छत्तीसगढ़

अब तक 8,377 वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित, छूटे हुए लोगों से फिर मंगाए गए आवेदन
Posted Date : 08-Jan-2019 1:25:53 pm

अब तक 8,377 वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित, छूटे हुए लोगों से फिर मंगाए गए आवेदन

0-आवेदन निरस्त होने पर मिलेगा लिखित में जवाब
0-पूर्व में निरस्त आवेदनों पर होगा फिर से विचार

बलौदाबाजार, 08 जनवरी ।   जिले में अब तक 8 हजार 377 वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित किए गए हैं। इनमें 8 हजार 102 व्यक्तिगत और 275 सामुदायिक वन अधिकार पत्र शामिल हैं। छूटे हुए लोगों से एक बार फिर आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन लेने से लेकर इसके निपटारे तक के लिए जिले में कलेक्टर जे.पी.पाठक के मार्गदर्शन में एक विस्तृत कार्य-योजना बनाई गई है। कलेक्टर ने कहा कि यदि किसी के आवेदन को निरस्त किया जाएगा तो इसकी लिखित में सूचना दी जाएगी।पूर्व में निरस्त किए गए आवेदनों पर फिर से विचार किया जाएगा। जिले में ज्यादातर वनों पर काबिज वाले इलाके कसडोल और बिलाईगढ़ तहसील के अंतर्गत शामिल हैं।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग आर.एस.भोई ने कार्य-योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन अधिकार मान्यता पत्र के लिए आवेदन लेने का काम शुरू हो गया है। इस महीने की 20 तारीख तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। ग्राम पंचायत के सचिव के पास ही आवेदन जमा कराए जाएंगे। यदि पूर्व में कोई आदमी आवेदन दिया रहा होगा और उनका आवेदन समिति द्वारा निरस्त कर दिया होगा, तो इन आवेदनों पर एक बार फिर से विचार किया जाएगा। इसके बाद 26 जनवरी से लेकर 30 जनवरी तक विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। ग्राम स्तर की समिति को मिले आवेदन का अनुमोदन अथवा निरस्तीकरण का कार्य ग्राम सभा में किया जाएगा। निरस्तीकरण की स्थिति में आवेदक को इसकी लिखित में कारण बताते हुए सूचना दी जाएगी। आगे 1 फरवरी से 11 फरवरी के बीच उप खण्ड स्तरीय समिति की बैठक होगी। बैठक में ग्राम स्तरीय समिति से मिले दावों का अनुमोदन और निरस्तीकरण पर विचार किया जाएगा। निरस्त किए जाने पर लिखित में संबंधित को सूचित किया जाएगा। 13 फरवरी से 23 फरवरी के बीच इसके लिए गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक होगी। इसमें उप खण्ड स्तरीय समिति से प्राप्त दावों पर विचार किया जाएगा। 24 फरवरी से 5 मार्च तक अनुमोदित दावों के आधार पर भू-अभिलेखों में संशोधन एवं वन अधिकार पुस्तिका प्रदाय किया जाएगा। इसके बाद 30 मार्च तक संपूर्ण अनुमोदित दावों का जिओ टेगिंग का कार्य पूर्ण किया जाएगा।

सदन के बाहर गृहमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर विपक्ष का हंगामा, किया वॉकआउट
Posted Date : 08-Jan-2019 1:25:20 pm

सदन के बाहर गृहमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर विपक्ष का हंगामा, किया वॉकआउट

