नई दिल्ली ,24 जून । सरकार ने ‘अन्य सेवा प्रदाताओं’ (ओएसपी) के लिए दिशानिर्देशों को उदार बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम भारत को वॉयस बीपीओ के लिए एक मजबूत वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। इसके जरिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ओएसपी के बीच का अंतर खत्म कर दिया गया है। प्रधाममंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि साझा दूरसंचार संसाधनों वाले बीपीओ केंद्र अब भारत सहित दुनिया भर में स्थित ग्राहकों की सेवा करने में सक्षम होंगे। दिशानिर्देशों को सरल बनाए जाने से बीपीओ कंपनियों के लिए लागत में कमी आएगी और साधनों का बेहतर उपयोग होगा।
संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां यह घोषणा करते हुए इसे क्रांतिकारी क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि नई व्यवस्था के तहत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ओएसपी केंद्रों के बीच अंतर को खत्म करने के साथ ही अब सभी प्रकार के ओएसपी केंद्रों के बीच इंटरकनेक्टिविटी की अनुमति दी गई है।
उन्होंने संचार कहा, ‘‘हमने आज ओएसपी दिशानिर्देशों को अत्यधिक उदार बनाया है। यह क्रांतिकारी कदम भारत को बीपीओ के लिए एक वैश्विक गंतव्य बना देगा।’’ उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग ने अन्य सेवा प्रदाताओं (ओएसपी) के लिए दिशानिर्देशों को और अधिक उदार बनाया है। ये संस्थाएं भारत और विदेशों में वॉयस आधारित सेवाएं देने वाले बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) संगठन हैं। आज जारी दिशानिर्देशों ने नवंबर, 2020 में पहले ही घोषित और लागू किए गए प्रमुख उपायों के अतिरिक्त ओएसपी को दी गई विशेष व्यवस्था को और अधिक उदार बना दिया है।
श्री प्रसाद ने बताया कि भारत का बीपीओ उद्योग विश्व में सबसे बड़ा उद्योग है। आज भारत का आईटी-बीपीएम उद्योग 37.6 अरब डॉलर (2019-20) यानी लगभग 2.8 लाख करोड़ रुपये का है। ये देश के लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर दे रहे हैं। इसके अलावा, इसमें 2025 तक 55.5 अरब डॉलर यानी 3.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने के लिए दोहरे अंकों की वृद्धि की संभावना है।
आत्मनिर्भर भारत प्रधानमंत्री की नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख पहल है। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर की समर्पित योजना को शुरू करना और दूरसंचार उपकरण के लिए समर्पित पीएलआई योजना इस दिशा में उठाए गए कुछ कदम हैं।
इंदौर ,23 जून । सियागंज किराना बाजार में शक्कर में लिवाली रही। खाद्य तेलों में भाव मजबूत रहे। सोयाबीन रिफाइंड ऊंचा बिका। दलहन में मिलों की मांग से तेजी दर्ज की गई। आज चना तथा मसूर महंगी होकर बिकी। दाल में खरीदी सुस्त होने से भाव नरमी लिए रहे। आज मूंग मोगर सस्ती बिकी। चावल में ग्राहकी सामान्यवत चली।
किराना बाजार
शक्कर में पूछपरख रही। शक्कर में कामकाज 3370 से 3420 रुपये की रंगत पर हुआ। शक्कर में 08 गाड़ी आवक हुई। गुड़, खोपरा बूरा में भाव बने रहे। खोपरा गोला तथा साबूदाना में मांग बढ़ी बताई गई।
तेल -तिलहन
खाद्य तेल मांग से भाव मजबूती लिए रहे। आज सोयाबीन रिफाइंड महंगा बिका। तिलहन में रिफाइनरी वालों की खरीदी से सोयाबीन के साथ सरसों ऊंचे पर बनी रही।
दाल-दलहन
स्थानीय संयोगितागंज अनाज मंडी में मांग होने से दलहनो में तेजी दर्ज की गई। आज चना तथा मसूर 25 से 50 रुपये बढक़र बिकी। दाल में उठाव सुस्ती से मंदी बताई गई इससे भाव नीचे हुए। चावल में कामकाज सामान्य रहा।
