मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिसंबर में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर में कटौती किए जाने की उम्मीद है। अगर रेपो रेट में कटौती होगी तो एफडी पर ब्याज दरों में कमी का दौर शुरू होगा। इसलिए, फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि सावधि जमा पर शानदार ब्याज प्राप्त करने का यह बेहतरीन समय है। अगर आप भी एफडी में पैसा डालने की सोच रहे हैं तो हम आपको उन बैंकों की सूची दे रहे हैं, जो 3 साल की एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रहे हैं।
सरकारी बैंक के मुकाबले प्राइवेट में ज्यादा ब्याज
सरकारी बैंकों की बात करें तो ब्याज दरें कुछ कम हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 3 साल की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.75 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.25 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। पंजाब नेशनल बैंक 3 साल की सावधि जमा पर आम नागरिकों को 7 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान कर रहा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तीन साल की सावधि जमा पर आम नागरिकों को 6.7 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.2 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करता है।
प्राइवेट बैंक में कितना मिल रहा ब्याज
एचडीएफसी बैंक अपने तीन साल की सावधि जमा पर सामान्य नागरिकों को 7 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। आईसीआईसीआई बैंक भी सामान्य और वरिष्ठ नागरिकों को समान दरें यानी 7 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत प्रदान करता है। एक अन्य निजी ऋणदाता कोटक महिंद्रा बैंक अपने 3 साल के एफडी पर सामान्य नागरिकों को 7 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.6 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करता है। ये दरें 15 जून को लागू हुईं। फेडरल बैंक भी अपने 3 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर सामान्य और वरिष्ठ नागरिकों को क्रमश: 7 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करता है।
हैदराबाद । देश का सुनहरा भविष्य बनाने और नई पीढिय़ों को आगे बढ़ाने के लिए अदाणी फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार को तेलंगाना में यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की गई।
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अदाणी फाउंडेशन के डेलिगेशन के साथ राज्य के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से मिलकर यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए 100 करोड़ रुपये का चेक दिया।
गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की परिवर्तनकारी दृष्टि और प्रेरक नेतृत्व में बन रही यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी पहल के लिए योगदान देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
अदाणी ग्रुप चेयरमैन ने कहा कि हम साथ मिलकर न केवल अपने युवाओं के भविष्य को आकार दे रहे हैं, बल्कि एक उज्जवल, अधिक समृद्ध भारत के लिए असीमित संभावनाओं का द्वार खोल रहे हैं। हमें यहां एक ऐसी स्थायी विरासत का निर्माण करना है, जो आने वाली पीढिय़ों का उत्थान करेगी।
अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी, मुख्य सचिव शांति कुमारी और अन्य अधिकारी भी वहां उपस्थित थे।
गौतम अदाणी ने युवाओं के कौशल विकास और सशक्तिकरण के लिए तेलंगाना सरकार की पहल के लिए निरंतर समर्थन का भी वादा किया।
मुख्यमंत्री रेड्डी ने एक अगस्त को राज्य की विधानसभा में घोषणा की थी कि अदाणी लॉजिस्टिक्स यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के इंडस्ट्री पार्टनर्स में से एक होगी।
विधानसभा ने एक ऐसे यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी तेलंगाना (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) विधेयक-2024 पारित किया, जो छात्रों को उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए कौशल से लैस करेगा।
साथ यह घोषणा की गई थी कि अदाणी लॉजिस्टिक्स और ह्र9 सॉल्यूशंस के साथ साझेदारी में स्कूल ऑफ ई-कॉमर्स एंड लॉजिस्टिक्स की स्थापना की जाएगी। साझेदार कंपनियां पाठ्यक्रम तैयार करेंगी, अपने-अपने क्षेत्रों में छात्रों को प्रशिक्षित करेंगी और नौकरियां प्रदान करेंगी।
