0-अब पैसेंजर्स को देना होगा अधिक चार्ज
नई दिल्ली । देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो और जेट एयरवेज ने वेब चेक-इन सर्विस के लिए अब चार्ज करना शुरू कर दिया है। यानि कि अगर आप एयरपोर्ट पर लंबी कतार से बचने के लिए वेब चेक-इन करते हैं तो आपको इसके लिए भी पैसे देने होंगे।
नई संशोधित नीति के तहत 14 नवंबर, 2018 से ये नियम लागू हो गया है। इसके साथ ही वेब चेक-इन सुविधा का उपयोग करने वाले यात्री अब बिना ओवरहेड वाली सीटों का चयन नहीं कर सकते हैं। हालांकि, यात्री फ्री सीटों को चुनने के लिए एयरपोर्ट पर सेल्फ-चेक-इन कियोस्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक पैसेंजर के सीट चुनने के आधार पर प्राइस 200 रुपये से 1,000 रुपये के बीच है। पहली कतार की सीटों और इमरजेंसी सीटों के साथ अधिक लेग स्पेस होने के कारण उनका चार्ज अन्य सीटों से अधिक होता है। वेब चेक-इन चार्जेबल होने का मतलब है कि अगर आप अकेले या ग्रुप में सफर कर रहे हैं तब या तो आप अलग-अलग बैठिए या फ्री मिडल रो को चुनिए। लेकिन अगर आप ने वेब चेक-इन किया तो इसके लिए आपको भुगतान करना पड़ेगा।
इंडिगो के ऑफिशियल हैंडल ने ट्वीट किया- हमारी संशोधित नीति के अनुसार, सभी वेब चेक-इन सुविधा के लिए सारी सीटों पर अब चार्ज लगेगा। हालांकि वैकल्पिक रूप से, आप हवाई अड्डे पर मुफ्त में चेक-इन कर सकते हैं। सीटें उपलब्धता के अनुसार सौंपी जाएगी।
नई दिल्ली । भारत में बीते दो साल में बैंकिंग धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि इन्हें रोकने की दिशा में थोड़ा बहुत प्रयास भी नहीं किया गया है। आलम यह है कि इन दो सालों में बैंकिंग धोखाधड़ी की घटनाओं में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ग्लोबल रिसर्च फर्म डेलॉय टच तोहमात्सुय एलएलपी ने अपने सर्वे में यह जानकारी दी है। यह सर्वे सोमवार को जारी किया जाएगा।
डेलॉय ने कहा, रेग्युलेटरी दिशा-निर्देशों या फर्जीवाड़े की बढ़ती घटनाओं के चलते बैंकों के बीच अपने फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क को मजबूत करने के प्रति जागरूकता बढ़ी है, हालांकि बैंकों के लिए फाइनैंशल क्राइम कंप्लायंस एजेंडे का एकीकरण जरूरी है। सर्वे के मुताबिक, फर्जीवाड़े की घटनाओं में बढ़ोतरी इस तरह की घटनाओं से निपटने में नाकामी का नतीजा है और इनका पता लगाना अभी भी टेढ़ी खीर है।
बैंकों के पास संसाधनों की कमी
प्रौद्योगिकी के विकास और डिजिटल चैनलों ने फर्जीवाड़ों को ढूंढना अधिक मुश्किल कर दिया है और इस तरह के फर्जीवाड़ों का पता लगाने के लिए अधिकतर बैंकों के पास फॉरेंसिक एनालिटिक्स टूल्स की कमी है। सरकार ने हालांकि फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें से सबसे हाल का कदम सरकारी बैंकों के सीईओ को बैंकिंग फ्रॉड के संदिग्धों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर्स जारी करने का आग्रह जारी करने का अधिकार देना है।
बैंक ने की कई चूक
उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला तब सामने आया, जब हीरा कारोबारी नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 14 हजार करोड़ रुपये लेकर देश से चंपत हो गया। पीएनबी की आंतरिक रिपोर्ट में यह पाया गया कि मुंबई में बैंक के ब्रैडी हाउस ब्रांच में कई तरह की संदिग्ध गतिविधियां सामने आई थीं, जो वरिष्ठ अधिकारियों को सतर्क करने के लिए काफी थीं। सबसे बड़ी चूक तब हुई, जब 2010 में मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी के ब्रांच जॉइन करने के बाद नीरव मोदी व मेहुल चोकसी की कंपनियों का कारोबार बैंक की उस शाखा के साथ कई गुना बढ़ गया, जिसे पीएनबी ने नजरअंदाज कर दिया।
शुरुआती संकेतों को किया गया नजरअंदाज
इसके अलावा, फ्रॉड के कई अन्य शुरुआती संकेत सामने आए थे। आंतरिक रिपोर्ट में यह पाया गया कि ब्रांच मैनेजर्स और उनके सुपरवाइजरों ने संख्याओं पर ध्यान नहीं दिया, जबकि कई आधारभूत मानदंडों का भी खयाल नहीं रखा गया। उदाहरण के लिए, अनऑथराइज्ड बिनजस को लेकर फॉरेक्स ट्रांजैक्शन वाउर को ब्रांच में संभालकर नहीं रखा गया और स्विफ्ट मैसेजों को कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) में इंटर नहीं किया गया।
मुंबई । अगले सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का रुख बना रह सकता है, क्योंकि निवेशक नवंबर 2018 से दिसंबर 2018 के वायदा और विकल्प खंड में अपनी स्थिति तय करेंगे। जबकि नवंबर 2018 की डेरिवेटिव निविदा की समाप्ति गुरुवार (29 नवंबर) को हो रही है। इसके अलावा बाजार की चाल प्रमुख कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजे, घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन के आधार पर तय होंगे।
आर्थिक मोर्चे पर, सरकार चालू वित्त वर्ष की तीसरी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े शुक्रवार (30 नवंबर) को जारी करेगी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर साल-दर-साल आधार पर 8.2 फीसदी थी, जबकि पहली तिमाही में 7.7 फीसदी रही थी।
राजनीतिक मोर्चे पर, मध्यप्रदेश और मिजोरम के विधानसभा चुनाव बुधवार (28 नवंबर) को होंगे, जबकि राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को होंगे। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को होंगे। सभी पांचों राज्यों के वोटो की गिनती 11 दिसंबर को होगी।
वैश्विक मोर्चे पर, निक्केई मैनुफैक्चरिंग पीएमआई फ्लैश का नवंबर का आंकड़ा सोमवार को जारी किया जाएगा। अमेरिका की फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट समिति अपनी 7-8 नवंबर को हुई नीतिगत बैठक के मिनट्स की जानकारी शुक्रवार (30 नवंबर) को देगी।
सैन फ्रांस्सिको । माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है, जिसका बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 753.3 अरब डॉलर है, जबकि एप्पल साल 2010 के बाद से पहली बार दूसरे नंबर पर पिछड़ गई है। एप्पल अगस्त में अमेरिका की पहली 1,000 अरब डॉलर वाली कंपनी बनी थी, जिसका मार्केट कैप शुक्रवार को घटकर 746.8 अरब डॉलर होगा, जिसका प्रमुख कारण आईफोन की उम्मीद से कम बिक्री होना है और ऐसी खबरें आ रही है कि कंपनी के आपूर्तिकर्ता अपने लागत और कार्यबल में कटौती कर रहे हैं।