नई दिल्ली ,23 जून । वित्त अधिनियम, 2021 ने आयकर अधिनियम 1961 में दो नई धाराएं 206एबी और 206सीसीए शामिल की हैं, जिसका 1 जुलाई, 2021 से प्रभावी होना तय किया गया है। इन धाराओं के तहत टैक्स रिटर्न न भरने वाले कुछ विशेष लोगो के मामले में कर कटौती या कर संग्रह ऊंची दर पर करने के लिए अधिकृत किया गया है। यह ऊंची दर दरअसल निर्दिष्ट दर से दोगुनी या 5 प्रतिशत जो भी अधिक हो, है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार इन दोनों प्रावधानों को लागू करने के लिए कर कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता के लिए खुद को संतुष्ट करने के लिए इस बारे में अतिरिक्त जांच-परख करना आवश्यक था कि भुगतान प्राप्तकर्ता/संग्रह प्राप्तकर्ता एक निर्दिष्ट व्यक्ति है या नहीं। इसके परिणामस्वरूप इस तरह के कर कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता पर अनुपालन का अतिरिक्त बोझ पड़ता। इस अनुपालन बोझ को कम करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक नई सुविधा ‘धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच’ शुरू की है। यह सुविधा पहले से ही आयकर विभाग के रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से दी जा रही है।
कर कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता दरअसल भुगतान प्राप्तकर्ता/संग्रह प्राप्तकर्ता के एकल पैन (पैन सर्च) या एक से अधिक पैन (बल्क सर्च) को फीड कर सकता है और यदि यह भुगतान प्राप्तकर्ता/संग्रह प्राप्तकर्ता एक निर्दिष्ट व्यक्ति है, तो वह इस सुविधा के माध्यम से संबंधित प्रतिक्रिया या जवाब प्राप्त कर सकता है। पैन सर्च के लिए स्क्रीन पर संबंधित प्रतिक्रिया या जवाब दिखाई देगा जिसे पीडीएफ प्रारूप में डाउनलोड किया जा सकता है। बल्क सर्च के लिए संबंधित प्रतिक्रिया या जवाब डाउनलोड करने योग्य फाइल के रूप में होगा जिसे रिकॉर्ड के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।
इस नई सुविधा के जरिए सरकार ने करदाताओं के अनुपालन बोझ को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
लखनऊ ,23 जून । उत्तर प्रदेश में इस साल अप्रैल माह से शुरू हुई खरीद में राज्य सरकार ने कुल 1288461 किसानों से 56.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। चार साल में राज्य सरकार 33 लाख से अधिक किसानों से 162.71 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर चुकी है। किसानों को 10019.56 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जो अखिलेश सरकार के वर्ष 2016-17 में 7.97 लाख मीट्रिक टन खरीद के मुकाबले लगभग 8 गुना ज्यादा है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, रबी विपणन वर्ष 2017-18 में 800646 किसानों से 36.99 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। 2018-19 में 52.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर 11,27195 किसानों को भुगतान किया। 2019-20 में 37.04 लाख मीट्रिक टन और 2020-21 में 35.76 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद की गई। वहीं सपा सरकार में वर्ष 2015-16 में 403141 किसानों से 22.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। 2016-17 में केवल 7.97 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद की गई। 2013-14 में सबसे कम केवल 6.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई।
राज्य सरकार ने 2017-18 में 6011.15 करोड़, 2018-19 में 9231.99 करोड़, 2019-20 में 6889.15 करोड़ और 2020-21 में 6885.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। जबकि अखिलेश सरकार में वर्ष 2012-13 में 6504.45 करोड़, 2013-14 में 921.96 करोड़, 2014-15 में 879.23 करोड़, 2015-16 में 3287.26 करोड़ और 2016-17 में 1215.77 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया।
