छत्तीसगढ़

मनरेगा से ग्राम परसदा छोटे विकास कार्य की ओर अग्रसर
Posted Date : 01-Jan-2019 10:53:12 am

मनरेगा से ग्राम परसदा छोटे विकास कार्य की ओर अग्रसर

रायगढ़/ रायगढ़ जिले के जनपद पंचायत सारंगढ़ की 125 ग्राम पंचायतों में से एक ग्राम पंचायत परसदा छोटे आज 'मनरेगाÓ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से विकास कार्य के मार्ग पर अग्रसर है। जनपद पंचायत सारंगढ़ मुख्यालय से 17 कि.मी.दूरी पर स्थित गांव परसदा छोटे में लहलहाती फसलें, बारहमासी जलापूर्ति की व्यवस्था, ग्रामीण संपर्क हेतु निर्मित सड़कें, मार्ग में छायादार एवं फलदार वृक्षों की लम्बी कतारें मनरेगा की सफलता की कहानी कह रही है। मनरेगा ने ग्राम परसदा छोटे के ग्रामीण परिवारों में आशा एवं उत्साह का संचार करने में मुख्य भूमिका निभाई है। 
 परसदा छोटे के सरपंच एवं किसान श्री कृष्णा पटेल ने बताया कि पहले टकटकी लगाए देखते थे कि पानी कब आसमां से गिरेगा, परंतु अब ऐसा नहीं है। मनरेगा से गांव में डबरी, तालाब एवं स्टॉप डेम बन जाने से जल की समस्या नहीं रही। अब वर्ष में खरीफ और रबी की फसलों के साथ सब्जियां भी उगाते हैं जो पहले संभव नहीं था। वे कहते है मनरेगा से हमारी आर्थिक दशा में काफी सुधार आया है। परसदा छोटे के ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक बताते है कि मनरेगा से गांव के बेरोजगारों, किसानों एवं निर्धन परिवारों का जीवन स्तर पहले की तुलना में अच्छा हो गया है। 150 दिन के न्यूनतम रोजगार की गारण्टी, रोजगार न मिलने पर बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान, महिला कामगारों को 33 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराने की अनिवार्यता, मजदूरी का भुगतान, बैंकों, डाकघरों के माध्यम से हो रहा है। अपने गांव में ही 5 कि.मी.की दूरी में रोजगार मुहैया कराते हुए मनरेगा ग्रामीण निर्धन परिवारों की आवश्यकताओं को पूरा करने में अपनी मुख्य भूमिका निभा रहा है। ग्राम पंचायत परसदा छोटे में बड़ी मात्रा में हितग्राहियों को इंदिरा आवास योजना में मनरेगा के तहत 90 दिवस की रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। इसी तरह स्वच्छता अभियान के अंतर्गत हितग्राही को शौचालय, नाडेप टैंक का भी लाभ दिया गया है। 
नॉन घोटाले की होगी एसआईटी से जांच : कैबिनेट का फैसला
Posted Date : 01-Jan-2019 10:29:44 am

नॉन घोटाले की होगी एसआईटी से जांच : कैबिनेट का फैसला

0-पन्ना नंबर 107 में दर्ज नामों पर भी रहेगा फोकस 
0-कृषि विभाग अब होगा कृषि विकास एवं कृषक कल्याण विभाग

रायपुर, 01 जनवरी । नववर्ष के पहले ही दिन भूपेश मंत्रिमंडल की संपन्न हुई बैठक में तृतीय अनुपूरक बजट को स्वीकृति देते हुए राज्यपाल के अभिभाषण को भी मंजूरी दी गई। वहीं नॉन घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने का फैसला लिया गया है। 
मंत्रालय में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में आज महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में तृतीय अनुपूरक बजट को स्वीकृति दी गई, जिसमें किसानों के कर्जमाफी का बिंदु भी शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षाकर्मियों के मुद्दों को बजट में शामिल किया गया है। राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी दी गई है, इसमें कांग्रेस के वायदों का उल्लेख होगा। राज्य के चर्चित नॉन घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठन का निर्णय लिया गया है। इस जांच में जब्त डायरी के उन पन्नों की भी जांच होगी जिसकी जांच नहीं हो सकी है। डायरी के पन्ना नंबर 107 में दर्ज नामों की जांच करने का बड़ा फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। एसआईटी का गठन आईजी के नेतृत्व में होगा। इधर बैठक में कृषि विभाग का नाम बदल दिया गया है। अब यह कृषि विकास एवं कृषक कल्याण विभाग के नाम से जाना जाएगा। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कैबिनेट सदस्य रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में सदस्य संख्या को लेकर भी चर्चा हुई है। तमिलनाडू, केरल से छत्तीसगढ़ राज्य बढ़ा है, इसके बाद भी यहां केवल 15 प्रतिशत विधायकों को मंत्री बनाए जाने का प्रावधान है, इसे बढ़ाकर कम से कम 20 प्रतिशत किया जाना आवश्यक है। इसे लेकर विधानसभा में संकल्प पेश किया जाएगा। 

