व्यापार

खादी का कारोबार वर्ष 2018-19 में 74,323 करोड़ के स्तर को पार किया
Posted Date : 18-Aug-2019 11:45:21 am

खादी का कारोबार वर्ष 2018-19 में 74,323 करोड़ के स्तर को पार किया

नईदिल्ली,18 अगस्त । खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2018-19 में खादी उत्पादों की बिक्री के साथ इसका कारोबार 74,323 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है। इसका कारण खादी उत्पादों की बिक्री का बढऩा है जो वर्ष 2014-15 के बाद से 145 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ा है। केवीआईसी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, खादी का उत्पादन वर्ष 2014-15 में 879.98 करोड़ रुपये का हुआ था, जो वर्ष 2018-19 में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 1,902 करोड़ रुपये का हो गया। इसकी बिक्री वर्ष 2014-15 के 1,310.9 करोड़ रुपये से 145 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ वर्ष 2018-19 में 3,215.13 करोड़ रुपये की हो गयी। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा, यहां तक कि यह ग्रामीण उद्योग वर्ष 2014-15 में हुए 31,965.52 करोड़ रुपये के कारोबार के मुकाबले 123 प्रतिशत की विकास दर के साथ वर्ष 2018-19 में 71,123.68 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्षों में खादी ने खादी कपड़े के उत्पादन में 62 प्रतिशत की औसत छलांग लगाई है, यानी यह वर्ष 2014-15 में 10 करोड़ 32.2 लाख वर्ग मीटर से बढक़र वर्ष 2018-19 में 17 करोड़ आठ लाख वर्ग मीटर हो गया है। वित्तवर्ष 2014-15 में कुल कपड़ा उत्पादन में खादी की हिस्सेदारी 4.23 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2018-19 में 8.49 प्रतिशत हो गई है, जो लगभग दोगुनी वृद्धि को दर्शाता है। सक्सेना ने कहा, पिछले साढ़े तीन साल में, केवीआईसी ने 32,000 से अधिक नए मॉडल के चरखे (चरखा) और 5,600 आधुनिक करघे उपलब्ध कराए थे, जिससे खादी का उत्पादन बढ़ा।

छह दिन बाद पेट्रोल के दाम घटे, डीजल भी सस्ता
Posted Date : 18-Aug-2019 11:45:02 am

छह दिन बाद पेट्रोल के दाम घटे, डीजल भी सस्ता

नईदिल्ली,18 अगस्त । लगातार छह दिन तक स्थिर रहने के बाद रविवार को देश में पेट्रोल की कीमतों में गिरावट देखी गयी जबकि डीजल लगातार दूसरे दिन सस्ता हुआ। 
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल आठ पैसे सस्ता होकर 05 जुलाई के बाद के निचले स्तर 71.91 रुपये प्रति लीटर पर आ गया। डीजल की कीमत भी 12 पैसे घटकर 65.26 रुपये प्रति लीटर रही जो 05 जुलाई के बाद का निचला स्तर है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बने रहने के कारण दोनों जीवाश्म ईंधनों में यह नरमी देखने को मिली है। मुंबई और कोलकाता में भी पेट्रोल आठ-आठ पैसे सस्ता होकर क्रमश: 77.57 रुपये और 74.61 रुपये प्रति लीटर रह गया। वहीं, चेन्नई में इसका मूल्य नौ पैसे कम होकर 74.69 रुपये प्रति लीटर पर आ गया। 
डीजल कोलकाता में 12 पैसे सस्ता होकर 65.26 रुपये, मुंबई में 13 पैसे सस्ता होकर 67.64 रुपये और चेन्नई में 15 पैसे सस्ता होकर 68.95 रुपये प्रति लीटर रहा। तेल विपणन कंपनियाँ दैनिक आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा करती हैं और हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें प्रभावी होती हैं। 

