छत्तीसगढ़

 बोर्ड परीक्षा 01 मार्च से : परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ी, बोर्ड ने तय किए 61 नए परीक्षा केन्द्र
Posted Date : 05-Jan-2019 11:38:20 am

बोर्ड परीक्षा 01 मार्च से : परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ी, बोर्ड ने तय किए 61 नए परीक्षा केन्द्र

रायपुर, 05 जनवरी । माध्यमिक शिक्षा मंडल अधिकारियों की हाल में संपन्न बैठक में इस बार नकल प्रकरण वाले परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा न कराने तथा छात्रों की संख्या बढऩे के साथ ही नए परीक्षा केन्द्र बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। 
माशिमं सूत्रों की माने तो माशिमं अधिकारियों ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों की वीडियो क्रांफेंसिंग करके वर्तमान स्थिति का आंकलन किया। डीईओ द्वारा इस वर्ष अधिकांश स्कूलों मेंम 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं की संख्या बढऩे की जानकारी दी है। बताया जाता है कि परीक्षार्थियों की संख्या बढऩे की जानकारी मिलने के बाद माशिमं अधिकारियों ने छात्रों के मुकाबले परीक्षा केन्द्रों की जानकारी ली। समीक्षा में यह बात सामने आई कि इस वर्ष होने वाले बोर्ड परीक्षा में छात्रों की संख्या अधिक है और परीक्षा केन्द्रों की संख्या कम। वहीं परीक्षा में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने के लिए माशिमं अधिकारियों ने इस बार नकल प्रकरण वाले परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा आयोजित न करने का निर्णय लिया है। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष 10वीं के 3 लाख 79 हजार 136 परीक्षार्थी नियमित के रूप में परीक्षा में शामिल होंगे। वहीं 7666 परीक्षार्थी प्राइवेट के होंगे। 12वीं में 2 लाख 51 हजार 555 परीक्षार्थी नियमित हैं जबकि प्राइवेट के लिए 9627 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। 10वीं बोर्ड परीक्षा  01 मार्च से 23 मार्च के मध्य तथा 12वीं की परीक्षा 02 मार्च से 29 मार्च तक होना है। लिहाजा इस बार बोर्ड ने सभी तैयारियों की समीक्षा करनी शुरू कर दी है। बैठक में यह भी बताया गया कि गत वर्ष बोर्ड द्वारा 2158 परीक्षा केन्द्र बनाया गया था, जबकि इस बार परीक्षार्थियों की संख्या बढऩे के कारण इस बार 2217 परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। 

शीतलहर, पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर बचाव, उपाय के संबंध में दिशा निर्देश
Posted Date : 05-Jan-2019 11:37:41 am

शीतलहर, पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर बचाव, उपाय के संबंध में दिशा निर्देश

कोरबा 5 जनवरी । भारत सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं भारत मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा समय’समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ठंड की व्यापकता और तीक्ष्णता कभी-कभी शीतलहर का रूप ले लेती है।  अपर कलेक्टर द्वारा जिले में शीत लहर से बचाव हेतु सभी विभागों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिया गया है। आम नागरिकों को शीतलहर से बचने के लिए आवश्यक उपाय सुझाये गये हैं। शीतलहर के दौरान जितना संभव हो घर के भीतर रहें आवश्यक कार्य होने पर ही बाहर निकलें। गर्म कपड़े पहनें, वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखें, गर्म पेय पदार्थ पीते रहें, शीत लहर से बचाव हेतु टोपी व मफलर का उपयोग करें, स्वास्थ्यवद्र्धक खाने का उपयोग करें। ऐसे आवास का उपयोग करें जहां तापमान सही रहता हो। यदि सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे, जैसे नाक, कान लाल हो, हाथ पैर की उंगलियां तथा शरीर में कंपन, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी हो तो स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लेनी चाहिए। यदि कैरोसीन व कोल के हीटर का उपयोग करते हैं तो गैस व धुएं निकलने के लिए रोशनदान की व्यवस्था रखें।

उपार्जन केन्द्र में बेचने से पहले 1287 कट्टी धान जब्त
Posted Date : 05-Jan-2019 11:35:53 am

