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छापे में अघोषित रुप से एक करोड़ तीस लाख रुपये कैश मिला,अस्पताल के अकाउंट और बिल रसीदों में मिली गड़बड़ी
Posted Date : 05-Mar-2022 4:30:44 am

छापे में अघोषित रुप से एक करोड़ तीस लाख रुपये कैश मिला,अस्पताल के अकाउंट और बिल रसीदों में मिली गड़बड़ी

कानपुर। आयकर विभाग की टीम को जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा.राघवेंद्र गुप्ता, डा. स्वप्निल गुप्ता के घर,निजी अस्पताल,पैथोलाजी और एक पुराने घर पर छापा मारने में अघोषित रूप से एक करोड़ तीस लाख रुपये कैश मिला है। जिसके बाद टीम ने रूपयों को जब्त कर लिया है। टीम को अस्पताल के अकाउंट और बिल रशीदों में गड़बड़ी मिली है। जिसकी जांच के लिए कागजों को जब्त कर लिया गया है। प्रथम दृष्टया कागजों में हेराफेरी की बात सामने आ रही है। छापे की कार्रवाई लगभग 20 घंटे चली है।
आयकर विभाग ने गुरुवार सुबह साढ़े सात बजे मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा.राघवेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी स्वप्निल गुप्ता के स्वरूप नगर में सेवन बंगला स्थित घर,डबल पुलिया स्थित न्यूरान सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल,लाला लाजपत राय अस्पताल के सामने यूनीक पैथोलाजी व हरवंश मोहाल स्थित उनके एक पुराने आवास पर छापा मारा था। आयकर विभाग को शिकायत मिली थी कि डा.राघवेंद्र और डा.स्वप्निल अपनी आय को आधा ही बता रहे थे। उनके अस्पताल,पैथोलाजी व घर पर मिले लैपटाप व मोबाइल फोन की जांच में यह शिकायत सही पाई गई।
वह करीब 70 से 75 लाख रुपये के रिटर्न आयकर में फाइल कर रहे थे लेकिन उनके अस्पताल व घर में एक करोड़ रुपये की नकदी अधिकारियों को मिली। इतनी नकदी मिलने के बाद आयकर अधिकारियों ने उनकी कैश बुक मंगाई और इस राशि का मिलान शुरू किया। जांच में यह भी पाया गया कि अस्पताल व पैथोलाजी के खातों को व्यवस्थित रूप में नहीं रखा गया था। लैपटाप, कंप्यूटर सिस्टम व मोबाइल के सभी डाटा का आयकर अधिकारियों ने बैकअप अपने पास ले लिया है।

गला घोंट कर जीजा ने साली को कुएं में फेंका, पुलिस ने दो दिन बाद जिंदा निकाला
Posted Date : 05-Mar-2022 4:30:10 am

गला घोंट कर जीजा ने साली को कुएं में फेंका, पुलिस ने दो दिन बाद जिंदा निकाला

अलवर। राजस्थान में अलवर शहर कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली छात्रा कॉलेज जाने के बाद लापता हुई जिसे दो दिन बाद आकाशवाणी के पास एक कुएं से घायल अवस्था में बरामद किया है। यह छात्रा दो मार्च को घर से कॉलेज जाने के बाद अचानक लापता हो गई थी। जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट अलवर शहर कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी रिश्तेदार को हिरासत में लिया है।
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि दो मार्च से लापता बालिका को ढूंढने में पुलिस लगातार लगी हुई थी। उस बालिका को कोतवाली पुलिस की स्पेशल टीम ने कुँए से सही सलामत ढूंढ कर बाहर निकाला। स्पेशल टीम ने तत्परता दिखाते हुए बालिका को कुएं से बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में तत्परता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज किया गया और ए एसआई विजेंद्र सिंह को जांच सौंपी गई। सीसीटीवी कैमरा खंगालने के बाद भी यह मालूम चला कि यह लडक़ी अपने जीजा के साथ जाती हुई दिखाई दी है।
पुलिस ने जीजा को पकडक़र पूछताछ की तो उसने बताया उसने गला घोट कर कुएं में फेंका है। एनडीआरएफ और एफएसएल टीम की सहायता से मंगल विहार स्थित नगर विकास न्यास के खाली प्लॉट में बने कुएं से कल देर रात को लडक़ी को जिंदा निकाला गया। लडक़ी की सांसे चल रही है। अभी जिंदा है। इस संबंध में आरोपी जीजा को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में उसके जीजा ने बताया कि उसने पहले उसका गला घोंटा फिर उसे कुएं में धक्का दे दिया उसका इरादा इसकी हत्या करने का था। इधर, बालिका के सिर में चोट में गंभीर चोट आई है जिसके कारण बालिका को देर रात जयपुर रैफर किया गया है। बालिका के पिता ने कहा पुलिस ने हमारा पूरा साथ दिया।  

