रायपुर (आरएनएस)। राज्य शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा सामथ्र्य विकास योजना के अंतर्गत पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिसम्बर 2016 तक 1,486 हितग्राहियों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान किये गये है। सामथ्र्य विकास योजना अंतर्गत प्रदेश के निशक्त हितग्राहियों को उपयुक्त टिकाऊ, वैज्ञानिक रूप से तैयार आधुनिक एवं मानकीकृत सहायक यंत्र एवं उपकरण शिविर आयोजित कर प्रदान किये जाते हैं। योजना का उद्देश्य निशक्तजनों का प्रमाणिकरण करना, गतिशीलतता बढ़ाना एवं उनका आर्थिक-सामाजिक, व्यवसायिक पुर्नवास करना है।
बिलासपुर (आरएनएस)। ब्रम्हकुमारीज की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा की 52वीं पुण्यतिथि पर टिकरापारा सेवाकेंद्र में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर आरपीएफ के सीनियर डीएससी भवानीशंकर नाथ ने कहा कि परमात्मा ने ब्रम्हकुमारीज संस्थान में वर्ष 1937 में बहनों को संस्था की बागडोर सौंपकर समाज में नारी सशक्तिकरण का सुंदर मिसाल प्रस्तुत किया। इसकी प्रथम प्रशासिका जगदंबा सरस्वती ओम राधे रहीं। उनके सकारात्मक परिवर्तनों को देख मन में इस संस्था के कार्यों के प्रति बहुत सम्मान जागृत हुआ है। आरपीएफ के सीनियर डिवीजनल सिक्युरिटी कमिश्नर श्री नाथ ने कहा कि महिलाओं को इस अध्यात्म क्रांति का आधार बनाकर सशक्त करना, ऐसे दिव्य संकल्प परमात्मबुद्धि से युक्त व्यक्ति में ही आ सकते हैं। महिला सशक्तिकरण के कार्य को इतनी कुशलता से किए जाने के प्रयास को देख गर्व की अनुभूति होती है। सेवाकेंद्र प्रभारी बीके मंजू दीदी ने मातेश्वरी के बारे में कहा कि वे शीतल स्वभाव, गंभीर, मीठे बोल, शांति की अवतार थीं। वे एकांत का अभ्यास करने के लिए रोज सवेरे 2 बजे उठकर परमात्मा की याद में रहने की तपस्या करती थीं। अंत में सभी ने मातेश्वरी को श्रद्धांजलि दी।
जगदलपुर (आरएनएस)। बीजापुर जिला भैरमगढ़़ विकासखंड के मिरतूर पंचायत अंतर्गत तड़केल जंगल में 12वीं शताब्दी की विलक्षण भैरव प्रतिमा मिली है। वहीं ग्रामीणों ने बस्ती के पुरनतरई तालाब की मेड़ से एक विष्णु प्रतिमा को खोद निकाला है। पुरातत्व विभाग के उप संचालक ने माना कि इन मूर्तियों का रिकार्ड विभाग के पास नहीं था। ग्रामीण फिलहाल भैरव प्रतिमा को एक झोपड़ी में रखे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बीजापुर जिले से करीब 55 किमी दूर "्राम तड़केल के कुंजामपारा से लगे जंगल में एक दुर्लभ भैरव प्रतिमा है। यह जानकारी मिलते ही पुरातत्व विभाग के उप संचालक जेआर भगत संवाददाता के साथ तड़केल पहुंचे। जंगल में मिली यह प्रतिमा काले पत्थर में उकेरी गई है। यह 53 सेमी ऊंची, 28 सेमी चौड़ी और आठ सेमी मोटी है। इस प्रतिमा में उकेरी गई कला स्पष्ट है। इसमें स्वान का भी चित्रण किया गया है। इसके पास ही भैरवी की प्रतिमा भी मिली है यह 72 सेमी ऊंची है परंतु यह अस्पष्ट और इसमें नक्काशी का अभाव है।
तड़केल के राजूराम, भदरूराम, बुगुरराम और मंगूराम आदि ने मौके पर पहुंचे पुरातत्व विभाग के अधिकारी से कहा कि बस्ती से तीन किमी दूर ढोलकल शिखर की गणेश प्रतिमा को अज्ञात लोगों ने क्षति पहुंचाई है। जंगल में उपेक्षित पड़ी भैरव प्रतिमा के साथ भी ऐसी हरकत हो सकती है, इसलिए पुरातत्व विभाग तड़केल में ही पक्का देवालय बनाकर इन मूर्तियों को सहेजने का प्रयास करे। उप संचालक ने उच्च अधिकारियों से तड़केल में देवालय स्वीकृत कराने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है। छग संस्कृति व पुरातत्व विभाग के उप संचालक जेआर भगत ने मौके पर ही बताया कि तड़केल की भैरव प्रतिमा दंतेवाड़ा से गायब टुंडाल भैरव मूर्ति के सदृश्य है और पूरी तरह से सुरक्षित है। यह छिंदक नागवंशी काल में निर्मित 12वीं शताब्दी की प्रतीत होती है। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे अपने स्तर पर इन मूर्तियों की सुरक्षा करें।