छत्तीसगढ़

बालको की परियोजना मोर जल मोर माटी से लगभग 2000 किसान लाभान्वित
Posted Date : 29-Jul-2022 5:07:21 am

बालको की परियोजना मोर जल मोर माटी से लगभग 2000 किसान लाभान्वित

कोरबा। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड बालको ने साढ़े पांच दशकों में विश्वस्तरीय धातु उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता और उत्कृष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में मिसाल बनाई है। सामुदायिक विकास परियोजना के जरिए किसानों को आधुनिक खेती के अनेक आयामों से परिचित कराया है। बालको स्थानीय समुदाय के आर्थिक.सामाजिक विकास को सशक्त करनेके लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी के सामुदायिक विकासपरियोजना मोर जल मोर माटीष्का प्रमुखउद्देश्य सिंचाई सुविधाओं को बढ़ानेए फसल उत्पादन में वृद्धिए किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराने के साथ जल और मृदा प्रबंधन को उत्कृष्ट बनाना है।परियोजना का मुख्य घटक कृषिए जल प्रबंधनए पशुपालनए मत्स्य पालनए बाड़बंदीए वनोपज एवं वन संरक्षण और लाख की खेती शामिल है। 
परियोजना 1200 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 2000 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। 500 से अधिक किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया है जिससे उनकी औसत वार्षिक आय के साथ.साथ उत्पादन में लगभग दो गुना वृद्धि हुई है। तकनीकी सहयोग से लागत में 35: की कमी आई है। आसपास के लगभग 60: किसान आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। इस परियोजना से युवा कृषि को मुख्यव्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं।श्मोर जल मोर माटीश् पहल में लगभग 25: लाभार्थी युवा किसान हैं।
बालको द्वारा कृषि उन्नयन को सदैव ही सर्वोपरि स्थान देने परबालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशकअभिजीत पति ने कहा कि हमारे किसान देश के आर्थिक विकास के प्रमुख अंग हैं। कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्र में कंपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बालको प्रशिक्षित किसानों ने जैविक खेतीए कृषि नवाचार और नवीन तकनीकों की मदद से विभिन्न फसलों का उत्पादन बढ़ाने में सफलता पाई है। कृषि प्रोत्साहन परियोजना ष्मोर जल मोर माटीष् से किसानों को लाभ मिल रहा है। पतिकहा कि हम अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के जरिए जरूरतमंदों किसानों की हरसंभव मदद करने के लिए कटिबद्ध है।
स्थानीय किसानों को आत्मनिर्भर बनाने एवं उनकी आय में बढ़ोत्तरी करने हेतु बालको ने कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में संसाधन उपलब्ध कराए हैं। कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए बालको की प्रतिबद्धता के अनुरूप बोरवेल ;सौर संचालितद्धए कुआंए तालाबए चेक डेम का निर्माण एवं नवीनीकरण के माध्यम से सुरक्षित सिंचाई को सुनिश्चित करए बिजली और डीजल पंपों के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई तथाड्रिप सिंचाई प्रणाली और सौर संचालितपंपों को बढ़ावा देकरकिसानों को जल प्रबंधन पालन के प्रतिजागरूक किया है।सिस्टमेटिक राइस इंटेंसीफिकेशन एसआरआई और डीएसआर तकनीकसे धान की उत्पादकता में बढ़ोत्तरी,जैविक खेती तकनीक से रबी और साग.सब्जी के फसल तथा बाड़बंदी के माध्यम से फसल को जंगली जानवरों से बचाने में सहायक साबित हुआ है।
