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हुंडई इंडिया 2028 तक कार उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 11 लाख यूनिट्स करेगी
Posted Date : 11-Oct-2024 8:49:59 pm

हुंडई इंडिया 2028 तक कार उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 11 लाख यूनिट्स करेगी

नई दिल्ली  । हुंडई इंडिया की ओर से ऐलान किया गया है कि कंपनी की योजना 2028 तक अपनी कार उत्पादन क्षमता को 30 प्रतिशत बढ़ाकर 11 लाख यूनिट्स करने की है, जो कि फिलहाल 8,24,000 है। कंपनी इसके लिए पुणे यूनिट में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके साथ पुणे में एक नया कार उत्पादन प्लांट भी लगाया जाएगा।  
कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इससे कंपनी की वॉल्यूम में इजाफा होगा और घरेलू एवं निर्यात बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) के आईपीओ के लिए बुलाई गई प्रेस वार्ता के दौरान कंपनी ने सीईओ किम उन्सू ने कहा कि 2023 से 2032 के दौरान एचएमआईएल की ओर से भारत में 32,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कंपनी इस दौरान इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में अपनी क्षमता बढ़ाने और प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान देगी। भारत में कंपनी के लिए एसयूवी सेगमेंट में काफी अवसर हैं।
कंपनी ने कहा कि हमारे पास वैश्विक बाजारों में बहुत मजबूत अनुभव था, इसलिए हम वास्तव में यह पहचानने में सक्षम हुए कि एसयूवी के लिए भारतीय बाजार में बड़ी संभावनाएं हो सकती हैं और आप देख सकते हैं कि एसयूवी सेगमेंट बीते कुछ वर्षों में कितना बढ़ गया है।
जानकारी के मुताबिक, हुंडई की ओर से भारत में ऑपरेशन क्षमता बढ़ाने के साथ नई एडवांस टेक्नोलॉजी और आरएंडडी में निवेश किया जाएगा। हुंडई मोटर इंडिया, भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ लाने जा रही है। यह 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक आम निवेशकों के लिए खुलेगा। इसका प्राइस बैंड 1,865 रुपये से लेकर 1,960 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।
यात्री वाहन सेगमेंट में मार्केट शेयर के हिसाब से हुंडई मोटर इंडिया, भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। ग्रैंड आई10, एनआईओएस, आई20, आई20 एन लाइन, ऑरा, एलांट्रा, वेन्यू, वेन्यू एन लाइन, वेरना, क्रेटा, क्रेटा एन लाइन, अल्काजार, टक्सन और ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी आईओएनआईक्यू 5 कंपनी के प्रमुख मॉडल हैं।

 

ओला इलेक्ट्रिक के बाद एथर एनर्जी की सर्विस से परेशान हुए ग्राहक, सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़
Posted Date : 10-Oct-2024 7:01:13 pm

ओला इलेक्ट्रिक के बाद एथर एनर्जी की सर्विस से परेशान हुए ग्राहक, सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़