अमेजन 736.6 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है और अल्फाबेट (गूगल की पैरेंट कंपनी) 725.5 अरब डॉलर के साथ चौथे नंबर पर है। रिपोर्ट में कहा गया, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने तीन प्रतिद्वंदियों को पछाड़ दिया है, जिसमें अल्फाबेट इंक. भी शामिल है। यह कंपनी सिलिकॉन वैली की दिग्गजों में सबसे मूल्यवान प्रौद्योगिकी कंपनी है। अपने अजूरे क्लाउड, गेमिंग और सरफेस लैपटॉप पोर्टफोलियो के कारोबार में वृद्धि से माइक्रोसॉफ्ट ने वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में 29.1 अरब डॉलर का राजस्व और 8.8 अरब डॉलर का मुनाफा दर्ज किया था।
कंपनी के राजस्व में 19 फीसदी और मुनाफे में 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान कंपनी का परिचालन मुनाफा 29 फीसदी बढक़र 10 अरब डॉलर हो गया। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला ने कहा, वित्त वर्ष 2019 की शानदार शुरुआत हुई है, जो हमारे नवाचार और ग्राहकों के भरोसे का परिणाम है।
नई दिल्ली । रिलायंस जियो मार्किट में आने के बाद से ही अपने ग्राहकों के लिए नए-नए आर्कषक आफर पेश करता रहा है। इसी कड़ी में अब जियो बहुत जल्द रिलायंस जिओ मनी पर यूपीआई सेवा सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसके लिए जियो ने भारतीय स्टेट बैंक,एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक से अपने यूपीआई पेमेंट सिस्टम को जिओ मनी ऐप से जोडऩे के लिए कहा है।
फिलहाल जियो नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया से यूपीआई की मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है। मंजूरी के मिलते ही कंपनी अगले साल की शुरुआती तिमाही में इसे देश भर में लागू कर देगा।
जियो के इस सुविधा को शुरु करने से बाजार में पहले से मौजूद कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। बता दें कि फिलहाल बाजार में पेटीएम, फोनपे और गूगल पे ही यूपीआई सेवा देने वाली कंपनियां हैं।
नई दिल्ली । आने वाली एक जनवरी से कुछ डेबिट या क्रेडिट कार्ड काम करना बंद कर सकते हैं। दरअसल आरबीआई की ओर से कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड को 31 दिसंबर, 2018 तक ईएमवी चीप कार्ड से बदलने की बात कही गई है। इस कार्ड का इस्तेमाल करने वालों के पास अभी पर्याप्त समय है और ऐसे में उपयोगकर्ताओं को परेशान होने की जरूरत अभी नहीं है। बता दें कि नया ईएमवी कार्ड पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है और उससे फ्रॉड होने का खतरा न के बराबर होता है।
आरबीआई ने अपने दिशा निर्देशों में कहा कि एक सितंबर, 2015 से बैंक द्वारा जितने भी नए कार्ड (डेबिट और क्रेडिट, डमेस्टिक और इंटरनैशनल) जारी किए जाएंगे वे ईएमवी चिप और चिप आधारित कार्ड होंगे। बैंक अपनी तरफ से उपयोगकर्ताओं को कार्ड को बदलवाने के लिए बार-बार मैसेज कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि ईएमवी कार्ड और इसकी खूबियां क्या हैं। बता दें कि आरबीआई ने 27 अगस्त, 2015 को एक दिशा-निर्देश जारी किया था और बैंकों को कार्ड बदलने की पूरी प्रक्रिया के लिए तीन साल से अधिक का वक्त दिया था।
गौर हो कि चिप आधारित डेबिट और क्रेडिट कार्ड सुरक्षा के लिहाज से श्रेष्ठ माने जाते हैं। ईएमवी (यूरो पे, मास्टर कार्ड और वीजा) में एक छोटा सा माइक्रोचिप होता है, जो खरीदारों की जाली ट्रांजैक्शन से सुरक्षा करता है। डेबिट या क्रेडिट कार्ड ईएमवी है या नहीं, इसका पता लगाना बेहद आसान है। ईएमवी कार्ड में ऊपर की तरफ अधिकतर बाईं ओर सुनहरे रंग का एक चिप लगा होता है।