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हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार
Posted Date : 12-Feb-2022 5:26:14 am

हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

0-कहा-इसे राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा न बनाएं
नईदिल्ली। कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर सुनवाई की तारीख देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इसे बड़े स्तर पर न फैलाएं। हम जानते हैं कि क्या हो रहा है। अगर कुछ भी गलत है तो हम उसकी रक्षा करेंगे। सही वक्त का इंतजार कीजिए।
दरअसल, इस मामले में गुरुवार कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अंतिम फैसला आने तक स्कूल और कॉलेजों में धार्मिक कपड़े नहीं पहनने का अंतरिम आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह देख रहा है कि कर्नाटक में क्या हो रहा है और हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा कि इसे राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा न बनाएं। सुप्रीम कोर्ट सही समय पर हस्तक्षेप करेगा।
जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक सरकार में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा। 
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं।
सरकार के इस आदेश पर विवाद होने लगा, जिसके बाद कुछ छात्राओं ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कीं। इस याचिका को एकल पीठ ने चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बड़ी बेंच को भेज दिया, जिस पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने स्कूल-कॉलेज खोलने का अंतरिम आदेश जारी किया। साथ ही, आखिर फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी। 

राज्यसभा की कार्यवाही 14 मार्च तक के लिए स्थगित
Posted Date : 12-Feb-2022 5:25:39 am

राज्यसभा की कार्यवाही 14 मार्च तक के लिए स्थगित

0-बजट सत्र का पहला चरण संपन्न
नईदिल्ली। राज्यसभा की कार्यवाही आम बजट 2022-23 पर हुई चर्चा का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जवाब दिए जाने के बाद शुक्रवार को 14 मार्च सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी और इसी के साथ उच्च सदन में बजट सत्र का पहला चरण संपन्न हुआ। कार्यवाही स्थगित करने से पहले उपसभापति हरिवंश ने बजट सत्र के पहले चरण में उच्च सदन में जिस तरह से कामकाज हुआ, उसे लेकर सभापति एम वेंकैया नायडू और अपनी तरफ से प्रसन्नता जतायी। उन्होंने कहा कि इस दौरान एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया जब सदन को (व्यवधान और शोरगुल की) विवशता के कारण स्थगित करना पड़ा। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले चरण में उच्च सदन में निर्धारित समय से आधे घंटे अधिक कामकाज हुआ। हरिवंश ने कहा कि इसका श्रेय सदन के प्रत्येक सदस्य को जाता है। उन्होंने कहा कि इसके कारण सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले सके। उन्होंने कि बजट सत्र के पहले चरण में सदन में 51 तारांकित प्रश्न पूछे गए वहीं लोक महत्व के 50 मुद्दे एवं शून्यकाल में विभिन्न मुद्दे उठाये गये। उपसभापति ने सदन के सभी वर्गों को सकारात्मक भावना के साथ कामकाज करने की बधाई दी और उम्मीद जतायी कि आगे भी सदन इसी भावना के साथ काम करता रहेगा। 
उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुई थी। उसी दिन दोनों सदन में आर्थिक समीक्षा पेश की गयी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को संसद के दोनों सदनों में आम बजट एवं संबंधित दस्तावेज रखे थे। दो फरवरी से दोनों सदनों में पहले राष्ट्रपति अभिभाषण और फिर आम बजट पर चर्चा की गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया था। सदन में 4 फरवरी को शुक्रवार होने के कारण गैर सरकारी कामकाज हुआ था किंतु सभी दलों के बीच बनी सहमति के कारण आज सदन में गैर सरकारी कामकाज नहीं हुआ। बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलने का कार्यक्रम है।

भारत 2024 तक कृषि क्षेत्र में डीजल की जगह नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करेगा
Posted Date : 12-Feb-2022 5:25:11 am

भारत 2024 तक कृषि क्षेत्र में डीजल की जगह नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करेगा

