व्यापार

कानपुर से बेंगलुरु, मुंबई व हैदराबाद के बीच सीधी उड़ान शुरू
Posted Date : 03-Nov-2021 2:37:05 am

कानपुर से बेंगलुरु, मुंबई व हैदराबाद के बीच सीधी उड़ान शुरू

नयी दिल्ली । केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कानपुर-बेंगलुरू के बीच सीधी उड़ान सेवा की शुरूआत की। उन्होंने इंडिगो फ्लाइट को रवाना कर इस सेवा का शुभारंभ किया। कानपुर और मुंबई और हैदराबाद के बीच उड़ानें भी आज से शुरू हो गई हैं। इस वर्चुअल कार्यक्रम में केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (नंदी), औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र सिंह भोले भी उपस्थित थे।
श्री सिंधिया ने कहा कि यह नया मार्ग न केवल कानपुर से और कानपुर के लिए संपर्क को बढ़ाएगा बल्कि इन क्षेत्रों के बीच व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। कानपुर न केवल देश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। इसने 1857 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके वस्त्र और चमड़ा उद्योग के कारण, कानपुर को पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता था। तीन प्रमुख शहरों के साथ शहर के जुडऩे से वहां से विमान की आवाजाही प्रति सप्ताह 20 से बढक़र 41 हो जाएगी, जिससे औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी पैदा होगा। जहां तक एविएशन के लिए बुनियादी ढांचे का सवाल है, 106 करोड़ रुपये की लागत से कानपुर शहर के लिए नया टर्मिनल जल्द ही निर्धारित समय के भीतर तैयार हो जाएगा।

कोल इंडिया लिमिडेट बिजली घरों के लिए 18 दिन के ईंधन का स्टॉक सुनिश्चित करे : जोशी
Posted Date : 03-Nov-2021 2:36:27 am

कोल इंडिया लिमिडेट बिजली घरों के लिए 18 दिन के ईंधन का स्टॉक सुनिश्चित करे : जोशी

नयी दिल्ली ।  केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और उसकी सहायक कंपनियों से इस साल नवंबर के आखिर तक तापीय ऊर्जा संयंत्रों के पास कम से कम 18 दिनों की खपत के लिए कोयले का स्टॉक सुनिश्चित कराने को कहा है।
श्री जोशी ने कोल इंडिया और इस क्षेत्र की अन्य सरकारी कंपनियों का देश में सालाना एक अरब टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य 2024 तक निश्चित रूप से हासिल करने की दिशा में प्रयास करने का आह्वान किया।
देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सीआईएल के 47वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो कांफ्रेंस सुविधा के जरिए संबोधित करते हुए श्री जोशी ने सीआईएल को वर्ष 2024 के अंत तक एक अरब टन कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए कोयला क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुखों को संशोधित लक्ष्य तय करने और उसके लिए विस्तृत रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है जिसके फलस्वरूप भारत में कोयले के आयात में 38 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि बिजली की मांग में 24 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है जो मजबूत आर्थिक विकास का संकेत है। सीआईएल की समर्पित मानव शक्ति की सराहना करते हुए श्री जोशी ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोयला खदानों के अपने हालिया दौरों को याद किया। उन्होंने कहा कि कोविड -19 को लेकर किए गए लॉकडाउन के दिनों में भी कोयला उत्पादन कार्य में जुटे योद्धाओं ने देश में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चैबीसों घंटे काम किया।
कोयला, खान और रेल राज्यमंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने भी समारोह को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने देश में उपलब्ध कोयला के विशाल भंडार का उपयोग करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कोयला सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन ने कोयला आपूर्ति में हालिया कमी को दूर करने में सीआईएल और सहायक कंपनियों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला और सीआईएल नेतृत्व को बधाई दी।
कोलकाता स्थित सीआईएल मुख्यालय में स्थापना दिवस समारोह में कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने कोयला क्षेत्र के विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों को सुरक्षा, पर्यावरण प्रबंधन, कोयला उत्पादन और व्यापार, सीएसआर पहल आदि की अलग-अलग श्रेणियों में कॉर्पोरेट पुरस्कार प्रदान किए।

जैसलमेर की होटल परियोजना को एआरसी को देने में प्रक्रिया का पूरा पालन किया गया था : एसबीआई
Posted Date : 03-Nov-2021 2:35:41 am

जैसलमेर की होटल परियोजना को एआरसी को देने में प्रक्रिया का पूरा पालन किया गया था : एसबीआई