रायपुर, 08 जनवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज विपक्षी भाजपा सदस्यों ने सत्ता पक्ष के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा सत्र के दौरान सदन के बाहर की गई घोषणा पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे  विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए सदन में चर्चा कराए जाने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने सूचना निर्धारित समय पर नहीं मिलने का हवाला देते हुए इस विषय पर चर्चा कराए जाने की अनुमति नहीं दी। जिससे असंतोष होकर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। 
विधानसभा में 5 दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई और उनके सम्मान में सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने सबसे अनुदान मांगों पर चर्चा कराये जाने पर आपत्ति जतायी। भाजपा सदस्यों ने कहा कि सदन की परंपरा रही है कि राज्यपाल के अभिभाषण होने के बाद सबसे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा कराई जाती है। लेकिन सत्ता पक्ष राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा न कराकर पहले अनुपूरक बजट के अनुदान मांगों पर चर्चा कराई जा रही है जो सदन की परंपरा के खिलाफ है। उन्होंने इसे राज्यपाल का अपमान होना भी बताया। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने अपनी बात रखी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने भाजपा सदस्यों की आपत्ति को खारिज कर दिया। इसके बाद भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा सदन के बाहर नीतिगत विषय पर की गई घोषणा पर आपत्ति जतायी हुए अध्यक्ष से कहा कि इस विषय पर उन्होंने सचिवालय को सूचना दे दी और मांग की कि इस विषय पर सदन में पहले चर्चा होनी चाहिए। शिवरतन शर्मा ने कहा कि सत्र चलने के दौरान सत्ता पक्ष का कोई मंत्री सदन के बाहर घोषणा नहीं कर सकता है यह विशेषाधिकार हनन का मामला है। उन्होंने अध्यक्ष से इस मामले में चर्चा कराए जाने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा द्वारा दी गई सूचना को निर्धारित समय पर नहीं दिए जाने का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दी। इसके बाद भाजपा सदस्यों ने असंतोष जाहिर करते हुए बहिर्गमन कर सदन से बाहर चले गये। 

जांच में हुआ खुलासा , स्वर्गवासी ने उठाया राशन
Posted Date : 08-Jan-2019 1:24:52 pm

जांच में हुआ खुलासा , स्वर्गवासी ने उठाया राशन

जांजगीर चांपा , 08 जनवरी ।  जिले के शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में जीवित लोगों को राशन दिया जाता है । लेकिन घिवरा सोसायटी की उचित मूल्य की दुकान में स्वर्गवासी लोगों ने भी राशन उठाया है । यह पुष्टि पांच सदस्यीय जांच टीम ने जांच के दौरान खुलासा किये है । इसके पूर्व में ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत किया गया था । शिकायत के अनुसार हमने दिनांक 7 जनवरी के अंक में  पीडीएस दुकान से मुर्दे उठा रहे राशन "  शीर्षक से समाचार को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया । तब अधिकारियों की नींद खुली और 7 जनवरी को जांच टीम वहां पहुंचे । जांच टीम को शिकायत सही मिला और मृत लोगों को राशन दिया गया है ।
गौरतलब है कि जनपद पंचायत जैजैपुर के अंतर्गत सेवा सहकारी समिति मर्यादित घिवरा के अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान घिवरा में दर्जनभर मृत लोगों के नाम पर राशन का उठाव विक्रेता के द्वारा किया जा रहा था । इस संबंध में उनके घर वालों को पता ही नहीं था ,और पिछले कई माह से उनके कोटे का राशन जारी हो रहा था ।माह सितंबर ,अक्टूबर,नवंबर , दिसंबर 2018 में लगभग एक दर्जन मृत लोगों के नाम से राशन का  उठाव किया गया है । यह जानकारी टेबलेट में पाया गया है । और रजिस्टर मेंटेन नहीं किया गया है । स्टॉक के भी हिसाब से रजिस्टर  मेंटेन नहीं है । कई लोगों के मृत होने के बावजूद उनके नाम कटने की बजाय प्रत्येक माह उनके नाम राशन का उठाव जारी   है । इसके बावजूद भी जिन लोगों के नाम से राशन दिया जा रहा है । उनको ना मिल कर के राशन किसी दूसरे लोगों को दिया जा रहा है । वहां पर कुछ लोग उपस्थित थे उन सभी का बयान शपथ पूर्वक लिया गया है । चावल ,मिट्टी तेल ,नमक, शक्कर आदि राशन समान स्टाक के हिसाब से रजिस्टर में दर्ज नहीं है यहां पर कम -ज्यादा बहुत है। सबसे बड़ी और मजेदार बात यह है कि घिवरा सोसाइटी में  चौकीदार को विक्रेता बनाया गया है ।   उसके बावजूद भी यहां पर सेल्समैन का प्रभार किसी दूसरे के नाम से दर्ज है । यह भी जांच में सामने आया है ।   यहां पर पहुंचे जांच टीम के अधिकारी जैजैपुर तहसीलदार प्रियंका बंजारा , सुशील कुमार सूर्यवंशी सहकारिता विस्तार अधिकारी जैजैपुर , जेआर भद्रा सहकारिता विस्तार अधिकारी बम्हनीडीह , हल्का नंबर 27 घिवरा के पटवारी ज्ञान बाई टंडन , उज्जवल दुबे पर्यवेक्षक बैंक शाखा बिर्रा, ग्राम पंचायत घिवरा के सरपंच संतराम साहू ,कोटवार खीक दास महंत आदि के अलावा ग्रामीण  उपस्थित थे । रजिस्टर टेबलेट आदि को जप्त किया गया है  । पंचनामा बनाकर के इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है । जांच में मृत लोगों को राशन दिया जा रहा है, उसके बावजूद भी  जीवित लोगों  का राशन  किसी अन्य लोगों को दिया जा रहा है ।यह खुलासा टेबलेट के माध्यम से हुआ है । सभी का शपथ पूर्वक बयान लिये है । दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

