खेल-खिलाड़ी

इंग्लैंड की टेस्ट टीम को फ़र्श से उठाना असली चुनौती : मैकुलम
Posted Date : 15-May-2022 4:11:34 am

इंग्लैंड की टेस्ट टीम को फ़र्श से उठाना असली चुनौती : मैकुलम

मुम्बई  । इंग्लैंड के नए टेस्ट कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा है कि सफ़ेद गेंद टीमों को संभालने के आरामदेय काम से इतर उन्होंने इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट को फ़र्श से उभारने की जि़म्मेदारी को पसंद किया। मैकुलम के नियुक्ति की घोषणा की गई और वह कोलकाता नाइट राइडर्स के आईपीएल अभियान की समाप्ति के तुरंत बाद न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ 2 जून से होने वाली सीरीज़ से पहले टीम के साथ जुड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा, मैंने दोनों भूमिकाओं को देखा लेकिन सफ़ेद गेंद के कोच की भूमिका मुझे रास नहीं आई। इन प्रारूपों में इंग्लैंड शायद दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है और वहां मेरे अच्छे दोस्त ओएन मॉर्गन ने बहुत बढिय़ा सिस्टम बनाया है, जो मुझे लगता है कि उनके बाद भी अच्छे से चलती रहेगी। मेरे लिए ऐसी आरामदेय काम में कोई दिलचस्पी नहीं थी। मुझे हमेशा लगता है कि अगर आप अपने जीवन में कुछ बदलना चाहते हैं तो आपको कुछ ज़्यादा संघर्षपूर्ण चुनौती की ज़रूरत होती है। फि़लहाल इंग्लैंड की टेस्ट टीम फ़र्श पर है और इसे आने वाले वक़्त में एक सफल टीम बनाने में ही असली चुनौती दिखी।
मैकुलम ने यह भी माना कि अपने पिछले 17 में सिफऱ् एक टेस्ट जीते हुए इंग्लैंड को सशक्त बनाना टेस्ट फ़ॉर्मैट के स्वास्थ्य के लिए भी ज़रूरी है। मैकुलम का अनुबंध चार साल का है अर्थात वह 2025-26 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले एशेज तक टीम के साथ होंगे।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता दिन प्रति दिन कम हो रही है। मैं सीमित ओवर की क्रिकेट और फ्ऱैंचाइज़ी क्रिकेट के साथ जुड़े रहने में काफ़ी भाग्यशाली रहा हूं, लेकिन मेरा असली प्यार टेस्ट क्रिकेट ही है। अगर टेस्ट क्रिकेट को कोई देश फिर से आकर्षक और लोकप्रिय बना सकता है तो वह इंग्लैंड ही है। अगर आप चहरे पर मुस्कान लिए एक आकर्षक टेस्ट शैली खेल सकते हैं तो ऐसे में मुझे लगा कि अगर मुझे इस काम के क़ाबिल समझा गया है तो यह मेरे लिए सही है।
मैकुलम बेन स्टोक्स की कप्तानी को कऱीब से देखने के बारे में भी उत्साहित हैं। न्यूज़ीलैंड में जन्मे स्टोक्स और अपने हमवतन होने के बारे में मज़ाक़ करने के बाद वह बोले, जिस प्रकार स्टोक्स अपना क्रिकेट खेलते हैं वह मेरे खेल और कोचिंग शैली से काफ़ी मिलता है। वह स्वच्छंद रूप से विपक्ष पर दबाव डालते हैं। हालांकि लॉर्ड्स टेस्ट का पहला दिन काफ़ी रोचक होगा। लेकिन मज़ा भी आने वाला है।