बिलासपुर ब्वॉयज बना 9-ए साइट फु टबॉल टूर्नामेंट का चैंपियन
Posted Date : 01-Jan-2019 10:26:40 am

बिलासपुर ब्वॉयज बना 9-ए साइट फु टबॉल टूर्नामेंट का चैंपियन

बिलासपुर, 01 जनवरी । उर्दू स्कूल मैदान में खेले जा रहे अंउर-14 9-ए साइट फु टबॉल टूर्नामेंट का फाइनल सोमवार को खेला गया। इसमें बिलासपुर ब्वॉयज की टीम एसके जूनियर को 2-0 से मात दे चैंपियन बनी। साथ ही बादशाह स्पोर्टिंग क्लब ने 4-3 से सेवन स्टार को हराकर तीसरा स्थान हासिल किया।
मैच की शुरुआत में बिलासपुर ब्वॉयज के खिलाड़ी समर्थ दुबे जर्सी नंबर-10 ने चौथे व 18वें मिनट में गोल कर अपनी टीम को दो गोल के साथ मजबूती दी। मध्यांतर के बाद एसके जूनियर के खिलाडिय़ों को गोल करने के कई अवसर मिले, लेकिन उसे बिलासपुर टीम की रक्षा पंक्ति के खिलाडिय़ों को सफल होने नहीं दिया। इससे एसके जूनियर गोल करने में नाकाम रही। बिलासपुर ब्वायज ने 2-0 से जीत दर्ज की और खिताब अपने नाम किया। वहीं एसके जूनियर को उपविजेता के रूप में ही संतोष करना पड़ा।
हार्ड लाइन मैच बादशाह स्पोर्टिंग क्लब बापूनगर और सेवन स्टार के बीच खेला गया। प्रथम हाफ में सेवन स्टार टीम के खिलाड़ी जर्सी नंबर-7 ने मैच के 19वें मिनट में गोल किया। मध्यांतर के बाद बादशाह स्पोर्टिंग क्लब के खिलाड़ी गुलशन जर्सी नंबर-पांच ने गोल कर अपनी टीम को बराबरी पर ला खड़ा किया। मैच की समाप्ति तक दोनों ही टीम एक-एक की बराबरी पर रही। इससे टाई ब्रेकर के जरिए हार-जीत का निर्णय लिया गया। इस मैच में बादशाह स्पोर्टिंग क्लब ने 4-3 से जीत दर्ज कर तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक अपने नाम किया। वहीं चौथे स्थान पर सेवन स्टार की टीम रही।
सेवन स्टार की ओर से तुषार, एल्विन मशीह ने और बादशाह स्पोर्टिंग क्लब की ओर से गुलशन, प्रियांश, टैटू ने गोल किया। सेवन स्टार के चिंटू, तुषार को बेस्ट खिलाड़ी का पुरस्कार दिया गया। एसके जूनियर के सुजल को बेस्ट हॉफ का पुरस्कार, मैन ऑफ द मैच बिलासपुर टीम के समर्थ कुमार दुबे को दिया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मोहम्मद याकूब शेख डिविजनल खेल अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.अजय सिंह अध्यक्ष जिला फुटबॉल संघ, अमरनाथ सिंह मंडल खेल सचिव, हेमंत परिहार सचिव तैराकी संघ बिलासपुर ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोद जवाहर, राजेश रजक, अरशद खान के साथ ही एडवर्ड मसीह, सुनील राव, सानंद कुमार वस्त्रकार, भूपेंद्र टंडन, अनीश खान, अश्विनी कुमार दुबे उपस्थित रहे। मैच के निर्णायक संतोष कुमार, साईं निलेश, चेतन रजक, संदीप पटेल अभिषेक दुबे रहे। ये जानकारी संदीप पटेल ने दी।

