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अगली दिवाली तक सोना हो सकता है 53 हजारी
Posted Date : 01-Nov-2021 3:20:40 am

अगली दिवाली तक सोना हो सकता है 53 हजारी

नयी दिल्ली । कोरोना से निपटने के लिए टीकाकरण की तेज गति के मद्देनजर अर्थव्यवस्था में आ रही मजबूती से अब लोगों के जोखिम भरे निवेश की ओर आकर्षित होने से अगली दिवाली तक सोना के 53 हजारी होने की उम्मीद जतायी जा रही है।
बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की मानें तो अगले 12 महीनों में सोने की कीमतों को लेकर उसका रुख सकारात्मक है। कंसॉलिडेशन की प्रक्रिया के बाद कुछ उछाल देखने को मिल सकता है। मौजूदा परिदृश्य में कम समय के लिए कुछ बाधायें आ सकती हैं, जो निवेशकों को खरीददारी का बेहतर मौका दे सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना एक बार फिर से 2000 डॉलर तक बढऩे की क्षमता रखता है और यहां तक कि कॉमेक्स पर एक नया लाइफटाइम हाई भी बना सकता है। घरेलू मोर्चे पर अगले 12 महीनों में कीमतें 52000-53000 रुपये प्रति दस ग्राम के उच्च स्तर तक जा सकती हैं।
उसने कहा कि वर्ष 2019 और 2020 के दौरान सोने की कीमतों में अच्छा उछाल देखा गया है, जो क्रमश: 52 प्रतिशत और 25 प्रतिशत के करीब रहा है। हालांकि 2021 में कुछ गिरावट भी देखी गयी और अभी सोना 47000 रुपये से 49000 रुपये प्रति दस ग्राम के बीच कारोबार कर रहा है। भारत में सोने की मांग 2020 में महामारी के दौरान देखे गए निचले स्तर से तेजी से बढ़ी है। दिवाली 2020 के विपरीत इस साल प्रतिबंधों में काफी ढील है, दुकानें खुली हैं और इस साल कुल मांग में भी वृद्धि हुई है, जिससे आयात भी बढ़ा है। सितंबर 2021 तक 740 टन सोना का आयात हुआ है।
उसने विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) का हवाला देते हुये कहा कि डब्ल्यूजीसी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में समाप्त तिमाही के लिए सोने की मांग सालाना आधार पर 47 प्रतिशत बढक़र 139.1 टन हो गई जबकि एक साल पहले यह 94.6 टन रही थी। जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि के दौरान भारत में आभूषणों की मांग में भी सालाना आधार पर 58 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो कि मजबूत मांग, अवसरों से संबंधित उपहार, आर्थिक सुधार और कम कीमतों के कारण 96.2 टन पहुंच गई है।

भारत में बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरंसी, कानून के दायरे में लाने की तैयारी में केंद्र सरकार
Posted Date : 01-Nov-2021 3:20:02 am

भारत में बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरंसी, कानून के दायरे में लाने की तैयारी में केंद्र सरकार

नई दिल्ली । भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरंसी में निवेश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार के पहले के क्रिप्टोकरंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के दृष्टिकोण से दूर जाने की अब संभावना है। प्रतिबंध की बजाय सरकार इसे विनियमित करने का विकल्प चुन सकती है। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी इस संबंध में कानूनी ढांचे और आवश्यक नियमों को ठीक करने के लिए लगातार बात कर रहे हैं। विनियमन की ओर सोच है। अधिकारी ने कहा, कल ये नहीं होना चाहिए कि अगर मैं एक अपनी डिजिटल करंसी शुरू करता हूं और अच्छी मार्केटिंग के बाद कोई लोग इसे खरीदतें हैं और फिर मैं भाग जाता हूं, क्योंकि मैं एक प्राइवेट प्लेयर हूं। लोगों ने अपने अन्य संपत्तियों का उपयोग करके उस करंसी को खरीदा होगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार को विनियमन की ओर देखने की जरूरत है। मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है, जबकि भारत को विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में गिना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार हाल-फिलहाल में 15 लाख भारतीयों ने निजी क्रिप्टोकरंसियों में निवेश किया है। इस क्षेत्र में काम कर रहे दर्जनों स्टार्ट-अप सहित निवेश के जोखिम के बावजूद लोगों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है। भारत में क्रिप्टोक्यूरंसी ट्रेडिंग में इस साल मई के बाद से तेज वृद्धि देखी गई है। ये उछाल खासकर आरबीआई के उस स्पष्टीकरण के बाद आया जिसमें बैंकों को क्रिप्टोक्यूरंसी ट्रेडिंग के खिलाफ ग्राहकों को चेतावनी नहीं देने के लिए कहा गया था। वहीं, साल 2019 में एक वित्त मंत्रालय की समिति ने एक विधेयक का प्रस्ताव दिया था। इसमें क्रिप्टोक्यूरंसी पर प्रतिबंध की बात कही गई थी हालांकि इसे अब ठंडे बस्ते में डालते हुए समाप्त कर दिया गया है।

