रायपुर, 12 मई । भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेन्शनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में बैंको के लापरवाही के कारण शासकीय सेवा से हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशनर और परिवार पेन्शनर भी मार्च और अप्रेल 21 के पेंशन से वंचित हैं और खातेदार बैंक पेंशन भुगतान नही होने के लिये अधिकृत नोडल बैंक भारतीय स्टेट बैंक स्थित सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल गोविंदपुरा भोपाल को जिम्मेदार ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। पेंशन से वंचित पेन्शनरों के पास जानकारी प्राप्त करने की कोई अन्य कार्यप्रणाली की जानकारी नही होने से कोरोना लॉक डाउन में मायूस होकर चुप बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
राज्य के पेंशनरों को हो रही आर्थिक परेशानियों को लेकर रिजर्व बैंक आफ इंडिया को भी ट्यूट कर इस लापरवाही पर जवाबदेही तय करने और कार्यवाही करने की मांग की गई हैं।
जारी विज्ञप्ति में फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने आगे बताया गया हैं कि इसी काम मे लगे एक जिम्मेदार बैंक अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पेंशन भुगतान में विलम्ब का मुख्य कारण पेंशनरों द्वारा बैंक शाखाओं में जीवन प्रमाण जमा नही किया जाना बताया जा रहा है। जबकि लगभग सभी पेंशनर्रो द्वारा प्रमाणपत्र जमा कर दिया गया है और अब पावती प्रस्तुत करने पर सर्टिफिकेट बाउंस होने की बात कहकर पुन: लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने को कहा जा रहा है।
उनके द्वारा यह भी बताया गया कि देश मे कुछ बैंको के आपस में संविलियन की प्रक्रिया से नए कोड के निर्धारण होने के कारण मुम्बई और भोपाल के बीच तालमेल में कमी होने से मार्च 2021से मासिक पेंशन खाते में जमा होने में विलम्ब हुआ है और उसके बाद कोरोना लॉक डाउन में बैंक का बन्द रहना भी देरी का कारण बताया जा रहा है। बैंक अधिकारी के अनुसार संविलियन से सम्बंधित सम्पूर्ण कार्यवाही स्टेट बैंक मुख्यालय मुम्बई स्थित सेंट्रल पेन्शन प्रोसेसिंग सेंटर से होता है जिसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी गोविंदपुरा भोपाल में स्थापित सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल स्टेट बैंक से संधारित होती हैं।भोपाल से जारी दिशा निर्देश के अनुरूप आगे की कार्यवाही छत्तीसगढ़ के बैंको में संचालित होती है। मुम्बई और भोपाल के बीच की प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ उलझा हुआ है। पेंशनर्रो की इस समस्या के निदान के लिये छत्तीसगढ़ में भी सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की पूर्णकालिक शाखा की स्थापना होना जरूरी है।
जारी विज्ञप्ति में पेन्शनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव एवं फेडरेशन से जुड़े पेन्शनर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यसवंत देवान,भारतीय राज्य पेशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा एवं छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेन्शनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना में गत 20 वर्षो से रुचि नही लेने के कारण बार बार किसी न किसी कारण से यह स्थिति निर्मित होती रहती है।मगर सरकार को पेंशनर्रो की परेशानी से कोई लेना देना नहीं है। इस कोरोना काल में भी मासिक पेंशन का भुगतान नही होने पर पेंशनरों को गम्भीर आर्थिक संकट होने पर चिंता जाहिर कर छत्तीसगढ़ सरकार से इसे संज्ञान में लेने का अनुरोध किया है।
रायपुर, 12 मई । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण होने की जानकारी को गंभीरता से लिया है, उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये हैं।
