नईदिल्ली। भारत पर हमले के दौरान पाकिस्तान द्वारा तुर्की के हथियारों के इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भारत में तुर्की के बहिष्कार की मांग बढ़ती जा रही है।
इसी बीच प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ हुए एक समझौते को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है।
विश्वविद्यालय की ओर से सोशल मीडिया पर कहा गया कि वो राष्ट्र के साथ खड़ा है।
जेएनयू ने एक बयान में कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्की के बीच समझौता ज्ञापन को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है। जेएनयू राष्ट्र के साथ खड़ा है।
वहीं, भारत सरकार ने तुर्की के सरकारी चैनल टीआरटी वर्ल्ड का एक्स अकाउंट दोबारा बहाल कर दिया है। करीब 5 घंटे बाद ये अकाउंट भारत में दोबारा दिखना शुरू हो गया है।
चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के एक्स अकाउंट से बैन हटा लिया गया है।
महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान तक व्यापारियों ने तुर्की से आयातित वस्तुओं का बहिष्कार शुरू कर दिया है। व्यापारियों ने तुर्की से आयात होने वाले सेबों की बिक्री पूरी तरह बंद कर दी है।
गाजियाबाद के एक व्यापारी ने कहा, तुर्की पाकिस्तान को ड्रोन भेजता है। इन्हीं ड्रोन से पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया। इसी वजह से हमने फैसला लिया है कि तुर्की के सेब नहीं बेचेंगे।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय अधिकारी टॉम फ्लेचर ने मंगलवार को इजरायल पर गाजा में जानबूझकर और बेशर्मी से अमानवीय हालात थोपने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इजरायल की कार्रवाइयों से गाजा में भुखमरी का खतरा बढ़ गया है। यह गाजा युद्ध के दौरान किसी उच्च-स्तरीय यूएन अधिकारी का सबसे सख्त बयान है। फ्लेचर, जो यूएन ऑफिस फॉर द कोऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स के प्रमुख हैं, ने सिक्योरिटी काउंसिल को बताया कि पिछले 10 हफ्तों से इजरायल ने गाजा में सभी मानवीय सहायता रोक दी है।
फ्लेचर ने इस नरसंहार रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की जरूरत बताई। इजरायल ने जवाब में इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह हमास आतंकी संगठन को समर्थन देने वाली कोई सहायता व्यवस्था स्वीकार नहीं करेगा। फ्लेचर ने कहा, हमें सोचना चाहिए कि हम आने वाली पीढिय़ों को क्या जवाब देंगे, जब वे पूछेंगे कि हमने गाजा में 21वीं सदी की इस भयानक त्रासदी को रोकने के लिए क्या किया। फ्लेचर ने सिक्योरिटी काउंसिल से तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि गाजा में मानवीय संकट को रोका जा सके।
यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के गाजा निदेशक एंटोनी रेनार्ड ने बताया कि गाजा की एक-चौथाई आबादी भुखमरी के कगार पर है। एंटोनी रेनार्ड ने कहा कि गाजा की पूरी आबादी को खिलाने के लिए जरूरी खाना इजरायल, मिस्र और जॉर्डन के गोदामों में पड़ा है, जो गाजा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है। लेकिन इजरायल की रोक की वजह से यह खाना गाजा नहीं पहुंच रहा। रेनार्ड ने कहा कि उनके गोदाम खाली हैं। अप्रैल में जहां वे 10 लाख लोगों को खाना दे रहे थे, अब सिर्फ 2.5 लाख लोगों को खाना दे पा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द ही लोग एक वक्त का खाना भी नहीं पा सकेंगे।
खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि अगर इजरायल ने सहायता पर रोक नहीं हटाई और सैन्य अभियान बंद नहीं किया, तो गाजा में भुखमरी शुरू हो सकती है। इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन के मुताबिक, गाजा में करीब 5 लाख लोग भयानक भुखमरी का सामना कर रहे हैं, और 10 लाख अन्य लोग मुश्किल से खाना जुटा पा रहे हैं। जनवरी 2024 में, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इजरायल को गाजा में मौत, विनाश और नरसंहार रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाने का आदेश दिया था।
अमेरिका समर्थित एक नई संस्था, गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन, ने इजरायल के प्लान के मुताबिक एक नई सहायता वितरण प्रणाली का प्रस्ताव दिया है, लेकिन यूएन और अन्य सहायता समूहों ने इसे खारिज कर दिया। फ्लेचर ने इसे सनकी तमाशा और हिंसा व विस्थापन के लिए बहाना बताया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा कि अमेरिका गाजा में मदद पहुंचाने के लिए रचनात्मक समाधान का समर्थन करता है, लेकिन यह तय करना चाहता है कि मदद हमास के हाथों में न जाए। हालांकि, सहायता अधिकारियों कहना है कि गाजा के हालात के लिए हमास जिम्मेदार नहीं है।
