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मेरठ: गुस्से में बेटे ने पिता को गोली मार दी, आरोपी मौके से फरार
Posted Date : 03-Nov-2018 10:51:04 am

मेरठ: गुस्से में बेटे ने पिता को गोली मार दी, आरोपी मौके से फरार

 मेरठ। पिता की मार से बौखलाए एक युवक ने गुस्से में ऐसा कदम उठाया कि घरवालों ने इसकी कल्पना भी नहीं होगी। पिता ने लड़के को कोई काम-धंधा नहीं करने के कारण फटकार लगाई थी और उसके बाद तमाचा जड़ दिया था। इसके बाद गुस्से में लाल बेटे ने अगली सुबह ही पिता को गोली मार दी और मौके से फरार हो गया। गोली लगने के बाद पिता की मौत हो गई जबकि घरवाले आनन-फानन में घटना पर पर्दा डालने की कोशिश करने लगे। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि शाकिब को उसके पिता हिजबुरहमान ने काम-धंधा करने की नसीहत देते हुए तमाचा जड़ दिया था जिसके बाद तमतमाए बेटे ने सोते वक्त तमंचा सटा गोली मार दी और फरार हो गया। गोली की आवाज सुनकर जब घरवाले हिजबुरहमान के पास पहुंचे, हड़बड़ी में उन्होंने मौके से खून से धब्बे साफ किए और मृत पड़े हिजबुरहमान के कपड़े बदल दिए।

जब आसपास के लोग हिजबुरहमान के घर पहुंचे, घरवालों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। लेकिन जब इसकी सूचना पुलिस को दी गई, तो कुछ देर में नजदीकी थाने से पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने शाकिब के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश जारी है।

सिख विरोधी दंगा रैली में शामिल होने की वजह से हरसिमरत पुलिस हिरासत
Posted Date : 03-Nov-2018 10:49:28 am

सिख विरोधी दंगा रैली में शामिल होने की वजह से हरसिमरत पुलिस हिरासत

सिख विरोधी दंगा रैली में शामिल होने की वजह से हरसिमरत पुलिस हिरासत में | 1984 के सिख दंगों में मारे गए लोगों के परिवार के लिए न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और शिरोमणि अकाली दल के कई अन्य प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया।

उत्तर प्रदेश के 850 किसानों का लोन चुकाएंगे बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन
Posted Date : 20-Oct-2018 11:09:10 am

उत्तर प्रदेश के 850 किसानों का लोन चुकाएंगे बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन

नई दिल्ली। 44 परिवारों को मदद पहुंचाने के बाद बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अब किसानों की सहायता के लिए आगे आए हैं। अमिताब बच्चन ने घोषणा किया है कि वो उत्तर प्रदेश के 850 किसानों का लोन चुकाएंगे। इन किसानों के लोन के लिए वह 5.5 करोड़ रुपए खर्च करेंगे। बता दें कि इन 850 किसानों की सूची तैयार कर ली गई है। बता दें कि हालही एजेंसियों की मदद से अमिताभ बच्चन ने उन 44 परिवारों की मदद की है जिनका बेटा या भाई ने देश के लिए अपने जान न्यौछावर कर दिए। महाराष्ट्र के किसानों की मदद अमिताभ बच्चन ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के 350 से अधिक किसानों के ऋण का भुगतान किया जो कि बहुत मुश्किल था, उन्हें आत्महत्या करने से रोकने के लिए कुछ दिन पहले उनके कर्ज का भुगतान किया गया। अमिताभ बच्चन ने कहा है कि वह ‘कौने बनगा करोड़पति कर्मवीर’ के अजीत सिंह का मदद करेंगे, जो वेश्यावृत्ति में मजबूर लड़कियों की सुरक्षा के लिए काम करते हैं।

बैंक से हो गई है बातचीत इसके अलावा, बिग बी ने कहा कि वह सरबानी दास रॉय का भी मदद करेंगे, जिन्होंने मानसिक रूप से बीमार लोगों की देखभाल और सुरक्षा के लिए काम किया है। अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि उत्तर प्रदेश के 850 किसानों की सूची तैयार कर ली गई है। उनके 5.5 करोड़ रुपए के कर्ज को चुकाने का इंतजाम किया जाएगा। इसके लिए संबंधित बैंक से भी बातचीत कर ली गई है। ऐसे में अमिताभ बच्चन के इस कदम से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

बनारस घाट पर 150 पत्नी पीड़ित पुरुषों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान कर पिशाचिनी मुक्ति पूजा की
Posted Date : 27-Aug-2018 10:06:42 pm

बनारस घाट पर 150 पत्नी पीड़ित पुरुषों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान कर पिशाचिनी मुक्ति पूजा की

