छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री के निर्णय से पत्रकारों सहित परिजनों को मिली राहत-  दामू आम्बेडारे
Posted Date : 28-Feb-2019 12:20:24 pm

मुख्यमंत्री के निर्णय से पत्रकारों सहित परिजनों को मिली राहत- दामू आम्बेडारे

जगदलपुर 28 फरवरी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पत्रकारों के कल्याण के लिए की गई घोषणा का प्रेस क्लब रायपुर के अध्यक्ष दामू आम्बेडारे ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे पूरे प्रदेश के पत्रकारों में हर्ष व्याप्त है। श्री आम्बेडारे ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनांए दी हैं। प्रेस क्लब अध्यक्ष ने कहा है कि इस घोषणा से पत्रकारों और उनके आश्रित परिवारों के भविष्य को लेकर चिंता कम हुई है। 
 उल्लेखनीय है कि रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष सहित प्रतिनिधि मंडल ने गत दिनों मुख्यमंत्री से भेंट कर उनसे पत्रकारों की समस्याओं के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श किया था। उन्हें मुख्यमंत्री ने पत्रकारों की बेहतरी के लिए उचित मांगों पर जल्द निर्णय लिये जाने का भरोसा दिलाया था। 
मुख्यमंत्री ने आज विधानसभा में वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि बढ़ाए जाने की घोषणा की, जिसमें सम्मान निधि के रूप में प्रतिमाह दी जाने वाली 5 हजार रूपए की राशि को बढ़ाकर अब 10 हजार रूपए प्रतिमाह कर दी गई है। पहले यह राशि केवल 5 वर्ष के लिए दी जाती थी, अब यह राशि पात्र पत्रकारों को आजीवन दी जाएगी। सम्मान निधि के लिए पात्रता शर्तों में न्यूनतम आयु 62 वर्ष को घटाकर 60 वर्ष कर दिया गया है। इससे अब ज्यादा संख्या में पत्रकारों को लाभ मिलेगा। 
पत्रकार कल्याण कोष के माध्यम से पत्रकारों को स्वयं और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों की बीमारियों के इलाज के लिए दी जाने वाली सहायता राशि जो पहले न्यूनतम 5 हजार से 50 हजार रूपए तक स्वीकृत की जाती थी, इसमें भी वृद्धि की गई है। पत्रकारों को अब न्यूनतम 10 हजार रूपए और अधिकतम 2 लाख रूपए तक की सहायता दी जाएगी। इसी तरह पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं पर विचार करने के लिए पत्रकार कल्याण समिति का गठन किया गया है। इस समिति द्वारा की गई अनुशंसा पर सरकार विचारोपरांत उचित पहल और कार्रवाई की जाएगी। प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने इन घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ के पत्रकार साथियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

ईओडब्लू व एसीबी के आईजी की जिम्मेदारी अब जीपी ङ्क्षसह को
Posted Date : 28-Feb-2019 12:18:29 pm

ईओडब्लू व एसीबी के आईजी की जिम्मेदारी अब जीपी ङ्क्षसह को

0-  कल्लूरी को परिवहन की कमान 
रायपुर ,28 फरवरी । पुलिस विभाग में पांच वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का तबादला आदेश जारी किया गया है। पुलिस मुख्यालय में पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक जीपी ङ्क्षसह को ईओडब्लू व एसीबी का पुलिस महानिरीक्षक नियुक्त किया गया है। इस पद पर पदस्थ एसआरपी कल्लूरी को अब अपर परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ओपी पाल को परिवहन से हटाकर उपपुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय पदस्थ किया गया है। सुजीत कुमार को सहायक पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी रायपुर से पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव नियुक्त किया गया है। कोंण्डागांव के पुलिस अधीक्षक अरविंद कुजूर को सहायक पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी पदस्थ किया गया है। अशोक कुमार ङ्क्षसह को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक/ सहायक प्रभारी एसआईबी जगदलपुर को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीटीएस राजनांदगांव भेजा गया है। 

मतदान के दौरान खराबी आने पर आधे घंटे के भीतर बदले जाएंगे ईवीएम : सुब्रत साहू
Posted Date : 28-Feb-2019 12:17:12 pm

मतदान के दौरान खराबी आने पर आधे घंटे के भीतर बदले जाएंगे ईवीएम : सुब्रत साहू

0 नामांकन के अंतिम दिवस तक जोड़े जा सकते हैं मतदाता सूची में नाम
0 आरटीआई के तहत नहीं दी जा सकती मतदाता की व्यक्तिगत जानकारी