नयी दिल्ली  । देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने पूर्व अध्यक्ष प्रतीप चौधरी की राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के मामले में सोमवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जैसलमेर में कर्ज चुकाने में विफल होटल कंपनी संपदा को एक संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) को देने में बैंक ने पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया था। बैंक ने यह भी कहा है कि यह पुलिस कार्रवाई एआरसी के निदेशकों के खिलाफ अदालत में दायर मामले के संबंध में की गयी है और इसमें कभी भी उससे कुछ नहीं पूछा गया था।
स्टेट बैंक ने एक बयान में कहा कि श्री चौधरी सितंबर 2013 में अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो गये थे और अक्टूबर 2014 में संपदा पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) के बोर्ड में शामिल किये गये थे।
राजस्थान पुलिस द्वारा इस मामले में श्री चौधरी की कल की गयी गिरफ्तारी पर बैंक ने अपने बयान में कहा कि यह मामला राजस्थान के जैसलमेर स्थित गरह राजवाड़ा होटल परियोजना से जुड़ी हुयी है। बैंक ने इसके लिए 2007 में ऋण मंजूर किया था। तीन वर्षों तक इस परियोजना पूरी नहीं की गयी और अप्रैल 2010 में इसके मुख्य प्रवर्तक का निधन हो गया। जून 2010 में यह ऋण एनपीए (गैर-निष्पादिनत परिसंपत्ति) में बन गया। बैंक ने इस परियोजना को पूरा करने के साथ बकाया वसूली के कई प्रयास किये लेकिन इच्छित परिणाम नहीं मिला।
वसूली प्रयासों के तहत बैंक ने इस परियोजना को मार्च 2014 में एआरसी को दे दिया गया। बैंक की नीति के तहत इस एनपीए संपदा को निर्धारित नियमों के अनुसार एआरसी को बेचा गया। संबंधित एआरसी को दिवाला कानून के तहत कर्ज समाधान की प्रक्रिया पूरी करनी थी। दिवाला कानून के तहत राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) आदेश के अनुसार उस होटल संपदा को दिसंबर 2017 में एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी ने खरीद लिया।
बैंक ने कहा कि बकाया वसूली न होने के बाद ही एआरसी को जनवरी 2014 में इस सम्पत्ति इसको बेचने की अनुमति दी गयी गयी थी। एआरसी ने इस प्रक्रिया को मार्च 2014 में पूरा किया।
स्टेट बैंक के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि कर्जदार ने इस संपदा को एआरसी को बेचे जाने के खिलाफ राज्य पुलिस में एक मामला दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने नकारात्मक क्लोजर रिपोर्ट लगा दिया जिसके खिलाफ कर्जदार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दाखिल की गयी और इसमें एसबीआई को पक्ष नहीं बनाया गया। बैंक के अनुसार कर्ज चुकाने में विफल उस कर्जदार ने श्री चौधरी सहित संबंधित एआरसी के सभी निदेशक इस मामले में प्रतिवादी बनाया है। श्री चौधरी सितंबर 2013 में ही बैंक के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो गए थे और अक्टूबर 2014 में इस एआरसी के बोर्ड में शामिल हुये थे।

एलपीजी के साथ सीएनजी और पीएनजी में भडक़ी महंगाई की आग
Posted Date : 02-Nov-2021 4:04:41 am

एलपीजी के साथ सीएनजी और पीएनजी में भडक़ी महंगाई की आग

लखनऊ। सडक़ से किचन तक आज महंगाई की चौतरफा मार पड़ी है। पेट्रोल-डीजल तो रोज नया रिकॉर्ड बना ही रहे हैं, आज एलपीजी सिलेंडर भी पीछे नहीं रहे। 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर के रेट में 265 रुपये की तगड़ी वृद्धि हुई है। वहीं,  सीएनजी और पीएनजी में लगातार दूसरे माह महंगाई की मार पड़ी है। गैस खरीद मूल्य में बढ़ोतरी के कारण ग्रीन गैस कम्पनी ने सीएनजी के दामों में 2.40 रुपये प्रति किलो और घरेलू गैस पीएनजी में दो रुपये प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर इजाफा किया है। इस मूल्य वृद्धि के बाद लखनऊ, आगरा और उन्नाव में सीएनजी 70 रुपये के पार हो गई है। इन जिलों में सीएनजी 70.50 रुपये प्रति किलो मिलेगी, जबकि अयोध्या में सीएनजी के दाम 72.95 रुपये प्रति किलो पहुंच गए हैं। घरेलू गैस पीएनजी अब 37.50 रुपये प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर मिलेगी। अभी तक पीएनजी 35.50 रुपये प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर थी। बढ़ी दरें एक नवम्बर सुबह छह बजे से लागू होंगी। ग्रीन गैस के एजीएम प्रवीन सिंह ने बताया कि गैस की खरीद मूल्य में वृद्धि के कारण सीएनजी और पीएनजी के दामों में परिवर्तन किया गया है। एक माह के अंतराल में सीएनजी लखनऊ में प्रति किलो सात रुपये किलो महंगी हो गई है। 30 सितम्बर को सीएनजी 63.45 रुपये प्रति किलो थी। जो कि दो बार दामों में परिवर्तन के बाद एक नवम्बर को 70.50 रुपये प्रति किलो हो गई है। पीएनजी पर एक माह में पांच रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