वाराणसी: बनारस घाट पर 150 पत्नी पीड़ित पुरुषों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान कर पिशाचिनी मुक्ति पूजा की. ये सभी पति अपनी पत्नियों से प्रताड़ित हैं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश में जानवरों की सुरक्षा के लिए मंत्रालय है लेकिन पुरुषों की सुरक्षा के लिए कोई मंत्रालय या संस्था नहीं है.वैसे तो कहा जाता है कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं लेकिन पत्नियों से पीड़ित पुरुषों ने बनारस आकर पहले अपनी पत्नियों के नाम पर पिंड दान किया और फिर पिशाचिनी मुक्ति पूजा की. पत्नियों के हाथों सताए पीड़ित पुरुषों की संस्था सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन के दस साल पूरे होने पर आयोजित इस पूजा में करीब डेढ़ सौ लोगों ने हिस्सा लिया.इस संस्था के फाउंडर राजेश वकारिया ने कहा कि हमारे देश में जानवर संरक्षण के लिए भी मंत्रालय है लेकिन मर्दों के हक की रक्षा के लिए कहीं कोई मंत्रालय नहीं है. यानी इस देश में मर्दों को जानवर से भी बदतर समझा जाता है.एक और पत्नी पीड़ित अमित देशपांडे ने पतियों को अपनी पत्नियों का पिंडदान करने को कहा. उन्होंने कहा कि इन पत्नियों ने अपने-अपने पतियों की जिंदगी नरक कर दी है. उनसे दिमागी शांति छीन ली है. इन पत्नी पीड़ित पुरुषों ने जीते जी अपनी पत्नियों का पिंडदान किया जो अब उनके साथ नहीं रहती हैं साथ ही साथ अपनी पूर्व पत्नियों के लिए पिशाचिनी मुक्ति पूजा भी की ताकि उनकी पत्नी से जुड़ी बुरी यादें भी उनके साथ ना रहें.SIFF के संस्थापक वकारिया ने कहा कि हर साल 92 हजार पुरुष मेंटल टॉर्चर की वजह से आत्महत्या कर लेते हैं जबकि महिलाओं में ये आंकड़ा 24 हजार का है. वकारिया ने कहा कि दहेज विरोधी कानून यानी आईपीसी की धारा 498ए महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने और पति के घर में पत्नी के शोषण को रोकने के लिए बनाई गई थी लेकिन पुरुषों के खिलाफ कई बार इस कानून का दुरुपयोग होता है और पुरुष इसके खिलाफ कुछ नहीं कर सकता.

तमिलनाडु: कृषि महाविद्यालय की 22 वर्षीय एक छात्रा ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया
Posted Date : 22-Aug-2018 11:16:03 pm

तमिलनाडु: कृषि महाविद्यालय की 22 वर्षीय एक छात्रा ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया

तिरुवन्नमलई (तमिलनाडु): तिरुवन्नमलई के समीप एक सरकारी कृषि महाविद्यालय की 22 वर्षीय एक छात्रा ने एक सहायक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. वझावाचानूर के एग्रीकल्चर कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में स्नातक (कृषि विज्ञान) के दूसरे वर्ष की छात्रा ने कहा कि उन्होंने शिक्षक की यौनेच्छा को खारिज कर दिया. संस्थान में छात्रावास में रहने वाली इस छात्रा ने संवाददाताओं को बताया कि सहायक प्रोफेसर ने उसका यौन उत्पीड़न किया. उसने उसे लालच दिया कि यदि वह उसकी बात मान लेगी तो वह जीवन में आगे बढ़ सकती है.

छात्रा ने आज प्रधान जिला न्यायाधीश जी महिझेंथी के सामने अपना बयान दर्ज कराया और पुलिस ने प्रारंभिक जांच कर ली है. न्यायाधीश ने कहा कि तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय को छात्रा को अन्य कृषि विश्वविद्यालय में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस को भी कानूनी कार्रवाई शुरु करने का आदेश दिया गया है. एग्रीकल्चर कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध है.

मराठा आंदोलन अब अपना रूप बदल कर उग्र रूप ले चुका है, और बढ़ेगी महाराष्ट्र सरकार की परेशानी
Posted Date : 06-Aug-2018 4:30:24 pm

मराठा आंदोलन अब अपना रूप बदल कर उग्र रूप ले चुका है, और बढ़ेगी महाराष्ट्र सरकार की परेशानी

