नई दिल्ली ,16 नवंबर। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली महिला अपने पार्टनर के खिलाफ घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारे भत्ते के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन के एक मामले में अपना फैसला देते हुए कहा है कि घरेलू हिंसा में न सिर्फ शारीरिक, मानसिक बल्कि आर्थिक तौर पर प्रताडि़त करने के मामले में लिव-इन में रह चुकी महिला अपने पार्टनर के खिलाफ कानूनी उपचार का सहारा ले सकती है। इस कानून के तहत वह गुजारा भत्ते की हकदार है।
असल में लिव-इन का यह मामला एक महिला से जुड़ा है, जिसने लिव-इन रिलेशनशिप से एक बेटे को जन्म दिया था। महिला और उनके बेटे को फैमिली कोर्ट ने 2010 में गुजारा भत्ता दिए जाने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ महिला के पार्टनर ने झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जो शादीशुदा महिला हैं, उन्हें ही सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुजारा भत्ता दिया जा सकता है। इस पर महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि महिला शादीशुदा नहीं है, तो भी घरेलू हिंसा कानून के तहत महिला भत्ते की हकदार हो सकती है। चूंकि शादीशुदा नहीं है। ऐसे में सीआरपीसी की धारा-125 के तहत गुजारा भत्ते की हकदार हो सकती है। घरेलू हिंसा में आर्थिक प्रताडऩा भी शामिल है। अगर किसी को आर्थिक स्रोत से वंचित किया जाता है, तो वह इस दायरे में है।
0-आंध्र सरकार का बड़ा फैसला
हैदराबाद ,16 नवंबर। सीबीआई में भ्रष्टाचार विवाद पर मचे घमासान के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने एक बड़े फैसले से सबको चौंका दिया है। चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने सूबे में सीबीआई की सीधी दखलंदाजी पर पाबंदी लगा दी है। दरअसल, सरकार ने सेंट्रल ऐक्ट 1946 के तहत उस आम सहमति को वापस ले लिया है जो दिल्ली स्पेशल पुलिस इश्टैब्लिशमेंट के सदस्यों को सूबे के भीतर अपनी शक्तियों और अधिकारक्षेत्र का प्रयोग करने के लिए दी गई थी। ऐसे में अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमाओं के भीतर किसी मामले में सीधे दखल नहीं दे सकती है। बता दें कि नायडू ने पिछले दिनों यह भी आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार उनसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए राज्य को समाप्त करने की साजिश कर रही है।
नायडू ने पिछले दिनों यह आशंका भी जताई थी कि प्रदेश के पूजा स्थलों पर आने वाले दिनों में हमले हो सकते हैं। नायडू ने यह भी आरोप लगाया था कि बिहार और अन्य राज्यों से गुंडों को कानून-व्यवस्था खराब करने के लिए आंध्र प्रदेश लाया जा रहा है। इससे पहले नायडू ने आरोप लगाया था कि केंद्र की तरफ से उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है।
बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
इस दौरान नायडू ने दो टूक कहा कि विधानसभा चुनावों में तेलुगु देशम पार्टी को सत्ता में दोबारा आने से रोकने के किसी भी प्रयास को हम सफल नहीं होने देंगे। सीएम ने यह भी आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार हिंदुओं की भावनाओं को भडक़ा कर उन्हें सरकार के खिलाफ कर रही है।
बीजेपी ने बताया था उटपटांग बयान
उधर, बीजेपी ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी को उटपटांग बताते हुए कहा था कि यह नायडू के पागलपन को उजागर करती है। बता दें कि पिछले दिनों वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी पर हुए हमले के कुछ ही घंटे बाद नायडू ने केंद्र और तेलंगाना राष्ट्र समिति पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि दोनों, उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं ।
0-20 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
नई दिल्ली ,16 नवंबर । सीबीआई में चल रहे अंदरूनी विवाद को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत में छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर बहस हुई। इस दौरान कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को देने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि वर्मा को इस रिपोर्ट के आधार पर सोमवार तक जवाब देना होगा। कोर्ट ने कहा कि जवाब सीलबंद लिफाफे में दिया जाए। सीवीसी ने भी सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर यानि को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि सीवीसी ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ जो रिपोर्ट दी है, उसमें कई पेचीदा पहलू भी हैं। वहीं सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि फैसलों में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। बता दें कि कोर्ट ने वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद नागेश्वर राव के लिए गए फैसलों को सीलबंद लिफाफे में तलब किया था। बता दें कि आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार की ओर से छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर करप्शन के आरोप लगने के बाद वर्मा ने उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया था और छुट्टी पर भेज दिया था। इसके बाद सरकार ने वर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया। उन पर भी करप्शन के आरोप थे, ऐसे में सरकार का कहना था कि स्वतंत्र जांच के लिए दोनों का ही छुट्टी पर जाना जरूरी है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर के अपने आदेश में सीवीसी को आदेश दिया था कि वह दो सप्ताह में आलोक वर्मा के खिलाफ अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपे। कैबिनेट सेक्रटरी की ओर से 24 अगस्त को वर्मा के खिलाफ लिखे गए पत्र में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीवीसी ने पूरी कर ली है। हालांकि खबरें ये भी आईं कि इस रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया है।
श्रीनगर,16 नवंबर । जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों ने एक नागरिक का अपहरण किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले के सफनगरी इलाके के निवासी नदीम मंजूर को गुरुवार रात को अगवा किया गया था। उन्होंने बताया कि बाद में आतंकवादियों ने मंजूर की हत्या कर दी। अधिकारी ने कहा, ‘‘मंजूर का गोलियों से छलनी शव पुलिस ने निक्लोरा पुलवामा से बरामद किया।’’ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी।
साउथ कोरिया की फर्स्ट लेडी किम जुंग सूक ने दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार दीपावली के मौके पर उत्तराखंड जा रहे हैं। खबर है कि इस बार सरहद पर जवानों के साथ दिवाली मनाएंगे। प्रधानमंत्री के दौरे के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम उत्तराखंड में चीन से लगने वाली सरहद पर सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ दीपावली का त्योहार मनाएंगे। पीएम के अलावा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी जवानों के साथ दीपावली मनाएंगी।