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चार वर्षों में भारत में 2,500 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित होने का अनुमान
Posted Date : 24-Oct-2024 9:33:47 pm

चार वर्षों में भारत में 2,500 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित होने का अनुमान

नई दिल्ली   । भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।
इसी बीच एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अगले चार वर्षों में देश में 2,500 ऐसे केंद्र स्थापित होने का अनुमान है, जिनका कार्यालय स्थान 300 मिलियन वर्ग फुट से अधिक होगा।
देश में वर्तमान में 1800 से अधिक जीसीसी हैं, जो टॉप सात शहरों में 240 मिलियन वर्ग फुट ग्रेड ए कार्यालय स्थान पर स्थित हैं। इस संख्या के साथ भारत ग्लोबली जीसीसी को लेकर अग्रणी बना हुआ है।
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से देश में मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे सहित अन्य स्थानों पर 100 नए केंद्र स्थापित किए गए हैं।
जीसीसी की कुल जगह का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा अकेले बेंगलुरु में है। इसके अलावा, जीसीसी टॉप सात शहरों में करीब 50 प्रतिशत एक्टिव और ऑनगोइंग स्पेस रिक्वायरमेंट को दिखाते हैं। अमेरिका बेस्ड कंपनियों ने देश में जीसीसी की जगह का कुल 60 प्रतिशत हिस्सा ले रखा है।
जेएलएल इंडिया के राहुल अरोड़ा के अनुसार, भारत में जीसीसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में रिसर्च और डेवलपमेंट का नेतृत्व कर रहे हैं।
जीसीसी अब केवल सेवा प्रदाता नहीं रह गए हैं; वे वैश्विक निगमों के केंद्र बन रहे हैं, जहां भारतीय नेतृत्व दुनिया भर में व्यापार रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बदलाव भारत के इनोवेशन के केंद्र के रूप में उभरने को रेखांकित करता है, जहां बहुराष्ट्रीय उद्यम अपना भविष्य बना रहे हैं।
इस बीच, जीसीसी ने तीसरी तिमाही में भारत में अपनी मजबूत गति जारी रखी और कुल ग्लोबल लीजिंग वॉल्यूम (जीएलवी) में 30 प्रतिशत का योगदान दिया।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के अनुसार, तीसरी तिमाही में टॉप आठ शहरों में समग्र कार्यालय क्षेत्र में जीएलवी 24.8 मिलियन वर्ग फीट (एमएसएफ) तक पहुंच गया, जो इस क्षेत्र के इतिहास में दूसरी सबसे अधिक तिमाही लीजिंग मात्रा है।

 

भारत में विलय एवं अधिग्रहण सौदों की वैल्यू 2024 के पहले नौ महीने में 66 प्रतिशत बढ़ी
Posted Date : 24-Oct-2024 9:33:21 pm

भारत में विलय एवं अधिग्रहण सौदों की वैल्यू 2024 के पहले नौ महीने में 66 प्रतिशत बढ़ी

नई दिल्ली  । भारत में होने वाली विलय एवं अधिग्रहण (एम एंड ए) सौदों की वैल्यू इस साल के पहले नौ महीने (जनवरी से सितंबर) के बीच 66 प्रतिशत बढ़ी है। इसमें वैश्विक आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5 प्रतिशत की गिरावट हुई है। बुधवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।  
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एम एंड ए गतिविधि 2024 में मजबूत रही है।
बीसीजी में प्रबंध निदेशक और भागीदार ध्रुव शाह ने कहा, यह भारतीय बाजार की अद्वितीय मजबूती और अपील को उजागर करता है। टेक्नोलॉजी, मीडिया, इंडस्ट्रियल और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्र में बड़े सौदे हुए हैं।
समीक्षाधीन अवधि में भारत में डील की मात्रा में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन यह उतनी तेजी से नहीं जितनी वैश्विक स्तर 13 प्रतिशत और पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 13 प्रतिशत की गिरावट आई।
इस वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान टेक्नोलॉजी, मीडिया या दूरसंचार पर केंद्रित सौदे कुल मूल्य का 40 प्रतिशत थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर उठापटक के बाद भी औद्योगिक कंपनियां 2024 में भारतीय डील मेकिंग में अग्रणी बनी हुई हैं।
लंबी अवधि में भारत में डीलमेकिंग मजबूत रहेगी क्योंकि मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियां आकर्षक मूल्यांकन वाली संपत्ति की तलाश में हैं।
शाह ने आगे कहा कि मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियां अकार्बनिक रूप से बढऩे के अवसरों की तलाश जारी रखेंगी और निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेशक रिकॉर्ड-हाई ड्राई पाउडर को तैनात करने की कोशिश करेंगे क्योंकि भारत पसंदीदा निवेश गंतव्य बना हुआ है।
भारत में डील बढऩे की वजह अर्थव्यवस्था का तेज गति से बढऩा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

