रायगढ़, 12 मई2021/ कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों में संसाधनों की व्यवस्था का कार्य लगातार किया जा रहा है। ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ ही जरूरी मशीनरी की व्यवस्था लगातार की जा रही है। इसी क्रम में 50 बाईपेप मशीनें हैदराबाद से पहुंची हैं। इसके लिये कलेक्टर भीम सिंह लगातार प्रयासरत थे। उन्होंने बताया कि इन मशीनों को रायगढ़ में मेडिकल कालेज एमसीएच एवं केआईटी के साथ खरसिया, सारंगढ़, धरमजयगढ़, लैलूंगा विकासखंड में तैयार किये गए कोविड केयर सेंटर में दिया जाएगा। जिससे कोविड के गंभीर मरीजों के इलाज में आसानी हो। यह एक ऐसी मशीन है जिसका उपयोग वेंटिलेटर के समान ही उन मरीजों के लिए किया जाता है जिनके फेफड़े पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नही खींच पा रहे हैं। इन मशीनों के आने से कोरोना के गंभीर मरीजों के उपचार से जुड़ी सुविधाओं को और मजबूती मिलेगी।
कैसे करती है यह मशीन काम
बाईपैप का काम वेंटिलेटर की तरह ही होता है। दरअसल, जो मरीज खुद से ऑक्सीजन अपने अंदर नहीं ले पाते, इतने कमजोर हो जाते हैं कि सांस नहीं खींच पाते या संक्रमण इतना गहरा होता है कि फेफड़ा सही ढंग से काम नहीं करता तो इसमें बाईपैप मशीन मदद करती है। यह मशीन ज्यादा प्रेशर के साथ ऑक्सीजन को फेफड़े के अंदर धकेलती है जिससे मरीज सांस न भी ले पाए तो उसे बराबर ऑक्सीजन मिलती रहती है। यह मशीन सांस नली को फैला कर रखती है जिससे फेफड़े पर कम दबाव पड़ता है और मरीज राहत महसूस करता है। मशीन मरीज के सांस लेने के रिदम को मैनेज करती है। जिससे मरीज को जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन मिलता रहता। गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज में बाईपेप मशीन बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है।
मशीन में होती है दो तरह की सेटिंग
इस मशीन को बाईलेवल इसलिए कहते हैं क्योंकि यह दो एयर प्रेशर सेटिंग पर काम करती है। जब मरीज सांस लेता है तो बाईपैप मशीन हवा का ज्यादा दबाव बनाती है। इसे मेडिकल के टर्म में इंसपिरेटरी पॉजिटिव एयरवे प्रेशर या ढ्ढक्क्रक्क कहते हैं। इस प्रक्रिया के तहत फेफड़े में ऑक्सीजन तेजी से और आसानी से प्रवेश करती है। दूसरी सेटिंग में जब मरीज सांस छोड़ता है तो यह मशीन एयर प्रेशर को कम कर देती है। इसे मेडिकल के टर्म में एक्सपिरेटरी पॉजिटिव एयरवे प्रेशर या श्वक्क्रक्क कहते हैं।
रायगढ़, 12 मई2021/ कहते हैं हौसले भी किसी हकीम से कम नही होते, हर मुश्किलों में ताकत की दवा देते हैं और इस बात को सच कर दिखाया है, शहर के प्रसिद्ध सीनियर लॉयर इनकम टैक्स एन्ड जीएसटी मदन लाल सारस्वत ने। सारस्वत जी 78 वर्ष की उम्र में, आज से करीब डेढ़ महीने पहले, कोरोना पॉजिटिव हुए। उसी दौरान कोरोना संक्रमण की विभीषिका में अपनी धर्मपत्नी को खोया। पूरा परिवार कोरोना संक्रमित था। पर उन विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने अपनी उम्मीदों का दामन नही छोड़ा, हौसला नही खोया। उनका जुनून और इच्छाशक्ति देखिए कि, वैक्सिन ही सुरक्षा कवच है और इस संकट का दीर्घकालिक उपाय है इस बात को लोग समझ सकें, लोगों में हौसला और उम्मीद बने रहे और वैक्सीनेशन के प्रति रुझान व जागरूकता भी, सिर्फ इसलिए 78 वर्ष की आयु में शरीर मे अभी भी केथेटर लगा हुआ है फिर भी वैक्सिनेशन सेंटर पहुँचकर वैक्सिन का पहला डोज लगवाया।