ऑपरेशन गंगा : यूक्रेन से अभी तक 10800 भारतीयों की हुई स्वदेश वापसी, वायुसेना ने भी संभाला मोर्चा
Posted Date : 05-Mar-2022 4:29:39 am

ऑपरेशन गंगा : यूक्रेन से अभी तक 10800 भारतीयों की हुई स्वदेश वापसी, वायुसेना ने भी संभाला मोर्चा

नई दिल्ली। रूस की ओर से हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीयों में से करीब 10,800 लोगों को वापस ला लिया गया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कि ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से विशेष उड़ानों से कम से कम 10,800 भारतीयों को वापस लाया गया है। भारतीय वायु सेना के तीन सी-17 विमानों और 14 यात्री विमानों के जरिए निकासी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इस बीच भारतीय वायु सेना ढ्ढरु-76 रणनीतिक लिफ्ट विमान को स्टैंडबाय पर रखा है। यह विमान जरूरत पडऩे पर मास्को के लिए उड़ान भरेगा। इस विमान से उन लोगों लाया जाएगा जिन रूस ने यूक्रेन से निकालेगा। जैसे ही लोगों को मास्को पहुंचाया जाएगा वैसे ही यह विमान मास्को के लिए उड़ान भरेगा। 
सरकार के अनुसार, सी-17 विमान में 630 यात्री सवार थे, जबकि नागरिक उड़ानों ने 9,364 भारतीय नागरिकों को निकाला। आईएएफ की कुल सात उड़ानों ने 1,428 भारतीय नागरिकों को वापस लाया है और यूक्रेन को 9.7 टन राहत सामग्री पहुंचाई है। शुक्रवार को, नागरिक उड़ानों में बुखारेस्ट (रोमानिया) से 4, कोसिसे (स्लोवाकिया से 2), बुडापेस्ट (हंगरी) से 4, रेजजो (पोलैंड) से 3 विमान भारत पहुंचे। वहीं, भारतीय वायु सेना ने बुखारेस्ट से 2 और बुडापेस्ट से एक उड़ानें भरीं।
शनिवार को, 11 विशेष उड़ानों के जरिए 2200 से अधिक भारतीयों को वापस आने की उम्मीद है, जिसमें से 10 नई दिल्ली में और एक मुंबई में उतरेगा। पांच उड़ानें बुडापेस्ट से, दो रेजजो से और चार सुसेवा से चलेंगी। चार सी-17 विमान रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया के लिए निकल चुके हैं, जिनके देर रात या फिर कल सुबह पहुंचने की उम्मीद है।

रेत माफिया केस में बंद चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे के सीने में दर्द, अस्पताल में भर्ती
Posted Date : 05-Mar-2022 4:29:17 am

रेत माफिया केस में बंद चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे के सीने में दर्द, अस्पताल में भर्ती

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी को सीने में दर्द की शिकायत के बाद कपूरथला जेल से अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) लाया गया है। जहां उन्हें उपचार के बाद वापस जेल शिफ्ट कर दिया गया है। जीएनडीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के डी सिंह ने बताया कि भूपिंदर सिंह हनी को हृदय संबंधी किसी समस्या के साथ अस्पताल लाया गया था। उन्होंने कहा, हमने इकोकार्डियोग्राफी की थी और उसी के अनुसार दवा की सलाह दी थी।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कथित अवैध रेत खनन मामले में हनी के आवास पर छापेमारी की थी और लगभग 10 करोड़ रुपये नकद, सोना और एक रोलेक्स घड़ी सहित अन्य बरामद किए थे। 
उधर, चिकित्सा उपचार के बाद हनी को कपूरथला जेल वापस भेज दिया गया। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले रविवार को हनी को इलाज के लिए कपूरथला सिविल अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उसे अमृतसर में कार्डियक चेकअप कराने की सलाह दी गई, जिसके बाद उसे यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया।

रेल मंत्री वैष्णव की मौजूदगी में कवच तकनीक का हुआ सफल परीक्षण
Posted Date : 05-Mar-2022 4:28:38 am

