मुंबई। औफिस स्पेस सॉल्यूशंस के स्टॉक की गुरुवार को शेयर बाजार में सकारात्मक लिस्टिंग हुई। एनएसई पर औफिस स्पेस सॉल्यूशंस का शेयर 13.58 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ इश्यू प्राइस 383 के मुकाबले 435 पर लिस्ट हुआ।
बीएसई पर औफिस स्पेस सॉल्यूशंस का शेयर 12.86 प्रतिशत की तेजी के साथ 432 रुपये पर लिस्ट हुआ। औफिस स्पेस सॉल्यूशंस के शेयर की लिस्टिंग उम्मीद से कम हुई है।
बाजार के जानकारों का मानना है कि इसकी लिस्टिंग 500 रुपये से लेकर 510 के बीच हो सकती है।
बता दें, औफिस स्पेस सॉल्यूशंस के आईपीओ को बाजार से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। बीएसई के डेटा के मुताबिक, आईपीओ 108.56 गुना सब्सक्राइब हुआ था। योग्य संस्थागत खरीददारों (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व कोटा 116.95 गुना, गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व कोटा 129.81 गुना और रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व कोटा 54.58 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
कर्मचारियों के लिए रिजर्व कोटा 25.20 गुना सब्सक्राइब हुआ था। आईपीओ में क्यूआईबी के लिए 75 प्रतिशत, गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए 15 प्रतिशत और रिटेल निवेशकों के लिए 10 प्रतिशत कोटा रिजर्व रखा गया था।
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस स्टार्टअप, एमएसएमई, कॉरपोरेट और एमएनसी कंपनियों के लिए ऑफिस स्पेस उपलब्ध कराने का कार्य करती है। कंपनी कई कोवर्किंग स्पेस भी चलाती है।
औफिस स्पेस सॉल्यूशंस, ऑफिस स्पेस उपलब्ध कराने वाली पहली लिस्टेड कंपनी है। कंपनी की ओर से 598 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया गया था। इसमें से 128 करोड़ फ्रेश इश्यू था, जबकि 470 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) था।
आईपीओ 22 मई से लेकर 27 मई तक आम निवेशकों के लिए खुला था।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस साल औसत से ज्यादा मानसूनी बारिश और आपूर्ति श्रृंखला की बाधा दूर होने से वित्त वर्ष 2024-25 में औसत खुदरा महंगाई 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
आरबीआई ने गुरुवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, वित्त वर्ष 2023-24 में ओवरऑल महंगाई दर 1.3 प्रतिशत कम होकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव कम होने, कोर (गैर खाद्य-गैर ऊर्जा) मुद्रास्फीति में वृहद आधार पर नरमी और सामान्य से ज्यादा मानसूनी बारिश 2024-25 में मुद्रास्फीति के परिदृश्य के लिए अच्छे संकेत हैं।
रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा गया है कि जलवायु संबंधी संकट खाद्य मुद्रास्फीति और ओवरऑल खुदरा महंगाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। जलाशयों में निम्न जलस्तर, खासकर दक्षिणी राज्यों में, और 2024-25 के शुरुआती महीनों में सामान्य से ज्यादा तापमान पर नजदीकी नजर रखने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, जारी भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के कारण मुद्रास्फीति बढऩे की आशंका है। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा महंगाई के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए मौजूदा मौद्रिक रुख बनाये रखने की जरूरत पर बल दिया है।
आरबीआई को खुदरा महंगाई को दीर्घावधि में चार प्रतिशत के आसपास और आम तौर पर दो प्रतिशत से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
नईदिल्ली। सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सिस्टम इंजीनियर और प्रोग्रामिंग एनालिस्ट उन तीन टॉप नौकरियों में शामिल है, जिनमें फ्रैश ग्रेजुएट्स की मांग सबसे अधिक है। बुधवार को आई एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि एंट्री लेवल जॉब के लिए डिजाइन, एनालिस्ट्स और प्रोग्रामिंग टॉप स्किल हैं, जिनकी मांग सबसे अधिक है।
सालाना आधार पर ऑन-साइट यानी कार्यस्थल पर नौकरी में 15 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं, हाइब्रिड नौकरियों में 52 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है।
लिंक्डइन प्रोफेशनल नेटवर्क की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरी परिदृश्य में बदलाव नए ग्रेजुएट्स को चुनने और आगे बढऩे के लिए कार्य व्यवस्था की एक विस्तृत रेंज प्रदान करता है।
आगे कहा गया कि बैचलर डिग्री के साथ युवा पेशेवरों को लिए यूटिलिटी तेजी से बढ़ती हुई इंडस्ट्री है।
इसके अलावा ऑयल, गैस एवं माइनिंग, रियल एस्टेट, सामानों की रेंटल सर्विसेज और कंज्यूमर सर्विसेज में नए ग्रेजुएट्स के लिए नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि जिन लोगों को पास बैचलर डिग्री नहीं है। उनके पास भी नौकरी के काफी सारे अवसर हैं, जिसमें शिक्षा, टेक्नोलॉजी और मीडिया सेक्टर शामिल है।
