छत्तीसगढ़

सात में सिर्फ एक जिले सुकमा में मात्र 26 क्विंटल मक्का खरीदा गया
Posted Date : 04-Dec-2018 12:46:39 pm

सात में सिर्फ एक जिले सुकमा में मात्र 26 क्विंटल मक्का खरीदा गया

जगदलपुर, 04 दिसंबर । छग में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ मक्का खरीदी 1 नवम्बर से शुरू किया गया। माह भर बाद भी संभाग के सातों जिलों में केवल सुकमा जिले में ही 26 च्ंिटल मक्का खरीदी दर्ज की गई है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के माकर््ेटिंग शाखा से मिली जानकारी के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में मक्का खरीदी की व्यवस्था गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी की गई है। मक्का खरीदी के लिए संभाग के सात जिलों में कुल 98 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। मालूम हो कि संभाग के कोंडागांव जिले में सबसे अधिक खरीदी की जाती है, किंतु इस वर्ष अभी तक कोंडागांव के 24 उपार्जन केंद्रों में बोहनी तक नहीं हुई है। इसी तरह बस्तर जिले के 24, कांकेर के 23, नारायणपुर के 6, दंतेवाड़ा के 10 उपार्जन केंद्रों में खरीदी प्रभारी बोहनी के इंतजार में हैं।

परिवहन न होने से खरीदी केन्द्रों मे जाम हो रहा धान
Posted Date : 04-Dec-2018 12:43:58 pm

परिवहन न होने से खरीदी केन्द्रों मे जाम हो रहा धान

आरंग, 04 दिसंबर । केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा मँदिरहसौद एवं आरँग के अधीन समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतू बनाये गये धान खरीदी केन्द्रों से परिवहनकर्ताओं द्वारा अनुबँध के अनुसार तीन दिनों के भीतर धान का उठाव न किये जाने से धान जाम होने लगा है। दोनों शाखा के अधीन खुले 22 केन्द्रों मे लगभग 1लाख 40 हजार क्विंटल धान बीते शुक्रवार की शाम तक परिवहन का बाट जोहते पडा था और शनिवार व रविवार को धान खरीदी बँद रहने के बाद आज सोमवार से पुन: धान खरीदी शुरू हो गया है।
ज्ञातव्य हो कि आरँग शाखा के अधीन 15  व मँदिरहसौद के अधीन 7 धान खरीदी केंद्र बनाया गया है। आरँग के अधीनस्थ केँद्रोँ मे बीते शुक्रवार की स्थिति में कुल तकरीबन 1 लाख 50 हजार क्विंटल व मँदिरहसौद के केँद्रोँ मे लगभग 45 हजार क्विंटल धान खरीदा जा चुका था जिसमें से आरँग के केँद्रोँ मे लगभग 1 लाख 15 हजार क्विंटल व मँदिरहसौद के केँद्रोँ मे तकरीबन 25 हजार क्विंटल धान परिवहन हेतु  शेष बचा था। खरीदी केन्द्रों का जायजा लेने के बाद किसान सँघर्ष समिति के सँयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने यह जानकारी देते हुये बतलाया कि सर्वाधिक जाम धान आरँग शाखा के गुल्लू केंद्र मे तकरीबन 15 हजार क्विंटल पडा था,फिर गौरभाठ ,रीवां व फरफौद मे लगभग 10,000-10000 भानसोज, मोखला,बाना,गोविँदा व चपरीद मे लगभग 8000-8000 क्विंटल ,जरौद व खमतराई मे 7000-7000 हजार क्विंटल तथा आरँग, पँधी,भिलाई व लखौली मे लगभग 5000-5000 हजार क्विंटल धान जाम था । इसु तरह मँदिरहसौद शाखा के गोढी मे 5000,टेकारी मे 4000,पलौद व गनौद मे 6000-6000 हजार, उमरिया मे 3500, बरौदा मे 1000 व मँदिरहसौद मे तकरीबन 400 क्विंटल परिवहन हेतु शेष बचा है।.परिवहन ठेकेदार को डी. ओ.,आर. ओ. जारी होने के 72 घँटों के भीतर परिवहन किये जाने के अनुबँध के बाद भी प्रभावी परिवहन न किये जाने से सूखत की वजह से समितियों  को नुकसान होने व धान जाम होने पर शेष बचे धान खरीदी के दो माह मे आवक बढने पर केँद्रोँ मे अन्य समस्यायें उठ खडा होने की जानकारी देते हुये जिला विपणन अधिकारी से  प्रभावी परिवहन व्यवस्था का आग्रह किया है। 

