छत्तीसगढ़

संगवारी पुलिस ने पहाड़ी कोरवाओं को बांटे कंबल
Posted Date : 06-Jan-2019 10:23:08 am

संगवारी पुलिस ने पहाड़ी कोरवाओं को बांटे कंबल

कोरबा 6 जनवरी । लेमरू थाना क्षेत्र में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत संगवारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोरबा सीएसपी मयंक तिवारी ने इस अवसर पर उपस्थित ग्रामवासियों से कहा कि पुलिस को अपनी समस्या बतायें उससे डरे नहीं, थाना आपके लिए ही खोला गया है। जनपद सदस्य धनसिंह कंवर ने कहा कि कोई भी समस्या हो या गलती होने पर भी पुलिस को जानकारी अवश्य दें। कोरवा जनजाति की श्रीमती संतरा बाई ने बताया कि पुलिस से मिलकर अच्छा लगा। दीनबन्धु ने कहा कि अब हमें समस्या होगी तो पुलिस के पास आएंगे, ऐसा कार्यक्रम होना चाहिए। इस अवसर पर ठंड से बचाने के लिए कंबल का वितरण किया गया। थाना परिसर में सामूहिक भोज कराया गया जिसमें आसपास के लगभग 13 गांव के 200 पहाड़ी कोरवा जनजाति के महिला-पुरुष शामिल हुये। इस अवसर पर लेमरू थाना प्रभारी सुनील कुमार, छेदीलाल, नंदलाल टंडन, आकाश शर्मा, गणेश शर्मा, कृपाराम साहू, दिनेश देवांंगन, सेदर खान, अमृत लाल राठिया, राजू खान, पुरन सिह, धनसिंह कंवर, संतोष कुमार एवं थाना लेमरू के समस्त स्टाफ उपस्थित  थे। 

खाद्यान्न वितरण में घोर अनियमितता, 4.83 लाख की रिकव्हरी, दुकान होगी निरस्त
Posted Date : 06-Jan-2019 10:22:37 am

खाद्यान्न वितरण में घोर अनियमितता, 4.83 लाख की रिकव्हरी, दुकान होगी निरस्त

कोरबा 6 जनवरी । शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालन में लापरवाही तथा हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण में घोर अनियमितता पाये जाने पर संचालक समिति के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की गई है। समिति पर 4 लाख से अधिक की रिकव्हरी निकाली गई है तो वहीं दुकान को भी निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त समिति की एक और दुकान इससे पहले छिन चुकी है किन्तु सबक नहीं लिया और दूसरी दुकान भी गंवानी पड़ी। 
जानकारी के अनुसार ग्राम कुदुरमाल पंचायत में संचालित हो रहे शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संबंध में पिछले कुछ महीनों से लगातार शिकायतें खाद्य विभाग को मिल रही थीं। भैसमा आदिवासी सेवा सहकारी समिति के द्वारा पिछले 2 वर्षों से यह दुकान दुलीचंद, राठौर व रामखिलावन विक्रेता के माध्यम से संचालित होती आ रही है। लगातार शिकायतों पर खाद्य निरीक्षक शुभम मिश्रा ने गुरूवार को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में दुकान खस्ताहाल पाई गयी। दुकान के सामने न तो कोई बोर्ड लगा था और न ही पंजी संधारित मिली, रजिस्टर तक नहीं था। मिलान में 124 क्विंटल चावल कम पाया गया।  शुभम मिश्रा ने बताया कि पिछले 2 माह से दुकान में सही ढंग से राशन का वितरण उपभोक्ता कार्डधारकों को नहीं किया जा रहा था। प्रत्येक महीने निर्धारित तिथि तक राशन का वितरण ऑनलाईन करना होता है जो समय निकल जाने के बाद संचालक समिति को मेन्युअल ऑफ लाइन राशन वितरण की अनुमति दी गई थी, फिर भी उसके द्वारा हितग्राहियों को खाद्यान्न नहीं दिया गया। पिछले माह का राशन अब तक बांटा नहीं गया था जो गंभीर अनियमितता है। इस तरह की लापरवाही और अनियमितता पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश-2016 के तहत कार्यवाही करते हुए भैसमा लेम्पस पर 4 लाख 83 हजार 430 रुपए की रिकव्हरी का प्रकरण बनाया गया। खाद्य निरीक्षक श्री मिश्रा ने बताया कि उन्होंने प्रकरण में कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन कोरबा एसडीएम न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है। उक्त दुकान को निरस्त कर स्थानीय महिला स्व सहायता समूह को जल्द ही संचालन हेतु सौंपा जाएगा। श्री मिश्रा ने बताया कि उक्त समिति द्वारा ग्राम पहंदा की भी उचित मूल्य दुकान का संचालन किया जा रहा था जिसमें अनियमितता पाये जाने पर करीब 5 माह पहले निरस्त करने उपरांत महिला समूह को संचालन हेतु दिया गया है। उस कार्यवाही से भी इन संचालकों ने सबक नहीं लिया व कार्यशैली में सुधार नहीं लाया। इस तरह की लापरवाही दूसरे संचालकों पर भी भारी पड़ सकती है। 
खाद्य निरीक्षक शुभम मिश्रा ने सभी शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों से कहा है कि वे दुकानों में व्यवस्था सही रखें, रिकॉर्डों को पूरी तरह अपडेट करें एवं दुकान में पूरी साफ-सफाई हो। सही समय पर उपभोक्ताओं को राशन सामाग्री का वितरण किया जाये तथा दुकानों में आवश्यक जानकारियों के साथ बोर्ड भी लगाकर रखें। विभाग द्वारा इस तरह की जांच नियमित की जाती रहेगी और किसी तरह की खामियां पाये जाने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। लापरवाह संचालक का दुकान लायसेंस भी निरस्त करने की कार्यवाही की जा सकती है। 

