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कोयला की खान का एक हिस्सा ढहा, 21 मजदूरों की मौत, कई फंसे
Posted Date : 13-Jan-2019 11:15:49 am

कोयला की खान का एक हिस्सा ढहा, 21 मजदूरों की मौत, कई फंसे

शी आन ,13 जनवारी । चीन के उत्तर पश्चिमी प्रांत शानक्सी में एक कोयला खान में इसका एक हिस्सा गिरने से 21 मजदूर मारे गए तथा दो अन्य इसमें फंसे हैं। स्थानीय अधिकारियों ने रविवार तडक़े यह जानकारी दी। 
 रिपोर्ट के अनुसार शेन्मू शहर में बैजी माइनिंग कंपनी लिमिटेड के लाजीआगोऊ के कोयला खान में दुर्घटना हुई। दुर्घटना के समय खान में 87 मजदूर काम कर रहे थे। दुर्घटना के बाद उनमें से 66 को सुरक्षित निकाल लिया गया। खान में फंसे दो मजदूरों की तलाश जारी है। दुर्घटना के कारणों की जांच चल रही है।

ट्रंप ने किया एच-1बी वीजा के जरिए नागरिकता का रास्ता आसान बनाने का वादा
Posted Date : 12-Jan-2019 11:45:04 am

ट्रंप ने किया एच-1बी वीजा के जरिए नागरिकता का रास्ता आसान बनाने का वादा

0-भारतीयों के लिए खुशखबरी? 
वॉशिंगटन,12 जनवारी । अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को  एच-1बी वीजा की प्रक्रिया में संशोधन का वादा किया। उन्होंने कहा कि वह टैलंटेड और हाइली स्किल्ड लोगों को अमेरिका में करियर बनाने को प्रोत्साहित करना और उनके लिए नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं। प्रेजिडेंट का यह बयान इमिग्रेशन रिफॉर्म और दक्षिणी सीमा पर दीवार खड़ी करने को लेकर छिड़ी तेज बहस के बीच आया है। ट्रंप का कहना है कि घुसपैठ रोकने के लिए दक्षिणी दीवार बहुत जरूरी है। उन्होंने वैध अप्रावसियों के लिए अमेरिका आने का रास्ता आसान बनाने की भी बात कही।
अस्थाई वीजा पर काम करने अमेरिका आए करीब-करीब 4 लाख 20 हजार विदेशी वर्कर्स एच-1बी वीजा को लेकर सख्ती के शिकार हो रहे हैं। इनमें 3 लाख भारतीय हैं। अमेरिका में उनके स्थाई निवास और नागरिकता का आधार उनके मूल देश आधारित कोटा पर निर्भर हो गया है। साथ ही, अवैध अप्रवास के मुद्दे पर विशेष जोर दिए जाने की कीमत वैध अप्रावासियों को चुकानी पड़ रही है। 
ट्रंप ने ट्वीट में कहा,  एच-1बी वीजाधारक को निश्चिंत रहना चाहिए कि जल्द ही बदलाव होने वाले हैं जिनसे आपको यहां निवास को लेकर आसानी और निश्चितता, दोनों प्राप्त होगी।
मौजूदा सिस्टम के तहत 9,800 भारतीयों को हर वर्ष अमेरिकी ग्रीन कार्ड मिलता है। अमेरिका में ज्यादातर भारतीय ट्रंप का समर्थन करते हैं। इसकी वजह यह है कि उन्होंने इमिग्रेशन सिस्टम में सुधार का भरोसा देते रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा इमिग्रेशन सिस्टम वैध तरीके से अमेरिका आने वालों पर भारी पड़ता है जबकि अवैध प्रवासियों की सहायता करता है जिन्हें कई एम्नेस्टी और रेग्युलराइजेशन प्रोग्राम्स का फायदा मिलता है।
चूंकि मौजूदा सिस्टम में ग्रीन कार्ड्स के लिए 7 प्रतिशत का कंट्री कोटा या वैध अस्थाई निवास (लीगल पर्मानेंट रेजिडेंसी या एलपीआर) लागू होते हैं, इसलिए भारत और चीन जैसे बड़े देशों के नागरिकों को अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के लिए वर्षों का इंतजार करना पड़ता है क्योंकि इन दोनों देशों से अमेरिका जाने वाले लोगों की भारी तादाद होती है। 
मौजूदा इमिग्रेशन ऐंड नैचरलाइजेशन ऐक्ट के तहत पांच एंप्लॉयमेंट बेस्ड एलपीआर कैटिगरीज के लिए हर साल 1.40 लाख वीजा आवंटित किए जाते हैं। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2017 में मंजूर किए गए कुल 11 लाख वीजा का करीब-करीब 12 प्रतिशत पड़ता है। फिर जिन देशों के अप्रवासी अमेरिका आते हैं, उन पर मंजूर किए गए सभी एंप्लॉयमेंट-बेस्ड एलपीआर के सालाना अधिकतम 7 प्रतिशत का नियम लागू होता है। इसका मतलब है कि हर साल ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे तीन लाख से ज्यादा भारतीयों में करीब 9,800 अप्रवासियों को ही सफलता मिल पाती है। इस तरह इंतजार करने वालों की तादाद हर साल बढ़ती रहती है।