आरबीआई की समीक्षा बैठक शुरू, नीतिगत रुख नरम बनाए रख सकता है केंद्रीय बैंक
Posted Date : 06-Oct-2021 6:11:20 pm

आरबीआई की समीक्षा बैठक शुरू, नीतिगत रुख नरम बनाए रख सकता है केंद्रीय बैंक

नयी दिल्ली  । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) नीतिगत दरों की द्वैमासिक समीक्षा में आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए नीतिगत ब्याज दर-रेपो को वर्तमान स्तर पर बनाए रखने के साथ साथ नीतिगत रुख को अभी नरम रख सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से महंगाई बढऩे और आर्थिक वृद्धि की राह में चुनौती पैदा होने के जोखिम के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यता में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की समीक्षा बैठक आज शुरू हुई। इस समय रेपो दर लम्बे समय से चार प्रतिशत है। केंद्रीय बैंक इसी दर पर बैंकों को उनकी फौरी जरूरत के लिए धन उधार देता है। रेपो दर के बढऩे से बैंकों के धन की लागत प्रभावित होती है और वे कर्ज महंगा करने को मजबूर होते हैं।
मुंबई में समिति के निर्णयों की घोषणा सात अक्टूबर को की जाएगी जिसमें केंद्रीय नकदी प्रवाह के समायोजन के नए उपाय किए जा सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मौद्रिक नीति समिति रिवर्स रेपो दर (जिस दर पर बैंक आरबीआई के पास अपनी नकदी अल्पकाल के लिए रखते हैं) बढ़ाने का फैसला कर सकती है ताकि बैंकिंग प्रणाली में नकदी के अतिरेक को संतुलित किया जा सके।
विशेषकों का मानना है कि एमपीसी के सामने इस समय कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से वैश्विक वृद्धि के समक्ष चुनौती और मुद्रास्फीति बढऩे का खतरा, दो प्रमुख मुद्दे हैं। वैश्विक बाजार में इस समय कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है। विश्लेषकों का कहना है कि सर्दियों में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में तेल और गैस की मांग बढऩे पर तेल 90 डॉलर तक भी जा सकता है।
भारत तेल की अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत आयात करता है। दमा बढऩे से स्थानीय बाजार में मोटर इंंधन महंगा होने के साथ साथ देश के भुगतान संतुलन और रुपये की विनिमय दर पर प्रभाव पडऩे का जोखिम है। इस समय अमेरिका में भी मानक प्रतिभूतियों पर यील्ड (निवेश का प्रतिफल) बढ़ रहा है जो ब्याज दर में मजबूती आने का संकेत देता है।
भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि भारत में चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत और आर्थिक वृद्धि 9.5 प्रतिशत रहेगी। अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति नरम हो कर 5.3 प्रतिशत पर आ गयी जो आरबीआई के चार प्रतिशत से अधिकतम दो प्रतिशत ऊपर-नीचे के दायरे रखने के लक्ष्य के अंदर है।
भारतीय अर्थव्यस्था चालू वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि पिछले वित्त वर्ष में प्रथम तिमाही में कोविड19 के कारण सख्त लाक-डाउन के कारण 24.4 प्रतिशत का संकुचन दर्ज किया गया था।

महंगाई का एक और झटका, घरेलू एलपीजी सिलेंडर फिर हुआ महंगा
Posted Date : 06-Oct-2021 6:10:58 pm

महंगाई का एक और झटका, घरेलू एलपीजी सिलेंडर फिर हुआ महंगा

नई दिल्ली । महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को एक और झटका लगा है। घरेलू एलपीजी सिलेंडर एक बार फिर महंगा हो गया है। नॉन-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में बुधवार यानी आज एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है। जानकारी के अनुसार नॉन सब्सिडी वाले 14.2 किलो के सिलेंडर पर 15 रुपए बढ़ाए गए हैं, जिससे दिल्ली में उसकी कीमत 899 रुपए हो गई है। वहीं 5 किलो वाला सिलेंडर अब 502 रुपए में मिलेगा।
दिल्ली- मुंबई में नॉन-सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 884.50 रुपए से अब 899.50 रुपए हो गई है। पटना में अब एलपीजी सिलेंडर के लिए 1000 में से केवल 2 रुपए कम चुकाने पड़ेंगे।
सिर्फ इसी साल की बात करें तो 1 जनवरी को गैस सिलेंडर 694 रुपये का था। 1 सितंबर को कीमत 884 रुपए हो गई। फिर 17 अगस्त से 1 सितंबर के बीच 15 दिन में 50 रुपए की महंगाई हो गई। साफ है कि पिछले 8 महीने में 190 रुपए की महंगाई जनता के घर की स्थिति बिगाडऩे वाले सिलेंडर में आ चुकी है।
इससे पहले एक अक्टूबर को केवल 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए थे। इसमें पेट्रोलियम कंपनियों ने कमर्शियल सिलेंडर के दाम में 43.5 रुपए की भारी बढ़त की थी। इससे रेस्टोरेंट, ढाबे आदि पर खाना महंगा होने की आशंका बढ़ गई थी।
फिलहाल दिल्ली में 19 किलो का कमर्शियल सिलेंडर 1736.5 रुपए का हो गया है। पहले यह 1693 रुपए का था। कोलकाता में 19 किलो वाले कमिर्शयल सिलेंडर की कीमत 1805.5 रुपए हो गई है। पहले यह 1770.5 रुपए थी। बता दें कि पेट्रोलियम कंपनियां हर 15 दिन पर एलपीजी सिलेंडर के दाम की समीक्षा करती हैं। सरकार के कहने पर एक तरफ देश में एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ी थी, ताकि दूसरे गरीब लोगों को सिलेंडर देकर उन्हे चूल्हे के धुएं से आजादी दी जाए, लेकिन अब सब्सिडी छोडऩे वाले मिडिल क्लास, लोवर मिडिल क्लास परिवार भी महंगे सिलेंडर के आगे लाचार दिख रहे हैं।

