सरकार ने विजिलेंस विभाग को मई 2016 को जांच सौंपी थी। मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर दर्ज हुआ था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री इसलिए निशाने पर आए क्योंकि मुख्यमंत्री प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष होते हैं। 
ऐसे किया गया जमीन आवंटन में खेल 
आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने 28 अगस्त 2005 को पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल को पंचकूला में जमीन का आवंटन बहाल किया। यह जमीन एजेएल को 30 अगस्त 1982 में आवंटित की गई थी। शर्त यह थी कि कंपनी छह महीने में जमीन पर कंस्ट्रक्शन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो 30 अक्टूबर 1992 को पंचकूला के संपदा अधिकारी ने जमीन रिज्यूम कर ली। साथ ही 10 फीसदी राशि में कटौती कर बाकि राशि 10 नवंबर 1995 को लौटा दी गई। इसका एजेएल ने विरोध किया और राजस्व विभाग के पास अपील की। यहां भी एजेएल को राहत नहीं मिली।
आरोप है कि एजेएल को साल 2005 में हुड्डा के मुख्यमंत्रित्वकाल में बड़ी राहत उस समय मिल गई जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन होने के नाते तब के मुख्यमंत्री हुड्डा ने एजेएल को यह जमीन दोबारा से अलॉट करवाने का रास्ता तैयार कर दिया। बताया जाता है कि तब हुड्डा के तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने तर्क दिया था कि पुरानी कीमत पर जमीन को आवंटित करना संभव नहीं है। बावजूद 28 अगस्त 2005 को पंचकूला की जमीन 1982 की दर पर ही एजेएल को अलॉट हो गई।