बता दें कि वर्तमान मेें छत्तीसगढ़ राज्य में ब्लैक फंगस का संक्रमण होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जिसके रोकथाम हेतु पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरीसीन-बी दवाइयों की जरुरत होती है, जिसकी नियमित एवं विधिवत् आपूर्ति किया जाना अतिआवश्यक है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने सभी जिलों में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर को अपने जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरीसीन-बी (समस्त डोसेज फॉर्म, टेबलेट, सीरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किये हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है, कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के भीतर समस्त होलसेलर, स्टॉकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी प्रतिदिन प्राप्त करें। औषधि निरीक्षक अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें।
० छत्तीसगढ़ में शासकीय क्षेत्र का दसवां वायरोलॉजी लैब, सरगुजा संभाग में अंबिकापुर के बाद अब बैकुंठपुर में भी आरटीपीसीआर जांच की सुविधा
रायपुर, 12 मई । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में कोरोना सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच के लिए वायरोलॉजी लैब का ऑनलाइन शुभारंभ किया। इस नए लैब को मिलाकर अब प्रदेश के दस शासकीय लैबों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा हो गई है। इससे रोजाना आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढऩे के साथ ही लोगों को रिपोर्ट भी जल्दी मिलने लगेगी। बैकुंठपुर में वायरोलॉजी लैब की शुरूआत के साथ ही सरगुजा संभाग में कोरोना सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच के लिए अब दो केन्द्र हो गए हैं। वहां अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में पहले से ही आरटीपीसीआर जांच की सुविधा है। बैकुंठपुर वायरोलॉजी लैब के वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री एवं कोरिया जिले के प्रभारी डॉ. शिवकुमार डहरिया, संसदीय सचिव डॉ. अंबिका सिंहदेव, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, विधायक गुलाब कमरो और डॉ. विनय जायसवाल भी शामिल हुए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने बैकुंठपुर में नवनिर्मित वायरोलॉजी लैब का उदघाटन करते हुए कहा कि यह मेडिकल कॉलेजों से इतर जिला मुख्यालय में स्थापित प्रदेश का पहला वायरोलॉजी लैब है। इसका संचालन जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन किया जाएगा। वायरोलॉजी लैब से कोरोना संक्रमण की बेहतर जांच कम समय में ही स्थानीय स्तर पर हो जाएगी। इस नई सुविधा से कोरोना संक्रमितों की पहचान और उन्हें समय पर उपचार उपलब्ध कराने में तेजी आएगी। श्री सिंहदेव ने आज अंतरराष्ट्रीय नर्सेस दिवस पर वैश्विक महामारी कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में समर्पण के साथ काम कर रहीं प्रदेश भर की नर्सों की सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नर्सें हमारी अग्रिम पंक्ति की योद्धा हैं जो मरीजों का जीवन बचाने और उनकी सेहत में सुधार के लिए लगातार काम कर रही हैं।
नगरीय प्रशासन मंत्री एवं कोरिया जिले के प्रभारी डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बैकुंठपुर में वायरोलॉजी लैब और ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दूरस्थ अंचल में इनकी स्थापना से क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। कोरोना संक्रमण के कठिन समय में इस पर नियंत्रण के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारी गंभीरता से काम कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नर्सेस दिवस पर नर्सों के योगदान को भी रेखांकित किया।
चिरमिरी नगर पालिका की महापौर कंचन जायसवाल, कोरिया के कलेक्टर एस.एन. राठौर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. आर.के. सिंह, रायपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विष्णु दत्त, एम्स रायपुर की डॉ. अनुदिता भार्गव और गैर-संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन के साथ बैकुंठपुर वायरोलॉजी लैब के अधिकारी-कर्मचारी वीडियो कॉन्फ्रेंस से लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए।
भिलाई/रायपुर 12 मई । प्रदेश में पिछले एक महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है। लाकडाउन में शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पिछले 10 मई से शराब की ऑनलाईन बिक्री का आदेश जारी किया था। पूरे प्रदेश में शराब की आनलाईन बिक्री हो रही है।