अपने पेट में हेरोइन कैप्सूल छुपा कर भारत लाता था अफगानी युवक
Posted Date : 12-Jan-2019 11:12:09 am

अपने पेट में हेरोइन कैप्सूल छुपा कर भारत लाता था अफगानी युवक

नई दिल्ली ,12 जनवारी । एक तस्कर अपने पेट में हेरोइन के कई कैप्सूल रखकर दिल्ली आया था लेकिन जांच एजेंसियों की नजरों से नहीं बच पाया और गिरफ्तार कर लिया गया। यह युवक पहले भी कई बार इसी तरह हेरोइन लाकर भारत में सप्लाई कर चुका है। 
युवक के पास से कुल 32 करोड़ रुपये का हेरोइन बरामद किया गया है। इस सिलसिले में स्पेशल सेल ने दो अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें 27 वर्षीय अफगानी नागरिक असादुल्लाह और 31 वर्षीय नाइजीरियाई मॉउसा जी शामिल है। अफगानी तस्कर अपने पेट में हेरोइन के कैप्सूल रखकर दिल्ली लाता था और यहां कुछ अफ्रीकी सप्लायरों को ड्रग्स की खेप सौंप देता था। इसके बाद वे देश-विदेश में इसकी सप्लाई करते थे। 
पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुशवाह ने बताया कि एसीपी अतर सिंह और इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह की टीम ने असादुल्लाह को मालवीय नगर से बुधवार को गिरफ्तार किया था। आरोपी से ने छह किलो हेरोइन बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 24 करोड़ रुपये है। उसने पूछताछ में मॉउसा का नाम बताया। इसके बाद पुलिस ने साकेत से मॉउसा को भी दबोचा लिया। मॉउसा असादुल्लाह से ड्रग्स की खेप लेता था। उसके पास से भी दो किलो हेरोइन बरामद हुई है। 
असादुल्लाह कई बार ड्रग्स की बड़ी खेप लेकर भारत आ चुका है। वह कई बार अपने साथियों से भी हेरोइन मंगवा चुका है। वह पेट में हेरोइन के कैप्सूल रखकर लाता था और इस बार वह मेडिकल वीजा पर हेरोइन लेकर भारत आया था। मॉउसा जुलाई 2017 में छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था। इसके बाद से वह अवैध तौर पर भारत में रहकर ड्रग्स सप्लाई का धंधा कर रहा था। दोनों हिरासत में ले लिया गया है और पूछताछ हो रही है। पुलिस को बड़े ड्रग रैकेट के उद्भेदन की संभावना दिख रही है। 

पूर्व सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने नीरव मोदी और विजय माल्या का दिया था साथ?
Posted Date : 12-Jan-2019 11:09:52 am

पूर्व सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने नीरव मोदी और विजय माल्या का दिया था साथ?