किसानों के लिए  एसबीआई लाया सुनहरी अवसर
Posted Date : 17-Aug-2019 1:34:42 pm

किसानों के लिए एसबीआई लाया सुनहरी अवसर

0-20 अगस्त को एकमुश्त से निपटाएं लोन
नईदिल्ली  । अगर आप किसान हैं और आपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लोन लिया है तो आपके लिए जरूरी खबर है। अगर आपके लोन का निपटान नहीं हुआ है तो आपके लिए एसबीआई सुनहरा अवसर लाया है। 20 अगस्त को एसबीआई की तरफ से देशभर में करीब 14,000 ग्रामीण और अर्ध-शहरी शाखाओं में मेगा फार्मर्स मीट - किसान मिलन समारोह आयोजित किया जाएगा। इस किसान मिलन समारोहों में किसानों को उनके बकाए के एकमुश्त निपटान का मौका मिलेगा। साथ ही पुराने लोन के लिए आसान शर्तों के तहत सुविधा प्रदान की जाएगी।
इस बारे में बैंक ने बयान जारी करके कहा कि उसके पास करीब 1.40 करोड़ किसान ग्राहक हैं। इस किसान मिलन समारोह के जरिए बैंक की योजना करीब 10 लाख किसान ग्राहकों से सीधे जुडऩे की है। बैंक ने बताया कि किसान मिलन किसानों को केसीसी सेचुरेशन जागरूकता कार्यक्रम के तहत नए फसल ऋण लेने में मदद करेगा और केसीसी के तहत मौजूदा ऋणों के नवीकरण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। एसबीआई ने होम लोन और ऑटो लोन में क्रमश: 35 फीसदी और 36 फीसदी बाजार हिस्सेदारी संभाली हुई है। बैंक का भारत में 22,088 शाखाओं का सबसे बड़ा नेटवर्क है और 58,495 से अधिक का एटीएम या सीडीएम नेटवर्क है। इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या 66 मिलियन से अधिक है और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं 14.8 मिलियन हैं।

वाहन क्षेत्र में सुस्ती से 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी गई
Posted Date : 17-Aug-2019 1:34:22 pm

वाहन क्षेत्र में सुस्ती से 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी गई

नईदिल्ली,17 अगस्त । वाहन उद्योग में जारी सुस्ती के मद्देनजर मारुति सुजुकी इंडिया के 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा वाहन उद्योग में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया है जबकि स्थायी कर्मचारियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है। भार्गव ने कहा ,  यह कारोबार का हिस्सा है , जब मांग बढ़ती है तो अनुबंध पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है।  उन्होंने कहा ,  मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3,000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।  भार्गव ने दोहराया कि वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बिक्री , सेवा , बीमा , लाइसेंस , वित्तपोषण , चालक , पेट्रोल पंप , परिवहन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है। उन्होंने चेताया कि वाहन बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा।

टीवी चैनल्स के अंधाधुंध डिस्काउंट पर ट्राई की नजर
Posted Date : 17-Aug-2019 1:33:58 pm