11 को मतगणना तैयारी जोरों पर, कलेक्टर ने ली सभाकक्ष में सभी प्रत्याशियों की बैठक
Posted Date : 04-Dec-2018 12:42:37 pm

11 को मतगणना तैयारी जोरों पर, कलेक्टर ने ली सभाकक्ष में सभी प्रत्याशियों की बैठक

जांजगीर-चांपा , 04 दिसंबर । जिले की सभी 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतगणना 11 दिसंबर को प्रात: 8 बजे से शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज पेड्रीभांठा मे एक साथ शुरू होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री  नीरज बनसोड़ ने आज जिला कलेक्टोरेट के सभाकक्षम में अभ्यर्थियों, राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों और अभिकर्ताओं की बैठक लेकर मतगणना के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतगणना कार्य संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तमाम तैयारियां जोरो पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि मतगणना स्थल में मोबाईल पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। उन्होने बताया कि मतगणना पंक्तियों में व्यवस्थित मेजों पर की जाएगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 14 मतगणना टेबल होगी और इन टेबलों पर ही मतगणना होगी। प्रत्येक मतगणना हाल मैं प्रत्येक मतगणना टेबल के लिए और स्ट्रांग रूम और गणना हाल के बीच ईव्हीएम लाने ले जाने के लिए उचित बैरिकेटिंग की जाएगी। अभिकर्ताआं को मतगणना मेज पर संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया देखने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना परिसर के चारों ओर 100 मीटर के घेरे को पैदल क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। इस परिधि के अंदर किसी भी वाहन को अनुमति नहीं दी जाएगी। मतगणना केन्द्रों के अंदर अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए सभी मतगणना केन्द्रों मैं त्रि-स्तरीय घेराबंदी की जा रही है। इसके लिए आवश्यक पुलिस बल तैनात की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक गणना हाल, 14 गणना टेबल, 14 गणना पर्यवेक्षक, 14 गणना सहायक और 14 माइक्रोआब्जर्वर होगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक अभ्यर्थी मतगणना टेबल के आधार पर प्रत्येक टेबल के लिए एक गणना अभिकर्ता की नियुक्ति कर सकते हैं। विधि के अधीन गणना अभिकर्ताओं की नियुक्ति प्रारूप 18 के तहत की जाएगी। किसी अभ्यर्थी अथवा निर्वाचन अभिकर्ताओं मैं से सादे कागज पर प्राप्त आवेदन को स्वीकार नहीं की जाएगी। एक बार गणना अभिकर्ता के रूप मैं नियुक्त होने के बाद उसमें परिवर्तन या निरस्तीकरण प्रपत्र 19 में आवेदन करने से हो पाएगा। प्रारूप 18 में प्राप्त सूची अनुसार फोटो पहचान पत्र जारी किया जाएगा। उन्ही गणना अभिकर्ताओं को मतगणना हॉल के अंदर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मतगणना हॉल मैं मतगणना पर्यवेक्षक एवं मतगणना सहायक, माइक्रोआब्जर्वर, निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति एवं आब्जर्वर, निर्वाचन के संबंध मे ड्यूटी पर तैनात सरकार कर्मचारी, अभ्यर्थी, उनका निर्वाचन अभिकर्ता अथवा गणना अभिकर्ता मौजूद रहेंगे।
और बताया कि अभिकर्ताओं के बैठने की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। तथा ईव्हीएम मशीन को रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग आफिसर, चुनाव एजेंटों और केन्द्रीय पर्यवेक्षको की उपस्थिति मे खोला जाएगा। बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि डाकमत पत्रों की गिनती रिटर्निंग आफिसर के टेबल पर की जाएगी। मतगणना स्थल में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नोडल अथवा प्रभारियों अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने बताया कि मतगणना स्थल में मीडिया हेतु मीडिया केन्द्र की स्थापना की जा रही है जहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होगी। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजीत बंसत, अपर कलेक्टर श्री डीके सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी बजरंग दुबे सहित अभ्यर्थियों, राजनीतिक दलो के पदाधिकारियों और अभिकर्तागण मौजूद थे।