11 अक्टूबर को यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी ने घोषणा की थी कि वह 4 नवंबर से अपने पाठ्यक्रमों का पहला सेट लॉन्च करेगी। यूनिवर्सिटी ने शुरुआत में तीन स्कूल लॉन्च किए हैं, जिसमें स्कूल ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड ई-कॉमर्स, स्कूल ऑफ हेल्थकेयर और स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल्स और लाइफ साइंस शामिल हैं।
नई दिल्ली । भारत में 2030 तक स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने जा रही है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2030 तक 120 करोड़ स्मार्टफोन कनेक्शन होने का अनुमान है, जिनमें से आधे यूजर्स 5जी स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे होंगे।
वैश्विक मोबाइल नेटवर्क बॉडी जीएसएमए के अनुसार, देश में 2030 तक 64.1 करोड़ से अधिक 5जी सब्सक्राइबर्स होने का अनुमान है, जिनकी संख्या 49 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
जीएसएमए इंटेलिजेंस के अनुमानों के अनुसार, भारत में अगले छह वर्षों में 5जी मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी और डेटा का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ेगा
5जी सब्सक्राइबर्स की संख्या में इस जबरदस्त उछाल से डेटा खपत में भी भारी वृद्धि होगी, जिससे भारतीय दूरसंचार कम्पनियां बड़े निवेश करने के लिए प्रेरित होंगी।
भारत में प्रति ग्राहक डेटा खपत 2023 -2029 के बीच 15 प्रतिशत की सीएजीआर (कंपाउड इंटरेस्ट ग्रोथ रेट) से बढक़र 68 जीबी प्रति माह तक पहुंचने की संभावना है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में, भारत और इंडोनेशिया आर्थिक लचीलेपन, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण का लाभ उठाने की बेहतर स्थिति में हैं।
संगठन ने कहा, नवीनतम जीएसएमए मोबाइल इकोनॉमी एशिया पैसिफिक 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2030 तक 120 करोड़ स्मार्टफोन कनेक्शन होने का अनुमान है, जबकि इंडोनेशिया के 2030 तक 38.7 करोड़ कनेक्शन तक पहुंचने की उम्मीद है।
इसके अलावा, मोबाइल टेक्नोलॉजी और सेवाओं से 2023 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद का 5.3 प्रतिशत उत्पन्न हुआ, जिससे आर्थिक मूल्य में 88,000 करोड़ डॉलर का योगदान मिला। इससे पूरे क्षेत्र में लगभग 1.3 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा हुए।
जीएसएमए के महानिदेशक मैट्स ग्रैनरीड ने कहा, भारत और इंडोनेशिया न केवल एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं, बल्कि वे इस क्षेत्र के लिए डिजिटल और आर्थिक विकास के भविष्य का इंजन भी हैं।
साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देकर, हम दोनों देशों के लिए अधिक लचीले और टिकाऊ डिजिटल भविष्य की नींव रख रहे हैं।
नई दिल्ली । भारत का केमिकल और पेट्रोकेमिकल सेक्टर 2025 तक बढक़र 300 अरब डॉलर का हो सकता है। मौजूदा समय में यह 220 अरब डॉलर पर है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यह बयान दिया।
इंडिया केम 2024 के दौरान पेट्रोकेमिकल पर गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2040 तक केमिकल की मांग लगभग तीन गुना होने का अनुमान है और भारत की पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।
केमिकल इंडस्ट्री भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका सकल घरेलू उत्पाद में योगदान लगभग 6 प्रतिशत है और इससे 50 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत में पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में अगले दशक में 87 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश आने का अनुमान है, जो वैश्विक पेट्रोकेमिकल वृद्धि का 10 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत में केमिकल की वार्षिक खपत 25 से 30 मिलियन टन है, जो कि प्रति व्यक्ति हिसाब से दुनिया के विकसित देशों से काफी कम है। इस कारण से केमिकल सेक्टर में विकास की प्रबल संभावनाएं हैं।
वैश्विक स्तर पर भारत दुनिया का छठा और एशिया में तीसरा सबसे बड़ा केमिकल उत्पादक देश है। भारत की ओर से केमिकल का निर्यात 175 से अधिक देशों को किया जाता है।
पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि केमिकल और पेट्रोकेमिकल वैश्विक तेल मांग में वृद्धि को बढ़ावा देंगे, भारत की एकीकृत पेट्रोकेमिकल क्षमता इसकी विस्तारित शोधन क्षमताओं से निकटता से जुड़ी हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत की पेट्रोकेमिकल क्षमता में लगातार विस्तार हो रहा है। 2030 तक इसके 46 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो कि मौजूदा समय में 29.62 मिलियन टन है।
