व्यापार

चीन का औद्योगिक उत्पादन 17 साल के निचले स्तर पर
Posted Date : 14-Aug-2019 1:34:33 pm

चीन का औद्योगिक उत्पादन 17 साल के निचले स्तर पर

बीजिंग,14 अगस्त। चीन में निवेश और खुदरा बिक्री में गिरावट के साथ ही औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर जुलाई महीने में 17 साल के निचले स्तर पर आ गयी। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में चीन के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.80 प्रतिशत रही। यह 2002 के बाद का सबसे निचला स्तर है। जून में यह दर 6.30 प्रतिशत रही थी। ब्लूमबर्ग न्यूज के एक सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई में चीन के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था। आंकड़ों से इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि चीन में उपभोक्ता मांग में गिरावट आ रही है। खुदरा बिक्री जून के 9.80 प्रतिशत की तुलना में तेजी से गिरी और जुलाई में 7.60 प्रतिशत पर आ गयी। इस दौरान दीर्घकालिक निवेश की वृद्धि दर भी कम होकर 5.70 प्रतिशत पर आ गयी। चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर दूसरी तिमाही में 6.20 प्रतिशत पर आ गयी। यह करीब तीन दशक की सबसे कम दर है।

जीएसटी हटने से चमकीली हुई राखी
Posted Date : 13-Aug-2019 12:58:23 pm

जीएसटी हटने से चमकीली हुई राखी

नई दिल्ली ,13 अगस्त । सभी तरह की राखियों के जीएसटी मुक्त होने के एक साल बाद बाजारों में रौनक दिख रही है। पारंपरिक राखी निर्माता और डीलर्स ने इस साल राखियों में ग्लास, बीड्स, स्टोन का बेधडक़ इस्तेमाल किया है और सेल्स भी पिछले साल के मुकाबले 20त्न ज्यादा बताई जा रही है। हालांकि राखियों की बढ़ती ऑनलाइन डिमांड के बीच ई-कॉमर्स और गिफ्टिंग प्लैटफॉर्म अच्छी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने इस साल ऑर्डर में 40त्न तक ग्रोथ दर्ज की है। 
राखियों के होलसेल हब सदर बाजार की फर्म अनिल भाई राखी वाले के मुताबिक, पिछले साल राखियों से जीएसटी त्योहार से ऐन पहले हटाया गया था, जिससे कोई खास लाभ नहीं मिला था, लेकिन इस बार मैन्युफैक्चरर्स और ट्रेडर्स के पास पूरे एक साल का समय था। इसका सेल्स पर पॉजिटिव असर पड़ा है। कीमतों में भी कमी आई है।
पिछले साल तक ग्लास बीड वाली राखियों पर 18त्न तो जरी, नायलॉन, सिल्क पर 12 पर्सेंट तक टैक्स लग रहा था। राखी का कोई विशेष स्लैब न होकर रॉ मैटीरियल या इनपुट के हिसाब से दरें तय की गई थीं, जिसमें कई विसंगतियां थीं। इस साल सब कुछ क्लियर है और मैन्युफैक्चरर्स ने ग्लास, प्लास्टिक बीड्स, स्टोन और अन्य जडि़त वस्तुओं का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है।
साल थोक बिक्री 20त्न ज्यादा दर्ज की गई है। ऑनलाइन वेंडर्स की ओर से डिमांड साल दर साल बढ़ रही है। गिफ्टिंग प्लैटफॉर्म फर्न्स ऐंड पेटल्स ने इस साल 100 से ज्यादा देशों में राखी डिलिवरी सर्विस लॉन्च की है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले ऑर्डर्स में 40त्न की ग्रोथ दर्ज की गई है, जिसमें 50त्न अमेरिका, यूके, यूएई, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के लिए हैं। लुंबा, मौली, सिल्वर, पर्ल, रुद्राक्ष, चंदन सहित सभी तरह की राखियों की डिमांड बढ़ी है।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने होम लोन को रीपो रेट से जोड़ा
Posted Date : 13-Aug-2019 12:58:07 pm

बैंक ऑफ बड़ौदा ने होम लोन को रीपो रेट से जोड़ा

मुंबई ,13 अगस्त । भारतीय स्टेट बैंक और अन्य बैंकों की राह पर चलते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने भी रीपो रेट आधारित होम लोन पेश किया है। 
बैंक ने बताया कि रीपो आधारित होम लोन के साथ ग्राहकों के पास एमसीएलआर आधारित रेट और रीपो आधारित लोन के बीच चयन करने का विकल्प होगा। स्टेट बैंक, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया समेत अन्य सरकारी बैंक पहले ही रीपो रेट आधारित कर्ज की पेशकश करने की घोषणा कर चुके हैं।

वाहनों उद्योग में 13 लाख लोगों की नौकरी गयी, बिक्री में सदी की सबसे बड़ी गिरावट
Posted Date : 13-Aug-2019 12:57:54 pm