मोदी सरकार की कमाई में बढ़ोतरी, इतिहास में दूसरी बार सबसे अधिक रहा जीएसटी संग्रह
Posted Date : 02-Nov-2021 4:04:07 am

मोदी सरकार की कमाई में बढ़ोतरी, इतिहास में दूसरी बार सबसे अधिक रहा जीएसटी संग्रह

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में तेजी का रूख बना हुआ है। इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 130127 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जुलाई 2017 में इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लागू होने के बाद अक्टूबर में संग्रहित जीएसटी राजस्व इस वर्ष अप्रैल के संग्रहित 1.40 लाख करोड़ रुपये के राजस्व के बाद दूसरा सबसे अधिक मासिक राजस्व है। इस वर्ष सितंबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.17 लाख करोड़ रुपये रहा था। अक्टूबर 2021 में संग्रहित राशि पिछले वर्ष इसी महीने में संग्रहित राजस्व से 24 फीसदी अधिक है। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से लगाये गये कठोर लॉकडाउन के कारण इस वर्ष जून में जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से कम रहा था। इससे पहले लगातार नौ महीनों तक यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। अब फिर जुलाई, अगस्त और सितंबर में यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इस वर्ष अक्टूबर में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 130127 करोड़ रुपये रहा है। इसमें सीजीएसटी 23861 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30421 करोड़ रुपये , आईजीएसटी 67361 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर 8484 करोड़ रुपये रहा है। आईजीएसटी में आयात पर जीएसटी 32998 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में आयात पर जीएसटी 699 करोड़ रुपये शामिल है। सरकार ने सीजीएसटी में 27310 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 222394 करोड़ रुपये दिया है। इस नियमित वितरण के बाद अक्टूबर में सीजीएसटी 51117 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 52815 करोड़ रुपये रहा है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी राजस्व में हुयी बढोतरी आयात पर संग्रहित राजस्व में वृद्धि के कारण अधिक रही है।

चीन ने बिगाड़ा भारतीय ऑटो सेक्टर का मूड, सेमीकंडक्टर उत्पादन की सुस्त रफ्तार से प्रभावित हो रहा कारोबार
Posted Date : 02-Nov-2021 4:03:53 am

चीन ने बिगाड़ा भारतीय ऑटो सेक्टर का मूड, सेमीकंडक्टर उत्पादन की सुस्त रफ्तार से प्रभावित हो रहा कारोबार

