नई दिल्ली,20 फरवरी । सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का बुधवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया। क्राउन प्रिंस अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर आए हैं। क्राउन प्रिंस पाकिस्तान दौरे के बाद सोमवार शाम यहां पहुंचे।
औपचारिक स्वागत के बाद जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे, सऊदी के शाह ने मीडिया से कहा, आज हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दोनों देशों की खातिर इस संबंध को बनाए रखा जाए और इसमें सुधार किया जाए।उन्होंने कहा, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मुझे यकीन है कि हम सऊदी अरब और भारत के हित के काम कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और सऊदी के बीच संबंध हमारे डीएनए में है। क्राउन प्रिंस की दिन में मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की योजना है।
0-जम्मू में लगातार फायरिंग जारी
राजौरी ,20 फरवरी । पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के बाद अब पाकिस्तान ने एक बार फिर एक और नापाक हरकत की है. खबर है कि जम्मू के राजौरी में पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है. पाकिस्तान की ओर से भारतीय सेना पर लगातार फायरिंग और मोर्टार दागे जा रहे हैं. राजौरी के नौशेरा सेक्टर के कलाल में लगातार गोलीबारी हो रही है. पाकिस्तानी सेना ने सुबह 9.50 पर फायरिंग शुरू की, जिसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब देना शुरू किया. आपको बता दें ये पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तान ने 8वीं बार सीजफायर का उल्लंघन किया है.
इससे पहले पुलवामा हमले से पाकिस्तान ने पल्ला झाड़ लिया है. उसके पीएम इमरान खान ने हमले में पाकिस्तान की भूमिका से इनकार किया है.
पाकिस्तान के पीएम ने पुलवामा आतंकी हमले पर बयान देते हुए कहा था, अगर आप (भारत) हम पर हमला करेंगे तो हम इसका जवाब देने में सोचेंगे नहीं. हम सभी जानते हैं कि जंग शुरू करना इंसानों के हाथ में है, लेकिन इसका अंजाम क्या होगा केवल ऊपरवाला जानता है. इमरान ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी मसला (मुद्दा) है उसे बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए. भारत सरकार हमें सबूत दें कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ है. मैं खुद इस पर एक्शन लूंगा
इमरान खान को भारत से करारा जवाब मिला था. इमरान खान के सबूत मांगने के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करना बंद करे. सबको पता है कि जैश ए मोहम्मद और उसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में है. जैश ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी भी ली है. यह कार्रवाई करने के लिए अपने आप में ही पर्याप्त सबूत है.
0-एरिक्सन मामला
नईदिल्ली ,20 फरवरी । सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी सहित उनके दो डायरेक्टर्स को अवमानना का दोषी करार दिया है. यह मामला एरिक्सन इंडिया को 550 करोड़ रुपये की बकाया राशि के पेमेंट से जुड़ा है.
शीर्ष अदालत ने अनिल अंबानी और इन दो डायरेक्टर्स को चार हफ्तों के अंदर एरिक्सन को 453 करोड़ रुपये अदा करने को कहा है. कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि इस तय समयसीमा के अंदर पेमेंट नहीं करने पर तीनों को तीन-तीन महीने जेल की सजा दी जाएगी.
टेलिकॉम डिवाइस बनाने वाली कंपनी एरिक्सन ने बकाया भुगतान नहीं करने पर अनिल अंबानी के अलावा रिलायंस टेलिकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ, रिलायंस इन्फ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी और एसबीआई अध्यक्ष के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन अवमानना याचिकाएं दायर की थीं. इससे पहले जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने याचिका पर 13 फरवरी को सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
एरिक्सन इंडिया का आरोप है कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल डील में निवेश के लिए रकम है, लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाए का भुगतान नहीं कर रहे हैं. हालांकि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशन ने इस आरोप से इनकार किया था.
कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रिलायंस जियो के साथ संपत्तियों की बिक्री का सौदा फेल होने के बाद उनकी कंपनी दिवालियेपन के लिए कार्यवाही कर रही है. ऐसे में रकम पर उसका कंट्रोल नहीं है. रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने अदालत को बताया था कि उसने एरिक्सन के बकाये का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए जमीन-आसमान एक कर दिए, लेकिन वह रकम नहीं चुका पाया क्योंकि जियो के साथ उसका सौदा नहीं हो पाया.
नईदिल्ली ,20 फरवरी । मशहूर आलोचक, लेखक प्रोफेसर नामवर सिंह का मंगलवार रात निधन हो गया. नामवर सिंह ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर में 19 फरवरी को 11:51 बजे आखिरी सांस ली. वो पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद से वो एम्स में भर्ती थे. नामवर सिंह ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भारतीय भाषा केंद्र की स्थापना की और हिंदी साहित्य को नई ऊंचाई पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई. हिंदी में आलोचना विधा को नई पहचान देने वाले नामवर सिंह ने हिंदी साहित्य में एमए व पीएचडी करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाया. उनका नामवर सिंह का जन्म बनारस के जीयनपुर गांव में हुआ था.