नई दिल्ली  । सोशल मीडिया पर ओला इलेक्ट्रिक की खराब सर्विस को लेकर ग्राहकों की ओर से लगातार शिकायतें आ रही हैं। अब इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी एथर एनर्जी को लेकर भी ऐसा ही कुछ सामने आ रहा है।
ओला इलेक्ट्रिक के बाद एथर एनर्जी के ई-स्कूटर्स (इलेक्ट्रिक स्कूटर्स) को लेकर सोशल मीडिया पर ग्राहकों की शिकायतों की बाढ़ आ गई है।
एथर के ग्राहकों ने कंपनी की हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर सर्विस को लेकर शिकायतें दर्ज करवाई हैं। कंपनी की डिलीवरी सर्विस को लेकर भी देरी की शिकायतें हैं।
कंपनी ने एक्स हैंडल पर इन शिकायतों पर प्रतिक्रिया देते हुए इशू को जल्द से जल्द सुलझाने की बात कही है।
बुधवार को एक एथर ई-स्कूटर ग्राहक ने एक्स पर पोस्ट किया, 14 सितंबर को 10,000 ओडोमीटर के लिए सर्विसिंग की गई, स्कूटर में कई समस्याएं थी, स्टॉक स्पेयर नहीं होने की बात कहकर इस परेशानी की ओर ध्यान नहीं दिया गया।
कंपनी को शिकायत की गई तो जांच के लिए स्कूटर छोडऩे का सुझाव दिया गया, इसलिए 3 अक्टूबर को वापस लौटाया गया। कल स्कूटर की फोर्क के साथ डिलीवरी की गई, चाबी का स्लॉट बदला गया। लेकिन फिटिंग अधूरी थी।
एक दूसरे ग्राहक ने कहा, एथर एनर्जी मुझे अपने 450एक्स में समस्या आ रही है। 2 दिनों से जब मैं थ्रॉटल बंद करता हूं, तो वाहन तुरंत धीमा हो जाता है। पहले ऐसा नहीं होता था। कृपया मेरी सहायता करें कि क्या यह सॉफ्टवेयर समस्या है या मुझे सर्विस सेंटर जाना चाहिए।
कंपनी के एक अन्य ग्राहक ने कहा, आपकी इंदौर सिटी सेवाएं खराब हैं और कर्मचारी अहंकारी हैं, जो शिकायतों पर ध्यान नहीं देते हैं। पार्ट्स उपलब्ध नहीं हैं, मेरा वाहन 4 कार्य दिवसों के लिए सर्विस में है।
बुधवार को एक अन्य यूजर ने पोस्ट किया, एथर एनर्जी, मैं कल से अपने एथर 450एक्स की अपडेट स्क्रीन पर अटका हुआ हूं। रीस्टार्ट करने से काम नहीं चल रहा है और अगर मैं चाबी निकाल भी दूं, तो स्क्रीन चालू रहती है। यह वाकई निराशाजनक है।
कंपनी निराश और परेशान ग्राहकों की मदद के लिए अपनी ओर से लगातार प्रयासों में है।
दूसरी तरफ एथर एनर्जी आईपीओ के जरिए पैसा जुटाने की योजना में है। कंपनी ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास ड्राफ्ट रेट हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर दिया है। प्रस्तावित 3,100 करोड़ रुपये के आईपीओ में फ्रेश इश्यू के साथ 2.2 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल है।

 

रतन टाटा के निधन पर शेयर बाजार के निवेशक कुछ यूं दे रहे श्रद्धांजलि, 10% तक उछल गये स्टॉक्स
Posted Date : 10-Oct-2024 7:00:58 pm

रतन टाटा के निधन पर शेयर बाजार के निवेशक कुछ यूं दे रहे श्रद्धांजलि, 10% तक उछल गये स्टॉक्स

मुंबई  । टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर में गुरुवार को 10 प्रतिशत तक की तेजी आई। टाटा केमिकल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के शेयरों ने सबसे अधिक बढ़त दर्ज की। टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, ‘‘निवेशक टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंज्यूमर और इंडियन होटल्स जैसे शेयरों को खरीदकर रतन टाटा और उनके द्वारा निर्मित महान कॉर्पोरेट साम्राज्य को श्रद्धांजलि दे सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ रतन टाटा ने समूह की वृद्धि को आगे बढ़ाते हुए भारत की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया और लाखों साधारण निवेशकों को इस महान व्यक्ति के दृष्टिकोण से लाभ मिला।’’
10प्रतिशत तक उछल गये शेयर
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक बीएसई सेंसेक्स पर गुरुवार दोपहर टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन का शेयर 10.47 प्रतिशत बढक़र 7,235.80 रुपये पर ट्रेड करता दिखाई दिया। टाटा केमिकल्स का शेयर 6.26 प्रतिशत बढक़र 1,174.85 रुपये पर, टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र का शेयर 5.84 प्रतिशत बढक़र 83.77 रुपये पर, टाटा एलेक्सी का शेयर 3.37 प्रतिशत बढक़र 7,867.80 रुपये पर, टाटा पावर का शेयर 2.56 प्रतिशत बढक़र 472.70 रुपये पर पहुंच गया। इसके अलावा टाटा टेक्नोलॉजीज, रैलिस इंडिया, नेल्को, तेजस नेटवर्क्स, ताजजीवीके होटल्स एंड रिसॉर्ट्स, टाटा स्टील, टाटा कम्युनिकेशंस, और इंडियन होटल्स एंड कंपनी के शेयर में भी गुरुवार दोपहर तेजी देखने को मिली है। 
कौन होगा रतन टाटा का उत्तराधिकारी?
इस समय रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा संभावित उत्तराधिकारियों में टॉप पर चल रहे हैं। नोएल टाटा, रतन टाटा के पिता नवल टाटा की दूसरी प%ी सिमोन से जन्मे हैं। परिवार का हिस्सा होने के कारण भी उत्तराधिकारियों में नोएल टाटा का नाम काफी ज्यादा लिया जा रहा है। नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं। ये माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा हैं। ये भी रतन टाटा की संपत्ति के संभावित उत्तराधिकारियों में शामिल हैं।