इस्लामाबाद । भारत के हमले में पाकिस्तान के एयरबेस किस तरह से तबाह हुए हैं, इसकी सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। इन तस्वीरों ने पाकिस्तान के झूठ को भी बेनकाब कर दिया है, जिसमें वह कह रहा था कि भारत के हमले में उसके एयरबेस को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। बता दें कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के ग्यारह एयरबेस को निशाना बनाया था और पाकिस्तानी वायुसेना की महत्वपूर्ण सुविधाओं को नष्ट कर दिया, जिसमें हैंगर, इमारतें और रनवे शामिल हैं।
सैटेलाइट कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने नवीनतम उच्च-गुणवत्ता वाली तस्वीरें हासिल की हैं, जो भारतीय हमलों के कारण पाकिस्तानी एयरबेस को हुए नुकसान की सीमा को दर्शाती हैं। भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया।हालाँकि, जब पाकिस्तान ने भारत के नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला करके आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का जवाब दिया, तो भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे पर हमला किया, जिसमें हवाई अड्डे भी शामिल थे। हमले की चपेट में आए कुछ पाकिस्तानी हवाई अड्डों में शाहबाज एयर बेस, जैकोबाबाद एयरबेस भी शामिल हैं।
पाकिस्तान वायु सेना का शाहबाज एयरबेस सिंध प्रांत के उत्तरी भाग में जैकोबाबाद शहर में स्थित है। मैक्सार की तस्वीरों में हमले से पहले और बाद की तस्वीरें हैं, जिसमें पाकिस्तान के एयरबेस को हुए नुकसान को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इसी तरह पाकिस्तान के भोलारी एयर बेस की भी तस्वीरें हैं। यह पाकिस्तान के जेएफ-17 थंडर और एफ-16 फाइटिंग फाल्कन को रखने के लिए जाना जाता है। इसे भी भारत ने निशाना बनाया था। भारत के हमलों के बाद हुई तबाही इस एयरबेस की तस्वीरों में भी देखी जा सकती है।
पाकिस्तान के सरगोधा स्थित मुशफ एयर बेस पंजाब प्रांत में आता है। इसके रनवे पर हुए नुकसान को प्रभाव से पहले और बाद के परिदृश्यों की तुलना करके देखा जा सकता है। इसी तरह सुक्कुर एयर बेस, सिंध
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित सुक्कुर एयरबेस पर भी भारतीय सशस्त्र बलों ने हमला किया था। यह पाकिस्तान के लिए एक रणनीतिक एयरबेस है, जो राजस्थान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पश्चिम में स्थित है।वहीं पाकिस्तान के मुकुट रत्न, रावलपिंडी के चकलाला में नूर खान एयरबेस पर भारत द्वारा गंभीर हमला किया गया। यह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से सिर्फ 10 किमी दूर स्थित है। पहले और बाद की तस्वीरें भारतीय हमलों के प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। इससे पहले, एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, एयर मार्शल भारती ने कहा कि सरगोधा, रहीम यार खान, चकलाला में नूर खान, सुक्कुर, भोलारी और जैकोबाबाद के हवाई क्षेत्रों में विशिष्ट लक्ष्यों को उन हमलों के दौरान काफी नुकसान पहुंचा।
भारत ने पाकिस्तान के जिन अन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया उनमें संचार भवन, रनवे, संचालन केंद्र, रडार साइट, विमान हैंगर और आश्रय शामिल थे। एयर मार्शल ए.के. भारती ने देश की सैन्य क्षमताओं पर जोर देते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान के ठिकानों पर हर प्रणाली को निशाना बना सकता है। पाकिस्तान की ओर से हताहतों के बारे में पूछे जाने पर, एयर मार्शल ने कहा, हमारा उद्देश्य टारगेट को हिट करना था, हताहतों को काउंट करना नहीं। अगर कोई हताहत हुआ है, तो उसे गिनना उनका काम है। हमारा काम लक्ष्य को भेदना है, शवों की गिनती करना नहीं।
इस्लामाबाद। भारत ने मंगलवार को नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक राजनयिक को निष्कासित किया, तो इससे पाकिस्तान बौखला गया।
पाकिस्तान ने भी भारतीय कार्रवाई के जवाब में कदम उठाते हुए इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी को 'पर्सोना नॉन ग्रेटा' यानी अवांछित व्यक्ति घोषित किया है।
पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय अधिकारी को भी 24 घंटे में देश छोडऩे के लिए अल्टीमेटम जारी किया है।
पाकिस्तान की सरकार ने भी भारतीय अधिकारी पर अपनी कार्रवाई को लेकर एक बयान जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि इस्लामी सरकार ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त कार्यालय के एक कर्मचारी को उनकी विशेष स्थिति के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त पाया है, जिसके कारण उन्हें अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि फैसले से भारत सरकार को अवगत कराया गया है।