नई दिल्ली । चीनी कंपनियों की सेमीकंडक्टर उत्पादन की सुस्त रफ्तार से दुनियाभर की कार कंपनियों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। भारत में भी इस समस्या के चलते कारोबारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले 4-6 महीने तक हालात इसी तरह मुश्किल भरे रहने वाले हैं। दुनिया की तमाम सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों में चीन की बड़ी हिस्सेदारी है। कोरोना वायरस की वजह से चीन में उत्पादन प्रभावित होने लगा है। ऐसे में इन सभी कंपनियों के कारोबारी हालात बिगड़ गए हैं जिससे दुनिया भर में सेमीकंडक्टर और दूसरे तमाम ऑटो पार्ट्स की मुश्किल शुरू हो गई है। यही वजह है कि तमाम भारतीय कार निर्माता कंपनियों की हालत भी बुरी हो गई है और उनका उत्पादन प्रभावित होने लगा है।
ऑटो डीलर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने हिंदुस्तान को बताया है कि चीन की मुश्किल की वजह से आने वाले मौजूदा त्योहारी सीजन में गाडिय़ों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से गाडिय़ों की बिक्री में पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले अक्टूबर 2021 में 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
कंटेनर की वजह से भी बढ़ी परेशानी
इसके अलावा कंटेनर की वजह से भी कारोबारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गोल्डविन लिमिटेड के सीईओ अजय गोयल ने हिन्दुस्तान को बताया है कि चीन से कारोबारी सुस्ती के साथ साथ कंटेनर की दिक्कत भी हो रही है। उन्होंने बताया कि कंटेनर अमेरिकी और यूरोपीय पोर्ट पर लंबे समय तक फंसे रहते हैं। इससे चीन से सामान की आपूर्ति बाधित हो रही है। अजय गोयल के मुताबिक चीन की कई बड़ी कंपनियों ने अपना उत्पादन ही फिलहाल बंद कर रखा है। आने वाले कुछ महीनों में जब वहां कारोबार शुरू होंगे तब हालात बदलेंगे।
कारोबारियों को समय पर माल न मिलने से उत्पादन पर असर होता है और फिर बिक्री भी प्रभावित होती है। केयर रेटिंग का आंकलन है कि सेमीकंडक्टर और दूसरे ऑटो पार्ट्स की मुश्किल अगले साल मार्च तक बनी रह सकती है। वित्तवर्ष 2022-23 की पहली तिमाही यानि अप्रैल महीने के बाद ही दुनियाभर में हालात सुधरेंगे। उसी हिसाब से भारत को भी इसका फायदा मिलेगा।
मारुति का उत्पादन नवंबर में भी 15प्रतिशत कम रहेगा
सेमीकंडक्टर (चिप) की कमी से सितंबर तिमाही में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई। वहीं, कंपनी ने कहा है कि कि चिप संकट अभी टला नहीं है। कंपनी का कहना है कि नवंबर महीने में भी उत्पादन पर चिप संकट का असर दिखने वाला है। चिप संकट के चलते नवंबर में हरियाणा में उसके दो प्लांटों और सुजुकी के गुजरात स्थित मूल संयंत्र में उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की आशंका है। देश की कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि फिलहाल अनुमान के अनुसार अगले महीने हरियाणा में दोनों इकाइयों में कुल वाहन उत्पादन की मात्रा सामान्य का लगभग 85 फीसदी तक रह सकती है। यानी उत्पादन 15 फीसदी कम रह सकता है।
नवंबर में लॉन्च हो रही हैं ये कारें
भारत में त्यौहारी सीजन चल रहा है ऐसे में तमाम वाहन निर्माता कंपनियां अपनी एक से बढक़र एक कारें पेश कर रही हैं, लेकिन ऑटोमेकर्स सिर्फ दीपावली ही बल्कि इसके तुरंत बाद भी कई कारें लॉन्च करने के लिए तैयार हैं। मारुति अपनी नई पीढ़ी की मारुति सेलेरियो को नवंबर में लॉन्च कर सकती है। टाटा टियागो सीएनजी की बुकिंग पहले ही 11,000 रुपये की टोकन राशि पर शुरू हो चुकी है। इसकी डिलीवरी नवंबर 2021 में इसकी कीमत की घोषणा के एक महीने बाद शुरू होगी। फॉक्सवैगन इंडिया नवंबर 2021 में अपडेटेड टिगुआन एसयूवी को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। एसयूवी को नए एलईडी मैट्रिक्स हेडलैम्प्स, ग्रिल और बम्पर के साथ एक भारी संशोधित फ्रंट फेस होगा। लग्जरी कार निर्माता कंपनी ऑडी अपनी क्यू5 फेसलिफ्ट को लॉन्च करेगी।
10 लाख से अधिक कीमत वाली एसयूवी पंसद
भारतीय ग्राहक 10 लाख रुपये से अधिक कीमत के एसयूवी पर जमकर दांव लगा रहे हैं। ग्रांट थॉर्नटन भारत द्वारा किए गए सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है। एसयूवी की मांग की वजह यह है कि देश में युवाओं की आबादी लगातार बढ़ रही है। युवाओं की पसंद में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) है। सितंबर में भारत में जितने पैसेंजर व्हीकलबेचे गए उनमें से सेडान और हैचबैक कार की कुल संख्या से एसयूवी की संख्या अधिक रही। यात्री वाहनों में सेडान पर यूटिलिटी व्हीकल खरीदना लोगों को पसंद है। जुलाई-सितंबर तिमाही में देश में एसयूवी की बिक्री में तेज वृद्धि दर्ज की गई है। भारत के आटोमोटिव कारोबार के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय ग्राहक एसयूवी पर जमकर दांव लगा रहे हैं। देश में कार बनाने वाली कंपनियों ने हर प्राइस रेंज और ब्रांड में एसयूवी पेश किया है। अगर भारत के कार बाजार की बात करें तो उसमें एसयूवी की सबसे मजबूत लाइनअप मौजूद है।