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खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल के चलते फिर बढ़ी महंगाई
Posted Date : 13-Dec-2023 3:33:00 am

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल के चलते फिर बढ़ी महंगाई

0-नवंबर में 5.55 फीसदी रही खुदरा महंगाई दर
नईदिल्ली। नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी आई है. सरकार ने खुदरा महंगाई दर का डेटा जारी किया है जिसके मुताबिक नवंबर 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.55 फीसदी रही है जो अक्टूबर 2023 में 4.87 फीसदी रही थी. जुलाई 2023 में टमाटर समेत खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उचाल के बाद खुदरा महंगाई दर फीसदी के उच्च स्तर 7.44 फीसदी पर जा पहुंची थी. जिसके बाद अगस्त में घटकर 6.83 फीसदी और सितंबर में 5.02 फीसदी पर आ गई.  
सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर का डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक नवंबर महीने में खाद्य महंगाई दर में भी उछाल देखने को मिला है. नवंबर महीने में खाद्य महंगाई दर बढक़र 8.70 फीसदी पर जा पहुंची है जो अक्टूबर 2023 में 6.61 फीसदी रही थी. फल-सब्जी, दालों, मसालों की कीमतों में उछाल के चलते खाद्य महंगाई में इजाफा हुआ है. 
दाल की महंगाई आम लोगों को सबसे ज्यादा सता रही है ये खुदरा महंगाई दर के डेटा से भी स्पष्ट हो रहा है. दालों की महंगाई दर बढक़र 20.23 फीसदी पर जा पहुंची है जो अक्टूबर में 18.79 फीसदी रही थी.  अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 10.27 फीसदी रही है जो पिछले महीने में 10.65 फीसदी रही थी. मसालों की महंगाई दर 21.55 फीसदी रही है जो पिछले महीने 23.06 फीसदी रही थी. फलों की महंगाई दर 10.95 फीसदी रही है जो पिछले महीने 9.34 फीसदी रही थी. सब्जियों की महंगाई दर में इजाफा हुआ है और ये बढक़र 17.70 फीसदी रही है जो पिछले महीने 2.70 फीसदी थी.

 

पैसेंजर व्हीकल की थोक बिक्री ने बनाया रिकॉर्ड, नवंबर में 4 प्रतिशत बढ़ी
Posted Date : 13-Dec-2023 3:32:02 am

पैसेंजर व्हीकल की थोक बिक्री ने बनाया रिकॉर्ड, नवंबर में 4 प्रतिशत बढ़ी

नईदिल्ली। यूटिलिटी वाहनों की मजबूत मांग के दम पर नवंबर में घरेलू यात्री वाहन थोक बिक्री में सालाना आधार पर चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कंपनियों से डीलरों को यात्री वाहनों की आपूर्ति नवंबर में बढक़र 3,34,130 इकाई हो गई। यह नवंबर महीने का अब तक का सबसे अच्छा आंकड़ा है। पिछले साल इसी महीने में 3,22,268 इकाइयों की आपूर्ति की गई थी।
दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले महीने 31 प्रतिशत बढक़र 16,23,399 इकाई हो गई, जो नवंबर 2022 में 12,36,282 इकाई थी। इसी तरह तिपहिया वाहनों की आपूर्ति भी पिछले महीने 31 प्रतिशत बढक़र 59,738 इकाई हो गई, जो पिछले साल नवंबर में 45,664 इकाई थी।
वाहन बनाने वाली कंपनियों के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा, ‘‘ नवंबर के पहले पखवाड़े में समाप्त त्योहारी सीजन में मोटर वाहन उद्योग के सभी खंडों में मजबूत वृद्धि देखी गई।’’
उन्होंने कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि के समर्थन से मोटर वाहन उद्योग वर्ष 2023 को उच्च स्तर पर समाप्त करने के लिए आशावादी है और उम्मीद करता है कि यह प्रवृत्ति 2024 तक जारी रहेगी।
सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि यात्री वाहन खंड में नवंबर 2023 में सालाना आधार पर 3.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 3.34 लाख इकाइयों की आपूर्ति की गई। यह अब तक की सबसे अधिक थोक बिक्री है।
उन्होंने कहा कि नवंबर में तिपहिया वाहनों की आपूर्ति नवंबर 2017 के अभी तक के उच्चतम स्तर से मामूली रूप से कम रही। इसी तरह पिछले महीने दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री भी नवंबर 2018 के उच्चतम स्तर से मामूली कम थी।

 