मराठा आंदोलन अब अपना रूप बदल कर उग्र रूप ले चुका है. आंदोलनकारी आंदोलन के उग्र होने का ठीकरा सरकार पर फोड़ रहे हैं. धुले में बीजेपी सांसद हीना गावित पर आंदोलनकारियों के हमले के लिए उन्होंने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और साथ ही साथ सरकार का आंदोलनकारियों के प्रति उदासीन रवैये को भी जिम्मेदार बताया. आपको बता दें कि इस आंदोलन में अब तक 19 मराठा आंदोलन समर्थक आत्महत्या कर अपना जीवन समाप्त कर चुके हैं. हालांकि मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक आंदोलन में शरीक लोगों से बराबर शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन करने की अपील कर रहे हैं और आगे आने वाले दिनों में भी आंदोलन पुरजोर तरीके से चलते रहने की अपनी दृढ़ता स्पष्ट कर रहे हैं.सरकार के लिए चुनौती बनता जा रहा मराठा आरक्षण आंदोलन का मुद्दा, बगैर अपनी मांग मनवाए सामान्य होने को तैयार नहीं है. मुख्यमंत्री के जरिए यह स्पष्ट रूप से अपील की गई है कि नवंबर माह तक समय दिया जाए और क्रमबद्ध तरीके से मराठा आंदोलन के मुद्दे को माना भी जाएगा, लेकिन मराठा आंदोलनकारियों का मानना है कि सरकार मुद्दे को टाल रही है. मराठा क्रांति मोर्चा के जरिए 15 सूत्री मांगों को रखा गया था जिसमें 72 हजार नौकरियों में से 16 फीसदी मराठा के लिए आरक्षित करना था. सरकार के जरिए स्पष्ट किया गया कि जब तक मराठा आरक्षण का मुद्दा हल नहीं किया जाता तब तक यह नियुक्तियां नहीं की जाएंगी. इस बात को लेकर भी मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयकों को विश्वास नहीं है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विशेष तौर पर यह आग्रह भी किया है, “मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर सरकार गंभीर है और राज्य भर में मराठा आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन का उग्र रूप राज्य के हित में नहीं है. इसलिए समन्वय समिति के प्रतिनिधि और सरकार के लोग आमने-सामने बैठें और इसका हल भी निकालें. मुख्यमंत्री के जरिए विशेष तौर पर यह भी कहा गया है कि नवंबर महीने में कमीशन की रिपोर्ट आज आने के बाद विशेष अधिवेशन के दौरान इस बात को रखा जाएगा और कानूनी रूप देने की कोशिश की जाएगी.”हालांकि मुख्यमंत्री के जरिए किए गए वायदे को मराठा आंदोलनकारी एक नए वायदा ही करार देते हैं. उनके मुताबिक यह वादा सरकार कभी भी पूरा नहीं करेगी, क्योंकि पिछले डेढ सालों में 58 मराठा मुक आंदोलनों के दौरान सरकार ने यही बातें दोहराई थीं. मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक राज्य में तकरीबन 19 युवाओं के आत्महत्या करने से आंदोलन की दिशा बदलने से चिंतित हैं. हालांकि सरकार की जरिए की गई बातों पर किसी भी तरह से मानने को तैयार नहीं है. लेकिन पिछले दिनों जनप्रतिनिधियों पर आंदोलनकारियों के जरिए किए गए हमले और दुर्व्यवहार से दुखी भी हैं. उनका मानना यही है कि सरकार ही इन सारी परिस्थितियों की जिम्मेदार है. वीरेंद्र पंवार इस बात से दुखी भी हैं. उन्होंने कहा, “सरकार इतने दिनों के बाद भी इस जनआंदोलन की बात को समझ नहीं रही है. बार-बार आरोप और प्रत्यारोप लगा रही है जिससे लोगों में रोष बढ़ता ही जा रहा है. अगले 9 अगस्त को ये आंदोलन और वृहद रूप भी ले सकता है इस बात से भी आगाह कर रहे हैं. तकरीबन 19 लोगों की आत्महत्या करने से आंदोलन की दिशा जरूर बदल रही है लेकिन आंदोलन कम नहीं हो रहा है. ऐसा कतई नहीं है कि इन लोगों के मौत पर ही किसी भी तरह की राजनीति की जा रही है. हमें दुख है कि जिनके लिए हम लड़ाई लड़ रहे हैं वही नहीं रहेंगे तो आखिर हम लड़ाई किनके लिए लड़ेंगे.”महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन के सुर अब दिल्ली में भी सुनाई पड़ने लगे हैं. दिल्ली में मुख्यमंत्री सहित सांसद और कई दिग्गज नेताओं को पार्टी की तरफ से तलब भी किया गया है. मराठा आरक्षण मुद्दे पर अदालत में 7 अगस्त को सुनवाई होने वाली है. इस बीच मुस्लिम आरक्षण की मांग सहित OBC और अल्पसंख्यक वर्ग भी मराठा आरक्षण के विरोध में अवाज उठाने लगे हैं. अब सरकार के सामने यह समस्या है कि आखिर मराठाओं को आरक्षण देने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाए जिससे राज्य में शांति का माहौल भी रहे और नाराजगी भी कम झेलनी पड़े.