कृषि की अत्याधुनिक तकनीकों से ग्रामीणों को परिचित कराने के उद्देश्य से मॉडल एग्री.फार्म वेदांत एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर;वीएआरसीद्ध विकसित किया गया है। इसका संचालन कृषक उत्पादक संघ ;एफण्पीण्ओण्द्ध द्वारा किया जाता है। इस केंद्र में कृषकों को मृदा परीक्षण, सिंचाई की अत्याधुनिक सुविधाएं, सब्जी की खेती, मल्टीलेयर फार्मिंग, एसआरआई, एसडब्ल्यूआई, ट्रेलिस फार्मिंग, हाइड्रोपोनिक्स और बायो फ्लोक के माध्यम से मत्स्य पालनतथा सब्जियों के संरक्षण विशेषज्ञों द्वारा कृषि की अत्याधुनिक तकनीकों और शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाती है। कृषि नवाचार को बढ़ावा देने की दृष्टि से कुछ विदेशी सब्जियों के उत्पादन की परियोजना भी शुरू हो चुकी है।
बेला गांव के किसान अनिल कुमार राठिया ने कहा किहम जैविक खेती और चावल के नवीन विधि एसआरआई पद्धति की शुरूआत करने के लिए बालको के बहुत आभारी हैं। तकनीकों ने वास्तव में फसल लागत को कम करने और उपज की उत्पादकता बढ़ाने में हमारी मदद की है। बालको अपने सामुदायिक विकास संकल्प से स्थानीय किसानों को सशक्तबनाने का मजबूत स्तंभ साबित हुआ है।
परिवर्तन की एक ऐसी कहानी बेलकछार गांव के स्वर्गीय मनीराम विश्वकर्मा की पत्नी मांगली बाई की है। पति की मृत्यु के बादमांगली बाई अपनी आजीविका चलानेमें मुश्किल का सामना कर रही थी। उनके पास केवल 0ण्4 एकड़ भूमि थी जिसका उपयोग आवासीय और खेती दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता था। 1ण्5 एकड़ भूमि पर मांगली बाई को बिना किसी किराए केवल उपज के एक हिस्से के साथ एक किसान नेभूमि पर खेती करने की अनुमति दी।
मोर जल मोर माटी परियोजना के तहत मांगली बाई ने रबी फसल के दौरान 0.3 एकड़ भूमि के लिए परियोजना के माध्यम से फूलगोभी, मूली, लाल सब्जी और पालक की खेती के लिए बीजों, जैव कीटनाशकों और उर्वरक के रूप में सहायता प्रदान की गई। शेष भूमि के लिए स्वयं मंगली बाई नेकी व्यवस्था थी। परियोजना टीम ने विशेषज्ञता और सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों के साथ उनकी सहायता की। इस रबी फसल 2022 में पहले से ही 1 एकड़ भूमि पर लौकी, ककड़ी, भिंडी और हरी पत्तियों की खेती करने के लिए हैंडहोल्डिंग सपोर्ट और तकनीकी सहायता से खेती शुरू कर चुकी हैं।
मोर जल मोर माटी के प्रशिक्षण से पहलेमंगली बाई बिना जानकारी पारंपरिक तरीके से जमीन के एक-छोटे हिस्से में सब्जी की खेतीकरने के परिणामस्वरूप कम उत्पादन और लाभ हुआ। परियोजना टीम द्वारा नियमित प्रशिक्षण सत्रों से मंगली बाईभूमि की तैयारी, उर्वरता, मौसम के अनुसार अच्छे बीजों की पहचान और प्रत्यारोपण विधियों के साथ कीटनाशकों और पौधों के उपयोग में उन्नत प्रक्रियाओं को सीखने में सक्षम हो पाई। परियोजना और सभीके समर्थन से अब मांगली बाई सब्जियों को बाजार में बेचती हैं जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है।
बालकोअपने सामुदायिक विकास परियोजना के माध्यम से सालाना लगभग 1.5 लाख लोगों के जीवन को छूती है। कंपनी केसामुदायिक विकासके बुनियादी ढांचे मेंशिक्षा, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य संपदा, स्वच्छता, खेल और संस्कृति आदि शामिल है। सामुदायिक विकास प्रयास 123 से अधिक गांवों तक पहुंचचुका है। कंपनी कीसीएसआर नीतियों और प्रणालियों का जमीन पर स्थायी प्रभाव स्थानीय समुदाय में दिखाई पड़ता है। जिससे ये समुदाय राष्ट्र की प्रगति में समान भागीदार का हिस्सा बनते हैं।