खरीफ की फसल में वर्ष 2020-21 में 66.84 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर 13 लाख से अधिक किसानों को 12438.70 करोड़ रुपये भुगतान किया। 2019-20 में 706549 किसानों से 56.57 मीट्रिक टन खरीद की गई। 2018-19 में 684013 किसानों से 48.25 मीट्रिक टन और 2017-18 में 492038 किसानों से 42.90 मीट्रिक टन धान खरीदा गया।
धान खरीद में वर्ष 2012-13 में 299044 किसानों से 17.79 लाख मीट्रिक टन धान खरीद की थी। 2013-14 में 123476 किसानों से 9.07 लाख मीट्रिक टन, 2014-15 में 196044 किसानों से 18.18 लाख मीट्रिक टन, 2015-16 में 433635 किसानों से 43.43 लाख मीट्रिक टन धान खरीद ही कर पाई थी।
लखनऊ ,22 जून । ‘‘बुद्ध का प्रसाद’’ सिद्धार्थनगर का ओडीओपी उत्पाद काला नमक चावल बिक्री के लिए अब फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध होगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव, डा. नवनीत सहगल ने आज फ्लिपकार्ट पर बिक्री के लिए सिद्धार्थनगर के विश्व प्रसिद्ध कालानमक चावल के 250 किलोग्राम की पहली खेप को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। फ्लिपकार्ट पर एफपीओ कपिलवस्तु किसान निर्माता कम्पनी लिमिटेड को सिंगापुर से 250 किलो ग्राम काला नमक चावल के निर्यात का आर्डर मिला था।
इस अवसर पर डा. सहगल ने किसानों को वर्चुअल सम्बोधित करते हुए कहा कि ओडीओपी और फ्लिपकार्ट की साझेदारी नए पड़ाव पर आ गई है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर का कालानमक चावल का संबंध महात्मा बुद्ध जी है। ऐसी कहावत है कि महात्मा बुद्ध जी जब सिद्धार्थनगर से जाने लगे तब उन्होंने स्थानीय लोगों को एक चावल दिया और कहा कि लोगों इस चावल की सुगंध हमेशा उनकी याद दिलाती रहेगी। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट के माध्यम सिद्धार्थनगर के कालानमक चावल को देश-दुनिया में पहुंचा सकते हैं। इससे सिद्धार्थनगर के किसानों को चावल की अच्छी कीमत मिलेगी और गुणवत्ता में भी सुधार आयेगा।
डा0 सहगल ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत सिद्धार्थनगर में सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) निर्माणाधीन है। सीएफसी स्थापित होने के फलस्वरूप कालानमक चावल भण्डारण के लिए वातानुकूलित गोदाम, ग्रेडिंग के अधार पर विपणन के लिए पैकेजिंग सहित आवश्यक सुविधाएं मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त एक अन्य सीएफसी का निर्माण भी प्रस्तावित है। साथ ही अन्र्तराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) वाराणसी द्वारा सिद्धार्थ नगर में कालानमक शोध संस्थान की स्थापना भी कराई जायेगी। अपर मुख्य सचिव श्री सहगल ने कहा कि ओडीओपी विपणन सहायता योजना के तहत इस वर्ष लखनऊ में आयोजित हुनर हाट, वाराणसी में आयोजित जीआई प्रोडक्ट प्रदर्शनी तथा नोएडा में आयोजित नोएडा शिल्प हाट में कालानमक से जुड़े उद्यमियों की प्रतिभागिता सुनिश्चित कराई गई है। इसके साथ ही कृषि और प्रसंस्करण खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकारी (एपीडा) वाराणसी के सहयोग से एफपीओ एवं निर्यातकों के लिए गोष्ठी आदि का आयोजन कराकर कालानमक चावल के निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ओडीओपी वित्त पोषण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक 40 उद्यमियों को लाभान्वित करते हुए 86.81 लाख रुपये की मार्जिन मनी वितरित की गई है। ओडीओपी प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना के तहत 150 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। किसानों को कालानमक के प्रति जागरूक करने के लिए जिले के कालानमक उत्पादक क्षेत्रों में फील्ड डे के माध्यम जैविक विधि से कालानमक उत्पादन की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसी प्रकार जनपद के 12 विकास खण्डों में काला नमक चावल किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन किया गया है।