0-उर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा
नईदिल्ली। केंद्रीय विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों के बारे में चर्चा करने के लिए विद्युत और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत/ऊर्जा विभागों के अपर-मुख्य सचिवों/प्रधान सचिवों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की।
आर.के. सिंह ने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के विरुद्ध भारत की लड़ाई को तेज करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अर्थव्यवस्था के सभी संभावित क्षेत्रों में ऊर्जा पारगमन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों के मध्य सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।
इस बैठक का आयोजन देश में कार्बन तीव्रता को कम करने की दिशा में सीओपी26 में प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप किया गया था। इस बैठक का उद्देश्य भारत की जलवायु प्रतिबद्धता को पूरा करने में राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित करना था ताकि प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए ऊर्जा बचत लक्ष्य निर्धारित किए जा सकें।
बैठक को संबोधित करते हुए आर.के. सिंह ने अर्थव्यवस्था के संभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ऊर्जा दक्षता को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के लिए समर्पित राज्य निर्दिष्ट एजेंसी की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने यह अनुरोध किया कि राज्यों को निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कार्य योजना विकसित करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम एक नए और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं, जिसे आधुनिक विद्युत प्रणालियों के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। इस लक्ष्य को अर्जित करने के लिए हम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।
आर.के. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत 2024 तक कृषि क्षेत्र में डीजल का उपयोग बंद करने के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए डीजल की जगह नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करेगा। 
बैठक के दौरान विद्युत मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वाणिज्यिक भवनों को ईसीबीएस का और घरेलू भवनों को ईसीओ निवास का अनुपालन करना चाहिए और इन्हें भवन उप-नियम का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विद्युत की समस्त मांग ऊर्जा भंडारण की मदद से गैर-जीवाश्म ईंधन विधियों से पूरी की जाएगी। 
नवंबर 2021 में ग्लासगो में आयोजित सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन में,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए भारत के पंचामृत की घोषणा की थी। 
विद्युत सचिव ने राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना के विकास और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों निर्दिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इसे अपनाने और इसके कार्यान्वयन में मदद करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के समर्थन और सहयोग पर जोर दिया।
यह बैठक राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श सत्र के साथ संपन्न हुई, जिसमें हाल के वर्षों के दौरान राज्य स्तर पर की गई गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला गया। 
बीईई प्रत्येक राज्य के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य विनिर्दिष्ट कार्य योजना तैयार करने में मदद करेगा।

महाराष्ट्र भारत का प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र:कोविंद
Posted Date : 12-Feb-2022 5:23:31 am

महाराष्ट्र भारत का प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र:कोविंद

0-राष्ट्रपति ने राजभवन में नए दरबार हॉल का उद्घाटन किया
मुंबई। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को राजभवन, मुंबई में नए दरबार हॉल का उद्घाटन किया। उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने नए दरबार हॉल के उद्घाटन पर महाराष्ट्र के लोगों और सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता और भूमि में निश्चित रूप से कुछ विशेष बात है जो उन्हें यहां बार-बार आने के लिए आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में वे इस दौरे सहित 12 बार महाराष्ट्र आ चुके हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि महाराष्ट्र आध्यात्मिकता की भूमि होने के साथ-साथ अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने वाले वीरों की भूमि भी है। यह देशभक्तों की भूमि भी है और भगवान के भक्तों की भूमि भी है। महाराष्ट्र भारत का प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है। यह राज्य प्रतिभा और प्राकृतिक सौंदर्य से संपन्न है। महाराष्ट्र के लोग अपने आतिथ्य-सत्कार के लिए जाने जाते हैं। ऐसी अनेक विशेषताओं के कारण न केवल मैं, बल्कि देश-विदेश के अनगिनत लोग भी बार-बार महाराष्ट्र आने के लिए आकर्षित होते रहे हैं। लेकिन इस यात्रा में उन्हें एक खालीपन का अनुभव हो रहा है। एक सप्ताह पहले हमने अपनी प्यारी लता दीदी को खो दिया है। उन जैसी महान प्रतिभा का जन्म सदी में एक-आध बार ही होता है। लताजी का संगीत अमर है जो सभी संगीत प्रेमियों को सदैव मंत्रमुग्ध करता रहेगा। उनकी सादगी और सौम्य स्वभाव लोगों के मन-मस्तिष्क पर हमेशा अंकित रहेगा।
यह देखते हुए कि इस दरबार हॉल का निर्माण विरासत भवन की विशेषता को बरकरार रखते हुए किया गया है, उन्होंने कहा कि परंपरा को जीवित रखते हुए समय की मांग के अनुसार आधुनिकता का चयन करना ही बुद्धिमानी है। उन्होंने नवीनतम सुविधाओं के साथ इस दरबार हॉल के निर्माण के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल और राज्य सरकार को बधाई दी। 
राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में पारदर्शिता सुशासन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। दरबार की आधुनिक अवधारणा पारदर्शिता को बढ़ावा देती है। जनता दरबार के माध्यम से सरकारी अधिकारियों द्वारा लोगों से जुडऩे का यह तरीका लोकप्रिय होता जा रहा है। इस प्रकार यह दरबार हॉल, एक नए संदर्भ में, हमारे नए भारत, नए महाराष्ट्र और हमारे जीवंत लोकतंत्र का प्रतीक है।

अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और यूएनडीपी भारत ने ‘कम्युनिटी इनोवेटर फेलोशिप’ का किया शुभारंभ
Posted Date : 12-Feb-2022 5:23:12 am

अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और यूएनडीपी भारत ने ‘कम्युनिटी इनोवेटर फेलोशिप’ का किया शुभारंभ

नई दिल्ली । अटल नवाचार मिशन (एआईएम), नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), भारत के सहयोग से आज विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में कम्युनिटी इनोवेटर फेलोशिप (सीआईएफ) का शुभारंभ किया।
इस फेलोशिप को ‘प्री-इनक्यूबेशन मॉडल’ के रूप में विकसित किया गया है जो युवाओं को सामुदायिक मुद्दों को हल करने के लिए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) आधारित समाधानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने सामाजिक उद्यम स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगी।
यह एक साल की अवधि तक चलने वाला गहन फेलोशिप कार्यक्रम होगा, जिसे सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि पर ध्यान दिए बिना महत्वाकांक्षी सामुदाय नवप्रवर्तक के लिए तैयार किया गया है। इस फेलोशिप की अवधि के दौरान, प्रत्येक फेलो को अटल नवाचार मिशन के किसी अटल समुदाय नवाचार केंद्र से संबद्ध किया जाएगा। जो अपने आइडिया पर काम करते हुए एसडीजी जागरूकता, उद्यमशीलता कौशल और जीवन कौशल प्राप्त करेगा। एसीआईसी नव प्रवर्तक को परिचालन सुविधाओं, सह-कार्यस्थलों, प्रयोगशालाओं और गतिशील व्यापार नेटवर्क के रूप में उचित संसाधन प्रदान करके युवा नेतृत्व वाले नवाचारों से पोषित करेगा।
एसीआईसी के माध्यम से यह फेलोशिप नवप्रवर्तक की यात्रा को एक वर्षीय केंद्रित मॉडल के माध्यम से उसके आइडिया से लेकर व्यावसायीकरण तक ले जाएगी। यह कार्यक्रम महत्वाकांक्षी सामुदायिक नवप्रवर्तकों के बीच ज्ञान और क्षमता निर्माण की सुविधा पर ध्यान केंद्रित करेगा जो उनकी उद्यमिता के लिए आवश्यक है। यह एक तरीका है जिसके साथ एआईएम स्टार्ट-अप इको-सिस्टम में एक संस्कृति के साथ-साथ देश में विभिन्न भागों से महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने की संस्कृति के रूप में सामाजिक उद्यम को मुख्य धारा में लाने के लिए युवाओं की भागीदारी हासिल करने का प्रयास करेगा।
फेलोशिप के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि यह फेलोशिप एक साल तक चलने वाला कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य युवा समुदाय के नवप्रवर्तकों को उनकी उद्यमशीलता यात्रा में आवश्यक बुनियादी ढांचा और ज्ञान प्रदान करना है। यह रचनात्मकता और भारत के जमीनी स्तर पर मौजूद नवाचारी क्षमता का उपयोग करने के लिए एक प्रेरक पहल है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस फेलोशिप को अधिक सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर आना चाहिए क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक लगन और उत्साह की आवश्यकता होगी।
इस फेलोशिप के शुभारंभ के अवसर पर नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कहा कि युवा और ऊर्जावान नवप्रवर्तकों के लिए प्री-इनक्यूबेशन जगह बनाना सामुदायिक समस्याओं के लिए जीवंत और प्रेरक समाधान हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। यह फेलोशिप समग्र और समावेशी नवाचारों के निर्माण में युवा परिवर्तनकर्ताओं के साथ-साथ सामुदायिक नवाचार इको-सिस्टम में अन्य हितधारकों को शामिल करने का एक बेहतर तरीका है।
इस फेलोशिप के माध्यम से नवाचारी इको-सिस्टम में विभिन्न हितधारकों को शामिल करते हुए भारत में यूएनडीपी के स्थानीय प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा कि इस फेलोशिप पहल के माध्यम से हम युवाओं को स्वयं अपने समाधान खोजने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं ताकि वे ऐसे उद्यम बना सकें जो सतत व्यवसाय मॉडल हों। एआईएम और यूएनडीपी यह काम करने के लिए सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्री-इनक्यूबेशन मॉडल की जरूरत पर जोर देते हुए मिशन निदेशक, अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग डा. चिंतन वैष्णव ने कहा कि यह देश के छोटे शहरों और गांवों में सामुदायिक केंद्रित नवाचार में मदद कर सकता है। यह फेलोशिप सभी तत्वों-मूल्यों, उपायों और हितधारकों का एक समावेश है जो एक स्थायी सामुदायिक नवाचार इको-सिस्टम के निर्माण में सहायता प्रदान करता है। युवा नवोन्मेषकों को इस फेलोशिप के माध्यम से सीखने, समुदाय और राष्ट्र में बड़े पैमाने पर प्रभाव पैदा करने का बड़ा अवसर उपलब्ध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि समुदाय के लिए, समुदाय के साथ और समुदाय में नवाचार लाने के उद्देश्य से यह फेलोशिप और परिचालन मैनुअल से सतत विकास लक्ष्यों (एसजीडी) को लक्षित करके समुदायों में स्थायी परिवर्तन के लिए नए समाधान करने और उसके बारे में सोचने के लिए प्रेरणा मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा, एआईएम ने एसीआईसी इको-सिस्टम की स्थापना के लिए परिचालन नियमावली भी जारी की है। मैनुअल एक ज्ञान और क्षमता निर्माण ढांचा है, जो एक एसीआईसी के मूलभूत और परिचालन कामकाज में मदद करेगा। यह मैनुअल उन स्तंभों के निर्माण पर आधारित है जो एक समग्र नवाचार इको-सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य के लिए एक सहायक प्रणाली को तैयार करने और उसे स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एसीआईसी की स्थापना देश के कम विकसित क्षेत्रों में स्टार्ट-अप और नवाचार इको-सिस्टम को विकसित करने पर ध्यान देने के साथ की गई है। वर्तमान में, देश के 9 राज्यों में 12 एसीआईसी हैं और देश में ऐसे 50 केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