मुम्बई ने चेन्नई को आईपीएल से बाहर किया
Posted Date : 13-May-2022 1:19:51 pm

मुम्बई ने चेन्नई को आईपीएल से बाहर किया

मुम्बई । प्लेऑफ की होड़ से बाहर हो चुके मुंबई इंडियंस ने अपने गेंदबाजों के घातक प्रदर्शन से चेन्नई सुपरकिंग्स को आईपीएल मुकाबले में पांच विकेट से हराकर टूर्नामेंट से बाहर का दिया।
मुम्बई ने चेन्नई को 16 ओवर में मात्र 97 रन पर ढेर कर दिया और फिर 14.5 ओवर में पांच विकेट पर 103 रन बनाकर जीत अपने नाम की।
मुम्बई की तरफ से डेनियल सैम्स ने 16 रन देकर तीन विकेट हासिल किये जबकि रायली मेरेडिथ और कुमार कार्तिकेय को दो-दो विकेट मिले।जसप्रीत बुमराह और रमनदीप सिंह के हिस्से में एक-एक विकेट आया। डेनियल सैम्स प्लेयर ऑफ द मैच रहे।
चेन्नई के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 33 गेंदों में चार चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 36 रन बनाये। ड्वेन ब्रावो ने 12 और शिवम दुबे तथा अम्बाती रायुडू ने 10-10 रन का योगदान दिया। पहले ओवर में दो विकेट गिरने के बाद चेन्नई की टीम मुकाबले में नहीं लौट सकी। रोबिन उथप्पा दूसरे ओवर में तीसरे बल्लेबाज के रूप में पवेलियन लौटे।धोनी और ब्रावो के बीच सातवें विकेट के लिए 39 रन की साझेदारी हुई।
धोनी 16 वें ओवर की आखिरी गेंद पर रन लेने के लिए दौड़ पड़े जबकि विकेटकीपर ईशान किशन ने सीधे थ्रो से मुकेश चौधरी को रन आउट कर दिया।
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12वीं आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के दूसरे दौर में पहुंचीं परवीन
Posted Date : 13-May-2022 1:19:29 pm

12वीं आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के दूसरे दौर में पहुंचीं परवीन

नयी दिल्ली   ।  भारत की परवीन ने इस्तांबुल में शक्तिशाली प्रदर्शन के साथ एकतरफा अंदाज में यूक्रेन की मारिया बोवा को हराकर आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 12वें संस्करण में दूसरे दौर में प्रवेश किया।
रोहतक की मुक्केबाज परवीन 63 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर के मुकाबले में पूरी तरह से हावी रहीं। परवीन ने शुरुआत से आक्रामक रुख बनाए रखा था। उन्होंने न केवल सटीकता से मुक्के बरसाए बल्कि अपने डिफेंस के बूते बोवा को हावी होने का मौका नहीं दिया।
परवीन ने तेज रिफ्लेक्स दिखाते हुए अपनी प्रतिद्वंद्वी पर कुछ करारे घूंसे मारे। उनके लगातार हमलों ने मारिया को सहज नहीं होने दिया और अंतत: परवीन ने 5-0 के अंतर से जीत दर्ज की।
अपने अभियान की प्रभावशाली शुरुआत के बाद परवीन रविवार को प्री-चर्टर फाइनल मुकाबले में पूर्व यूथ ओलंपिक चैंपियन अमेरिका की जज़ैरा गोंज़ालेज़ से भिड़ेंगी।
आज रात बाद में, निकहत जरीन सहित तीन अन्य भारतीय मुक्केबाज भी इस प्रतिष्ठित वैश्विक टूर्नामेंट में अपनी चुनौती शुरू करेंगी। इस टूर्नामेंट में इस साल दुनिया भर के 73 देशों के रिकॉर्ड 310 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं।
20 मई तक चलने वाला इस साल का आयोजन आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप की 20वी वर्षगांठ का प्रतीक है।
तेलंगाना की 25 वर्षीय मुक्केबाज निकहत 52 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर के मैच में मेक्सिको की हेरेरा अल्वारेज़ के खिलाफ उतरेंगी, जबकि मनीषा (57 किग्रा), जिन्हें शुरुआती दौर में बाई मिली थी, और स्वीटी (75 किग्रा) क्रमश: नेपाल की काला थापा और इंग्लैंड की केरी डेविस से भिड़ेंगी।
2021 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली जैस्मीन, अनामिका और शिक्षा गुरुवार को अंतिम-32 दौर में अपने अभियान की शुरुआत करेंगी।
जैस्मिन को 60 किग्रा वर्ग में दो बार की यूथ एशियन चैंपियन थाईलैंड की पोर्नटिप बुआपा से चुनौती मिलेगी जबकि अनामिका (50 किग्रा) रोमानिया की यूजेनिया एंजेल से भिड़ेंगी। शुरूआती दौर में बाई हासिल करने वाली शिक्षा 54 किग्रा भार वर्ग के मैच में अर्जेंटीना के हेरेरा मिलाग्रोस रोज़ारियो से भिड़ेगी।
आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का पिछला संस्करण 2019 में रूस में आयोजित किया गया था। उस समय भारतीय मुक्केबाजों ने एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे।
भारतीय खिलाडिय़ों ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन के 11 संस्करणों में अब तक नौ स्वर्ण, आठ रजत और 19 कांस्य सहित 36 पदक हासिल किए हैं। रूस (60) और चीन (50) के बाद भारत के नाम सबसे अधिक पदक हैं।