उपार्जन केन्द्र में बेचने से पहले 1287 कट्टी धान जब्त

कोरबा 5 जनवरी । प्रदेश सरकार द्वारा बढ़े समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी के ऐलान के बाद व अक्सर धान खरीदी के वक्त कोचियों के माध्यम से गैर कृषकों का धान बेचने की रोकथाम के मद्देनजर की गयी जांच कार्रवाई में संयुक्त टीम ने 1287 कट्टी धान जब्त किया है। संबंधितों पर जुर्माना की भी कार्रवाई की गई है। खाद्य अधिकारियों के मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 
जानकारी के अनुसार धान खरीदी के दौरान कोचियों का धान पकडऩे के लिए कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक द्वारा शासन से प्राप्त निर्देश की कड़ी में जिला खाद्य एवं मंडी विभाग को आदेशित किया गया है। इस आदेश के परिपालन में खाद्य एवं मण्डी विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा आज कोरकोमा व इसके आसपास के गांवों में दबिश दी गई। ग्राम कोरकोमा के 3 व ग्राम चिकनीपाली के 2 किराना दुकान में जांच-पड़ताल के दौरान बड़े पैमाने पर धान की बोरियां पायी गईं, जिनके बारे में संतोषप्रद जवाब अथवा आवश्यक कागजात नहीं दिखाये जा सके। कोरकोमा धान उपार्जन केन्द्र के अंतर्गत ये सभी आते हैं। ग्राम गोड़मा में गुप्ता किराना स्टोर, प्रतीक जनरल स्टोर कोरकोमा, शिव ट्रेडर्स कोरकोमा, साव किराना स्टोर चिकनीपाली एवं सन्तु साहू ग्राम चिकनीपाली के गोदाम से कुल 1287 कट्टी धान की बोरियां बरामद की गईं। उपरोक्त लोगों के द्वारा ग्रामीणों से कम दर पर ये धान खरीद कर भण्डारित किए गए थे जिन्हें मौका देखकर उपार्जन केन्द्रों में शासन द्वारा घोषित 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेचे जाने की मंशा थी। खाद्य व मण्डी विभाग की छापामार कार्रवाई में दो प्रकरण में मण्डी अधिनियम के तहत लगभग 15 हजार रुपए जुर्माना का चालान काटा गया व शेष प्रकरण में जब्ती बनाई गई है। लगभग 514 क्विंटल 80 किलो धान की जब्ती उपरांत मण्डी सचिव श्री जायसवाल द्वारा कार्यवाही प्रतिवेदन आगामी दिनों में प्रशासन को सौंपा जाएगा। कार्यवाही में खाद्य विभाग की ओर से निरीक्षक हरीश सोनेश्वरी, शुभम मिश्रा, पंकज बरवा, मण्डी विभाग से मण्डी सचिव श्री जायसवाल एवं मण्डी निरीक्षक उपस्थित थे।

ओडिशा के समुद्री इलाके में बन रहा तूफान, बदली-बारिश की आशंका
Posted Date : 05-Jan-2019 11:34:06 am

ओडिशा के समुद्री इलाके में बन रहा तूफान, बदली-बारिश की आशंका

रायपुर, 05 जनवरी । ओडिशा के समुद्री इलाके में बन रहे तूफान के असर से प्रदेश में आने वाले दो-तीन दिनों में बदली-बारिश की आशंका है, वहीं आसमान में बादल छाने से तापमान में हल्की वृद्धि होगी। 
छत्तीसगढ़ में फिलहाल अब शीतलहर के हालात नहीं है। हालांकि प्रदेश के उत्तरी इलाकों में अभी भी शीतलहर की स्थिति और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लेकिन हवा की दिशा में आए बदलाव के बीच तथा ओडिशा के समुद्र में बन रहे तूफान के असर से राजधानी रायपुर सहित आसपास के इलाकों में ठंड काफी कम हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो समुद्र में बन रहे तूफान का असर प्रदेश में आगामी चौबीस घंटों के दौरान देखने को मिल जाएगा। प्रदेश के अधिकांश इलाकों में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाने तथा कहीं-कहीं पर हल्की बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इधर हवा की दिशा में आए बदलाव और आसमान में छाने वाले हल्के बादलों के असर से राजधानी रायपुर में ठंड काफी कम हो गई है। राजधानीवासियों को ठिठुरन भरी ठंड से राहत मिल गई है। हालांकि न्यूनतम तापमान का ग्राफ अभी भी 12 डिग्री के आसपास बना हुआ है, लेकिन यह गत सप्ताह में पड़ी ठंड के मुकाबले कापुी कम है। हालांकि राज्य के उत्तरी इलाकों अंबिकापुर, पेण्ड्रा जैसे इलाकों में अभी भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लेकिन समुद्र में बन रहे तूफान के असर से अब आने वाले चौबीस घंटों के दौरान तापमान में आंशिक वृद्धि होने तथा कहीं-कहीं पर हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। 

मकर संक्रांति की तैयारियां चल रही जोर शोर से
Posted Date : 05-Jan-2019 11:33:23 am