 

इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट ने जनरेटिव एआई को वैश्विक स्तर पर अपनाने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाया
Posted Date : 10-Oct-2024 7:00:42 pm

इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट ने जनरेटिव एआई को वैश्विक स्तर पर अपनाने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाया

बेंगलुरू  । टेक्नोलॉजी सेक्टर की प्रमुख कंपनियों इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट ने बुधवार को वैश्विक स्तर पर ग्राहकों द्वारा जनरेटिव एआई और माइक्रोसॉफ्ट एज्योर को अपनाने में तेजी लाने में मदद के लिए अपने सहयोग का विस्तार करने की घोषणा की।
इस कदम का उद्देश्य इंफोसिस और माइक्रोसॉफ्ट के संयुक्त ग्राहकों को उनके टेक्नोलॉजी निवेश का मूल्य समझने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद करना है।
इंफोसिस गिटहब को-पायलेट को अपनाने वाली शुरुआती कंपनियों में से एक बन गई है। मौजूदा समय में इसके 18,000 से ज्यादा डेवलपर हैं, जिन्होंने को-पायलेट से 7 मिलियन से ज्यादा लाइन्स का कोड तैयार किया है और उसका इस्तेमाल किया है।
इंफोसिस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और ग्लोबल इंडस्ट्री लीडर आनंद स्वामीनाथन ने कहा, यह सहयोग ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से ग्राहकों को उच्च मूल्य प्रदान कर, वित्त, स्वास्थ्य सेवा, आपूर्ति श्रृंखला और दूरसंचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लागत-दक्षता प्रदान करता है। यह विभिन्न व्यावसायिक समस्याओं का समाधान करता है।
इंफोसिस ने हाल ही में पहली बार इंडस्ट्री फर्स्ट ‘गिटहब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ लॉन्च किया है।
कंपनी ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट की टेक्नोलॉजी और अपने खुद के इंडस्ट्री लीडिंग एआई और क्लाउड सुइट, इंफोसिस टोपाज और इंफोसिस कोबाल्ट, साथ ही इसके एआई-संचालित मार्केटिंग सुइट इंफोसिस एस्टर के साथ सहयोग से ग्राहक अनुभव को बढ़ाने और उद्यम एआई को वैश्विक रूप से अपनाने में मदद मिलेगी।
इनमें से कई समाधान एज्योर मार्केटप्लेस पर उपलब्ध होंगे, जिससे ग्राहक अपने माइक्रोसॉफ्ट एज्योर उपभोग प्रतिबद्धता (एमएसीसी) का उपयोग कर सकेंगे।
माइक्रोसॉफ्ट की मुख्य साझेदार अधिकारी निकोल डेजन ने कहा कि इंफोसिस के साथ इस सहयोग से उद्योगों में बदलाव आएगा, व्यावसायिक परिचालन में वृद्धि होगी, कर्मचारियों के अनुभव में सुधार होगा और ग्राहकों के लिए नया मूल्य उपलब्ध होगा।
डेजेन ने कहा, हम मिलकर समाधान प्रदान करने, एआई अपनाने को बढ़ावा देने और ग्राहकों के लिए नवाचार को सक्षम करने के लिए जनरेटिव एआई की शक्ति का उपयोग करेंगे।
एआई डेवलपर उत्पादकता लाभ से 2030 तक वैश्विक जीडीपी में 1.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की वृद्धि हो सकती है।