नई दिल्ली । भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रह में बीते एक दशक में बड़ा उछाल देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढक़र 19.60 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 6.95 लाख करोड़ रुपये था। यह जानकारी आयकर विभाग द्वारा जारी डेटा से मिली।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़त की वजह पर्सनल इनकम टैक्स में उछाल आना है। वित्त वर्ष 2014-15 में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 2.65 लाख करोड़ रुपये था, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में बढक़र 10.45 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें बीते एक दशक में 294.3 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन पिछले एक दशक में 112.85 प्रतिशत बढक़र 9.11 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह आंकड़ा 4.28 लाख करोड़ रुपये था।
टैक्स रिटर्न की संख्या बढक़र 8.61 करोड़ हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 4.04 करोड़ थी।
आईटीआर की संख्या बढक़र 8.13 करोड़ हो गई है जो कि पहले 3.74 करोड़ था।
टैक्स-टू-जीडीपी रेश्यो बढक़र 6.64 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 5.5 प्रतिशत था।
आंकड़ों से जानकारी मिली कि रिटर्न दाखिल करने वाले या स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) कराने वाले करदाताओं सहित कुल करदाताओं की संख्या वित्त वर्ष 2015 में 5.70 करोड़ से बढक़र 10.41 करोड़ हो गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुताबिक, आईटीआर का औसत प्रोसेसिंग समय 2013 में 93 दिनों से घटाकर अब 10 दिन हो गया है, इससे रिफंड में तेजी आई है।
यह पिछले कुछ वर्षों में आयकर रिटर्न प्रणालियों और प्रक्रियाओं में अपटेड और व्यक्तिगत कर व्यवस्था के सरलीकरण से हासिल किया गया है, जिससे कर रिटर्न दाखिल करना आसान हो गया है।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी की वजह मजबूत जीडीपी ग्रोथ है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी। वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 7.2 फीसदी की दर से बढऩे की उम्मीद है।
मुंबई । हफ्ते के आखिरी दिन शेयर बाजार एक बार फिर लाल निशान में खुला। शुक्रवार को बाजार में बड़े नुकसान के साथ कारोबार शुरू हुआ। आज बीएसई सेंसेक्स 257.35 अंकों की गिरावट के साथ 80,749.26 अंकों पर खुला तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी 50 भी 86.70 अंकों की गिरावट के साथ 24,664.95 अंकों पर शुरू हुआ। जबकि गुरुवार को शेयर बाजार हरे निशान में खुला था लेकिन अंत में ये बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था। बताते चलें कि ये हफ्ता भी शेयर बाजार और इसके निवेशकों के लिए अच्छा नहीं रहा और नुकसान हावी रहा। भयानक नुकसान से लाल हुआ बीएसई का सेंसेक्स इंडेक्स
आज सुबह 9.20 बजे तक सेंसेक्स की 30 में से 28 कंपनियों के शेयर लाल निशान में थे जबकि सिर्फ 2 कंपनियों के शेयर ही हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। इसी तरह, निफ्टी 50 की भी 50 में से 35 कंपनियों के शेयर नुकसान में थे और सिर्फ 15 कंपनियों के शेयर ही हरे निशान में थे।
इंफोसिस के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट
सुबह 9.20 बजे तक सेंसेक्स की कंपनियों में शामिल इंफोसिस के शेयर सबसे ज्यादा 2.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इसके अलावा, टाइटन 1.80 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 1.65 प्रतिशत, इंडसइंड बैंक 1.17 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 1.02 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 1.00, अडाणी पोर्ट्स 0.96 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 0.95 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.92 प्रतिशत, नेस्ले इंडिया के शेयर 0.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
इन कंपनियों के शेयर में भी नुकसान
इस समय तक रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावरग्रिड, बजाज फिनसर्व, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा स्टील, आईटीसी, जेएसडब्लू स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, सनफार्मा, टाटा मोटर्स और एचसीएल टेक के शेयर भी लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे।
एक्सिस बैंक के शेयर में जोरदार तेजी
वहीं दूसरी ओर, इस बड़ी गिरावट के बीच एक्सिस बैंक के शेयर सबसे ज्यादा 2.58 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। एक्सिस बैंक के साथ-साथ टीसीएस के शेयर में 0.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।