उनकी कहानी उनकी जुबानी
मुश्किलें और मुसीबतें तो जीवन का एक अहम हिस्सा है। बेशक संकट के समय सहज रह पाना मेरे लिए भी आसान नहीं था। पर मैं जानता था कि मुश्किल वक्त में ही मुझे और अधिक सबल, सतर्क व जिम्मेदार होना है। मैंने इस कठिन दौर में अपनी पत्नी को खोया था। पूरा परिवार संक्रमित था। लेकिन हम लोगों ने एक पल के लिए उम्मीदों और हौसलों का दामन नहीं छोड़ा। मैं जानता था, घर का मुखिया होने के नाते पूरे परिवार का आत्मबल बनाए रखने की महती जिम्मेदारी मुझ पर थी और इसमें मेरे दोनो बेटों विशाल और गुट्टू मेरी ताकत बनकर हर पल साथ रहे। बुरे वक्त में भी हौसला दिखाने का अवसर हर किसी के पास जरूर होता है। ऐसे समय हमारा हौसला ही हमारी मानसिक सबलता का प्रतीक बना। अपने हौसले और संकल्प शक्ति से हमने कठिन हालातों को भी घुटने टेक देने पर मजबूर कर दिया। मैं कोविड से रिकव्हर हो गया। अभी भी मुझे कैथेटर लगा हुआ है, लेकिन परिवार का एक जिम्मेदार मुखिया व शहर का एक जागरूक नागरिक होने के नाते यह भलीभांति जानता हूँ कि इस समय वैक्सिन ही एक सुरक्षा कवच और इस संकट का दीर्घकालिक इलाज है। लोगों को सिर्फ यही बात समझा सकूं और जागरूक कर सकूं। मैंने केथेटर लगे इस हालत में भी वेक्सिनेशन सेंटर पहुंच कर वैक्सिन लगवाया। लोगों से बस यही कहना चाहता हूं कि इस लड़ाई में हमें और अधिक सतर्क, सजग रखना है। वैक्सीन के दोनों डोज जरूर लगवानी है। क्योंकि वैक्सीन ही इस लड़ाई में हमारी जान बचाने में कारगर सुरक्षा कवच है। वैक्सीन लगाने के बाद यदि हम संक्रमित भी हो जाते हैं तो यह वैक्सीन हमें सीवियर कंडीशन की ओर नहीं जाने देगा। वैक्सीन कोरोना वायरस के संक्रमण से तो बचाएगा ही साथ ही हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को और मजबूती देगा। जब तक हमारा शरीर पूरी तरह से कोविड-19 से जीतने में सक्षम नहीं हो जाता तब तक पर्याप्त सुरक्षा रखना ही बेहतर है। पहले डोज के बाद भी मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियम अपनाना बेहतर होगा। वैक्सीन ही हमारा प्रतिरक्षा तंत्र और मजबूत कर कोरोना पर हमारी जीत सुनिश्चित करेगा।
40 बेड में है ऑक्सीजन की सुविधा
रायगढ़, 12 मई2021/ कलेक्टर भीम सिंह ने आज जिंदल प्रबंधन की ओर से प्रारम्भ किये जा रहे 80 बिस्तरीय कोविड केयर सेंटर का शुभारम्भ किया। पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह भी इस दौरान साथ रहे। शुरू किए जा रहे सेंटर में 40 ऑक्सीजन और 40 नार्मल बेड की सुविधा मिलेगी।
इस अवसर पर कलेक्टर सिंह ने कहा कि कोरोना की वर्तमान वेव में ऑक्सीजन डिमांड वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसके मद्देनजर तेजी से ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ायी जा रही हैं। ऐसे समय में जिंदल प्रबंधन द्वारा यह 80 बेड शुरू किया जा रहा है। जिसमें 40 ऑक्सीजन बेड हैं। उनका यह सहयोग अत्यंत सराहनीय है। जिंदल को ओर से हेल्थ केयर सुविधाओं के लिए लगातार सहयोग किया जा रहा है। इनके द्वारा रायगढ़ के साथ पूरे प्रदेश में लगातार ऑक्सीजन सप्लाई किया जा रहा है। जिंदल द्वारा रायगढ़ के ऑक्सीजन प्लांट्स में भी लिक्विड ऑक्सीजन दिया जा रहा है। जिससे जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी, नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय, मुख्य संचालन अधिकारी डी.के.सरावगी, मानव संसाधन अधिकारी पंकज लोचन, उपाध्यक्ष रोलिंग मिल विकास गोयल, अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.भाटी सहित जिंदल प्रबंधन के अन्य अधिकारी, डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ उपस्थित रहे।