खरीदी केंद्रों में धान की आवक नगण्य, बावजूद रखने की जगह नहीं
Posted Date : 04-Dec-2018 12:41:13 pm

खरीदी केंद्रों में धान की आवक नगण्य, बावजूद रखने की जगह नहीं

जगदलपुर, 04 दिसंबर । समूचे संभाग में धान खरीदी केंद्रों में धान की आवक कम है, लेकिन इसके बाद भी कुछ खरीदी केंद्रों में धान रखने के लिए जगह ही नहीं है। 
जानकारी के अनुसार समूचे संभाग में पंजीकृत 1 लाख 46 हजार 969 किसानों के धान बेचने के पंजीयन के बाद भी अभी तक मात्र 12 हजार 407 किसानों ने शासन को धान बेचा है। इधर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी के साथ निश्चित किये गये धान के उठाव के लिए पंजीकृत मिलर्स द्वारा धान का उठाव नहीं करने से इन केंद्रों में धान का स्टाक भी जमा हो रहा है। जबकि नियम यह है कि खरीदने के 48 घंटे के अंदर धान का उठाव मिलर्स को करना है लेकिन इस नियम का मिलर्स द्वारा ही खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। 
जानकारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का क्रम 1 नवंबर से शुरू होकर अब दूसरे माह में प्रवेश कर चुका है लेकिन अभी तक धान खरीदी में तेजी नहीं आई है। जिसके कारण अधिकांश खरीदी केंद्रों में सन्नाटा छाया हुआ है। इसके साथ ही मिलर्स द्वारा भी शासन के नियमों की अनदेखी किये जाने से खरीदी केंद्रों में जो धान खरीदा गया है उसका जमाव भी हो रहा है। शासन के निर्धारित नियमानुसार केंद्रो में धान खरीदी होने के साथ मिलरों को 48 घंटे के अंदर इस धान का उठाव करने के लिए कहा गया है लेकिन मिलर्स धान सुखती के चलते इस नियम का पालन न कर अपनी इच्छा से कार्य कर रहे हैं। बस्तर में 107 मिलर्स पंजीकृत हैं और इनमें से 55 मिलर्स ही धान का उठाव कर रहे हैं। इस समय संभाग के 197 केंद्रों में 3 लाख से अधिक किंव्टल धान जाम होकर पड़ा हुआ है। इससे कुछ खरीदी केंद्रों में जाम की स्थिति हो गई है।

बस्तर के शिल्पकारों को नहीं मिल रहा उनकी मेहनत का मोल
Posted Date : 04-Dec-2018 12:40:01 pm