15 जनवरी से स्टील प्लांट में कोक ओवन हिटिंग की तैयारी में जुटा एनएमडीसी
Posted Date : 01-Jan-2019 10:25:58 am

15 जनवरी से स्टील प्लांट में कोक ओवन हिटिंग की तैयारी में जुटा एनएमडीसी

जगदलपुर, 01 जनवरी । आगामी 15 जनवरी से नगरनार स्टील प्लांट में कोक ओवन हिटिंग करने की तैयारी में एनएमडीसी का समूचा तंत्र जुट गया है। इसके साथ ही स्टील प्लांट के अंतिम तौर पर शुरू किये जाने की प्रक्रिया के तहत यह आवश्यक है कि कोक ओवन की हिटिंग पहले हो जाये। इस प्रक्रिया में लगभग तीन माह का समय लगता है। उसके बाद ही समूचे कारखाने को शुरू किया जायेगा। हिटिंग का कार्य समाप्त होने के बाद ब्लास्ट फर्नेस, स्टील मेल्टिंग शॉप आदि की हिटिंग की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। 
उपर्युक्त आवश्यक कदमों के बाद स्टील प्लांट कार्य करने लगेगा। इस संबंध में यह एक प्रमुख मुद्दा है कि हिटिंग की कार्रवाई को एनएमडीसी तीसरी बार शुरू करने जा रहा है। इसके पूर्व के प्रयास सफल नहीं रहे। वार्षिक तीन मिलियन टन उत्पादन क्षमता के इस स्टील प्लांट का कोक ओवन प्लांट यूके्रन में बना है और इसमें दो बैट्रीज हैं और 67-67 चिमनियां हैं। जिनकी ऊंचाई 6-6 मीटर रहेगी। जानकारी है कि इस स्टील प्लांट के धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य को तेजी प्रदान करने एनएमडीसी लिमिटेड के सीएमडी बैजेन्द्र कुमार भी आ रहे हैं और 15 जनवरी से शुरू होने वाली हिटिंग की कार्रवाई के लिए आयोजित समारोह में भाग लेने। इसके अलावा और भी एनएमडीसी के उच्चधिकारी आ सकते हैं। 
इस संबंध में प्रशांत दास अधिशासी निदेशक नगरनार स्टील प्लांट ने बताया कि कोक  ओवन हिटिंग की प्रक्रिया शुरू करने तैयारी अंतिम दौर में चल रही है और इसे नये वर्ष के शुरूवात में ही शुरू करने की कोशिश है। मुख्यालय से जैसे निर्देश प्राप्त होंगे हिटिंग का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। 
कुटुंब पालु और समरसता की सब्जी मानी जाती है बस्तर में कुम्हड़ा
Posted Date : 01-Jan-2019 10:25:21 am

कुटुंब पालु और समरसता की सब्जी मानी जाती है बस्तर में कुम्हड़ा

जगदलपुर, 01 जनवरी । कुम्हड़ा की सब्जी हर किसी को नहीं भाती है, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि यही कुम्हड़ा कुटुंब पालु सब्जी भी मानी जाती है और बस्तर में तो यहां के लोग इस सब्जी को इस कारण लगाते हंै ताकि इसे अपने परिजन या समाज को भेंट कर सकें और समाज की व्यवस्था चलती रहे तथा समरसता बनी रहे। सामाजिक सब्जी के रूप में यहां समाज के सभी लोगों को सब्जी का स्वाद भी प्रदान करती है और गरीब और अमीर सभी के लिए एक समान उपलब्ध रहती है। बस्तर में इस सब्जी को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। इसी कारण  आज भी ग्रामीण समुदायों में यदि कोई कुम्हड़ा की चोरी कर ले तो उसे 500 रूपए तक का अर्थदण्ड भी पटाना पड़ता है।
समाज की इस व्यवस्था से कुम्हड़ा का महत्व समझा जा सकता है और एक ओर जहां यह पूरे परिवार के  सदस्यों के लिए एक ही कुम्हड़ा पर्याप्त होता है वहीं यह गरीब परिवारों को राहत भी प्रदान करता है। इसके साथ ही बस्तर में इसे औषधीय फल मान कर महत्व दिया जाता है। यही कारण है कि बस्तर के गांवों में कुम्हड़ा की बेल हर घर के छप्पर में फैली हुई दिख जायेगी। इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता और हल्बा समाज के संभागीय अध्यक्ष अर्जुन नाग बताते हैं कि बस्तर का आदिवासी समाज कुम्हड़ा को सामाजिक सब्जी मानता है। एक कुम्हड़ा को दो-चार लोगों के लिए कभी नहीं काटा जाता। आदिवासी समाज में परंपरा है कि जब किसी रिस्तेदार के घर या प्रियजन के घर सुख या दुख का कार्य होता है। लोग उनके घर आमतौर पर कुम्हड़ा भेंट करते है। बताया गया कि एक कुम्हड़ा से कम से कम 25 लोगों के लिए सब्जी तैयार हो जाती है। इसलिए कुम्हड़ा को सुलभ और लंबे समय तक सुरिक्षत रहने वाली सब्जी माना जाता है, इसलिए इसे यहां आमतौर पर दूसरों के लिए ही उपजाया जाता है। 