ऑनलाईन शराब के लिए गूगल प्ले स्टोर में इससे संबंधित ऐप को एंड्रॉयड मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है और मोबाइल के माध्यम से भी बुकिंग की जा सकती है। ग्राहक को अपना मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और पूर्ण पता दर्ज कर पंजीयन करना होता है। पंजीयन ओटीपी के माध्यम से कन्फर्म होता है। पंजीयन के बाद ग्राहक को लॉगिन करना होगा और उसके बाद इसमें अपने जिले के निकट की एक विदेशी शराब दुकान, एक देसी तथा एक प्रीमियम शराब दुकान को लिंक करने की सुविधा प्रदान की गई है. जिससे ग्राहक आसानी से निकट के दुकान का चयन कर सकता है. चयनित दुकान से शराब घर पर आपूर्ति के लिए बुक की जा सकती है। ग्राहक अपनी पसंदीदा शराब की बुकिंग भी कर सकते हैं। बुकिंग के पश्चात ग्राहक ऑनलाईन पेमेंट गुगल प्ले, पेटीएम अथवा एटीएम डेबिट कार्ड के माध्यम से कर सकते हैं। यह सुविधा एप में दी गई है। लेकिन विडंबना है कि ऑनलाईन शराब बुक होने के बाद होम ऑन डिलवरी नहीं की जा रही है बल्कि ग्राहकों को अलग से बुलाकर शराब प्रदान की जा रही है। जिससे ग्राहकों में काफी रोष है।
ट्विनसिटी के कुछ ग्राहकों ने आरएनएएस को बताया कि हमने एप के माध्यम से आनलाईन शराब आर्डर की थी जिसकी डिलवरी भी आनलाईन आनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर हमें फोन करके बुलाया जा रहा है और शराब दी जा रही है। जिससे ग्राहक काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि जब सारी व्यवस्थाएं पूरी नहीं हुई थी तो आनलाईन शराब क्यों बेची जा रही है। क्या आनलाईन डिलवरी करने के लिए सरकार के पास कोई डिलवरी ब्वाय नहीं है। हम शराब के पैसे तो आनलाईन दे रहे हैं तो हमें शराब होम ऑन डिलवरी क्यों नहीं की जा रही है। सुपेला के कुछ क्षेत्रों में भी ऐसा नजारा देखने को मिल सकता है। कुछ लोगों ने बताया कि हमारा पैसा सीएसएमसीएल के एप्प में फंसा हुआ है इसलिए हमें मजबूरन हमें शराब के लिए जहां बुलाया जा रहा है वहां जाना पड़ रहा है। ग्राहकों का कहना है कि प्रशासन इस पर तुरंत संज्ञान ले।
रायपुर, 12 मई । पर्याप्त यात्री संख्या उपलब्ध नहीं होने के कारणअबिकापुर एवं जबलपुर तथा नागपुर एवं रायपुर रेल मंडल मध्य चलने वाली मेमू स्पेशल ट्रेनों का परिचालन रद्द की जा रही है ।
इसी प्रकार कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर छत्तीसगढ़ राज्य में की जा रही लॉक डाउन के मद्देनजर डोंगरगढ़ एवं रायपुर के मध्य चलने वाली मेमू स्पेशल का परिचालन 13 से 31 मई’ तक रद्द रहेगी ।
रद्द होने वाली इन ट्रेनें इस प्रकार है
01265 जबलपुर-अम्बिकापुर, स्पेशल एक्सप्रेस दिनांक 13 मई’ 2021 से आगामी आदेश तक रद्द रहेगी ।
01266 अम्बिकापुर-जबलपुर, स्पेशल एक्सप्रेस दिनांक 14 मई’ 2021 से आगामी आदेश तक रद्द रहेगी ।
मेमू स्पेशल का परिचालन रद्द किया गया -
08709 रायपुर-डोंगरगढ़, मेमू स्पेशल दिनांक 13 से 30 मई 2021 तक इस गाड़ी का परिचालन रद्द रहेगी ।
08710 डोंगरगढ़-रायपुर, मेमू स्पेशल दिनांक 14 से 31 मई 2021 तक इस गाड़ी का परिचालन रद्द रहेगी ।
08746 रायपुर-गेवरा रोड, मेमू स्पेशल दिनांक 13 से 30 मई’ 2021 तक इस गाड़ी का परिचालन रद्द रहेगी ।
08745 गेवरा रोड-रायपुर, मेमू स्पेशल दिनांक 14 से 31 मई’ 2021 तक इस गाड़ी का परिचालन रद्द रहेगी ।
08861 गोंदिया-झारसुगुड़ा, मेमू स्पेशल दिनांक 13 से 30 मई’ 2021 तक इस गाड़ी का परिचालन रद्द रहेगी ।
08862 झारसुगुड़ा-गोंदिया, मेमू स्पेशल दिनांक 14 से 31 मई’ 2021 तक इस गाड़ी का परिचालन रद्द रहेगी ।
रायपुर,12 मई । गरियाबंद जिले में 2 चितलों के शिकार मामले में पुलिस ने 16 शिकारियों को पकड़ा है। यह इनमें से एक आरोपी को तीर धनुष के साथ पकड़ा है। वहीं संभावना जताई जा रही है कि पूछताछ के बाद अन्य आरोपियों के नाम सामने आ सकते हैं।
आपको बता दें कि तौरंगा वन परिक्षेत्र में दो चितलों का शिकार गया था। वन विभाग की टीम ने शनिवार को चितलों का शव बरामद किया। जिसके बाद दोनों चितलों का अंतिम संस्कार भी किया गया। वहीं आज 16 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि तौरेंगा वन परिक्षेत्र दो चितलों का शिकार किया गया था। वन विभाग की टीम ने शनिवार को चितलों का शव बरामद किया। जिसके बाद दोनों चितलों का अंतिम संस्कार भी किया गया। वहीं आज 16 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।