बस्तर के शिल्पकारों को नहीं मिल रहा उनकी मेहनत का मोल

० बस्तर की कलाकृतियों से मालामाल हो रहे बिचौलिए 
जगदलपुर, 04 दिसंबर । बस्तर के ग्रामीण अंचलों में बसे बस्तर की कला को जीवंत रखने वाले स्थानीय शिल्पियों को ही उनकी कला का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है और इन्हीं शिल्पियों की बनाई गई कला कृतियां देश के व प्रदेश के शहरों में अच्छे मूल्यों में बिककर बिचौलियों को मालामाल कर जाती है। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर में बेलमेटन शिल्पकला व बस्तर की कास्ठकला प्रसिद्ध है और इसके साथ ही माटी कला भी अपनी अलग पहचान रखती है। इनमें सलग्र ग्रामीण शिल्पियों की आर्थिक दशा शिल्प का निर्माण करने के बाद भी शासकीय घोषणा के बावजूद कमजोर रहती है। इन शिल्पियों की बनाई गई कला का माटी मोल सक्रिय बिचौलियों द्वारा दिया जाता है और वे उसे बाहर भेजकर शहरों में बस्तर की कला की प्रसिद्ध के साथ अनाप-शनाप दमों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। इस संबंध में आदिवासी विकास निगम के सूत्रों का कहना है कि बस्तर जिले में पंजीकृत 2200 और पूरे संभाग में विभिन्न शिल्पकला के 20 हजार शिल्पि पंजीकृत हैं। निगम के सूत्रों ने यह स्वीकार किया कि बनाने वाले शिल्पियों से बने शिल्प के खरीद के लिए निजी संस्थायें सक्रिय रहती है और वे शिल्पी के आर्थिक मजबुरी का फायदा उठाकर उनसे कम मूल्यों में शिल्प खरीदते हैं। 
इस संबंध में विभिन्न शिल्पियों ने बताया कि शिल्प के लिए आवश्यक कच्चा माल आजकल बहुत महंगा हो गया है। इसके साथ ही शिल्प बनने पर किसी प्रकार का शासकीय प्रोत्साहन भी समय पर नहीं मिलता और उन्हें अपने जीवन यापन के लिए मजबूरी में निजी संस्थाओं व बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है। उनके लिए अशिक्षा के कारण बाजार का लाभ उठाना भी मुश्किल होता है। 

 विधानसभा में नए सदस्यों के लिए शुरू हो रहा हेल्प डेस्क
Posted Date : 03-Dec-2018 11:26:15 am

विधानसभा में नए सदस्यों के लिए शुरू हो रहा हेल्प डेस्क

0-दायित्वों, अधिकारों की मिलेगी पूरी जानकारी 
रायपुर, 03 दिसंबर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का परिणाम आने में चंद दिनों का समय शेष रह गया है। इधर नए विधायकों के स्वागत के लिए जहां विधानसभा को भव्य ढंग से सजाया जा रहा है तो वहीं इस बार विधायकों की सुविधा के लिए नया हेल्प डेस्क बनाया जा रहा है। 
विधानसभा सूत्रों की माने तो विधानसभा सचिवालय की ओर से इस बार विधानसभा में एक नया डेस्क बनाया जा रहा है जो कि 12 दिसंबर से काम करना शुरू कर देगा। इस हेल्प डेस्क में नवनिर्वाचित विधायकगण अपने दायित्वों, विधायकों को मिलने वाले अधिकारों, सुविधाओं और नियम-कानून की पूरी जानकारी ले सकते हैं। इस हेल्प डेस्क के माध्यम से पहली बार विधायक बनकर विधानसभा आने वाले सभी नए सदस्यों को उनके अधिकारों और दायित्वों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इससे नए सदस्यों को सदन की कार्यवाही, इसमें हिस्सा लेने के तरीके और एक विधायक को मिलने वाले सभी अधिकार और दायित्वों की जानकारी मिलेगी। इससे उन्हें सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने में काफी सहूलियत मिलेगी। अब तक अधिकांश नए सदस्यों को उनकी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य मार्गदर्शन देते आ रहे हैं, इससे वरिष्ठ सदस्यों की अनुपस्थिति में भी उन्हें सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने और सदन में सक्रिय भूमिका निभाने में भरपूर मदद मिलेगी। इधर नए सदस्यों के स्वागत के लिए इस बार विधानसभा भवन को भव्य ढंग से सजाने का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।