लिंक्डइन करियर एक्सपर्ट और इंडिया सीनियर मैनेजिंग एडिटर, निरजिता बनर्जी की ओर से कहा गया है कि कई स्किल आज के समय इंडस्ट्रीज में हस्तांतरणीय हैं। एआई के आने से कई फील्ड में टेक से जुड़े रोजगार बढ़ रहे हैं। इस कारण से कंपनियां विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले पेशेवरों की तलाश कर रही हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि तेजी से बढ़ रहे मास्टर डिग्री होल्डर्स को भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर और डेटा एनालिस्ट के पद पर नियुक्त किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि जिन लोगों के पास डिग्री नहीं है। वे भी सॉफ्टवेयर, सेक्रेटरी और डिजाइन इंजीनियर जैसे पदों पर नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
नईदिल्ली। भारती एयरटेल आगामी नीलामी में बाजार की अग्रणी रिलायंस जियो की तुलना में ज्यादा स्पेक्ट्रम के लिए संचयी रूप से बोली लगा सकती है। विश्लेषकों के अनुसार स्पेक्ट्रम के नवीनीकरण की जरूरत और कुछ सर्कलों में 900 मेगाहर्ट्ज की जरूरत के कारण ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि आगामी नीलामी में नरम बोली की संभावना के बावजूद जियो की तुलना में एयरटेल ज्यादा बोलियां लगा सकती है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हालांकि भारती और वी को कुछ सर्कलों में 900 मेगाहर्ट्ज का नवीनीकरण कराना है, लेकिन भारती इस अवसर का उपयोग अपनी एक गीगाहर्ट्ज से कम वाली होल्डिंग मजबूत करने के लिए भी कर सकती है।’
इस निवेश सलाहकार फर्म को उम्मीद है कि एयरटेल का 10,400 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम व्यय जियो के 900 करोड़ रुपये के परिव्यय और वोडाफोन आइडिया (वी) के 1,200 करोड़ रुपये के परिव्यय से ज्यादा हो सकता है। उसका कहना है कि अगर दूरसंचार कंपनियां सबसे सहज भुगतान विकल्प चुनती हैं तो वित्त वर्ष 25 में सरकार की प्राप्तियां 1,200 करोड़ रुपये होंगी।
विश्लेषकों ने नीलामी अधिसूचित होने के बाद मार्च में अनुमान जताया था कि भारती एयरटेल को छह सर्कलों में 1800 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में कम से कम 42 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लाइसेंस का नवीकरण कराना है। इसलिए यह दूरसंचार कंपनी आरक्षित कीमत पर 3,800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इस बीच जियो ने जो शुरुआती संकेत दिए थे, उनकी तुलना में वह काफी कम स्पेक्ट्रम ले सकती है। चूंकि जियो के पास पहले से ही पर्याप्त स्पेक्ट्रम हैं, इसलिए वह सर्वाधिक धरोहर राथि (ईएमडी) के बावजूद केवल चार सर्कलों में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए ही बोली लगा सकती है। रिलायंस जियो ने सबसे अधिक 3,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
नई दिल्ली। अदाणी समूह ने बुधवार को साफ कर दिया कि पेटीएम में हिस्सेदारी खरीदने की खबर पूरी तरह से झूठी है। अदाणी समूह ने इस तरह की मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है।
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अदाणी समूह वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के मालिकाना हक वाली फिनटेक कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पेटीएम के साथ बातचीत कर रहा है।
अदाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा, हम इस तरह की निराधार खबरों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। यह पूरी तरह से झूठ और असत्य है।
स्टॉक रेगुलेटरी फाइलिंग में पेटीएम ने भी इस तरह के किसी भी कदम से इनकार किया है।
पेटीएम ने कहा, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह खबर अटकलबाजी है। कंपनी इस संबंध में किसी भी बातचीत में शामिल नहीं है।
कंपनी ने कहा, हमने हमेशा सेबी (लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) विनियम, 2015 के तहत अपने दायित्वों (ऑब्लिगेशंस) के अनुपालन में खुलासे किए हैं और करते रहेंगे।
नईदिल्ली। यूनिवर्सल वल्कन एविएशन भारतीय बाजार विस्तार के लिए तैयार है और अगले तीन साल में देश में 30 लियोनार्डो हेलीकॉप्टर लाएगी। यूनिवर्सल वल्कन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड (यूवीए) इटली स्थित लियोनार्डो हेलीकॉप्टर्स की भारत में वितरक है।
दिल्ली स्थित यह कंपनी अगले तीन वर्षों में कुल 30 हेलीकॉप्टर लाएगी, जिनमें 16 नए और 14 पहले इस्तेमाल किए गए होंगे। यूवीए के बिक्री निदेशक करण सेठी ने बताया कि वर्तमान भारतीय बाजार विस्तार के लिए तैयार है और एकल तथा दोहरे इंजन दोनों में उसका उत्पाद खंड फलता-फूलता रहेगा।
यूवीए के साझेदार हरिंदर जीत सिंह कम्मार ने कहा कि शीघ्र ही पेश किए जाने वाला एडब्ल्यू09 मॉडल एकल इंजन वाले भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी मॉडल साबित होगा। इसका उद्देश्य अपनी कुशल वितरण प्रक्रिया के साथ शीघ्र डिलीवरी सुनिश्चित करना है।