भारत 43 साल बाद थॉमस कप के सेमीफाइनल में
Posted Date : 13-May-2022 1:18:56 pm

भारत 43 साल बाद थॉमस कप के सेमीफाइनल में

बैंकाक  । भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने मलेशिया को 3-2 से हराकर 43 साल के लम्बे इन्तजार के बाद थॉमस कप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बना ली।
भारत इससे पहले तीन बार - 1952, 1955 और 1979 में सेमीफाइनल में पहुंचा था। भारत 2020 में पिछले संस्करण के चर्टरफाइनल में हार गया था। भारत का सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया और डेनमार्क के बीच मुकाबले के विजेता से मुकाबला होगा।
किदाम्बी श्रीकांत, एच इस प्रणय और चिराग शेट्टी तथा सात्विक सैराज रन्किरेड्डी की जोड़ी ने अपने अपने मुकाबले जीतकर भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाया। विश्व के सातवें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य सेन अपना मुकाबला हार गए।

भारतीय पुरुषों के बाद महिलाओं ने भी थॉमस एंड उबर कप के चर्टर फाइनल में बनाई जगह
Posted Date : 13-May-2022 3:16:47 am

भारतीय पुरुषों के बाद महिलाओं ने भी थॉमस एंड उबर कप के चर्टर फाइनल में बनाई जगह

बैंकॉक  ।  भारतीय पुरुषों के बाद अब महिला बैडमिंटन टीम ने भी मंगलवार को उबर कप के ग्रूप-डी के मैच में अमेरिका को 4-1 से हराकर चर्टर फाइनल में जगह बनायी।
टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली पीवी सिंधु ने एक बार फिर टीम की अगुवाई करते हुए अमेरिका की जेनी गाई को 21-10, 21-11 से शिकस्त दी। भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी ने पहले गेम में तेज़ी के साथ 16-4 की लीड ली और 26 मिनट के अंदर ही मुकाबले को समेट दिया।
तनीषा क्रास्टो और ट्रीसा जॉली के युगल ने फ्रांसिस्का कॉर्बेट और एलिसन ली की जोड़ी को 21-19, 21-10 से हराकर भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई। भारतीय जोड़ी पहले मुकाबले में 5-11 से पीछ चल रही थी लेकिन दोनों ने वापसी कर गेम को अपने पक्ष में कर लिया।
दूसरे गेम में क्रास्टो और जॉली ने 12-0 की बढ़त लेकर मैच को आसानी से 34 मिनट में समाप्त कर दिया।
आकर्षी कश्यप ने एस्थर शी के खिलाफ 21-18, 21-11 से जीतकर भारत को अजेय बढ़त दिलाई, हालांकि अमेरिका की लौरेन लैम और कोडी टैंग ली ने सिमरन सिंघी और रितिका ठाकर को 12-21, 21-17, 13-21 के सेट में हराकर एक पॉइंट अपने नाम कर लिया।
अंत में अस्मिता चालिहा ने नैटली ची को 21-18, 21-13 से हराकर भारत की 4-1 की जीत पर मुहर लगायी।
रविवार को कनाडा और आज अमेरिका को हराकर भारत ने उबर कप ग्रूप डी में दक्षिण कोरिया के साथ टॉप-टू में अपनी सीट पक्की कर ली है। साथ ही भारत ने चर्टर फाइनल में अपनी जगह बना ली है। ग्रूप टॉपर सुनिश्चित करने के लिए भारतीय महिला टीम बुधवार को दक्षिण कोरिया का सामना करेगी।
इसी बीच, सोमवार को थॉमस कप के चर्टर फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित करने वाली भारतीय पुरुष टीम भी 11 मई को चीनी तापेई के खिलाफ ग्रूप सी का अपना आखिरी मैच खेलेगी।
भारतीय पुरुष और महिला टीम पिछले साल हुए थॉमस एंड उबर कप 2020 में भी चर्टर फाइनल तक पहुंचे थे।