टीवी चैनल्स के अंधाधुंध डिस्काउंट पर ट्राई की नजर

नईदिल्ली,17 अगस्त । टेलीकॉम रेगुलटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की ब्रॉडकास्टर और वितरकों की ओर से ग्राहकों को अपने प्लेटफॉर्म पर रोकने के लिए दिए जाने वाले बंपर डिस्काउंट पर पूरी नजर है। दूरसंचार नियामक का कहना है कि इन ऑफर्स की वजह से ग्राहकों को चैनल चुनने की पूरी आजादी नहीं मिल पा रही है। छूट पर लगाम लगाने के लिए ट्राई ने शुक्रवार को परामर्श पत्र जारी कर हितधारकों से राय मांगी है। दरअसल, ग्राहकों को अतिरिक्त चैनल के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए 29 दिसंबर, 2018 से नया नियामकीय ढांचा लागू किया गया था। बावजूद इसके टीवी चैनल ब्रॉडकास्टर और डिस्ट्रीब्यूशन ऑपरेटर्स ग्राहकों को बनाए रखने के लिए नए-नए ऑफर्स लेकर आ रहे हैं। इसमें चुनिंदा चैनलों का बुके ग्राहकों को उपलब्ध कराते हैं, जिन पर छूट दी जा रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को कई गैरजरूरी चैनल्स के भी पैसे देने पड़ रहे हैं। दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा है कि नियमों में बदलाव के बावजूद ग्राहकों को चैनल चुनने की पूरी आजादी नहीं मिली है। ट्राई ने डिस्काउंट, बुके की जरूरत और सीलिंग प्राइस पर 30 सितंबर तक हितधारकों से राय मांगी है।
ट्राई ने कहा कि नए नियामकीय ढांचे का मकसद टीवी दर्शकों को पसंद के चैनल चुनने का अधिकार देना था। इसके जरिये दर्शक अपने मासिक बिल को नियंत्रित कर सकते थे, लेकिन ब्रॉडकास्टर और डिस्ट्रीब्यूशन ऑपरेटर नियमों के खिलाफ जाकर नए-नए ऑफर ला रहे हैं। नए नियमों में उन्हें चैनल का बुके पेश करने की छूट मिली है, जिसका फायदा उठा रहे हैं। चूंकि, नए नियमों में इस पर लगाम लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में टीवी दर्शकों के हित में ट्राई इन ऑफर्स पर लगाम कसने की तैयारी कर रहा है।
ट्राई ने परामर्श पत्र में कहा है कि अधिकतर सेवा प्रदाता कंपनियां और ऑपरेटर्स की ओर से उपभोक्ताओं को चैनल के बुके पर 70 फीसदी तक डिस्काउंट दिया जा रहा है। ज्यादातर बुके में थोड़े फेरबदल के साथ एक जैसे चैनल ही शामिल हैं। इससे ग्राहकों को टीवी चैनल्स की वास्तविक कीमतों का पता नहीं चल पाता है। 
ट्राई की ओर से जारी कंसल्टेशन पेपर्स के अनुसार, उदाहरण के तौर स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एसवीपी हिन्दी और एसवीपी तेलुगु नाम से दो बकेट बना रखे हैं। हिन्दी बकेट में 15 चैनल और एसवीपी तेलुगु बकेट में 10 चैनल शामिल हैं। यह सभी पे चैनल हैं। आ-ला-कार्ट के अनुसार, एसवीपी हिन्दी बकेट के चैनलों की एक माह की कीमत 75.10 रुपए होती है। लेकिन ऑफर के तहत 34.8 फीसदी के डिस्काउंट के तहत यह बकेट 49 रुपए में उपलब्ध कराई जा रही है। इस कीमत में टैक्स शामिल नहीं है। इसी प्रकार एसवीपी तेलुगु में शामिल चैनलों की एक माह की कीमत 63 रुपए होती है। लेकिन इसको 38.10 फीसदी के डिस्काउंट के साथ 39 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार अन्य ऑपरेटर भी डिस्काउंट के साथ अपने चैनल्स का बकेट ऑफर कर रहे हैं।

18 अगस्त तक बंद रहेंगे हीरो मोटोकॉर्प के विनिर्माण संयंत्र
Posted Date : 16-Aug-2019 12:52:40 pm

18 अगस्त तक बंद रहेंगे हीरो मोटोकॉर्प के विनिर्माण संयंत्र

नईदिल्ली,16 अगस्त । देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने चार दिनों के लिये विनिर्माण संयंत्रों को बंद किया है। कंपनी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने बीएसई को बताया कि उसके विनिर्माण संयंत्र 15 अगस्त से बंद हैं और ये 18 अगस्त तक बंद रहेंगे। उसने कहा कि सालाना अभ्यास तथा मौजूदा मांग के हिसाब से विनिर्माण का समायोजन करने के लिये ऐसा किया गया है। कंपनी ने कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन और सप्ताहांत के कारण सालाना अवकाश का भी हिस्सा है लेकिन आंशिक तौर पर यह नरम पड़ती बाजार मांग का भी संकेत देता है।’’ उल्लेखनीय है कि वाहनों की मांग में नरमी के कारण विभिन्न वाहन निर्माता कंपनियां उत्पादन कम कर रही हैं।