एक ही परिवार के 4 सदस्यों की सडक़ दुर्घटना में मौत, तीन घायल
Posted Date : 12-Feb-2022 5:22:31 am

एक ही परिवार के 4 सदस्यों की सडक़ दुर्घटना में मौत, तीन घायल

- अमेठी के शुकुलबाजार के पास डीसीएम से टकराई स्कॉर्पियो
मऊ । उत्तरप्रदेश में आज सुबह अमेठी में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर एक सडक़ हादसे में मां और बेटे समेत चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। जानकारी के अनुसार बुलाकीपुरा निवासी नूरजहां (65) का इलाज कराने के लिए शुक्रवार तडक़े परिवार के लोग स्कॉर्पियो से लखनऊ को निकले थे। सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह अमेठी में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे शुकुलबाजार के पास पहुंचे थे कि डीसीएम से टक्कर हो गई। हादसे में नूरजहां और उसका पुत्र जाहिद कमाल एवं दामाद अतीकुर्रहमान की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि बेटी अफसाना की केजीएमयू अस्पताल में मौत हो गई। वहीं समसुद्दीन पुत्र हाजी सहाय, चालक रिजवान पुत्र समसुद्दीन, मृतका नूरजहां का पुत्र अफसर पुत्र रियाज गंभीर रूप से घायल हो गए। इधर, हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए शुकुल बाजार सीएचसी भिजवाया। जहां घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद लखनऊ रेफर किया गया। पुलिस ने मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।