जांजगीर-चांपा । संक्रामक रोग खसरा-रूबेला की शत-प्रतिशत नियंत्रण के लिए 6 अगस्त से अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य संस्थाओं, शासकीय और निजी स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, मदरसा आदि में 9 माह से 15 वर्ष आयु समूह के बच्चों को खसरा-रूबेला का टीका लगाया जा रहा है। इसी क्रम में आज जिले के गुरूकुल इंटरनेशनल स्कूल में भी खसरा-रूबेला टिकाकरण कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों का टीकाकरण किया गया। इस दौरान कलेक्टर नीरज बनसोड़ और उनकी पत्नी ने खसरा-रूबेला कार्यक्रम में शामिल होकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने बच्चों के साथ फोटो खींचवा कर उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि खसरा रोग बहुत संक्रामक रोग है और प्रभावित व्यक्ति की ओर से खांसने और छींकने से फैलता है। यह रोग बच्चों में अपंगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है। इसके नियंत्रण के लिए मीजल्स रूबेला अभियान का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने इस अभियान के तहत 9 माह से 15 वर्ष आयु समूह के प्रत्येक बच्चों को खसरा-रूबेला का टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान गुरूकुल इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
रायपुर. माओवादी विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए प्रत्याशियों पर हमला कर सकते हैं। खुफिया विभाग को इनपुट मिले हैं कि चुनावी दौरे, सभा अथवा जनसंपर्क के दौरान प्रत्याशियों को निशाना बना सकते हैं। राज्य पुलिस और नक्सल ऑपरेशन से जुड़े अफसरों ने बताया कि माओवादी गतिविधियों के मद्देनजर प्रत्याशियों की सुरक्षा में इजाफा किया गया है। साथ ही प्रमुख जनप्रतिनिधियों को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। वहीं, संबंधित इलाकों में उनके दौरे के पहले फोर्स को तैनात किया जाएगा। माओवादियों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी देते हुए लोगों को मतदान नहीं करने को कहा है। उन्होंने चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर जान से मारने की धमकी भी दी है। इसके पोस्टर-बैनर भी बस्तर क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में लगाए गए थे। बाद में पुलिस ने इन्हें जब्त किया था। इन घटनाओं के बाद खुफिया विभाग ने स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाई, मिले इनपुट के मुताबिक मतदाताओं को धमकी देने, मतदान दलों और सुरक्षाबलों पर हमला करने के साथ ही मतदान सामग्री और मशीन लूटने की योजना बनाई है।
मुंगेली. दुर्गा विसर्जन करने जा रहे भक्तों की टोली पर मधुमक्खियों के झुंड़ ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया. हमले में करीब 40 लोग घायल होने के साथ 15 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. मिली जानकारी के अनुसार दुर्गा विसर्जन करने जा रहे, भक्त डीजे की तेज धुन पर थिरक रहे थे. जैसे ही युवा विसर्जन घाट के पास पहुंचने ही वाले थे कि अचानक मधुमक्खियों ने हमला कर दिया वहीं अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 15 लोग की हालत गंभीर बनी हुई है.
जगदलपुर। बस्तर जिले में स्वाइन फ्लू का पहला मामला सामने आया है। नागरपुर के रास्ते स्वाइन फ्लू लेकर पहुंचे एक मरीज को पॉजीटिव पाए जाने के बाद डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। जहां डॉक्टरों की विशेष निगरानी में उसका इलाज किया जा रहा है।
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र नाग ने बताया कि श्हर से एक गांव में रहने वाला युवक निजी कार्यों से नागपुर गया हुआ था। दो दिन पूर्व जब वह शहर लौटा तो अचानक उसकी तबीयत बिगडऩे लगी। समझदारी दिखाते हुए युवक ने नजदीकी अस्पताल पहुंचकर अपनी जांच करवाया। जांच में स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव पाने पर तत्काल उसे डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। स्वाइन फ्लू की वैक्सीन देकर उसे सामान्य स्थिति में लाने की कोशिश डॉक्टरों की टीम कर रही है। हालांकि उसकी हालत में रविवार को पहले से अधिक सुधार देखने को मिले हैं।
मरीज के परिजनों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा एहतियात के तौर पर कस्बे में लोगों की जांच करने निर्देश दिए गए हैं।
स्वाइन फ्लू क्या है
एच1एन1 इन्फ्ल्यूएंजा या स्वाइन फ्लू दरअसल चार वायरस के संयोजन के कारण होता है। आम तौर पर इस वायरस के वाहक होते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल रहा है। मानव शरीर में इसकी प्रतिरोधक क्षमता बहोत कम होती है, इसलिए यह जानलेवा बन चुका है। इसके वायरस वायु में फैलते हैं। स्वाइन फ्लू के वायरस में यदि किसी ठोस जगह पर गिरता है तो 24 घंटे जीवित रह सकता है और अगर किसी तरल जगह पर तो 20 मिनट तक जीवित रहता है।