रायपुर, 28 फरवरी । मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा है कि आगामी लोकसभा निर्वाचन के मतदान के दौरान ईवीएम में खराबी आने पर आधे घंटे में नई मशीन उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए रिजर्व ईवीएम मशीनों के समुचित उपयोग के लिए अधिकारियों को तैयारी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि हर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग सुगम तरीके से कर सके, इसके लिए निर्वाचन अमले को हर स्तर पर बेहतरीन प्रबंधन करना होगा।
साहू लोकसभा निर्वाचन-2019 की तैयारियों के सिलसिले में प्रदेश के सहायक रिटर्निंग अधिकारियों तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के द्वितीय समूह के दो दिवसीय सर्टिफिकेशन कोर्स के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
नवीन विश्राम भवन के ऑडिटोरियम में दिनभर चले सर्टिफिकेशन कोर्स के दो दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा कि लोगों का विश्वास लोकतांत्रिक व्यवस्था पर है। इसमें हमारी जिम्मेदारी सबसे अधिक है। हमें लोगों के उत्साह और विश्वास के अनुकूल काम करना है।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी त्रय समीर विश्नोई, डॉ. के.आर.आर. सिंह तथा श्रीमती पद्मिनी भोई साहू सहित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर तथा विषय विशेषज्ञों ने
उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा सहायक रिटर्रिंग अधिकारी के दायित्वों, मतदाता सूची का पुनरीक्षण और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। निर्वाचन संबंधी विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतिकरण के साथ व्यावहारिक चुनौतियों के समाधान पर चर्चा की। मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि मतदाता सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि नामांकन के अंतिम दिवस तक नाम जोड़े जा सकेंगे पर इसके लिए मतदाता का आवेदन नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक किया जा सकता है।
प्रशिक्षण के दौरान सभी अधिकारियों से आग्रह किया गया कि ऑनलाइन आवेदन को बढ़ावा दिया जाए और आम लोगों को भी जागरूक किया जाए। मैदानी अधिकारियों को ऑनलाइन व्यवस्था में अधिक से अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करने का भी आह्वान भी किया गया। मतदाता की सहूलियत के लिए वोटर हेल्पलाइन
मोबाइल एप्लीकेशन या पर जाकर आवेदन करें।
अधिकारियों को बताया गया कि अभ्यर्थी के साथ ही कोई भी आम नागरिक मतदाता सूची की प्रति निर्धारित शुल्क देकर ले सकता है, पर मतदाता द्वारा दी गई उसकी व्यक्तिगत जानकारी सूचना का अधिकार के तहत उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। अधिकारियों को निर्वाचन के लिए नामांकन प्रक्रिया, नामांकन की संवीक्षा, अभ्यर्थियों की योग्यता और अयोग्यता की बारिकियों की जानकारी दी गई।
इस दौरान इलेट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईव्हीएम) तथा वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (व्हीव्हीपैट) का संचालन कर प्रशिक्षणार्थियों ने देखा। प्रशिक्षण के दूसरे दिन 28 फरवरी को  अगल-अलग सत्रों में आदर्श आचार संहिता, सुरक्षा व्यवस्था, मतदान दल, निर्वाचन में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग समेत अन्य विषयों पर चर्चा होगी।

छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2019 ध्वनिमत से पारित
Posted Date : 28-Feb-2019 12:15:34 pm

छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2019 ध्वनिमत से पारित

० विनियोग के लिए 95 हजार 899 करोड़ रूपए की स्वीकृति
० मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा : हमारी विकास की परिभाषा है गांव, किसानों और मजदूरों के जीवन में सुधार लाना