बता दें कि दिल्ली के पाकिस्तान उच्चायोग में अब 29 अधिकारी कार्यरत हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया था कि भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के अनुरूप गतिविधियों का उल्लंघन करने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है।
बयान में कहा गया कि अधिकारी को 24 घंटे में भारत छोडऩे को कहा गया है और उच्चायोग के प्रभारी को इस संबंध में अधिकारिक आपत्तिपत्र जारी कर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कदम उठाने को कहा गया है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा निर्मम हत्या के बाद भारत ने कूटनीतिक कार्रवाई कर पाकिस्तान उच्चायोग से 55 अधिकारियों को हटाकर 30 कर दिया था और भारत ने इस्लामाबाद से 25 राजनयिकों को वापस बुलाया था।
शोपियां । जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ केल्लर के शुकरू वन क्षेत्र में हुई है। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद केल्लर के जंगलों में सुरक्षा बलों द्वारा व्यापक घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था। जैसे ही पुलिस और सेना की टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया, तो जंगलों में छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षा बलों ने जवाब दिया। इस गोलीबारी के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए।
अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय इंडियन आर्मी के एक्स हैंडल से एक पोस्ट शेयर कर आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। उन्होंने एक्स पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें ‘ऑपरेशन केल्लर’ लिखा हुआ है। एक्स पर पोस्ट में बताया गया, ऑपरेशन केल्लर 2025 को राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट की विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर शोपियां के शोकल केल्लर क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली। भारतीय सेना ने तलाशी और विनाश ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी की, जिसके बाद तीव्र मुठभेड़ हुई और इसमें तीन आतंकवादी मारे गए। फिलहाल ऑपरेशन अभी जारी है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारतीय सेना लगातार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कई आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिए गए। इस कार्रवाई से पाकिस्तान को भारी सैन्य और आर्थिक नुकसान हुआ। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा हुई।
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्रवाई तेज कर दी है। इस हमले में शामिल तीन आतंकियों के पोस्टर जारी कर दिए गए हैं, जिन्हें पहचानने और पकडऩे के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया गया है। सुरक्षाबलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकियों को जल्द से जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा – यही भारत की प्रतिबद्धता है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने संबोधन में दोहरा चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाकर आम लोगों से अपील की है कि यदि किसी को इनकी पहचान या ठिकाने की जानकारी हो तो वह तुरंत सुरक्षाबलों को सूचित करे। इस अभियान का उद्देश्य न केवल आतंकियों की धर-पकड़ है, बल्कि आतंक के खिलाफ जनसहयोग को भी मजबूत करना है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में पाकिस्तानी आतंकियों ने पर्यटकों पर घातक हमला कर दिया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट से हमला करने की कोशिश की। भारतीय सेना की सख्त एयर डिफेंस प्रणाली ने इन हमलों को नाकाम कर दिया।
हमले के बाद भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए। जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत के रुख के कारण घुटनों पर आना पड़ा और शांति की अपील करनी पड़ी। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हुआ। अनंतनाग पुलिस ने ऐलान किया है कि हमले में शामिल आतंकियों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। जानकारी देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
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SSP अनंतनाग: 9596777666
PCR अनंतनाग: 9596777669
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