नई दिल्ली,12 जनवारी । केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा की मुसीबतें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही हैं, क्योंकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने उन पर 6 और आरोपों की जांच शुरू कर दी है। इसमें बैंक घोटालों के आरोपी नीरव मोदी, विजय माल्या और एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी शिवशंकरन के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर के आंतरिक ईमेल को लीक करने का आरोप भी शामिल है।
नए आरोपों के बारे में सीवीसी ने सरकार को सूचित किया है, जिसके बारे में पिछले साल 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के सामने वर्मा की जांच रिपोर्ट दाखिल करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक टीम द्वारा शिकायतें प्राप्त हुई थीं।वर्मा के खिलाफ उनके ही पूर्व नंबर दो विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा लगाए गए 10 आरोपों की जांच के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्मा से पूछताछ की जानी चाहिए। 
सीवीसी के एक सूत्र ने कहा कि सीबीआई को 26 दिसंबर को एक पत्र के माध्यम से कहा गया है कि वह इन मामलों से संबंधित सभी दस्तावेज और फाइलें उपलब्ध कराए, ताकि जांच को तार्किक रूप से पूरा किया जा सके। इसके बाद एजेंसी ने बुधवार को माल्या से संबंधित मामलों के सभी दस्तावेजों का उपलब्ध कराया। बता दें कि नीरव मोदी और माल्या फिलहाल फरार हैं।
वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने नीरव मोदी मामले में सीबीआई के कुछ आंतरिक ईमेलों के लीक होने पर आरोपी को ढूंढने की बजाय वह मामले को छिपाने की कोशिश करते रहे। जबकि उस वक्त बैंक धोखाधड़ी मामलों में से एक पीएनबी घोटाले की जांच अपने चरम पर थी। गौरतलब है कि एजेंसी ने जून 2018 में तत्कालीन संयुक्त निदेशक राजीव सिंह (जो नीरव मोदी की जांच कर रहे थे) के कमरे को बंद कर दिया था और यहां तक कि डेटा प्राप्त करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) को भी बुलाया था। हालांकि, एजेंसी के इस कदम की वजह कभी नहीं बताई गई।
अन्य प्रमुख आरोपों की बात करें तो उन पर एयरसेल के पूर्व मालिक सी शिवशंकरन के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को कमजोर करने का आरोप है, जिससे इस 600 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण धोखाधड़ी में प्रमुख आरोपी को भारत छोडऩे की अनुमति मिली। यह जानकारी मिली है कि संयुक्त निदेशक रैंक के अधिकारी ने शिवशंकरन से अपने दफ्तर और पांच सितारा होटेल में मुलाकात की। यह मुलाकात के सेवा नियमों और सीबीआई की आंतरिक प्रक्रियाओं के विपरीत थी। दिलचस्प बात यह है कि शिवशंकरन ने आईपीएस अधिकारी से मिलने के लिए फर्जी पहचान का सहारा लिया। इसके थोड़ी देर बाद उद्यमी के खिलाफ जारी हुए लुकआउट सर्कुलर को कमजोर कर दिया गया।
वर्मा के खिलाफ एक और गंभीर आरोप अक्टूबर, 2015 में जारी पूर्व शराब व्यापारी विजय माल्या के लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को कमजोर करने से संबंधित है। माल्या पर 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक धोखाधड़ी के आरोप थे, जिसमें हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। एलओसी जारी होने के एक महीने के भीतर, वर्मा के करीबी माने जाने वाले सीबीआई के संयुक्त निदेशक एके शर्मा ने आव्रजन अधिकारियों को पत्र लिखकर हिरासत के बजाय केवल सूचित करने की मांग की। इससे माल्या को देश से भागने में मदद मिली। 
वर्मा की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए तीन अन्य आरोप सीबीआई की लखनऊ शाखा में तैनात अडिशनल एसपी सुधांशु खरे ने लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्मा ने उत्तर प्रदेश एटीएस के अडिशनल एसपी राजेश साहनी की आत्महत्या की जांच से इनकार कर दिया, जो ऑफिस में गोली लगने से मृत पाए गए थे। खरे ने कहा था कि वर्मा ने यह सब यूपी के कुछ पुलिस अधिकारियों को बचाने के लिए किया। इस मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, लेकिन एजेंसी ने कभी इस मामले को जांचने में रुचि नहीं दिखाई।

तुलसी गबार्ड 2020 के चुनाव में ट्रंप को चुनौती देंगी
Posted Date : 12-Jan-2019 11:00:42 am

तुलसी गबार्ड 2020 के चुनाव में ट्रंप को चुनौती देंगी

वॉशिंगटन ,12 जनवारी । अमेरिकी सदन की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा है कि वह 2020 के राष्ट्रपति चुनावों की दावेदार होंगी। सांसद एलिजाबेथ वारन के बाद 37 वर्षीय गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की दूसरी महिला दावेदार हैं। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को 2020 में चुनौती देने के लिए अब तक 12 से ज्यादा डेमोक्रेटिक नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा कर दी है।
हवाई से अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 4 बार की डेमोक्रेट सांसद गबार्ड ने शुक्रवार को सीएनएन को बताया, मैंने चुनाव में खड़ा होना तय किया है और अगले हफ्ते के अंदर-अंदर औपचारिक घोषणा कर दूंगी। 
गबार्ड ने बचपन में ही हिंदू धर्म अपना लिया था और वह भारतीय-अमेरिकियों के बीच खासी लोकप्रिय हैं। अगर वह निर्वाचित होती हैं तो वह सबसे युवा एवं अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। इसके अलावा वह पहली गैर ईसाई एवं पहली हिंदू होंगी जो शीर्ष पद पर काबिज होंगी। हालांकि, अमेरिकी राजनीतिक पंडित उनके जीतने की बहुत ज्यादा संभावना जता नहीं रहे हैं।

बस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत, 23 घायल
Posted Date : 12-Jan-2019 10:58:33 am

बस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत, 23 घायल

ओटावा,12 जनवारी । ओटावा शहर के पश्चिमी हिस्से में वेस्टबोरो स्टेशन के पास एक डबल डेकर बस के शुक्रवार को पारगमन आश्रय से टकराने पर तीन लोगों की मौत हो गई और 23 अन्य लोग घायल हो गए। ओटावा के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस प्रमुख चार्ल्स बोर्डेल्यू ने बताया कि बस चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन उसकी हिरासत पर अधिक जानकारी देने से उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। मेयर जिम वॉटसन ने बताया कि मारे गए लोगों में से दो बस में सवार थे और अन्य एक आश्रय स्थल में था। ओटावा अस्पताल के ट्रॉमा केन्द्र ने बताया कि नौ घायलों की हालत गंभीर है। हादसे के कारण यातायात प्रभावित रहा।