मनोरंजन

रितिक रोशन ने एक्स वाइफ सुजैन के लिए लिखा इमोशनल पोस्ट
Posted Date : 27-Nov-2018 12:25:47 pm

रितिक रोशन ने एक्स वाइफ सुजैन के लिए लिखा इमोशनल पोस्ट

ऐक्टर रितिक रोशन और सुजैन खान 14 साल तक शादी के बंधन में बंधे रहने के बाद साल 2014 में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। दोनों के अलग होने से लेकर बाद के समय तक उनके रिश्ते और अलग होने की वजह को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आईं, जिनमें दावा किया गया कि दोनों एक-दूसरे को देखना भी नहीं चाहते। हालांकि, इन दोनों ने इन रिपोर्ट्स को महज अफवाह साबित कर दिया है।
रितिक और सुजैन अलग होने के बाद भी न सिर्फ एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं बल्कि बच्चों की क्वालिटी पैरंटिंग के लिए साथ में मिलकर काम करते हैं। इसके लिए वह एक परिवार की तरह साथ में हॉलिडे मनाने भी जाते हैं। इतना ही नहीं मुश्किल समय में भी दोनों एक-दूसरे के लिए खुलकर सपॉर्ट शो करते दिखे। 
इस खास रिश्ते और सुजैन को लेकर रितिक रोशन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक इमोशनल पोस्ट लिखी। इसमें उन्होंने जाहिर किया कि रिश्ते टूट जाने का मतलब यह नहीं है कि दो इंसान जुड़े नहीं रह सकते या फिर उनके बीच का प्यार खत्म हो जाता है। 
रितिक ने सुजैन को अपना सबसे करीबी दोस्त बताते हुए लिखा, यह है सुजैन, मेरी सबसे करीबी दोस्त (मेरी एक्स वाइफ भी), जो मेरे और बच्चों के साथ बिताए समय को कैप्चर कर रही है। यह अपने आप में एक मूमेंट है। यह हमारे बच्चों को सिखाता है कि लाइन्स और आइडिया के बीच बंटी इस दुनिया में एकता के साथ रहना मुमकिन है। आप भले ही खुद के लिए अलग चीजें चाहते हों लेकिन बावजूद इसके बिना बंटे रहा जा सकता है।
इस इमोशनल पोस्ट के आखिर में रितिक ने लिखा, यह और एकजुट, सहिष्णु, बहादुर, ओपन और प्यार करने वाली दुनिया के लिए। इस सब की शुरुआत घर से होती है।

 

जब पहला ऐड शूट के बाद ऑटो में रोती हुईं घर वापस लौटी थीं सान्या मल्होत्रा
Posted Date : 27-Nov-2018 12:24:53 pm