टाटा मोटर्स ने नवंबर में अब तक की सबसे अधिक मासिक खुदरा बिक्री की दर्ज
Posted Date : 13-Dec-2023 3:31:49 am

टाटा मोटर्स ने नवंबर में अब तक की सबसे अधिक मासिक खुदरा बिक्री की दर्ज

नईदिल्ली। टाटा मोटर्स ने त्योहारी सीजन में स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों की मजबूत मांग के दम पर नवंबर में अभी तक की सबसे अधिक मासिक खुदरा बिक्री दर्ज की।
कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। टाटा मोटर्स यात्री वाहन के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने बताया कि मोटर वाहन निर्माता की नवंबर में खुदरा बिक्री करीब 53,000 इकाई रही। यह इस साल अक्टूबर की तुलना में आठ प्रतिशत और नवंबर 2022 की बिक्री की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी ने इस वर्ष 47 दिन की त्योहारी अवधि में मजबूत बिक्री की। इसमें करीब 79,374 इकाइयों का पंजीकरण हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। चंद्रा ने कहा, ‘‘ हमारा त्योहारी सीजन बेहद अच्छा रहा। इसका श्रेय मैं मुख्य तौर पर हमारे नए वाहनों फेसलिफ्टेड नेक्सॉन, हैरियर, सफारी और आईसीएनजी रेंज को दूंगा। इसलिए वाहन पंजीकरण या वास्तविक बिक्री जैसा कि हम इसे कहते हैं अभी तक की सर्वाधिक रही। ’’
उन्होंने कहा कि यात्री वाहन खंड चालू वित्त वर्ष में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज करने को तैयार है और उद्योग को 40 लाख संचयी बिक्री का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है।

पेट्रोलियम-मुक्त भविष्य की आहट के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के बारे में सोच रही हैं तेल कंपनियां
Posted Date : 11-Dec-2023 1:49:57 pm

पेट्रोलियम-मुक्त भविष्य की आहट के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के बारे में सोच रही हैं तेल कंपनियां

न्यूयॉर्क। पेट्रोलियम कंपनियों के लिए रेड लाइट दिखनी शुरू हो गई है: कैलिफोर्निया की अगुवाई में कई अमेरिकी प्रांत और यूरोपीय संघ 2035 में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली नई कारों और वैन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा देंगे। पेट्रोलियम उत्पादक कंपनियाँ पेट्रोल और डीजल के हाइवे से हटकर नवीकरणीय स्रोतों की ओर मुडऩे के लिए किसी संपर्क पगडंडी की तलाश में हैं पेट्रोलियम-मुक्त परिवहन की दुनिया में जीवित रहने की रणनीति के रूप में और जलवायु परिवर्तन के शोर के प्रति सम्मान के रूप में।
एनएस एनर्जी के अनुसार, सऊदी अरब में किंग फहद यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड मिनरल्स के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मैथियास जे पिकल कहते हैं, तेल कंपनियां अनिवार्य रूप से यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि दुनिया में वर्तमान में उपलब्ध नकदी देने वाली सबसे अच्छी दुधारू गाय को अपने स्थायी भविष्य के लाभ के लिए कैसे बदला जा सकता है।
उन्होंने लिखा, तेल की बड़ी कंपनियां घोषित ऊर्जा संक्रमण के लिए उत्तरोत्तर खुद को तैयार कर रही हैं और पवन तथा सौर ऊर्जा उद्योग में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। भारत में, विशाल पेट्रोलियम पदचिह्न वाले रिलायंस समूह ने सौर, पवन, बैटरी, हाइड्रोजन और जैव-ऊर्जा प्लेटफॉर्म बनाने वाले एक नए ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र की योजना की घोषणा की है। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस बदलाव के लिए 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है।
फ्रांसीसी तेल कंपनी टोटल ने इस साल घोषणा की कि वह पवन और सौर फार्म परियोजना में अडाणी ग्रीन एनर्जी के साथ एक संयुक्त उद्यम में 30 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। टोटल का कहना है कि वह निम्न-कार्बन ऊर्जा में कुल मिलाकर पाँच अरब डॉलर का निवेश करेगा, जो तेल और गैस में उसके पूंजी निवेश से अधिक होगा। पवन और सौर ऊर्जा में टोटल का निवेश यूरोप और अमेरिका तक फैला हुआ है। तेल से समृद्ध कतर ने भी अडाणी ग्रीन एनर्जी में 50 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
ब्रिटिश तेल की दिग्गज कंपनी शेल ने भी वैकल्पिक ऊर्जा में अपने एक बड़े निवेश के लिए भारत का रुख किया है और सोलनेर्गी पावर प्राइवेट लिमिटेड को खरीदा है, जो पवन और सौर फार्म चलाती है और संबंधित बुनियादी ढांचे का प्रबंधन करती है, और स्प्रिंग एनर्जी ग्रुप को 1.5 अरब डॉलर में खरीद रही है।
शेल ने पिछले साल और फिर इस साल नवीकरणीय क्षेत्र में 3.5 अरब डॉलर का निवेश किया।
अमेरिकी पेट्रोलियम दिग्गज एक्सॉन-मोबिल पवन और सौर की बजाय डीकार्बोनाइजेशन, जैव ईंधन और हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अन्य बड़ी तेल कंपनियों से अलग दृष्टिकोण अपना रही है। कंपनी की इन परियोजनाओं पर वर्ष 2022 और 2017 में 17 अरब डॉलर खर्च करने की योजना है।
केवल तेल कंपनियाँ ही नवीकरणीय ऊर्जा में नहीं जा रही हैं, बल्कि तेल उत्पादक भी उनके साथ हैं।
सऊदी अरब स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 266 अरब डॉलर के निवेश पर नजर गड़ाए हुए है जिसमें हाइड्रोजन का निर्यातक बनने की योजना भी शामिल होगी।
संयुक्त अरब अमीरात ने 2050 तक कार्बन तटस्थ बनने के लक्ष्य के साथ अगले सात वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा में 54 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की है।
लेकिन नई ऊर्जा परिवर्तन का रास्ता आसान नहीं है।
नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करने और जीवाश्म ईंधन घटक को कम करने की महत्वाकांक्षी योजना के साथ ब्रिटिश पेट्रोलियम ने सन् 2000 में खुद को बियॉन्ड पेट्रोलियम के लिए बीपी के रूप में पुन: ब्रांड किया।
लेकिन यूरोप में सौर और पवन-संचालित उत्पादन और चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क में निवेश करने के बाद, इसने इस साल घोषणा की कि यह भू-राजनीतिक स्थिति और ऊर्जा सुरक्षा की आवश्यकता का हवाला देते हुए जीवाश्म ईंधन में निवेश बढ़ाएगी।