आलोचना को दिया नया आयाम
नामवर सिंह हिंदी साहित्य जगत का सम्मानित नाम थे. उन्होंने आलोचना और साक्षात्कार विधा को नई ऊंचाई दी. नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1927 को जीयनपुर (अब चंदौली) वाराणसी में हुआ था. उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान से भी नवाजा गया.
नामवर सिंह ने साहित्य में काशी विश्वविद्यालय से एमए और पीएचडी की. इसके बाद इसी विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी. वे कई साल तक एक प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं देते रहे. उनकी छायावाद, नामवर सिंह और समीक्षा, आलोचना और विचारधारा जैसी किताबें चर्चित हैं.
आलोचना में उनकी किताबें पृथ्वीराज रासो की भाषा, इतिहास और आलोचना, कहानी नई कहानी, कविता के नये प्रतिमान, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद आदि मशहूर हैं. उनका साक्षात्कार कहना न होगा भी साहित्य जगत में लोकप्रिय है.
0-नासिक से मुम्बई करेंगे कूच
मुंबई,20 फरवरी । महाराष्ट्र में ऑल इंडिया किसान सभा के बैनर तले आज से किसान आंदोलन शुरू होगा. आंदोलन के तहत किसान नासिक से मुंबई तक लॉन्ग मार्च निकालेंगे. कहा जा रहा है कि शाम चार बजे सभी आंदोलित किसान मुम्बई नाका और नासिक में जुटेंगे. फिर इसके बाद मुम्बई के लिए पैदल कूच करेंगे. 6 दिन का लम्बा मार्च करने के बाद वे 27 फरवरी को मुम्बई पहुंचेंगे. आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने मुम्बई में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है.
ऑल इंडिया किसान सभा के मुताबिक, लगभग 5०० किसान इस लॉन्ग मार्च में शामिल होंगे. किसानों के अनुसार आधा महाराष्ट्र सूखे के हालात का सामना कर रहा है. यही वजह है कि सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए किसानों ने मार्च निकालने का फैसला किया है. कहा जा रहा है कि किसानों ने मार्च में अपनी पांच मांगों को शामिल किया है.
जिनमें मनरेगा के तहत नियमित कार्य, राज्य में मवेशियों की देखभाल के लिए पशु शिविर, सूखा प्रभावित फसल के लिए मुआवजा, पीडि़त किसानों के बच्चों की स्कूल और ट्यूशन फीस और पेयजल मुहैया कराने की सुविधा शामिल है. साथ ही किसानों ने कुछ अन्य दीर्घावधि मांगें भी रखी हैं. उनका कहना है कि सरकार ने राज्य में बांध बनाए, जिन्हें अभी तक नहरों से नहीं जोड़ा गया है. इनमें से कुछ का काम अधूरा है, लेकिन अन्य बांधों को भी चालू किया जाना बाकी है. ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को पूरा करना चाहिए.
वाशिंगटन ,20 फरवरी । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमले को भयावह हालात करार दिया है. ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह इस मामले में रिपोर्ट देख रहे हैं और जल्द ही एक बयान जारी करेंगे. पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हुए 14 फरवरी को आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. ट्रंप ने साथ ही कहा है कि अच्छा होगा कि आंतकवाद के खिलाफ भारत और पाकिस्तान एक साथ हो जाएं.
आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप ने वाइट हाउस के अपने दफ्तर में मीडिया से कहा कि दक्षिण एशिया के दोनों पड़ोसी अगर साथ आएं तो बहुत अच्छा होगा.
ट्रंप ने कहा कि हमें इस मामले पर कई रिपोर्ट्स मिली हैं, हम सही समय आने पर इस बारे में बयान जारी करेंगे. ट्रंप ने ये भी कहा कि आंतकी हमले की वजह से भयावह स्थिति पैदा हो गई है. हमें इस पर रिपोर्ट्स मिल रही हैं.
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने भारत के प्रति पूरा समर्थन जताते हुए पाकिस्तान से कहा है कि आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए.
बता दें इससे पहले आतंकी हमले पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भारत का समर्थन किया था. हमले के बाद जॉन बोल्टन ने भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से फोन पर बातचीत करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में साथ देने का आश्वासन दिया था.
अमेरिका ने पाकिस्तान से अपील की है कि वह अपनी धरती से संचालित सभी आतंकवादी समूहों का समर्थन और उन्हें पनाह देना तुरंत बंद करे. भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जेस्टर ने कहा कि आतंकवादी हमले की तह तक पहुंचने में हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ अमेरिका के सहयोग पर उन्होंने कहा, हमने उनकी निंदा की है, पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी पनाहगाहों की हमने पहले भी निंदा की है और हमने उनको सैन्य सहयोग देना बंद कर दिया है.
गौरतलब है कि पुलवामा हमले पर भारत को फ्रांस से भी बड़ा समर्थन मिला है. फ्रांस जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लेकर आएगा. अगले दो दिन के अंदर ऐसा प्रस्ताव लाया जा सकता है. इस प्रस्ताव में वह मसूद अजहर को बैन करने की मांग करेगा.
इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सबूत मांगने के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करना बंद करे. सबको पता है कि जैश ए मोहम्मद और उसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में है. जैश ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी भी ली है. यह कार्रवाई करने के लिए अपने आप में ही पर्याप्त सबूत है.