जिले के किसानों के खातों में 99.42 प्रतिशत ऋ ण की राशि वापस हुई
Posted Date : 01-Jan-2019 10:23:26 am

जिले के किसानों के खातों में 99.42 प्रतिशत ऋ ण की राशि वापस हुई

धमतरी, 01 जनवरी । प्रदेश शासन की घोषणा के अनुरूप एक नवम्बर 2018 से 24 दिसम्बर तक लिंकिंग के माध्यम से किसानों की वसूल की गई ऋण की राशि की 30 दिसम्बर की स्थिति में 99.42 प्रतिशत हो गई है। कलेक्टर डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की जिले में स्थित 11 शाखाओं और 53 सोसायटियों में अब तक 83 करोड़ 16 लाख 39 हजार रूपए की ऋण राशि की वापसी जिले के 28 हजार 049 किसानों के बचत खातों में हो चुकी है।
इस संबंध में नोडल अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक श्री आर.के. शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कृषि ऋण की माफी की घोषणा उपरांत लिंकिंग के जरिए जिले के किसानों से बैंकों के द्वारा वसूल की गई कृषि ऋण की राशि किसानों के खातों में वापस की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले के 28 हजार 49 किसानों के खाते में अब तक 83 करोड़ 16 लाख 39 हजार रूपए जमा कराए जा चुके हैं, जो कि 99.42 प्रतिशत है। उन्होंने शाखावार जानकारी देते हुए बताया कि 30 दिसम्बर की स्थिति में धमतरी शाखा की 08 सोसायटियों में 3588 किसानों के खाते में नौ करोड़ 72 लाख 14 हजार रूपए, संबलपुर शाखा की 06 सोसायटियों में 2468 किसानों के खाते में आठ करोड़ 58 लाख 08 हजार रूपए, नगरी शाखा की 06 सोसायटियों में 3444 किसानों के खातों में छ: करोड़ 76 लाख 41 हजार रूपए तथा मगरलोड की 07 सोसायटियों के जरिए 4239 किसानों के खाते में 12 करोड़ 07 लाख 94 हजार रूपए जमा हो चुके हैं।
इसी तरह बड़ी करेली की तीन सोसायटियों में 1597 किसानों के खाते में पांच करोड़ 46 लाख 43 हजार रूपए, कुरूद की चार सोसायटियों में 3391 किसानों के खाते में 11 करोड़ 51 लाख 04 हजार रूपए, नारी के तीन सोसायटियों में 1209 किसानों के खाते में तीन करोड़ 88 लाख 62 हजार रूपए, मरौद शाखा की चार सोसायटियों के 1493 किसानों के खाते में चार करोड़ 63 लाख 20 हजार रूपए, दरबा की चार सोसायटियों में 1556 किसानों के खाते में चार करोड़ 74 लाख 64 हजार रूपए, भखारा की चार सोसायटियों में 2490 किसानों के खाते में सात करोड़ 52 लाख 22 हजार रूपए तथा कोर्रा शाखा की चार सोसायटियों में 2575 किसानों के खाते में आठ करोड़ 25 लाख 67 हजार रूपए की कृषि ऋण राशि वापस की जा चुकी है। इनमें बड़ी करेली और कुरूद शाखा की 07 सोसायटियों के ऋणी किसानों के खातों में शत्-प्रतिशत राशि रिवर्ट की जा चुकी है।