जब पहला ऐड शूट के बाद ऑटो में रोती हुईं घर वापस लौटी थीं सान्या मल्होत्रा

बधाई हो ऐक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा ने बताया कि फिल्मों में ऐक्टिंग का सफर उनके लिए इतना आसान नहीं था। उन्होंने अपने उस सफर के बारे में बताया कि कैसे वह एक डांस टीचर और योग टीचर से ऐक्टिंग की दहलीज तक पहुंचीं।
डांसिंग हमेशा से मेरा जुनून था, लेकिन कॉलेज जाने से पहले तक मुझे अपने घर में आईने के सामने बॉलिवुड चार्टबस्टर पर या फिर कभी-कभार पार्टियों में ही डांस करने का मौका मिल पाता। दिल्ली यूनिवर्सिटी आने के बाद मैंने कोरियॉग्रफी सोसायटी को जॉइन किया और नए तरह के डांस और टेक्नीक सीखे। थर्ड इयर में पहुंचने के बाद मुझे एक बैले कंपनी में इंस्ट्रक्टर का काम मिला और मैं छोटी बच्चियों को डांस सिखाने लगी। मैं डांस के साथ-साथ ऐक्टिंग भी करना चाहती थी, लेकिन मुंबई आना और अपने सपनों को अंजाम देना तब काफी मुश्किल था, इसलिए मैंने तय किया कि तब तक में डांस में ही आगे काम करूंगी और ग्रैजुएशन के बाद मैंने दिल्ली के एक स्कूल में बतौर डांस टीचर जॉइन किया। सच कहूं तो मैं शुरुआत में इसे लेकर कुछ ज्यादा उत्साहित नहीं थी, लेकिन जब मैंने क्लास लेना शुरू किया तो इसे इंजॉय करने लगी। वहां मेरे साथ सबका व्यवहार काफी अच्छा था और सब काफी स्नेह करते। अच्छी बात यह थी कि मैं दोपहर तक फ्री हो जाती थी और मेरे पास शाम का अपना वक्त होता था। मुझे तब 15000 रुपए मिलते थे और मैंने अपनी पहली सैलरी अपने माता-पिता को दे दी थी।
शुरुआत के कुछ दिन पहले तो केवल लड़कियां आया करती थीं क्लास में और लडक़े म्यूजिक़ क्लास में जाते, लेकिन लगभग एक वीक के बाद सबके सब डांस के लिए आने लगे। म्यूजिक़ टीचर से इस बात को लेकर शिकायत भी की थी, लेकिन तब मुझे काफी अच्छा फील हुआ था। मेरे पहले टीचर्स डे पर मुझे काफी सारे गिफ्ट्स मिले और मैं टीचर ऑफ द इयर घोषित की गई। करीब 4 महीने तक मैं बैले क्लास और उस स्कूल के बीच जूझती रही और इसके बाद मुझे रिऐलिटी शो डांस इंडिया डांस से ऑडिशन के लिए कॉल आया। मैं इसे किसी भी हाल में करना चाहती थी, क्योंकि मुझे यकीन था कि मेरे लिए यह ऐक्टिंग तक पहुंचने का रास्ता खोल सकता है। इस बात से प्रिंसिपल काफी अपसेट भी थे लेकिन मैं अपना मन बना चुकी थी। मैं टॉप 100 पार्टिसिपेंट्स में पहुंच तो गई, लेकिन आगे बात नहीं बन पाई। चूंकि तब मैं मुंबई में ही थी तो मैं मैंने सोचा कि मैं वहां एक आर्ट डायरेक्टर फ्रेंड के साथ 10-15 दिन और रुक जाऊं और कुछ अन्य ऑडिशन दूं। उस वक्त मैं किसी भी चीज पर अपना मन केन्द्रित नहीं कर पा रही थी। मैं जुहू के पृथ्वी कैफे और वहां की कुछ जगहों पर भटका करती, लेकिन इस दौरान मुझे उस शहर से प्यार हो गया। मैं वापस दिल्ली लौटी और मैंने अपने पापा से अपनी ऐक्टिंग के सपने को लेकर बात की। इसके बाद मैं वापस मुंबई लौट गई और लगा कि जैसे मुझे तुरंत कोई बड़ा ब्रेक मिल जाएगा। हालांकि, ऐसा कुछ हुआ नहीं, लेकिन 3-4 महीने के भीतर मुझे पता लग गया कि कहां ऑडिशंस हो रहे हैं और कौन को-ऑर्डिनेटर, कास्टिंग डायरेक्टर है। मैं केवल 10 हजार रुपए अपने अकाउंट में लेकर चली थी इसलिए ऐक्टिंग जॉब ढूंढने के साथ-साथ मैं कोरियॉग्रफर से यह भी पूछा करती कि क्या उन्हें किसी असिस्टेंट की जरूरत है। मैं बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने के लिए भी तैयार थी, लेकिन मुझे कोई ऑफर नहीं मिला। 
इसके बाद मैंने अपनी बिल्डिंग की आंटियों को योग सिखाने का काम शुरू किया। हालांकि, मैंने इसे पैसे कमाने के लिए क्लास की तरह शुरु नहीं किया था, लेकिन योग सीखने वाली लेडीज़ कुछ सेशंस के बाद पैसे लेने की जिद करने लगीं। मैं उन्हें योग सिखाने के लिए हर दिन अपना 2 घंटे दिया करती थी। यह हेल्थ के लिए काफी अच्छा है और मैं अब भी रोज प्रैक्टिस करती हूं। 
इस दौरान मुझे सेकंड लीड के तौर पर पहला ऐड मिला। सेट पर मौजूद लोग अच्छे नहीं थे और मुझे याद है कि मैं घर लौटते हुए ऑटो रिक्शा में रो पड़ी थी। मैं अपसेट थी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मुझे पता लग गया था कि सिस्टम कैसे काम करता है और तब मैंने सोचा कि अगली बार से मैं ज्यादा केयरफुल रहूंगी। मेरा अगला ऐड नीरजा के डायरेक्टर राम माधवानी के साथ था और इस बार मैं लीड रोल में थी। यह सेलुलर ब्रैंड का ऐड था, जो कि फऩ से भरा रहा। हमने शूट से पहले कुछ वर्कशॉप भी अटेंड किया था इसलिए मुझे पता था कि मुझसे क्या उम्मीद की जा रही है। 
इसके बाद समय-समय पर मुझे ऐड मिलते रहे और बाकी के वक्त मैं ऑडिशन दिया करती। करीब एक साल बाद मुझे कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा के ऑफिस से एक फिल्म के लिए कॉल आया, जो कि सेकंड लीड के लिए था और इसलिए मेरा मन इसके लिए राजी नहीं हो रहा था। चूंकि मुकेश ने खुद कॉल किया था इसलिए मैंने यह रोल स्वीकार कर लिया, लेकिन बाद में यह फिल्म खुद ठंडे बस्ते में चली गई इसलिए यहां मैं फिल्म या मेकर्स का नाम नहीं लेना चाहूंगी। 
कुछ महीने बाद मुझे मुकेश के ऑफिस से फिर कॉल आया और इस बार फोन दंगल के लीड कैरक्टर के लिए था। मैंने ऑडिशन दिया और मैं स्क्रीन टेस्ट को लेकर तबतक सबकुछ भूल गई जब तक कि मुझे वापस उनकी ऑफिस से यह बताने के लिए फोन नहीं आया कि आमिर खान मुझसे मिलना चाहते हैं। तब मैं अपनी मां का बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए दिल्ली पहुंची ही थी, लेकिन यह सुनकर मैं फौरन मुंबई लौट आई, क्योंकि 20 अन्य लड़कियां इस रोल के लिए सिलेक्ट हुई थीं। इसके बाद कुछ और सेशंस हुए, जो करीब महीने भर चले और तब तक हम यह जानने के लिए बेचैन हो चुके थे कि इस रोल के लिए किसे सिलेक्ट किया गया है। इसके बाद फातिमा (सना शेख) और मुझे प्रॉडक्शन हाउस से कॉल आया कि वह गीता (महावीर फोगाट की बड़ी बेटी) का रोल करेंगी और मैं छोटी बेटी (बबीता) का रोल प्ले करूंगी। मैं उस दिन को कभी भुला नहीं सकती।