आईपीएल से बाहर हुए रवींद्र जडेजा
Posted Date : 13-May-2022 3:16:07 am

आईपीएल से बाहर हुए रवींद्र जडेजा

मुम्बई  । पसली की चोट के कारण रवींद्र जडेजा के लिए आईपीएल का यह सीजऩ समाप्त हो गया है। जडेजा जिन्होंने सीजऩ के मध्य में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ दी थी, उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ खेले मुक़ाबले में डीप में कैच पकड़ते समय चोट लग गयी थी। जडेजा ने उस मुक़ाबले में खेलना जारी रखा था। हालांकि दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ़ खेले पिछले मुक़ाबले में उन्हें बेंच पर बैठने पर मजबूर होना पड़ा।
चेन्नई के सीईओ कशी विश्वनाथन ने इस बात की पुष्टि की कि फ्रैंचाइज़ी और जडेजा दोनों का मानना था कि इस चोट से उबरने की प्रक्रिया आईपीएल के बाहर ही उचित है। उन्होंने कहा, उनकी पसली में चोट लगी है और मेडिकल सलाह के अनुसार इस वक़्त उन्हें आराम की ज़रूरत है। इसी के चलते उन्हें आईपीएल से बाहर रखने का निर्णय लिया गया है।
आईपीएल 2012 के सीजऩ से चेन्नई के लिए खेल रहे जडेजा के लिए यह सिफऱ् दूसरा अवसर था जब उन्हें चेन्नई के किसी मुक़ाबले से बाहर होना पड़ा था। इससे पहले वह 2019 में मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ खेले मुक़ाबले से बाहर रहे थे। महेंद्र सिंह धोनी भी उस मैच में चेन्नई का हिस्सा नहीं थे। जडेजा इस वक़्त अपने करियर के चुनौतीपूर्ण दौर से गुजऱ रहे हैं। सीजऩ की शुरुआत से ठीक दो दिन पहले जडेजा को टीम की कमान सौंपी गयी। हालांकि जडेजा ने कहा था कि उनके सामने में एक बड़े रिक्त स्थान को भरने की चुनौती है लेकिन अभी भी धोनी उनके साथ मौजूद हैं जिस वजह से वह आत्मविश्वास से लैस हैं।
बतौर कप्तान जडेजा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि उन्होंने 2007 में भारतीय युवा टीम का नेतृत्व करने के अलावा कभी भी किसी सीनियर टीम की कप्तानी नहीं की थी। हालांकि जडेजा के अपार अनुभव और मैच विनिंग क्षमता ने उन्हें कप्तानी के लिए सबसे बेहतर विकल्प बनाया था। ख़ुद टीम के मालिक एन श्रीनिवासन ने भी जडेजा में भरोसा जताया था। जडेजा इस सीजऩ में जब आए थे तब हाल ही में वह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक ऑलराउंडर बने थे। आईपीएल के पिछले दो सीजऩ में फि़निशर का तमगा भी उनके सिर सज गया था। 2020 और 2021 में जाडेजा ने 57 के औसत और 157 के स्ट्राइक रेट से 459 रन बनाए थे।
हालांकि कप्तानी के बोझ का असर जडेजा के खेल में साफ तौर पर झलकने लगा। जडेजा की कप्तानी में चेन्नई को सिफऱ् दो मुक़ाबले में जीत मिली जबकि छह मुक़ाबले में उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा, लेकिन उनके कप्तानी छोडऩे के बाद चेन्नई ने पिछले तीन में से दो मुक़ाबले अपने नाम किए हैं। चेन्नई के लिए प्लेऑफ़ की उम्मीदें अब भी बरकरार हैं। कप्तानी से परे एक बल्लेबाज़ और फ़ील्डर के तौर पर भी जडेजा का प्रदर्शन काफ़ी निराशाजनक रहा। जडेजा ने इस सीजऩ 10 पारियों में 116 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 19 और स्ट्राइक रेट 118 का रहा। इसमें दो डक भी शामिल हैं। गेंदबाज़ी में भी उनके नाम सिफऱ् पांच विकेट हैं, जो उन्होंने 33 ओवरों में लगभग 50 के औसत से लिए हैं। सबसे ज़्यादा खटकने वाली बात फील्डिंग में उनका प्रदर्शन है। विश्व के सर्वश्रेष्ठ फ़ील्डरों में से एक माने जाने वाले जडेजा ने इस सीजऩ में कुल चार कैच टपका दिए।
एक मई को सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ खेले मुक़ाबले में चेन्नई की दोबारा कप्तानी शुरु करने वाले धोनी ने मैच के बाद ब्रोडकास्टर से कहा, टीम की कमान बदलते समय यह तय किया था कि मैं पहले दो मैचों में फील्डिंग सहित खेल के तमाम पहलुओं पर नजऱ रखूंगा, लेकिन इसके बाद टीम को पूरी तरह से जडेजा को ही लीड करना होगा क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ऐसा महसूस हो कि टीम का नेतृत्व कोई और कर रहा है। एक कप्तान के तौर पर आपको कई अहम निर्णय लेते हों और उनकी जवाबदेही भी आपकी ही होती है।