 

आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की दिशा में पहला कदम उठाया, अपना ये रुख बदला
Posted Date : 09-Oct-2024 9:02:09 pm

आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की दिशा में पहला कदम उठाया, अपना ये रुख बदला

मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अपनी नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन ब्याज दरों में कटौती की दिशा में पहला कदम उठा दिया है। केंद्रीय बैंक अपनी अपेक्षाकृत आक्रामक नीतिगत रुख को तटस्थ कर दिया है। पैनल ने सर्वसम्मति से नीतिगत रुख को तटस्थ करने का फैसला किया है। मौद्रिक नीति समिति, जिसमें आरबीआई के तीन अधिकारी और समान संख्या में नए बाहरी सदस्य शामिल थे, ने बेंचमार्क पुनर्खरीद या रेपो दर - जो घर, ऑटो, कॉर्पोरेट और अन्य ऋणों की ब्याज दर को नियंत्रित करती है - को 10वीं लगातार नीति बैठक के लिए 6. 5 प्रतिशत पर रखने के लिए पांच-से-एक वोट दिया। ब्याज दरों में आखिरी बार फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था, जब उन्हें 6. 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6. 5 प्रतिशत किया गया था।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च की मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुमन चौधरी ने कहा कि हालांकि एमपीसी ने दरों में कटौती के बारे में कोई स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं दिया है, लेकिन संभावना है कि यह इस साल दिसंबर या फरवरी 2025 में दरों में कटौती करेगी, बशर्ते मुद्रास्फीति का माहौल स्थिर हो और अगले कुछ महीनों में मुख्य मुद्रास्फीति लगातार 4. 5 प्रतिशत के भीतर रहे। आईसीआरए लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आउटरीच प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि एमपीसी समीक्षा ने रुख में बदलाव करके लचीलेपन को प्राथमिकता दी है। इससे दिसंबर 2024 में संभावित दर कटौती का रास्ता खुल गया है, अगर घरेलू और वैश्विक दोनों तरह की मुद्रास्फीति के लिए छिपे हुए जोखिम नहीं बनते हैं।
हमारे विचार में, भारतीय दर कटौती चक्र काफी उथला होगा, जो दो नीति समीक्षाओं में 50 आधार अंकों तक सीमित रहेगा।
खाद्य मुद्रास्फीति कम हो सकती है
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि समिति ने रुख बदल दिया है, लेकिन विकास को समर्थन देते हुए मुद्रास्फीति को लक्ष्य के मुताबिक बनाए रखने पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति कम हो सकती है, जबकि अस्थिर खाद्य और ऊर्जा लागत को छोडक़र कोर मुद्रास्फीति अपने निचले स्तर पर पहुंच गई है। भारत का आर्थिक विकास परिदृश्य बरकरार रहा, निजी खपत और निवेश में भी वृद्धि हुई। रुख में बदलाव से आगामी एमपीसी बैठकों में ब्याज दरों में कटौती की संभावना का संकेत मिलता है, अगली बैठक दिसंबर की शुरुआत में होने वाली है।
मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को अपरिवर्तित रखा
आरबीआई दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों के साथ नीतिगत बदलाव में शामिल होगा, जिसका नेतृत्व पिछले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में ढील देकर किया था। सितंबर में लगातार दूसरे महीने वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रही और आरबीआई की उम्मीद के मुताबिक, इस महीने फिर से उछाल आएगी, जिसका मुख्य कारण आधार प्रभाव है। आरबीआई ने 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) वित्तीय वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को 4. 5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। इसने अपने सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को भी 7. 2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।

 