रेल मंत्री वैष्णव की मौजूदगी में कवच तकनीक का हुआ सफल परीक्षण

हैदराबाद। भारतीय रेलवे ने आज आधुनिक तकनीक कवच का सफल परीक्षण किया है। यह तकनीक ट्रेनों के आमने-सामने आने की स्थिति में उनकी टक्कर को रोकने का काम करेगी। शुक्रवार को सिकंद्राबाद में इस तकनीक का परीक्षण हुआ। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद ट्रेन के इंजन पर सवार थे। इसके अलावा दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत विभाग के दूसरे अधिकारी थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से इस अनोखे परीक्षण के वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किए गए हैं। परीक्षण के दौरान जिस ट्रेन में रेल मंत्री सवार थे, वह सामने से आ रही गाड़ी से 380 मीटर पहले ही रुक गई। दरअसल कवच तकनीक के चलते ऐसा हुआ और ट्रेन में अपने आप ही ब्रेक लग गए। यह एक सेंसर तकनीक है, जिसके जरिए आमने-सामने ट्रेन के आने पर गाड़ी खुद ही रुक जाएगी। रेलवे ने हादसों को टालने के लिए इसकी शुरुआत की है।  रेल मंत्री द्वारा एक मिनट का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें लोकोपायलट वाले केबिन में रेल मंत्री समेत अन्य अधिकारी दिखाई दे रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा है। कवच ने अन्य लोको से 380 मीटर पहले लोको को स्वचालित रूप से रोक दिया। बता दें कि भारतीय रेलवे लगातार कवच तकनीक पर काम कर रही थी, जिसके तहत वह भविष्य में जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। इसी के तहत शुक्रवार को यह परीक्षण किया गया।
रेलवे मंत्री ने कहा कि यह तकनीक पूरी तरह से भारत में ही विकसित की गई है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक को उच्चतम स्तर के सुरक्षा मानकों के तहत प्रमाणितकिया गया है। रेल मंत्री ने कहा कि इस तकनीक को हम पूरे रेलवे सिस्टम में लागू करेंगे। उनका कहना था कि इस तकनीक को तेजी से भारत में लागू किया जाएगा। इसके अलावा दूसरे देशों को भी यह तकनीक बेची जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल 2000 किलोमीटर ट्रैक पर इसे लगाने वाले हैं। इसके बाद हर साल 4 से 5 हजार किलोमीटर के रूट पर इस तकनीक को लगाया जाएगा।

महाराष्ट्र में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के बिना होंगे निकाय चुनाव
Posted Date : 04-Mar-2022 4:32:25 am

महाराष्ट्र में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के बिना होंगे निकाय चुनाव

0-सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
मुंबई । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दायर अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27त्न आरक्षण की बहाली की सिफारिश की गई थी। यह देखते हुए कि अंतरिम रिपोर्ट बिना अध्ययन और शोध के तैयार की गई थी। इस दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य और राज्य चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अंतरिम रिपोर्ट लागू नहीं करने का निर्देश दिया है। इस रिपोर्ट में स्थानीय निकायों के चुनाव में 27त्न ओबीसी कोटा देने की सिफारिश की गई थी। कोर्ट ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने चर्चा करने के लिए दोपहर कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। अंतरिम रिपोर्ट में स्थानीय निकाय चुनावों में 27त्न ओबीसी कोटा देने की सिफारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि अंतरिम रिपोर्ट शोध और अध्ययन के बिना तैयार की गई है। राज्य सरकार ने कोर्ट में जो डाटा पेश किया, उसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हमने डाटा पेश किया है।
आयोग की रिपोर्ट में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की समर्थन किया है, लेकिन इसमें कहा गया है कि यह सीमा 50 प्रतिशत के कुल कोटा सीमा के पार नहीं होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में आरक्षण के मुद्दे पर गठित आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर आयोग को फटकार लगाते हुए पूछा कि आयोग को यह कैसे पता चलता है कि यह सटीक डेटा है और प्रामाणिक है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट में कोई डेटा पेश नहीं किया गया है। ऐसे में हमें कैसे पता चलेगा कि यह रिपोर्ट कैसे बनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के 19 जनवरी 2022 के आदेश का पालन करने को कहा है। साथ ही कहा कि चुनाव में कोई आरक्षण सीट नहीं होगी। सभी सीट को जनरल सीट के रूप में नोटिफाई करने को कहा है। आयोग की रिपोर्ट से असंतोष जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट में की गई सिफारिशों का आधार आंकड़ों पर आधारित और तर्क संगत बनाने को कहा।
जस्टिस एएम खानविलकर की अगुआई वाली पीठ ने आयोग की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आयोग को मुहैया कराए गए आंकड़ों की सत्यता की पड़ताल जरूर होनी चाहिए थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सीधा लिख दिया कि अन्य पिछड़ी जातियों को स्थानीय निकायों में उचित प्रतिनिधित्व मिल रहा है। ये आधी अधूरी रिपोर्ट खुद रिपोर्ट करती है कि उसमें कोई आंकड़ा नहीं है और तर्क भी नहीं। ऐसे में ये कोर्ट राज्य के चुनाव आयोग सहित किसी भी संबंधित अधिकरण को ये सिफारिशें लागू करने से मना करती है।