 

जब पार्टी में रणवीर ने कहा कुछ ऐसा कि शरमा गईं दीपिका
Posted Date : 27-Nov-2018 12:23:45 pm

जब पार्टी में रणवीर ने कहा कुछ ऐसा कि शरमा गईं दीपिका

पिछले हफ्ते जब से दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की शादी हुई है तब से यह कपल लगातार खबरों में बना हुआ है। 21 नवंबर को इस कपल ने बेंगलुरु में रिसेप्शन पार्टी रखी थी और उसके बाद 24 नवंबर को रणवीर की बहन रितिका भवनानी ने इन दोनों की शादी की खुशी में मुंबई में पार्टी रखी।
इस पार्टी की तस्वीरें और विडियो लगातार सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे हैं। ऐसे ही एक विडियो में रणवीर सिंह पार्टी में मौजूद लोगों से अपनी पत्नी को इंट्रोड्यूस करते हुए कहते हैं कि उन्होंने दुनिया की सबसे खूबसूरत लडक़ी से शादी की है। यह सुनकर दीपिका शरमा कर मुस्कुराने लगती हैं।
इसके अलावा एक और विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दीपिका और रणवीर एक साथ डान्स करते दिखाई दे रहे हैं।

 

छम्मा छम्मा के रीमेक का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं : एली अवराम
Posted Date : 26-Nov-2018 11:40:08 am

छम्मा छम्मा के रीमेक का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं : एली अवराम

अभिनेत्री एली अवराम का कहना है कि वह छम्मा छम्मा के रीक्रिएशन का हिस्सा बनने के लिए आभारी हैं और उन्होंने इसे टाइमलेस आइकोनिक गीत बताया। एली ने गुरुवार को ट्विटर पर वर्ष 1998 की फिल्म चाइना गेट के गीत की कुछ झलकियां जारी की। इसका मूल गीत उर्मिला मातोंडकर पर फिल्माया गया था।
तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, जल्द आ रहा है..बहुत जल्द। छम्मा छम्मा रीक्रिएशन, लेकिन पहले मैं यह कहना चाहूंगी कि मैं खूबसूरत और शक्तिशाली उर्मिला मातोंडकर के साथ ऐसे टाइमलेस आइकोनिक गीत के रीमेक का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं। 
मनीष भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म फ्रॉड सैंया में एली इस गीत के रीमेक पर डांस करती दिखेंगी। यह मनीष भट्ट द्वारा निर्देशित है। आदिल शेख ने गीत कोरियोग्राफ किया है। यह तनिष्क बागची द्वारा रीक्रिएट किया गया है और नेहा कक्कड़ द्वारा गाया गया है। राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित, चाइना गेट में नसीरुद्दीन शाह, डैनी डेंजोंगप्पा, परेश रावल और दिग्गज अभिनेता ओम पुरी और अमरीश पुरी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे।