 

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अदाणी ने निवेश के लिए खोला पिटारा
Posted Date : 11-Dec-2023 1:49:44 pm

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अदाणी ने निवेश के लिए खोला पिटारा

नई दिल्ली। उत्तराखंड में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज हो गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस दौरान सबसे पहले अदाणी ग्रुप ने उत्तराखंड में बड़े निवेश का ऐलान किया।
सम्मेलन में पहुंचे अदाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अदाणी ने आमंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देहरादून मेरे दिल में एक खास जगह रखता है। उन्होंने देहरादून ही नहीं, पूरे उत्तराखंड को भौतिक और आध्यात्मिक अनुभवों का खजाना बताया।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर कोई और स्थान इतने सारे पवित्र स्थलों का प्रवेश द्वार होने का दावा नहीं कर सकता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि लोग उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं। उत्तराखंड अब निजी क्षेत्र के निवेश के लिए भारत के सबसे आकर्षक प्रवेश द्वारों में से एक बन गया है। क्योंकि, पिछले पांच सालों के विकास और राज्य की स्थिति के दृष्टिकोण से तेजी से बदलाव देखा गया है।
उन्होंने इसके लिए सिंगल पॉइंट क्लियरेंस, जमीन की वाजिब कीमतें, सस्ती बिजली और बेहतर डिस्ट्रिब्यूशन, कुशल कामगार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से करीबी और बेहतरीन कानून-व्यवस्था के माहौल को कारण बताया। उनके मुताबिक वर्तमान में अदाणी समूह उत्तराखंड में गैस डिस्ट्रिब्यूशन और सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग तक फैली हुई है।
प्रणव अदानी के मुताबिक इंडियन ऑयल और अदाणी टोटल गैस के जॉइंट वेंचर, आईओएजीपीएल, के माध्यम से अदाणी डॉमेस्टिक, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सभी ग्राहकों को प्राकृतिक गैस पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा स्वच्छ ईंधन को सर्वसुलभ बनाने के लिए अदाणी समूह 200 स्टेट ट्रांसपोर्ट बसों को पर्यावरण-अनुकूल सीएनजी बसों में बदलने में योगदान दे रहा है।
इसके साथ ही उत्तराखंड में अदाणी समूह अंबुजा सीमेंट्स की मौजूदा क्षमता को बढ़ाने के लिए 1,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा, इसके अलावा रूडक़ी प्लांट की क्षमता को मौजूदा 1.2 मिलियन टन प्रति वर्ष से अगले साल के आखिर तक 3 मिलियन टन प्रति वर्ष तक ले जाने के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। साथ ही 4 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली ग्राइंडिंग यूनिट बनाने के लिए लगभग 1,400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस बड़े निवेश से उम्मीद की जा रही है कि ऋषिकेश-देहरादून क्षेत्र में करीब 6 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के साथ पारंपरिक बिजली मीटर को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बदलने के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना शुरू की गई है। ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड में विकास की रूपरेखा नहीं खींची गई है, लेकिन, अदाणी ने बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग निवेश की घोषणा करके यहां के विकास की लकीर को और बड़ा कर दिया है।
अदाणी समूह अब पंतनगर में 1 हजार एकड़ जमीन के विकास की संभावना भी तलाश रहा है। इन संभावनाओं में एयरो-सिटी, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, लॉजिस्टिक्स वेयरहाउसिंग और नॉलेज पार्क के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत उद्योग जगत की जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद थीं।