सालभर से रूपये निकाल रहे थे आरोपी, आडिट पर हुई जानकारी, दोनों गिरफ्तार
धरमजयगढ़। दिनांक 10.05.2021 को राईटर विजनेश सर्विसेज प्रा0लि0 के सहायक प्रबंधक विपिन कुमार सिंह पिता स्व0 सुदर्शन सिंह निवासी मोदी नगर रायगढ थाना चक्रधरनगर रायगढ़ द्वारा थाना धरमजयगढ़ में इनके कम्पनी में कार्यरत एटीएम कस्टिडियन राम विलास चौहान तथा रोशन तिगगा द्वारा दो एटीएम में डाले गए रुपए में 17,71,000 रुपए कम पाए जाने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराया गया है। आवेदन पत्र पर दोनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 409, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
रिपोर्टकर्ता बताए कि कंपनी के कर्मचारी 01. राम विलास चौहान पिता शंकरराम चौहान उम्र 27 साल निवासी धवीटोली सिंगिबहार थाना तपकरा जिला जशपुर (छ0ग0), 02. रोशन तिग्गा पिता फबियानुस तिग्गा उम्र 26 साल निवासी सारसबहार चटकपुर डंण्डा डीह थाना दुलदुला जिला जशपुर दोनों कर्मचारियों को एटीएम कस्टोडियन के रूप में नियुक्त किया गया है। दोनों कस्टोडियन को भारतीय स्टैट बैंक शाखा धरमजयगढ से प्रदान किये गये इंडेट के अनुसार नगदी निकालने तथा एटीएम में लोड करने कि जिम्मेदारी सौपी गई थी जो दिनांक 04/05/2021 को आडिट करने एवं जांच पश्चात नगदी रकम 17,71000/रूपये (सत्रह लाख इक्हत्तर हजार रूपये) का कमी पाया गया। दोनों एटीएम अंतिम बार दिनांक 27/04/221 को विजिट किए गए थे।
अपराध विवेचना दरम्यान धरमजयगढ़ पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया। आरोपी रामविलास चौहान बताया कि 2015 से दोनों एटीएम ऑपरेटर का काम कर रहे हैं। दोनों चार एटीएम -धरमजयगढ़ एसबीआई एटीएम, धरमजयगढ़ एक्सिस बैंक एटीएम, पत्थलगांव एचडीएफसी एटीएम और बागबाहर एसबीआई एटीएम में पैसा डालने के लिए राइटर बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड रायपुर से अधिकृत हैं। रायगढ़ कार्यालय से जितने भी एटीएम में पैसा डालने का काम करते हैं उनका एक डब्ल्यूबीएस रायगढ़ में ग्रुप बना है। किस एटीएम में पैसा डालना है मेल के जरिये जानकारी मिलती थी। मेल से प्राप्त वाउचर के जरिए धर्मजयगढ़ के एसबीआई बैंक से रूपये निकालते और एटीएम में डाला करते थे। चारों एटीएम का चाबी इनके पास रहता था एटीएम खोलने के लिए इनके ऐप में रिक्वेस्ट भेज कर पासवर्ड प्राप्त करते थे और मशीन खोलकर पहले एटीएम से स्लिप निकाल कर बैलेंस चेक कर कम्पनी से मिले एडमिन कार्ड से बैलेंस चेक और लॉगिन करते थे। पिछले 7 महीने से धर्मजयगढ़ और बागबाहर एसबीआई एटीएम से लॉगिन करके पैसा निकालते थे। दोनों लगभग 17 लाख 71 हजार रुपए निकाले हैं, कब कितना पैसा निकालें याद नहीं है, बताये। आरोपी रामविलास चौहान एटीएम से निकाले पैसे जुए में हार जाना तथा इसका साथी रोशन तिग्गा बंटवारे में मिले रकम में से मोटरसाइकिल खरीदना तथा परिवारजनों का इलाज कराना और घूमने खाने-पीने में खर्च करना बताया है दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। कल दोनों को रिमांड पर भेजा जावेगा।