 

बुजुर्ग पीढ़ी को टीवी पर फिल्म देखना पसंद : मिथिला पालकर
Posted Date : 26-Nov-2018 11:37:35 am

बुजुर्ग पीढ़ी को टीवी पर फिल्म देखना पसंद : मिथिला पालकर

अभिनेत्री मिथिला पालकर का कहना है कि हमारी बुजुर्ग पीढ़ी फिल्म थिएटर में जाकर फिल्में देखने के बजाय टीवी पर देखने को तरजीह देती है। अभिनेत्री ने कारवां, वेब शो ऑफिसियल चुकियागीरी व लिटिल थिंग्स में काम के जरिए अपनी पहचान बनाई है। मिथिला की फिल्म कारवां जल्द ही टीवी पर प्रसारित होने वाली है।
मिथिला ने कहा, हमारे दादा-दादी की पीढ़ी थिएटर में जाने की बजाय टीवी पर फिल्म देखने को तरजीह देती है, इसकी वजह है कि वे बुजुर्ग हैं। उन्होंने कहा, उनके लिए एक जगह बैठकर दो घंटे की फिल्म देखना मुश्किल है। यही वजह है कि मैं मानती हूं कि फिल्म के डिजिटल व टीवी पर आने से इसे बड़ी संख्या में दर्शक मिलेंगे, जो मेरे लिए फायदे की स्थिति है।
कारवां का निर्देशन आकर्ष खुराना ने किया है। फिल्म में दलकैर सलमान व इरफान खान ने भी भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म कारवां में मिथिला ने कॉलेज छात्रा तान्या की भूमिका निभाई है। कारवां का सोनी मैक्स पर रविवार को वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर होगा।

 

पुरानी नहीं फ्रेश फिल्म है भैयाजी सुपरहिट: सनी देओल
Posted Date : 26-Nov-2018 11:37:03 am

पुरानी नहीं फ्रेश फिल्म है भैयाजी सुपरहिट: सनी देओल

बॉलीवुड के माचो मैन सनी देओल का कहना है कि उनकी फिल्म भैयाजी सुपरहिट पुरानी नहीं बल्कि फ्रेश फिल्म है।
सनी देओल की फिल्म ‘भैयाजी सुपरहिट’ 23 नवंबर रिलीज हो गयी है। फिल्म में उनके अलावा प्रीति जिंटा, अमीषा पटेल, अरशद वारसी और श्रेयस तलपड़े लीड भूमिका में हैं। भैयाजी सुपरहिट काफी समय से बनायी जा रही थी। सनी देओल से जब पूछा गया कि भैयाजी सुपरहिट को बनने में काफी साल लग गए। इस देरी के कारण क्या फिल्म को नुकसान होगा। जवाब में सनी ने कहा , फिल्म को बनने में या तो समय लग जाता है या फिर फिल्म रिलीज ही नहीं हो पाती। हमारी इंडस्ट्री में तो ये बातें चलती रहती हैं। मेरी घातक को 6-7 साल लगे थे। वह मेरी सुपरहिट फिल्म थी। मुगल-ए-आजम को कई साल लग गए।
सनी ने कहा , मुझे नहीं लगता कि फिल्म बनने के वक्त का फिल्म पर कोई असर पड़ता है। वैसे यह फिल्म 2011 में शुरू हुई थी। उसके बाद हमने चार दिन एक्शन पोर्शन शूट किया। मेजर फिल्म तो 2015 से 2017 के बीच शूट हुई। यह फिल्म ढाई साल में पूरी हुई। हालांकि फिल्म में कुछ इश्यूज थे, लेकिन फिर उन्हें निपटा दिया गया। ट्रेलर का रिस्पॉन्स बहुत अच्छा है। फिल्म कहीं से भी पुरानी नहीं लग रही है। मैं यही कहना चाहूंगा कि फिल्म एकदम फ्रेश है।