स्वाइन फ्लू के यह हैं लक्षण
हालांकि इसके लक्षण एक सामान्य फ्लू के समान हैं, मगर लापरवाही बरतने पर वे गंभीर हो सकते हैं। आम तौर पर इन लक्षणों के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। बुखार,खाँसी, सिरदर्द, कमजोरी और थकान मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गले में खऱाश, नाक बहना है।
बचाव और बीमारी की रोकथाम के उपाय
खांसी अथवा छींक के समय अपने चेहरे को टिश्यू पेपर से ढककर रखें। टिश्यू पेपर को सही तरीके से फेंके अथवा नष्ट कर दें। अपने हाथों को किसी हैंड सैनीटाइजर द्वारा नियमित साफ करें। अपने आसपास हमेशा सफ ाई रखें।
रायपुर से वैक्सीन मंगाया
स्वाइन फ्लू के मरीज के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध हैं, लेकिन जांच कर रहे डॉक्टर्स व स्टाफ के लिए यदि स्वाइन फ्लू के चपेट में आते हैं, तो उनके लिए वैक्सीन की कमी हो सकती है। इसलिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर से मंगवाया है।
धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में भाजपा और कांगे्रस जैसी प्रमुख राजनैतिक पार्टियां महिलाओं को टिकिट देने में काफी कंजूस रही है। भाजपा ने सिर्फ सिहावा विधानसभा से पिंकी ध्रुव को टिकिट दिया जबकि कांग्रेस ने धमतरी से जयाबेन, कुरूद से दीपा साहू और सिहावा से अंबिका मरकाम को टिकिट दिया। इन्हें विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। उल्लेखनीय है कि जिले में हर साल महिलाओं के मतदान का प्रतिशत भी बढ़ते जा रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव में तीन लाख से ज्यादा महिलाओं को मताधिकार दिया गया है।
चुनाव को लेकर धमतरी जिले में जिस तरह से मतदाताओं में भारी जागरूकता आई है, इससे यहां लोकतंत्र की नींव काफी मजबूत भी हुई है। पिछली बार विधानसभा चुनाव में महिलाएं, पुरूष मतदाताओं से महज एक फीसदी मतों से पीछे रहे। वर्ष-2008 में भी यह फासला महज कुछ वोटो का रहा। निर्वाचन सूत्रों के मुताबिक वर्ष-2013 के धमतरी विधानसभा चुनाव में कुल 1,85,387 मतदाता थे, जिनमें से 1,54,717 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें 77,372 पुरूष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, वहीं 77,345 महिलाओं ने भी मतदान किया। इस तरह बीते चुनाव में 83.57 प्रतिशत पुरूष तथा 83.23 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान में हिस्सा लिया।
इसके पूर्व वर्ष-2008 के विधानसभा चुनाव में धमतरी विधानसभा क्षेत्र की महिलाएं अपना नेता चुनने के लिए काफी रूचि दिखाई। इस चुनाव में धमतरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,72,224 मतदाताओं में से 1,39,633 मतदाताओं ने मतदान के हवन कुंड में आहूतियां दी। इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 68,516 थी, जबकि 69,864 पुरूष मतदाताओं ने वोट डाला। इस तरह कुल 50.03 प्रतिशत पुरूष तथा 49.78 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने मतदान कर जागरूकता का परिचय दिया। इस तरह लगातार महिला मतदाताओं में चुनाव को लेकर जागरूकता बढ़ती जा रही है।
पुरूषों से ज्यादा महिलाएं
उल्लेखनीय है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। यह वृद्धि पुरूष मतदाताओं से भी ज्यादा है। निर्वाचन शाखा के मुताबिक जिले में कुल 5 लाख 92 हजार 141 मतदाता है, जिनमें महिलाओं की संख्या 3,00,002 तथा पुरूष मतदाताओं की संख्या 2,92,127 है।
इसी तरह बीते चुनाव में कुरूद क्षेत्र में 74,606 महिलाओं ने मतदान किया, जबकि पुरूषों की संख्या 76,715 रही। कुल 1 लाख 70 हजार 699 मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में 89.06 प्रतिशत पुरूष तथा 88.23 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मतदाधिकार का प्रयोग किया। सिहावा विधानसभा में पिछली बार कुल 1 लाख 72 हजार 242 मतदाताओं में से 70,790 महिला तथा 70,362 पुरूष मतदाताओं ने वोटा डाला। इनमें 82.30 प्रतिशत पुरूष तथा 81.62 प्रतिशत महिला मतदान का प्रतिशत रहा।
इन्हें मिला मौका
धमतरी विधानसभा में 1957 से लेकर 2013 तक हुए 13 बार के विधानसभा चुनाव में सिर्फ जयाबेन ही दो बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची। इसी तरह कुरूद में 1975 से 2013 तक हुए चुनाव में सिर्फ एक बार 1985 के चुनाव में दीपा साहू निर्वाचित हुई। आदिवासी बाहुल्य सिहावा विधानसभा क्षेत्र में 1932 से लेकर अब तक 12 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। यहां से भी पिंकी ध्रुव और अंबिका मरकाम को विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
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