रायपुर, 28 फरवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज 95 हजार 899 करोड़ रूपए के विनियोग विधेयक ‘छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2019‘ के प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकृत किया गया। इसके पहले विनियोग विधेयक पर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि बजट में वर्ष 2019-20 में कुल व्यय 90 हजार 910 करोड़ रूपए का है, जिसमें से राजस्व व्यय 78 हजार 595 करोड़ रूपए और पंूजीगत व्यय 12 हजार 110 करोड़ रूपए का है। 
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य का वित्तीय घाटा 10 हजार 880 करोड़ रूपए का है, जो निर्धारित सीमा अर्थात जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की सीमा से कम है। 31 मार्च 2018 की स्थिति में राज्य शासन पर लोक ऋण भार 39 हजार 30 करोड़ रूपए का है। आरबीआई रिपोर्ट 2018 के अनुसार छत्तीसगढ़ एवं ऋण तथा ब्याज भुगतान की दृष्टि से देश में सबसे बेहतर स्थिति वाला राज्य है। राज्य का ऋणभार जीएसडीपी का 17.4 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों के औसत 23.2 प्रतिशत से बहुत कम है। छत्तीसगढ़ में ऋणों के ब्याज भुगतान पर जीएसडीपी का 1.1 प्रतिशत भाग व्यय है, जबकि सभी राज्यों का औसत 1.7 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वित्तीय अनुशासन को बनाकर रखा गया है। 
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे लिए विकास की परिभाषा गांव, किसानों और मजदूरों के जीवन में सुधार लाना है, बिल्डिंग, पुल-पुलिया और कांक्रीट के जंगल खड़े करने के नाम पर आदिवासियों को उनकी जमीन से उजाडऩा नहीं है। हमारी सरकार ने किसानों और गांवों के कल्याण के लिए ऋण लिया है। राज्य में किसानों के अल्पकालिक कृषि ऋण को माफ किया गया और ढाई हजार रूपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी की गई। इन फैसलों से गांव और किसान को लाभ मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने कोल्हाननाला जैसे पुल को निर्माण के समय अनावश्यक रूप से ऊंचा उठाकर अधिक राशि व्यय करने या मोबाइल फोन बांटने जैसे कार्यों के लिए ऋण नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन का जो कार्य किया उसका भुगतान भी हमारी सरकार द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने रायपुर-बिलासपुर मार्ग को बनने में लगे वर्षों की अवधि के साथ-साथ स्काई वॉक योजना की प्रक्रिया में ली गई लम्बी अवधि की भी आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने वन अधिकार पट्टों के संबंध में सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि वनवासियों और जंगलों में परपंरागत रूप से रहने वाले लोगों के अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा, उनका जो वाजिब अधिकार है उसे दिलाकर रहेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले सरकार के दौरान वन अधिकार पट्टों के लिए आठ लाख 55 हजार व्यक्तिगत दावे किए गए थे, जिनमें से चार लाख 51 हजार पट्टों के दावे को अमान्य कर दिया गया था। उनकी सरकार अमान्य किए गए चार लाख 51 हजार पट्टें दावों का फिर से परीक्षण कराएगी, जिससे जंगल में रहने वाले आदिवासी भाई-बहनों और परम्परागत रूप से वन में रहने वाले लोगों का हक उन्हें मिल सके। उन्होंने कहा कि वन अधिकार पट्टों के सामुदायिक दावों के रूप में केवल आंगनबाड़ी, स्कूल और मरघट के लिए पट्टे दिए गए। वास्तव में सामुदायिक दावों का और अधिक विस्तार हो सकता है। उनका भी परीक्षण कर सामुदायिक वन पट्टे दिलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा वन पट्टों का वितरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सीतापुर, मैनपाट में हजारों लोगों को वन अधिकार पट्टे प्रदाए किए गए हैं। हाल ही में सांसद श्री राहुल गांधी ने लोहाण्डीगुड़ा क्षेत्र में वन अधिकार पट्टे वितरित किए हैं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिटफंड कंपनियों में एजेंट के रूप में काम कर रहे छत्तीसगढ़ के युवाओं और नागरिकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई, उन्हें जेल में डाल दिया गया। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के ऐसे युवाओं के विरूद्ध प्रकरणों को वापस लेने का निर्णय लिया है। जिन लोगों ने चिटफंड कंपनियों में पैसे लगाए थे, उनके पैसे वापस दिलाने के लिए राज्य सरकार सजग और तत्पर है। वर्तमान में पी.ए.सी.एल. लिमिटेड के निवेशकों की धन वापसी हेेतु एक मार्च से ऑनलाईन आवेदन लेने की प्रक्रिया राज्य में प्रारंभ की जा रही है। इसी तरह दूसरी चिटफंट कंपनियों के संबंध में भी कार्रवाई की जाएगी। 