वाहनों उद्योग में 13 लाख लोगों की नौकरी गयी, बिक्री में सदी की सबसे बड़ी गिरावट

नईदिल्ली,13 अगस्त । वाहन उद्योग में एक साल से जारी संकट के कारण लगभग 13 लाख लोगों की नौकरी चली गयी है और जुलाई में देश में वाहनों की बिक्री में सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। 
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के मंगलवार को यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2018 की तुलना में इस साल जुलाई में वाहनों की कुल बिक्री 18.71 प्रतिशत घट गयी। जुलाई 2019 में घरेलू बाजार में कुल 18,25,148 वाहन बिके जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 22,45,223 था। यह दिसंबर 2000 (21.81 प्रतिशत) के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। यह लगातार आठवां महीना है , जब सभी श्रेणी के वाहनों की कुल बिक्री में कमी दर्ज की गयी है। 
कारों समेत पूरे यात्री वाहन क्षेत्र में भी सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। यात्री कारों की बिक्री जुलाई 2018 के 1,91,979 इकाई से घटकर 1,22,956 इकाई रह गयी। इस प्रकार इसमें 35.95 प्रतिशत की गिरावट रही। इससे पहले दिसंबर 2000 में कारों की बिक्री 35.22 प्रतिशत घटी थी। उपयोगी वाहनों की बिक्री में 15.22 प्रतिशत और वैनों की बिक्री में 45.68 प्रतिशत की गिरावट रही। इस प्रकार यात्री वाहनों की बिक्री पिछले साल जुलाई के 2,90,931 से घटकर इस साल जुलाई में 2,00,790 इकाई रह गयी। यात्री वाहनों में कारें, उपयोगी वाहन और वैन आते हैं। 
यह लगातार नवां महीना है जब यात्री वाहनों की बिक्री में कमी आयी है। पिछले साल जून से इस साल जुलाई तक 14 महीने में से (अक्टूबर 2018 को छोडक़र) 13 महीने इनकी बिक्री घटी है। 
बिक्री के आँकड़े जारी करते हुये सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आँकड़ों का हवाला देते हुये कहा कि वाहन उद्योग में एक साल से जारी मंदी के कारण तकरीबन 13 लाख लोगों की नौकरियाँ गयी हैं। उन्होंने कहा कि सबसे बुरा प्रभाव वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों पर पड़ा है। रिपोर्टों के मुताबिक इस क्षेत्र में करीब 11 लाख लोगों की नौकरी गयी है। इनमें एक लाख की छँटनी बड़ी कंपनियों तथा 10 लाख की छँटनी छोटे आपूर्तिकर्ताओं ने की है। करीब 300 डीलरशिप बंद हो चुके हैं और डीलरों ने दो लाख 30 हजार लोगों को नौकरी से निकाला है। सियाम ने जिन 10-15 वाहन निर्माता कंपनियों के आँकड़े एकत्र किये हैं उन्होंने भी 15 हजार लोगों को निकाला है। सबसे ज्यादा गाज अस्थायी कर्मचारियों पर गिरी है।
माथुर ने कहा कि सियाम कई महीने से सरकार से राहत पैकेज की माँग कर रहा है और यदि जल्द इसकी घोषणा नहीं की गयी तो संकट गहरा जायेगा। उन्होंने कहा जो स्थिति है उससे लगता है कि संकट और गहरा गया है। आँकड़ों से स्पष्ट की किस प्रकार राहत पैकेज की अविलंब जरूरत है। वाहन उद्योग अपनी तरफ से बिक्री बढ़ाने के उपाय कर रहा है। सरकार को भी हरकत में आना होगा।
उन्होंने बताया कि उद्योग प्रतिनिधियों की सरकार के साथ हाल ही में बातचीत हुई है। उद्योग ने वाहनों पर कर की दर घटाने, स्कैपेज नीति लाने और वित्तीय क्षेत्र - विशेषकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों - को मजबूत करने की माँग की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही सरकार की तरफ से राहत पैकेज की घोषणा की जायेगी। उन्होंने कहा कि यह वाकई चिंता की बात है कि यात्री वाहनों के साथ ही अन्य सभी श्रेणी के वाहनों की बिक्री में भी गिरावट देखी जा रही है।
माथुर ने कहा कि मानसून अच्छा रहा है। साथ ही आगे त्योहारी मौसम है और भारत स्टेज-4 वाले वाहनों की खरीद बढऩे की उम्मीद है। इन सभी कारकों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बिक्री बढऩे की उम्मीद है।

जियो फाइबर के ऐलान के बाद उछले रिलायंस के शेयर, बाजार की शुरुआत लाल निशान पर
Posted Date : 13-Aug-2019 12:57:32 pm