खाद्यान्न वितरण में घोर अनियमितता, 4.83 लाख की रिकव्हरी, दुकान होगी निरस्त
Posted Date : 06-Jan-2019 10:22:37 am

खाद्यान्न वितरण में घोर अनियमितता, 4.83 लाख की रिकव्हरी, दुकान होगी निरस्त

कोरबा 6 जनवरी । शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालन में लापरवाही तथा हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण में घोर अनियमितता पाये जाने पर संचालक समिति के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की गई है। समिति पर 4 लाख से अधिक की रिकव्हरी निकाली गई है तो वहीं दुकान को भी निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त समिति की एक और दुकान इससे पहले छिन चुकी है किन्तु सबक नहीं लिया और दूसरी दुकान भी गंवानी पड़ी। 
जानकारी के अनुसार ग्राम कुदुरमाल पंचायत में संचालित हो रहे शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संबंध में पिछले कुछ महीनों से लगातार शिकायतें खाद्य विभाग को मिल रही थीं। भैसमा आदिवासी सेवा सहकारी समिति के द्वारा पिछले 2 वर्षों से यह दुकान दुलीचंद, राठौर व रामखिलावन विक्रेता के माध्यम से संचालित होती आ रही है। लगातार शिकायतों पर खाद्य निरीक्षक शुभम मिश्रा ने गुरूवार को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में दुकान खस्ताहाल पाई गयी। दुकान के सामने न तो कोई बोर्ड लगा था और न ही पंजी संधारित मिली, रजिस्टर तक नहीं था। मिलान में 124 क्विंटल चावल कम पाया गया।  शुभम मिश्रा ने बताया कि पिछले 2 माह से दुकान में सही ढंग से राशन का वितरण उपभोक्ता कार्डधारकों को नहीं किया जा रहा था। प्रत्येक महीने निर्धारित तिथि तक राशन का वितरण ऑनलाईन करना होता है जो समय निकल जाने के बाद संचालक समिति को मेन्युअल ऑफ लाइन राशन वितरण की अनुमति दी गई थी, फिर भी उसके द्वारा हितग्राहियों को खाद्यान्न नहीं दिया गया। पिछले माह का राशन अब तक बांटा नहीं गया था जो गंभीर अनियमितता है। इस तरह की लापरवाही और अनियमितता पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश-2016 के तहत कार्यवाही करते हुए भैसमा लेम्पस पर 4 लाख 83 हजार 430 रुपए की रिकव्हरी का प्रकरण बनाया गया। खाद्य निरीक्षक श्री मिश्रा ने बताया कि उन्होंने प्रकरण में कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन कोरबा एसडीएम न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है। उक्त दुकान को निरस्त कर स्थानीय महिला स्व सहायता समूह को जल्द ही संचालन हेतु सौंपा जाएगा। श्री मिश्रा ने बताया कि उक्त समिति द्वारा ग्राम पहंदा की भी उचित मूल्य दुकान का संचालन किया जा रहा था जिसमें अनियमितता पाये जाने पर करीब 5 माह पहले निरस्त करने उपरांत महिला समूह को संचालन हेतु दिया गया है। उस कार्यवाही से भी इन संचालकों ने सबक नहीं लिया व कार्यशैली में सुधार नहीं लाया। इस तरह की लापरवाही दूसरे संचालकों पर भी भारी पड़ सकती है। 
खाद्य निरीक्षक शुभम मिश्रा ने सभी शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों से कहा है कि वे दुकानों में व्यवस्था सही रखें, रिकॉर्डों को पूरी तरह अपडेट करें एवं दुकान में पूरी साफ-सफाई हो। सही समय पर उपभोक्ताओं को राशन सामाग्री का वितरण किया जाये तथा दुकानों में आवश्यक जानकारियों के साथ बोर्ड भी लगाकर रखें। विभाग द्वारा इस तरह की जांच नियमित की जाती रहेगी और किसी तरह की खामियां पाये जाने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। लापरवाह संचालक का दुकान लायसेंस भी निरस्त करने की कार्यवाही की जा सकती है। 