 

स्टार्टअप फंडिंग : निराशाजनक 2023 के बाद भारत वैश्विक रैंकिंग में चौथे स्थान पर खिसका
Posted Date : 11-Dec-2023 1:49:25 pm

स्टार्टअप फंडिंग : निराशाजनक 2023 के बाद भारत वैश्विक रैंकिंग में चौथे स्थान पर खिसका

नई दिल्ली। भारत की स्टार्टअप विकास की कहानी में सेंध लगाते हुए, देश 2023 में सबसे अधिक वित्त पोषित भौगोलिक क्षेत्रों में वैश्विक रैंकिंग में चौथे स्थान पर फिसल गया, क्योंकि यहां पांच वर्षों में सबसे कम फंडिंग दर्ज की गई। वैश्विक बाजार खुफिया मंच ट्रैक्सन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2021 के साथ-साथ 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा स्थान हासिल करने के बाद, भारत इस साल अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के बाद चौथे स्थान पर रहा, जिसे कुल फंडिंग (5 दिसंबर तक) में केवल 7 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए।
इस वर्ष की तीसरी तिमाही में, भारत सबसे अधिक वित्त पोषित देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस के बाद पांचवें स्थान पर खिसक गया। तीसरी तीमाही 2023 ने कुल 1.5 बिलियन डॉलर जुटाए, जो कि दूसरी तीमाही 2023 से 30 प्रतिशत कम है और 2022 की तीसरी तीमाही की तुलना में 54 प्रतिशत कम है।
इस वर्ष की अंतिम तिमाही में अब तक की सबसे कम 957 मिलियन डॉलर की फंडिंग दर्ज की गई, जो कि 2016 की तीसरी तिमाही के बाद से सबसे कम फंडिंग वाली तिमाही है।
रिपोर्ट से पता चला, भारत में फंडिंग विंटर के प्रभावों का अनुभव जारी है। 2022 की चौथी तिमाही में फंडिंग में वृद्धि के बाद, इंडिया टेक की फंडिंग में हर तिमाही में गिरावट देखी जा रही है, 2023 की तीसरी तिमाही में फंडिंग में लगातार तीसरी गिरावट के साथ यह 2023 में सबसे कम फंड वाली तिमाही बन गई है और पिछले 5 वर्षों में सबसे कम वित्त पोषित तिमाही भी। फंडिंग प्रवाह में गिरावट के बावजूद, भारत ने इस साल कुल फंडिंग के मामले में शीर्ष 5 भौगोलिक क्षेत्रों में अपना स्थान बरकरार रखा है।
2023 के लिए, सभी चरणों में फंडिंग में गिरावट आई, अंतिम चरण की फंडिंग में 73 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, इसके बाद शुरुआती चरण की फंडिंग (70 प्रतिशत) और सीड-स्टेज फंडिंग (60 प्रतिशत) आई। यह गिरावट मुख्य रूप से लेट-स्टेज फंडिंग में सबसे बड़ी गिरावट के कारण है, जो 2022 में 15.6 बिलियन डॉलर से 73 प्रतिशत से अधिक बढक़र 2023 में 4.2 बिलियन डॉलर हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 100 मिलियन डॉलर से अधिक राउंड की संख्या केवल 17 दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 69 प्रतिशत कम है।