चीन के शेयरों में गिरावट, आर्थिक प्रोत्साहन से भी निवेशक नहीं हुए खुश, जबकि एशिया के दूसरे बाजारों में तेजी
Posted Date : 09-Oct-2024 9:01:34 pm

चीन के शेयरों में गिरावट, आर्थिक प्रोत्साहन से भी निवेशक नहीं हुए खुश, जबकि एशिया के दूसरे बाजारों में तेजी

बीजिंग । एशिया के दूसरे बाजारों में तेजी के बावजूद चीन के शेयरों  में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। चीन ने जो भारी-भरकम प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया था, बीजिंग में अधिकारियों की ओर से उन योजनाओं का विवरण निवेशकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। नतीजा यह हुआ कि हांगकांग के शेयरों में तेजी और गिरावट के बीच उतार-चढ़ाव रहा, हैंग सेंग इंडेक्स 2. 4 प्रतिशत गिरकर 20,418 पर आ गया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह गिरावट मंगलवार को 9 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के बाद आई थी, क्योंकि व्यापारियों ने हाल ही में तेजी के बाद शेयरों को बेच दिया था।
इंडेक्स हुए धड़ाम
खबर के मुताबिक, आईजी के येप जून रोंग ने कहा कि नए प्रोत्साहन की कमी निराशा का कारण रही है, कई बाजार प्रतिभागियों को उम्मीद थी कि इसकी राजकोषीय नीतियां सितंबर के आखिर में दिए गए वित्तीय बज़ूका के नक्शेकदम पर चलेंगी, लेकिन मंगलवार की घोषणा में स्पष्ट रूप से कमी थी। शंघाई कंपोजिट 5. 1 प्रतिशत गिरकर 3,311. 02 पर आ गया, जबकि मंगलवार को राष्ट्रीय अवकाश के बाद फिर से खुलने पर इसमें 4. 6 प्रतिशत की तेजी आई थी। शंघाई और शेनझेन बाजारों में कारोबार करने वाले शीर्ष 300 शेयरों पर नजऱ रखने वाले सीएसआई300 इंडेक्स में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई। चीनी शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि बाजार अब आधे-अधूरे वादों को नहीं खरीद रहा है।
जापानी बाजार में बढ़त
टोक्यो में, निक्केई 225 इंडेक्स 0.6 प्रतिशत बढक़र 39,178 पर पहुंच गया। जापानी रिटेलर सेवन एंड होल्डिंग्स के शेयरों में शुरुआती कारोबार में 10 प्रतिशत से अधिक की उछाल आई, जब बात सामने आई कि कनाडाई सुविधा स्टोर संचालक एलीमेंटेशन काउच-टार्ड ने अपने अधिग्रहण की बोली में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि की है। आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बुधवार को जापान की संसद को भंग किया जाना था। इधर, ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 0. 2 प्रतिशत बढक़र 8,189 पर पहुंच गया। दक्षिण कोरिया के बाजार सार्वजनिक अवकाश के कारण बंद रहे।
नैस्डैक कंपोजिट में तेजी
मंगलवार को एसएंडपी 500, 1 प्रतिशत बढक़र 5,751 पर पहुंच गया। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0. 3 प्रतिशत बढक़र 42,080 पर पहुंच गया। जबकि नैस्डैक कंपोजिट 1. 4 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,182 पर पहुंच गया। 10 वर्षीय ट्रेजरी यील्ड सोमवार देर रात 4. 03 प्रतिशत से घटकर 4. 02 पर आ गई। दो साल की उपज, जो फेडरल रिजर्व द्वारा रातोंरात ब्याज दरों के साथ क्या किया जाएगा, इस बारे में अपेक्षाओं को अधिक बारीकी से ट्रैक करती है, सोमवार देर रात 3.99 प्रतिशत से 3.96 प्रतिशत पर आ गई, हालांकि यह अभी भी अगस्त के बाद से अपने उच्चतम स्तर के करीब है। जब ट्रेजरी उच्च उपज का भुगतान कर रहे हैं, तो निवेशक आम तौर पर स्टॉक और अन्य निवेशों के लिए बहुत अधिक कीमत चुकाने के लिए कम इच्छुक होते हैं।