तेल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी, पहली बार पेट्रोल 111 रुपये और डीजल 100 रुपए के पार पहुंचा
Posted Date : 06-Oct-2021 4:13:16 am

तेल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी, पहली बार पेट्रोल 111 रुपये और डीजल 100 रुपए के पार पहुंचा

नई दिल्ली  ,05 अक्टूबर।  तेल उत्पादक देशों के शीर्ष संगठन ओपेक के मांग के अनुरूप तेल उत्पादन नहीं बढ़ाने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के सात वर्ष के उच्चतम स्तर 81 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचने से मंगलवार को देश में पेट्रोल 25 पैसे और डीजल 30 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। इससे देश के कुछ शहरों में पेट्रोल पहली बार 111 रुपये प्रति लीटर और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया।लगातार चार दिनों की तेजी के बाद कल इन दोनों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था लेकिन आज फिर से इसमें बढोतरी की गयी जिससे राजधानी दिल्ली में इनकी कीमतें अब तक के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी। इस वृद्धि के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल अब तक के रिकार्ड उच्चतम स्तर 102.64 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल भी सर्वकालिक उच्चतम स्तर 91.07 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। पिछले एक सप्ताह में पेट्रोल 1.24 पैसे महंगा हो चुका है। डीजल भी 10 दिनों में से 2.45 रुपये प्रति लीटर चढ़ चुका है।ओपेक देशों की कल बैठक हुयी जिसमें प्रतिदिन चार लाख बैरल तेल उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया गया जबकि कोरोना के बाद अब वैश्विक स्तर पर इसकी मांग में जबरदस्त तेजी दिख रही है। इस निर्णय के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में जबरदस्त तेजी दिखी। कल अमेरिकी बाजार में कारोबार बंद होने पर ब्रेंट क्रूड 2.28 डॉलर प्रति बैरल की तेजी लेकर 81.26 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड 2.07 डॉलर की बढ़त के साथ 77.62 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल 102.64 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.07 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। इस बढोतरी के बाद भी दिल्ली एनसीआर के नोएडा में पेट्रोल 99.94 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.68 रुपये प्रति लीटर पर है। अभी भोपाल में पेट्रोल 111.14 रुपये प्रति लीटर और डीजल 100.05 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।देश के चार बड़े महानगरों में आज पेट्रोल और डीजल के दाम इस प्रकार रहे:
शहर का नाम——पेट्रोल (रुपये/लीटर)——(डीजल रुपये/लीटर)
दिल्ली————— 102.64—————— 91.07
मुंबई-—————108.68—————— 98.80
चेन्नई—————-100.23 -——————95.59
कोलकाता————103.36—————-—94.17

यूपीआई से सितंबर में हुआ 6.54 लाख करोड़ का ट्रांजेक्शन
Posted Date : 04-Oct-2021 3:27:58 am

यूपीआई से सितंबर में हुआ 6.54 लाख करोड़ का ट्रांजेक्शन

नयी दिल्ली ,03 अक्टूबर। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के भुगतान प्लेटफॉर्म यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से सितंबर में 3.65 अरब ट्रांजेक्शन के जरिये 6.5 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर बताया, एनपीसीआई) के भुगतान प्लेटफॉर्म यूपीआई के माध्यम से सितंबर में 3.65 अरब ट्रांजेक्शन के जरिये 6.5 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं। यह संख्या और मूल्य दोनों के संदर्भ में यपीआई का अबतक का उच्चतम स्तर है। यह लगातार तीसरा महीना है जब यूपीआई पर तीन अरब से अधिक लेनदेन हुए हैं। यह कोरोना महामारी के दौरान देश में डिजिटल भुगतान को व्यापक रूप से अपनाए जाने का संकेत है।
उल्लेखनीय है कि महीने-दर-महीने के आधार पर यूपीआई के लेन-देन की संख्या में तीन प्रतिशत और लेनदेन के वैल्यू में 2.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, सालाना आधार पर लेनदेन की संख्या और वैल्यू दोनों दोगुने हो गए हैं। यूपीआई के जरिये इस वर्ष अगस्त में 6.39 लाख करोड़ रुपये के 3.55 अरब लेनदेन हुए हैं।