इस मौके पर फ्लिपकार्ट के चीफ कार्पोरेट आफिसर रजनीश कुमार ने कहा कि स्वदेशी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस होने के नाते फ्लिपकार्ट ने हमेशा से ही किसानों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करने के लिए निवेश किया है। इसी दिशा में फ्लिपकार्ट द्वारा किसानों की पहुंच बाजारों तक सुगम बनाने के मकसद से टेक्नोलॉजी के प्रयोग पर लगातार जोर देती आयी है। हम उत्तर प्रदेश का अनूठा ‘काला नमक चावल’ अपने मार्केटप्लेस पर उपलब्ध कराते हुए गर्व का अनुभव कर रहे हैं, जो कि सरकार के साथ हमारी ओडीओपी पहल के तहत् भागीदारी का हिस्सा है। हमने अपने उपभोक्ताओं और खुदरा विक्रेताओं के लिए उन्नत गुणवत्ता वाले उत्पादों को उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया है और इस प्रक्रिया में हम स्थानीय किसानों को भी बाजारों तक व्यापक पहुंच का लाभ दिलाकर तथा उपभोक्ताओं के लिए एफपीओ को भी साकार कर रहे हैं। इस लॉन्च के साथ ही, हम उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर सही मायने में लोकतांत्रिक और समावेशी कॉमर्स प्लेटफार्म स्थापित करने की दिशा में मजबूत कदम उठा रहे हैं।
कार्यक्रम में सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी दीपक मीणा, मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग सहित बड़ी संख्या में किसान सम्मिलित थे।
नई दिल्ली ,22 जून । संचार समाधान प्रदाता भारती एयरटेल और टाटा समूह ने भारत के लिए 5जी नेटवर्क समाधानों को लागू करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। कंपनियों ने कहा की टाटा समूह ने ओ-आरएएन आधारित रेडियो और एनएसए/एसए कोर अत्याधुनिक विकसित किया है। टाटा समूह और उसके भागीदारों की क्षमताओं का लाभ उठाते हुए एक स्वदेशी तकनीक को पूरी तरह से
दूरसंचार को एकीकृत किया गया है। यह जनवरी 2022 से वाणिज्यिक विकास के लिए उपलब्ध होगा।
टाटा समूह की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज(टीसीएस) को वैश्विक प्रणाली एकीकरण विशेषज्ञता है और 3जीपीपी और ओ आरएएन दोनों मानकों के लिए एंड-टू-एंड समाधान करने में मदद करती है।
एयरटेल में अपनी 5जी रोलआउट योजनाओं के हिस्से के रूप में इस स्वदेशी समाधान को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैनात करेगी और जनवरी 2022 में भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रोजेक्ट शुरू करेगी।
ये मेड इन इंडिया 5जी उत्पाद और समाधान वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं, और मानक ओपन इंटरफेस और ओ-आरएएन एलायंस द्वारा परिभाषित अन्य उत्पादों के साथ इंटर-ऑपरेट करते हैं। 5जी सॉल्यूशन भारत के लिए निर्यात के लिए अवसर खोलेगा, जो अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है।
भारती एयरटेल के एमडी और सीईओ (भारत और दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने कहा, भारत को 5जी और संबद्ध प्रौद्योगिकियों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए टाटा समूह के साथ जुडक़र हमें खुशी हो रही है। अपने विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिभा पूल के साथ, भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक समाधान और अनुप्रयोग बनाने के लिए अच्छी तरह से स्थित है। इससे भारत को एक इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बनने में काफी मदद मिलेगी।
टीसीएस के एन. गणपति सुब्रमण्यम ने कहा एक समूह के रूप में, हम 5जी और उससे जुड़ी संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं। हम नेटवर्किंग क्षेत्र में इन अवसरों का समाधान करने के लिए एक विश्व स्तरीय नेटवर्किंग उपकरण और समाधान व्यवसाय बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस पहल में एयरटेल को अपने ग्राहक के रूप में पाकर खुश हैं।