 

हरेली तिहार के अवसर पर आज बनोरा व सूपा गौठान से होगी जिले में गौ-मूत्र खरीदी की शुरूआत
Posted Date : 28-Jul-2022 3:50:27 am

हरेली तिहार के अवसर पर आज बनोरा व सूपा गौठान से होगी जिले में गौ-मूत्र खरीदी की शुरूआत

राज्य में पशुपालकों की आय और जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक और पहल
रायगढ़।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य के गौठानों में 28 जुलाई हरेली तिहार से गौ-मूत्र की खरीदी की शुरूआत होगी। प्रथम चरण में रायगढ़ जिले में गौ-मूत्र खरीदी के लिए विकासखण्ड रायगढ़ के बनोरा एवं विकासखण्ड पुसौर के सुपा गौठान का चयन किया गया है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में गौ-मूत्र क्रय के लिए न्यूनतम राशि 4 रूपए प्रति लीटर प्रस्तावित की गई है। क्रय गौ-मूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत एवं कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
जिले के गौठानों में 28 जुलाई को हरेली त्यौहार मनाया जाएगा। इस मौके पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं होंगी।
उप संचालक पशुपालन पाण्डेय ने बताया कि गौ-मूत्र खरीदी के लिए समूह का चयन कर गौ-मूत्र खरीदी व टेस्टिंग संबंधी सभी प्रकार की ट्रेनिंग दी गई है। जिससे समूह को गौ-मूत्र खरीदी में परेशानी न हो। पशुपालन विभाग द्वारा गौ-मूत्र टेस्ट के लिए पीएच मीटर तथा यूरिनो मीटर प्रदाय किया गया है। इन दोनों चयनित गौठानों में 400 से अधिक पशुओं की संख्या है। लिहाजा इसका लाभ समूह के साथ पशुपालकों को मिलेगा। हार्टीकल्चर विभाग द्वारा गौ-मूत्र के उत्पादों के निर्माण के लिए नीम, करंज, सीताफल जैसे आवश्यक पौधारोपण किया गया है। जिससे गौ-मूत्र उत्पाद का निर्माण किया जा सके। गौ-मूत्र से कीटनाशक और जीवामृत का निर्माण किया जाएगा। इसमें कीटनाशक नाम के अनुरूप कीट नष्ट करने व जीवामृत का उपयोग फसल के ग्रोथ बढ़ाने के लिए किया जायेगा।
गौरतलब है कि दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी की शुरूआत हुई थी। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित किए जा चुके हैं, जिसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। इसी को ध्यान में रखकर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की जा रही है। इससे पशुपालकों को गौ-मूत्र बेचने से जहां एक ओर अतिरिक्त आय होगी, वहीं दूसरी ओर महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से समूहों को रोजगार और आय का एक और जरिया मिलेगा। जीवामृत और गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में कास्ट लागत कम होगी। खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी आएगी। गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है। इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से लगभग दो सालों में 150 करोड़ से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण पशुपालकों को मिला है। क्रय गोबर से वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।

 

महिला काँग्रेस ने फूँका प्रधानमंत्री का पुतला
Posted Date : 28-Jul-2022 3:50:05 am

महिला काँग्रेस ने फूँका प्रधानमंत्री का पुतला

रायगढ । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कठपुतली संस्था श्वष्ठ द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को परेशान एवं बदनाम किए जाने की कोशिश जारी है। पूर्व में सांसद  राहुल गांधी जी को घंटो परेशान किया गया। अब कांग्रेस की सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष  सोनिया जी को ई डी कार्यालय बुलाकर परेशान किया जा रहा है।
इसके विरोध में सांसद माननीय राहुल गांधी जी के नेतृत्व में शांति पूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है।जिस पर सरकार की तानाशाही एवं दमनकारी नीति ने राहुल गांधी जी को हिरासत में ले लिया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान राहुल जी सडक़ पर धरने में बैठ गए।
उक्त प्रदर्शन पर दमनकारी नीतियां तानाशाही की घोर निन्दा करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सु डिसूजा जी, छत्तीसगढ़ प्रभारी  सेहरावत जी एवं  फूलो नेताम सांसद व प्रदेश अध्यक्ष महिला कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं व पदाधिकारियों को विरोध प्रदर्शन तथा प्रधानमंत्री का पुतला दहन का निर्णय लिया है।
इसी कड़ी में आज रायगढ़ जिला महिला काँग्रेस जिलाध्यक्ष रानी चौहान के नेतृत्व में स्थानीय स्टेशन चौक में महिला कांग्रेसियों और जिला काँग्रेस कमेटी रायगढ़ शहर के साथ केंद्र सरकार को जमकर नारेबाजी के माध्यम से कोसा और प्रधानमंत्री का पुतला जलाया।
पुतला दहन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष रानी चौहान, पिछड़ा वर्ग काँग्रेस जिलाध्यक्ष संजय देवांगन, अरुणा चौहान, रमेश भगत, विकास बोहिदार, विकास ठेठवार, वारसुन, रिंकी पाण्डेय, यशोदा कश्यप, सुनीता मिंज, सजुक्ता सिंह, सत्यभामा, नीतू बेगम, राधा साहू , केवरा बाई, उर्मिला भगत, विकासलता भगत, आशीष केशरी सहित और काँग्रेस के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

हरेली से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की होगी शुरूआत
Posted Date : 28-Jul-2022 3:49:49 am

हरेली से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की होगी शुरूआत

० महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूक करने राज्य महिला आयोग की नई पहल
० मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल हरी झंडी दिखाकर महतारी न्याय रथ को करेंगे रवाना

रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर हरेली पर्व से प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत की जाएगी। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल हरेली के दिन मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह रथ सभी जिलों में भ्रमण कर लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा। 
मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा राज्य महिला आयोग के माध्यम से संचालित की जाएगी। प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी, जिससे महिला आयोग द्वारा उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। एक बड़ी एलईडी स्क्रीन होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा में विभिन्न कानूनों संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। महतारी न्याय रथ के संचालक के लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष रूप से बदलाव किए हैं। न्याय रथ के संचालन के लिए जिले को मिलने वाली डीएमएफ राशि का उपयोग किया जाएगा। 
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि शिक्षित, अशिक्षित, गृहणी, नौकरी कर रही सभी महिलाओं को महिला आयोग के कार्यों और महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों, नियमों और उनके अधिकारों को जानना बहुत जरूरी है। इसके लिए हरेली तिहार से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ की शुरूआत की जा रही है। इन महतारी न्याय रथों के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा कि महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान के लिए और नि:शुल्क तथा त्वरित न्याय पाने के लिए किस तरह सरलता और सुगमता से महिला आयोग में आवेदन कर सकती हैं। यह रथ शुरूआत में खनिज न्यास निधि प्राप्त करने वाले नौ जिलों में पहले जाएगा, उसके बाद रथ प्रदेश के बाकी बचे जिलों के भ्रमण पर जाएगा। 
 नायक ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बीते साढ़े तीन वर्षों में राज्य सरकार ने विभिन्न स्तरों पर अनेक योजनाएं संचालित की हैं। हमारी इन योजनाओं की सफलता पूरे देश में उदाहरण बनी है। अब एक कदम और बढ़ते हुए एक और नयी योजना की शुरुआत की जा रही हैं। यह योजना भी देश में अपनी तरह की एकमात्र योजना होगी। इससे महिलाएं जागरूक होंगी और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को कानूनी अधिकारों की जानकारी से राज्य में महिलाओं के साथ होने वाली अपराधों में कमी आएगी।

 

यात्री बस अनियंत्रित होकर नाले में गिरी,20 यात्रियों को आई चोटे
Posted Date : 28-Jul-2022 3:49:10 am

यात्री बस अनियंत्रित होकर नाले में गिरी,20 यात्रियों को आई चोटे

पत्थलगांव । छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव इलाके में बुधवार सुबह एक सडक़ हादसे की खबर प्रकाश में आई है।
पत्थलगांव थाना क्षेत्र के शिवपुर में हादसा हुआ है. जहां तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर नाले में जा गिरी. बस में 15 से 20 यात्री सवार थे. सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बस रायगढ़ से पत्थलगांव  आ रही थी।
पत्थलगांव थाना क्षेत्र के शिवपुर का मामला है. मामले की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के बाद मौके पर पहुची जशपुर जिला पुलिस तफ्तीश में जुट गई है।

राजधानी में मिला मंकीपॉक्स का संदिग्ध
Posted Date : 28-Jul-2022 3:48:44 am

राजधानी में मिला मंकीपॉक्स का संदिग्ध

रायपुर । राजधानी रायपुर में एक मंकीपॉक्स का संदिग्ध मिला है। शहर के पुरानी बस्ती में रहने वाले किशोर में वायरस के लक्षण नजए आए हैं जिसके बाद जांच कराए किशोर को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में निगरानी में रखने के साथ सैंपल को जांच के लिए पुणे भेजा गया है।
जानकारी के अनुसार राजधानी के जैतूसाव मठ के संस्कृत पाठशाला में पढऩे वाले एक 12 साल का किशोर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल की ओपीडी में जाँच कराने आया था। जहां लक्षण देखते हुए उसे अस्पताल में ही  रखा गया है। किशोर से लिए गए सैंपल को जाँच के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ  वायरोलॉजी भेजा गया है।   साथ ही संदिग्ध में साथ रहने वाले 18 बच्चों का भी सैंपल भी जांच के लिए भेजा गया है।  रिपोर्ट आने पर मंकीपॉक्स के होने या नहीं होने की पुष्टि हो पाएगी। संदिग्ध किशोर मूलत: कांकेर का निवासी है जो हाल में पुरानी बस्ती में रह रहा है। इधर जैतू साव मठ के संस्कृत पाठशाला में अध्ययनरत बच्चे में मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आने के बाद निगम ने मंदिर के बाहर दवाई का छिडक़ाव कर एक हफ्ते के लिए मंदिर को सील कर दिया गया हैं साथ ही मंदिर में पढऩे वाले 20 और छात्र हैं, जिन्हें आइसोलेट किया गया है।