मकर संक्रांति की तैयारियां चल रही जोर शोर से

0 मकर संक्रांति 14 जनवरी को
रायपुर, 05 जनवरी । प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी मकर संक्रांति पर्व को लेकर श्रध्दालुओं ने जोरशोर से तैयारियां शुरु कर दी है। मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व है। मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को मनाई जायेगी। मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन की शुरुआत होती है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही जहां धूप कड़ी होती है वहीं शने-शने ठंड में कमी आती है और गर्मी का अहसास होते ही दिन बड़े और रात छोटी होना शुरु होती है। इलाहाबाद संगम सहित मकर संक्रांति के दिन देश के लाखों करोड़ों श्रध्दालु नदी में स्नान कर विधिवत मंदिरों में पहुंचकर पूजा-पाठ करते है। पं. विनीत शर्मा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करने से जातक को सुख समृध्दि प्राप्त होती है। मकर संक्रांति के दिन शहर के श्रध्दालु सुबह से ही महादेव घाट पहुंचकर  खारुन नदी में स्नान कर भगवान हटकेश्वरनाथ का विधिवत पूजन कर आर्शिवाद लेंगे। 
मकर संक्रांति के दिन छतों एवं मैदानों में पतंग उड़ानें का रिवाज भी है। मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी अत्यंत शुभ मानी जाती है। सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को हल्दी-कुमकुम का टीका लगाकर तिल के बने लड्डू, तिलपट्टी एवं सुहाग की वस्तु सप्रेम भेंटकर एक दूसरे के परिवारों के लिए साल अच्छा बीतने की शुभकामनाएं देती है। संक्रांति के दिन तिल के लड्डू के साथ ही खिचड़ी, पापड़, अचार, घी एवं लाई बिजोरी, सेमी चौसेला आदि का दान किया जाता है। साथ ही जातक इसे अत्यंत चाव के साथ ग्रहण करते है। 
5 साल में एनआईए जीरम नरसंहार का सच तो ढूंढ नहीं पायी, अब एसआईटी पर भरोसा
Posted Date : 05-Jan-2019 11:32:06 am

5 साल में एनआईए जीरम नरसंहार का सच तो ढूंढ नहीं पायी, अब एसआईटी पर भरोसा

जगदलपुर, 05 जनवरी  । बस्तर के झीरम घाटी में माओवादियों व्दारा पांच साल पहले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं सुरक्षा कर्मियों सहित  29 लोगों की निर्मम हत्या पर लगातार राजनीति होती रही है। कांग्रेस ने लगातार इस नरसंहार के लिए भाजपा सरकार और सुरक्षा व्यवस्था यानी लोकल पुलिस को कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस लम्बे अरसे से इस घटना और कांग्रेस के अनुसार षडय़न्त्र की सीबीआई व्दारा जांच की मांग करती रही है। हालांकि इस घटना की जांच एनआईए के व्दारा की जा चुकी है साथ ही एक न्यायिक जांच आयोग में भी नौ बिन्दुओं पर लगातार सुनवाई जारी है। 
बहरहाल कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने झीरम मामले की पुन: जांच का ऐलान किया है और अब बस्तर आईजी के नेतृत्व में एक दस सदस्यीय एसआईटी का गठन कर जांच प्रारम्भ की जाएगी। इस पूरे मामले की समूची फाईल नेश्नल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी के पास है। इन दस्तावेजों और फारेन्सिक रिपोर्ट को एनआईए इस एसआईटी को देगी या नहंीं और देगी तो कब तक देगी यहां सवाल यह नहीं है। सवाल है कि कांग्रेस जिस क्षेत्रीय पुलिस को इस घटना का दोषी ठहराती रही है और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करती रही है तो फिर उसी स्थानीय पुलिस की एसआईटी से जांच क्यों कराना चाहती है? 
आज जब राज्य में कांग्रेस की सरकार है तो विधान सभा में झीरम मामले की जांच सीबीआई से कराने का प्रस्ताव पास कर मामले की सीबीआई जांच क्यों नही कराती? एक और सवाल यह उठता है कि झीरम काण्ड के समय केन्द्र में कांग्रेसनीत यूपीए की सरकार थी और सीबीआई भी यूपीए के अन्डर में ही थी, तब कांग्रेस इस मामले की सीबीआई जांच क्यों नही करवा पाई? जब एनआईए इस घटना की लम्बी और सूक्ष्म जांच के बाद भी किसी साजिश या षडय़न्त्र का पता नहीं लगा पाई तो स्थानीय पुलिस की एसआईटी अब सवा पांच साल बाद इस घटना में कौन से नये साक्ष्य ढूंढ पाएगी?