श्री बघेल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की आउटसोर्सिंग नीति ने आरक्षण की व्यवस्था को खत्म किया गया। इससे बस्तर के आदिवासियों का हित मारा गया। आउटसोर्सिंग में लगे लोगों को शासन द्वारा 18 हजार रूपए की राशि दी जाती थी, लेकिन उन्हें केवल 14 हजार या 10 हजार रूपए की राशि मिलती थी। उनकी सरकार का दर्शन है कि शासकीय खजाने से निकला पूरा पैसा हितग्राही को मिलना चाहिए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी की अवधारणा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूती देने के लिए है। यह योजना ग्रामीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। विभिन्न विभागों जैसे कृषि, पशुपालन, वन तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग आदि में इसके कार्यों के क्रियान्वयन के लिए पहले से ही बजट की राशि मौजूद है। विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने, कार्यों को सही दिशा देने और ईमानदार प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा ग्रामीण परिवेश से कटा व्यक्ति ही ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों को मजाक में ले सकता है या उसका उपहास कर सकता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेद की बात है कि वैज्ञानिक सोच के अभाव के कारण गांवों में जलस्त्रोत अवरूद्ध हो गए हैं। कॉन्क्रीटीकरण तथा पानी के आने वाले प्राकृतिक मार्ग बंद होने से हमारे तालाब भर नहीं पाते और जल्दी सूख जाते हैं। इसका असर खेती-किसानी पर पड़ा है, पिछले 15 सालों में राज्य पिछड़ गयी है, राज्य कांक्रीट का जंगल बन गया है और किसान आत्महत्या तक करने को मजबूर हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए हार्टीकल्चर यूनिवर्सिटी खोलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों के विस्तार को बढ़ावा देगी। छत्तीसगढ़ में जमीन की कमी नहीं है। हमारी नीति है कि यहां अच्छी खेती हो, कृषि आधारित उद्योग लगें जिससे यहां के युवाओं को रोजगार मिले। 
श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए पिछली सरकार द्वारा देश- विदेश में करोड़ों रूपए के एम ओ यू करने किए गए, लेकिन राज्य में उद्योग नहीं लगे। उन्होंने कहा कि जिन कम्पनियों के साथ एम ओ यू किए गए थे, किन्तु उद्योग नहीं लगाए गए, उनके साथ छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने की दृष्टि से बैठक की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा उद्योगपतियों से सुझाव लेकर राज्य की नई उद्योग नीति 2019 बनायेगी। नई उद्योग नीति में कृषि आधारित उद्योगों पर जोर दिया जाएगा, जिससे किसानों की उनकी उपज का अच्छा लाभ मिले, आदिवासियों उजडऩे नहीं, क्षेत्र का विकास हो और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू ने उद्योगों को आधुनिक तीर्थ स्थल से सम्बोधित किया था। खेद की बात है कि बालको सार्वजनिक क्षेत्र के संयंत्र को निजी हाथों में बेच दिया। बस्तर का नगरनार संयंत्र जब लगभग 60 प्रतिशत बना था, तब इसे भी निजी हाथों में देने की चर्चा थी। जिसका उनके द्वारा विरोध किया गया था। श्री बघेल ने कहा कि हाल ही में लोहाण्डीगुड़ा क्षेत्र में किसानों को इस्पात संयंत्र नहीं बनने पर उनकी अधिग्रहित जमीन वापस की गई, लेकिन इसके साथ ही इसी कार्यक्रम में हमने कोण्डागांव में फूडपार्क मक्का प्रोसेसिंग संयंत्र के लिए भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक न्याय की बात है हमने झीरम घाटी की जांच के लिए एस आई टी का गठन किया है। राज्य सरकार की सहमति से ही केन्द्र सरकार की एनआईए ने जांच की है, लेकिन इसके जांच के बिन्दुओं में षडय़ंत्र संबंधी जांच किए जाने का कोई बिन्दु नहीं है। एनआईए ने अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी है, लेकिन एनआईए ने खुद माना है कि उसके द्वारा आधे से अधिक गवाहों से पूछताछ नहीं की गई है। उन्होंने कहा एसआईटी के गठन और एनआईए जांच में किसी प्रकार की टकराहट नहीं है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि घटना के तह तक जाएं। 
श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विधायक निधि को पहले ही एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रूपए कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने आज सदन में विधायकों की जनसम्पर्क निधि को भी तीन लाख रूपए से बढ़ाकर 10 लाख करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि शासकीय आयोजनों में क्षेत्रीय विधायकों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा और प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। 