अभिभाषण पर चर्चा न कराए जाने से भडक़ा विपक्ष
Posted Date : 08-Jan-2019 1:23:53 pm

अभिभाषण पर चर्चा न कराए जाने से भडक़ा विपक्ष

0-विपक्ष ने कहा सदन की परंपराओं के विरुद्ध
0-अध्यक्ष ने कहा 2010 में भी बदली गई थी व्यवस्था

रायपुर, 08 जनवरी । विधानसभा सत्र के आज तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा न होने से प्रमुख विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा सदस्यों ने जहां इसे नई परंपरा बताते हुए हंगामा किया तो वहीं जोगी कांग्रेस ने भी भाजपा सदस्यों का साथ देते हुए हंगामा किया। इस पर आसंदी ने वर्ष 2010 में भी इसी तरह की व्यवस्था आने और अभिभाषण पर चर्चा न कराते हुए दूसरे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की जानकारी देते हुए विपक्षी दलों की आपत्ति को खारिज कर दिया। 
विधानसभा में आज भाजपा के सदस्य काफी आक्रामक दिखे। विधानसभा में अब तक की परंपरानुसार राज्यपाल के अभिभाषण के दूसरे दिन इस पर चर्चा होती है। लेकिन आज जैसे ही सत्र प्रारंभ हुआ राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा न कराते हुए दूसरे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कराने का प्रस्ताव आया। इस पर भाजपा सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि विधानसभा की यह परंपरा नहीं है। राज्यपाल के अभिभाषण के दूसरे दिन अभिभाषण पर चर्चा होती है और यही परंपरा रही है। भाजपा सदस्यों ने अनुपूरक बजट प्रस्ताव लाए जाने और इस पर चर्चा से इंकार करते हुए सबसे पहले अभिभाषण पर चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस पर पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर शब्दबाण चले। भाजपा सदस्यों ने इसे राज्यपाल का अपमान बताते हुए कहा कि यह विधानसभा की परंपराओं को बदलने का प्रयास हो रहा है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने सभी सदस्यों को शांत कराया। विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा-आरोप लगाने और हंगामा करने वाले सदस्य यह भूल गए हैं कि वर्ष 2010 में सत्तासीन दल ने इस परंपरा की शुरूआत की है। तब भी सदन में अभिभाषण पर चर्चा न कराते हुए दूसरे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कराई थी, तब विपक्ष के आपत्तियों को खारिज कर दिया गया था। इस पर भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने आसंदी से कहा कि यह परंपराओं के विरुद्ध हैं, उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि आपने अध्यक्ष की शपथ लेते समय यह कहा था कि विधानसभा की परंपराओं को आगे ले जाएंगे। ऐसी व्यवस्था देंगे कि देश-विदेश में छत्तीसगढ़ विधानसभा की एक अलग छवि बनेगी और सदन का नाम रौशन होगा। आज सदन की परंपरा टूटती नजर आ रही है। इस पर अध्यक्ष डा. महंत ने कहा कि वर्ष 2010 में भी इसी तरह की व्यवस्था आई थी और तब विपक्ष के आपत्तियों को खारिज करते हुए दूसरे अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कराई गई थी, लिहाजा वे भी अनुपूरक बजट पर चर्चा कराने के पक्ष में हैं। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि वर्ष 2010 में भी इसी तरह अभिभाषण पर चर्चा नहीं कराते हुए दूसरे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कराई गई थी तो आज दूसरे विषयों पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती? इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि तब क्या परिस्थितियां थी और किन विषयों पर चर्चा हुई थी? इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए। इस पर रविन्द्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा कि आज अभिभाषण के बजाए किसानों के ऋण माफी पर चर्चा और अनुपूरक बजट पर चर्चा का प्रस्ताव आया है, क्या यह महत्वपूर्ण विषय नहीं है? इस पर आसंदी ने कहा कि चूंकि पूर्व में भी इस तरह की स्थिति बनी थी और दूसरे विषय पर चर्चा हुई थी। यह भी सदन की परंपरा में है, इसलिए मैं विपक्ष की आपत्ति को खारिज करता हूं।  इसके बाद आसंदी ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत करने तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम पुकारा। समाचार लिखे जाने तक अनुपूरक बजट तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा जारी थी। 