20 हजार में 6 हजार बच्चे कुपोषित मिले
Posted Date : 06-Jan-2019 10:21:34 am

20 हजार में 6 हजार बच्चे कुपोषित मिले

० गंभीर कुपोषित बच्चों के ईलाज के लिए विभाग गंभीर नहीं
जगदलपुर, 06 जनवरी । महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत इस वर्ष वजन त्योहार के साथ आंगनबाड़ी व अन्य पोषण केंद्रों में आने वाले बच्चों का वजन लेकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली गई। कुल 20 हजार से अधिक बच्चों का परिक्षण हुआ और इनमें से 5946 से अधिक बच्चे कुपोषित पाये गये, जिनके तुरंत ही उपचार कराने की आवश्यकता थी, लेकिन विभाग ने इस दिशा में कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई और इन बच्चों में से मात्र 1000 का ही उपचार शुरू हुआ है। बाकी बच्चे भगवान भरोसे हैं। विभाग की लापरवाही के कारण बस्तर में कुपोषण की समस्या अभी भी बनी हुई है और बस्तर का भविष्य बिगड़ रहा है, का अभी तक उपचार शुरू नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मासूम बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने जिले में पोषण पुनर्वास केंद्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी करते हुए बेड की संख्या भी बढ़ाई गई है, लेकिन इन केंद्रों में बच्चों का उपचार करने के लिए महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इस बात की पुष्टि भी महिला बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के बाद हो रही है। इन 5 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों के बारे में विभाग के पास ही कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय महारानी हास्पिटल में बनाए गए पोषण पुनर्वास केंद्र में जब पता किया गया तो यही जानकारी मिली कि यहां पिछले 9 महीने में केवल 79 कुपोषित बच्चों को भेजा गया। जबकि जगदलपुर विकास खंड में कुपोषित बच्चों की संख्या 3647 है। इनमें भी 680 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार बने हुए हैं। 

 7 ईनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
Posted Date : 06-Jan-2019 10:18:55 am