 मुख्यमंत्री बघेल अटल नगर में नवनिर्मित शिवनाथ भवन का आज करेगें लोकार्पण
Posted Date : 28-Feb-2019 12:14:25 pm

मुख्यमंत्री बघेल अटल नगर में नवनिर्मित शिवनाथ भवन का आज करेगें लोकार्पण

रायपुर, 28 फ रवरी । मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल अटल नगर, नया रायपुर स्थित नार्थ ब्लाक सेक्टर-19 केपिटल काम्पलेक्स में नवनिर्मित जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय ’शिवनाथ भवन’ का लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण का यह कार्यक्रम 28 फरवरी को दोपहर 3 बजे से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ विधानसभा के अध्यक्ष  चरणदास महंत करेंगे। कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चैबे, लोक निर्माण मंत्री  ताम्रध्वज साहू, खाद्य मंत्री  मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया और विधायक  धनेन्द्र साहू तथा विधायक  सत्यनारायण शर्मा विशिष्ठ अतिथि होंगे। 

आईटीआई में पहली बार दीक्षांत समारोह, आटो मोबाईल स्कील इनहेंसमेन्ट सेंटर का उद्घाटन
Posted Date : 28-Feb-2019 12:13:54 pm

आईटीआई में पहली बार दीक्षांत समारोह, आटो मोबाईल स्कील इनहेंसमेन्ट सेंटर का उद्घाटन

रायपुर, 28 फ रवरी । उच्च शिक्षा, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल आज सड्डू स्थित शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था के प्रथम दीक्षांत समारोह  में शामिल हुए। मंत्री पटेल ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के लिए पहली बार दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा हैै और छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जो स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप आईटीआई में नए ट्रेड जैसे स्मार्ट एग्रीकल्चर, हेल्थ केयर, सोलर टेक्निशियन, स्मार्ट सिटी टेक्निशियन, स्मार्ट फोन टेस्टिंग टेक्निशियन जैसे व्यवसाय को प्रारंभ कर रहा है। पटेल ने कहा कि संस्था में नवाचार के रूप में युवाओं को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप बहुकौशलीय प्रशिक्षण प्रदान करने एवं नियोजित करने की दृष्टि से सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक और मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू करके आधुनिक वर्कशॉप का निर्माण किया गया है, जिसका उद्घाटन अब हो गया है। जिससे यहां के प्रशिक्षणार्थी को आधुनिक तकनीकों का ज्ञान प्राप्त होगा। प्रशिक्षणार्थी को कौशल विकास के साथ ही बेहतर तरीके से नौकरी के अवसर प्राप्त होगें। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षणार्थी ऐसे ट्रेड का चयन करे, जिससे रोजगार के अवसर मिले। कौशल विकास विभाग के अधिकारी प्रदेश के उद्योगों के पदाधिकारियों से चर्चा कर उनकी आवश्यकता के आधार पर ट्रेड संचालित करें, जिससे औद्योगिक इकाईयों को दक्ष मानव संसाधन मिलने के साथ ही प्रशिक्षित युवाओं को योग्यतानुसार प्रदेश में रोजगार के अवसर प्राप्त हों। उन्होंने दीक्षांत प्राप्त विद्यार्थियों को सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। सड्डू पार्षद सुशीला धीवर ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आई.टी.आई. की समस्याओं से अवगत कराया और दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों का शुभकनाएं दी। संचालक विवेक आचार्य ने बताया कि प्रदेश में पहली बार आईटीआई संस्था में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रकार का आयोजन सामान्यत: मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में किया जाता है। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के हर संभाग में स्थित आईटीआई में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा। दीक्षांत समारोह में 19 ट्रेडों के 286 छात्रों का एनसीवीटी (नेशनल काउंसलिंग ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग) के तहत प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। मंत्री पटेल और विधायक शर्मा के द्वारा आटो मोबाईल स्कील इनहेंसमेन्ट सेंटर का उद्घाटन किया गया। एनसीवीटी के द्वारा देश के 5 जगहों में स्कील इनहेंसमेंट सेंटर संचालित किया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ के रायपुर और भिलाई के आईटीआई संस्था में सैमसंग और मारूति कंपनी के प्रशिक्षण केन्द्र बन गए हैं। प्रदेश में सात कंपनियों के साथ पीपीटी मॉडल के रूप में प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। आईटीआई सड्डू के परिसर में सैमसंग और मारूति सुजुकी कंपनी से एमओयू कर लैब का निमार्ण किया गया, जिसमें सैमसंग के आधुनिक उपकरणों तथा मारूति कंपनी के द्वारा पेट्रोल और डीजल इंजन के संबंध में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।