विधानसभा में दिवंगतों को दी गई श्रद्धांजलि
Posted Date : 08-Jan-2019 1:21:56 pm

विधानसभा में दिवंगतों को दी गई श्रद्धांजलि

रायपुर, 08 जनवरी । विधानसभा शीतलकालीन सत्र के तीसरे दिन आज विधानसभा में पूर्व सांसद मोहन भईया, अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे प्रभुनारायण त्रिपाठी, पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद कोसरिया तथा पुष्पेन्द्र बहादुर सिंह के निधन का उल्लेख करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। 
विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत के बाद क्रमश: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौथ्शक, भाजपा विधायक दल की ओर से, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से धरमजीत सिंह ने स्वर्गीय पद्यश्री श्यामलाल चतुर्वेदी को भी आसंदी से अनुमति मांगते हुए निधन का उल्लेख कर श्रद्धांजलि दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोहन भईया से जुड़ा संस्मरण सुनाया। संसदीय मंत्री रविन्द्र चौबे द्वारा दिवंगतों के निधन के उल्लेख के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 6 दिवंगतों से जुड़े संस्मरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वे कलेक्टर थे तब उनके क्षेत्र में मंत्री प्रभुनारायण त्रिपाठी आया करते थे वे उनके प्रशासनिक सूझबूझ से प्रभावित थे। श्री जोगी ने शिवनाथ नदी पर उनके पहले से बने बांध का नाम शिवराज उसारे के नाम पर करने की मांग की। श्री जोगी ने साहित्यकार श्यामलाल चतुर्वेदी का संस्मरण सुनाते हुए छत्तीसगढ़ी भाषा मेंम उनके योगदान को याद कर श्रद्धांजलि सूची में नाम जोडऩे की मांग की। विधायक अरूण वोरा के बाद विधायक अमरजीत भगत ने निधन का उल्लेख किया। इस क्रम में विधायक दलेश्वर साहू, विधायक अकलतरा सौरभ सिंह तथा केशव चंद्रा ने भी दिवंगतों से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए अपने दल बसपा की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। डा. चरणदास महंत ने अंत में अपनी ओर से स्व. श्यामलाल चतुर्वेदी का नाम सूची में शामिल करते हुए सभी दिवंगतों को सभा की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन में 2 मिनट के मौन के बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई। 

इंद्रावती नदी के किनारे ही बना दिया गया कचरा संग्रहण केंद्र
Posted Date : 08-Jan-2019 1:20:24 pm

इंद्रावती नदी के किनारे ही बना दिया गया कचरा संग्रहण केंद्र

जगदलपुर, 08 जनवरी । बस्तर की जीवन दायनी इंद्रावती नदी से महज करीब 25 मीटर की दूरी पर ही नगर निगम द्वारा कचरा संग्रहण केंद्र बनाया गया है। यहां पर शहर का कचरा लाकर यहां छंटनी भी की जा रही है। जबकि नियमानुसार यह नहीं होना चाहिए जानकारी के अनुसार अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर अमृत मिशन के तहत शहर में चार जगहों पर कचरा संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से एक कचरा संग्रहण केंद्र प्रवीर वार्ड में बनाया गया है। यह केंंद्र पूरी तरह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। इस संबंध में एनजीटी के मानक के अनुसार किसी भी जलस्रोत से 500 मीटर के दायरे में कचरा या अपशिष्ठ फेंकने पर पाबंदी है।
 उल्लेखनीय है कि 500 मीटर की दूरी इसलिए तय किया गया है कि इससे किसी भी जलस्रोत को प्रदूषित होने का खतरा न हो। इसके बाद भी नगर निगम ने इसकी अनदेखी कर यह केंद्र बनाया है। इस विषय पर पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. सुरेश चंद्र ने बताया कि संग्रहण केंद्र कहां बनाया गया है, इसकी जानकारी नहीं है। इस पर देखकर जो भी नियमानुसार कार्रवाई की जानी है। उस पर अमल किया जायेगा। एनजीटी के नियमों के तहत जो भी प्रावधान होंगे, उसी के हिसाब से कार्रवाई होगी।