7 ईनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

० समर्पितों में 3 महिलाएं एवं 4 पुरूष
कांकेर, 06 जनवरी । नक्सली आंदोलन से तंग आकर कांकेर जिले के पखांजूर थाना क्षेत्र में विभिन्न दलम में कार्यरत 49 लाख 50 हजार रुपए के इनामी 7 नक्सलियों ने जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें 3 महिलाएं और 4 पुरुष हैं। आत्मसमर्पितों में दो उपकमांडर हैं। 
तदाशय की जानकारी देते हुए कांकेर एसपी केएल ध्रुव ने बताया कि आत्मसमर्पितों में राही दलम सदस्य वैशाली बाबुराव वेलादी (18), टिपागड दलम सदस्य सूरज ऊर्फ  आकाश ऊर्फ  धनावू हुर्रा (25), छग के कोडेलयेर जन मिलिशिया दलम सदस्य विकास ऊर्फ साधु पोदाली (27), भामरागड़ दलम सदस्य मोहन ऊर्फ दुलसा केसा कोवसी (19), गट्टादलम का उपकमांडर नवीन ऊर्फ  अशोक पेका (25), कंपनी क्रमांक 4  ए सेक्शन उपकमांडर जन्नी ऊर्फ कविता हेवड़ा धुर्वा (26) और टिपागड़ दलम में एसीएएम पद पर कार्यरत रत्तो ऊर्फ  जनीला ऊर्फ  दुर्गी गेबा पुंगाटी (29) शामिल हंै। 
उन्होंने बताया कि नक्सली नाबालिग युवक-युवतियों को जबरन आंदोलन में शामिल करते हैं और महिला नक्सलियों के साथ अत्याचार करते हैं। फलस्वरूप अनेक नक्सली नक्सल आंदोलन से त्रस्त हैं। इसके कारण सरकार की आत्मसमर्पण योजना अंतर्गत बड़े पैमाने पर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। श्री धु्रव ने नक्सल आंदोलन से जुड़े आदिवासी युवक-युवतियों को विकास की मुख्यधारा में जुडऩे की अपील की है।  

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नगर सैनिकों के वेतन में वृध्दि की मांग
Posted Date : 06-Jan-2019 10:18:07 am

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नगर सैनिकों के वेतन में वृध्दि की मांग

रायपुर, 06 जनवरी । छत्तीसगढ़ होमगार्ड परिवार सहयोग संघ के प्रदेशाध्यक्ष हनुमंत बाघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्यों में कार्यरत नगर सैनिकों के वेतनमान में वृध्दि का आदेश जारी किया गया है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आदेश का पालन नहीं किया गया है। आदेश के अनुसार नगर सैनिकों का वर्ष 2017-18 के एरियर्स का 45 करोड़ रुपये दिया जाना है। साथ ही नगर सैनिकों के खाते में शासन द्वारा प्रतिसैनिक 45 हजार रुपये जमा किया जाना था। बाघ ने विज्ञप्ति में बताया कि उक्त नगर सैनिकों के वेतन का रुपया होमगार्ड के डीजी ने रोक दिया है। उन्होंने गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री से नगर सैनिकों के वेतनमान संबंधी वृध्दि का आदेश डीजी होमगार्ड को तत्काल देने की मांग की है। बाघ के अनुसार संघ के मुख्यालय स्थित सैक्टर 19 के नया रायपुर के पते पर क्रमांक 235/ प्र.शि./2017 दिनांक 27 जनवरी 2018 के जारी आदेश के अनुसार सातवां वेतनमान के अनुक्रम में पुलिस आरक्षक के समरुप न्यूनतम वेतन 19500 रुपये करते हुए नगर सैनिकों को रैंकवाइस रुपये 600 प्रतिमाह वृध्दि किये जाने का प्रस्ताव विभाग के पत्र क्रमांक 16/566/वित्त-2/बजट/ 8 सितंबर 2017 दिनांक 18 सितंबर को पूर्व में जारी आदेश शासन को भेजा गया है। उन्होंने वेतनमान के रुप में 19 हजार 500 रुपये की वेतन वृध्दि का आदेश उपरोक्त आदेशों के मद्देनजर  जारी करने की मांग मुख्यमंत्री से करते हुए नगर सैनिकों की अर्थसमस्या पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग की है।