जियो फाइबर के ऐलान के बाद उछले रिलायंस के शेयर, बाजार की शुरुआत लाल निशान पर

नईदिल्ली,13 अगस्त । वैश्विक बाजारों के खराब प्रदर्शन के बाद आज सप्ताह के पहले कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। कारोबार के शुरुआती मिनटों में सेंसेक्स 100 अंक से अधिक लुढक़कर कर 37,450 के नीचे आ गया। हालांकि कुछ देर बाद ही सेंसेक्स में 200 अंकों की बढ़त देखने को मिली। इसी तरह निफ्टी की शुरुआत 25 अंकों की गिरावट के साथ हुई। हालांकि 10 मिनट के भीतर निफ्टी हरे निशान पर भी आ गया। शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 7 फीसदी से अधिक की तेजी दर्ज की गई। वहीं इस दौरान एयरटेल के शेयर 4 फीसदी तक लुढक़ गए।
दरअसल, सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एनुअल जनरल मीटिंग को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कंपनी को इतिहास का सबसे बड़ा निवेश मिला है। मुकेश अंबानी के मुताबिक आरआईएल ने सऊदी अरामको के साथ करार किया है। इस डील के तहत सऊदी अरामको की पेट्रोरसायन केमिकल बिजनेस में 20 फीसदी हिस्सेदारी होगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने पेट्रोलपंप कारोबार की 49 फीसदी हिस्सेदारी भी ब्रिटेन की बीपी कंपनी को बेचने की घोषणा की है।
इन सौदों से कंपनी को 1.15 लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी और इस धन से वह अपना कर्ज कम कर सकेगी। मुकेश अंबानी ने बताया कि कंपनी की योजना अगले 18 महीने में कर्ज मुक्त बनने की है। इसके साथ ही मुकेश अंबानी ने ब्रॉडबैंड सेवा ‘जियो गीगा फाइबर’ शुरू करने की भी घोषणा की। जियो फाइबर कंपनी की ऑप्टिकल फाइबर फिक्स्ड लाइन आधारित ब्रॉडबैंड सेवा है।
बता दें कि सोमवार को देश के प्रमुख शेयर बाजार ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मौके पर बंद थे। बाजार के लिए आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार का था। इस दिन सेंसेक्स 254.55 अंकों की तेजी के साथ 37 हजार 582 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 77.20 अंकों की तेजी के साथ 11 हजार 110 पर रहा था।

अब फोन-कंप्यूटर ही नहीं, डीएसएलआर कैमरे भी हैकिंग की चपेट में
Posted Date : 13-Aug-2019 12:56:54 pm

अब फोन-कंप्यूटर ही नहीं, डीएसएलआर कैमरे भी हैकिंग की चपेट में

नईदिल्ली,13 अगस्त । आपके फोन या कंप्यूटर को हैकिंग का खतरा है, बल्कि डीएसएलआर कैमरों की हैकिंग हो सकती है। सुरक्षा शोधकर्ताों ने चेतावनी दी है कि डीएसएलआर कैमरों पर भी रैनसमवेयर या मैलवेयर हमले हो सकते हैं। साइबर सुरक्षा कंपनी चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजीज के शोधकर्ताओं ने पाया है कि आधुनिक कैमरे यूएसबी और वाईफाई से जुड़े होते हैं, ऐसे में हैकर्स उनके डेटा पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।
चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजीज के सुरक्षा शोधकर्ता इयाल इटकिन ने बताया, कोई भी स्मार्ट डिवाइस, जिसमें डीएसएलआर कैमरे भी शामिल है, हमले के लिए अत्यंत संवेदनशील हैं। इटकिन ने कहा, कैमरे अब केवल यूएसबी से कनेक्ट नहीं हो रहे हैं, बल्कि वाईफाई नेटवर्क और संबंधित वातावरण से भी कनेक्ट हो रहे हैं। यह उन्हें हमलावरों की जद में पहुंचाता है। अगर कैमरे पर हमला किया जाता है तो उसकी तस्वीरों को बंधक बनाया जा सकता है और बदले में फिरौती की मांग की जा सकती है। 
चूंकि आधुनिक कैमरों में तस्वीरें फिल्म पर नहीं उतारी जाती है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय इमेजिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने एक मानक प्रोटोकॉल बनाया है, जिसे पिक्चर ट्रांसफर प्रोटोकॉल (पीटीपी) नाम दिया गया है, इसी के माध्यम से कैमरे से तस्वीरें पीसी पर ट्रांसफर की जाती है। 
हालांकि इस प्रोटोकॉल में मुख्य जोर तस्वीरों के ट्रांसफर पर ही है, लेकिन इसके माध्यम से कैमरों के फर्मवेयर अपडेट एक दर्जन कमांड दिए जाते हैं। चेक प्वाइंट ने अपने रिसर्च के दौरान कैनन के ईओएस 80डी कैमरे पर काम किया और उसकी कमियों से कंपनी को अवगत कराया। इसके बाद कंपनी इसे सुधारने पर काम कर रही है। 
चूंकि अन्य कंपनियों के कैमरे भी इसी प्रोटोकॉल पर काम करते हैं। ऐसे में शोधकर्ताओं का कहना है कि उन कैमरों में भी ऐसी कमियां है, जिससे वे हैकरों की पहुंच में हैं। इससे बचाव के लिए कैमरा मालिकों को अपने कैमरे को नवीनतम फर्मवेयर से अपडेट करना चाहिए, और अगर पैच उपलब्ध हो तो उसे इंस्टाल करना चाहिए। इसके अलावा जब इस्तेमाल में नहीं हो तो कैमरे का हाईफाई बंद कर देना चाहिए।