 

अदाणी ग्रीन एनर्जी का ईबीआईटीडीए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 20 प्रतिशत बढ़ा
Posted Date : 23-Oct-2024 9:50:47 pm

अदाणी ग्रीन एनर्जी का ईबीआईटीडीए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 20 प्रतिशत बढ़ा

अहमदाबाद  । अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने मंगलवार को नतीजे घोषित किए। चालू वित्त वर्ष (2024-25) की पहली छमाही में कंपनी का ईबीआईटीडीए सालाना आधार पर 20 प्रतिशत बढक़र 4,518 करोड़ रुपये हो गया है।  
अप्रैल से सितंबर की अवधि में एजीईएल का कैश प्रॉफिट सालाना आधार पर 27 प्रतिशत बढक़र 2,640 करोड़ रुपये हो गया है।
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में ऊर्जा आपूर्ति से ईबीआईटीडीए तिमाही आधार पर 17 प्रतिशत बढक़र 2,143 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछली तिमाही में 1,835 करोड़ रुपये पर था।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आय में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है और यह बढक़र 4,836 करोड़ रुपये हो गई है। पिछले वर्ष समान अवधि में यह आंकड़ा 4,029 करोड़ रुपये था।
अदाणी ग्रीन एनर्जी के सीईओ अमित सिंह ने कहा कि महत्वपूर्ण ग्रीनफील्ड क्षमता वृद्धि और मजबूत परिचालन दक्षता के कारण वित्तीय प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है।
वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी और आई) क्षेत्र में हमने पहले अनुबंध पर हस्ताक्षर करके इस सेक्टर में प्रवेश किया है। हमारी योजना 2030 तक इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक करना है।
कंपनी की सालाना आधार पर परिचालन क्षमता 34 प्रतिशत बढक़र 11,184 मेगावाट हो गई है, जिसमें खावड़ा में 2,000 मेगावाट सौर क्षमता और 250 मेगावाट पवन क्षमता, राजस्थान में 418 मेगावाट सौर क्षमता और गुजरात में 200 मेगावाट पवन क्षमता शामिल है।
मजबूत क्षमता वृद्धि और मजबूत परिचालन प्रदर्शन के कारण ऊर्जा बिक्री में सालाना 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हाल में एजीईएल ने एमएसईडीसीएल के साथ 5 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी की आपूर्ति के लिए 25 वर्ष का पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया है।
सिंह ने आगे कहा कि एजीईएल 2030 तक 50 गीगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रही है। इसमें 5 गीगावट की एनर्जी स्टोरेज क्षमता भी शामिल है।

 

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में अगले 5 से 6 वर्षों में 15,500 करोड़ रुपये निवेश करेगा एम्मार इंडिया
Posted Date : 23-Oct-2024 9:50:34 pm

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में अगले 5 से 6 वर्षों में 15,500 करोड़ रुपये निवेश करेगा एम्मार इंडिया

नई दिल्ली  । यूएई की रियल एस्टेट कंपनी एम्मार की योजना भारत में अगले पांच से छह वर्षों में 1.85 अरब डॉलर (15,500 करोड़ रुपये) निवेश करने की है।  
कंपनी की ओर से बताया गया कि इस दौरान मुंबई और उसके आस-पास के इलाकों में करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
बुर्ज खलीफा जैसी परियोजनाओं के लिए जाना जाने वाला यह समूह लगभग दो दशकों से भारत में मौजूद होने के बावजूद मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) से दूर रहा है।
एम्मार इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कल्याण चक्रवर्ती ने कहा कि इतने लंबे समय तक मुंबई से दूर रहने का कोई खास कारण नहीं है।
उन्होंने कहा कि समूह इस महानगर में निवेश की योजना बना रहा है, क्योंकि वह इसे सबसे गहरा और मजबूत रियल्टी बाजार मानता है जो आने वाले दशकों तक वाइब्रेंट रहेगा।
उन्होंने कहा कि कंपनी जगह की कमी से जूझ रहे शहर की बाजार वास्तविकताओं से अवगत है और वह किसी भी नए विकास प्रस्ताव के साथ-साथ सोसाइटियों और झुग्गी पुनर्विकास पर विचार करने के लिए तैयार है।
एम्मार इंडिया ने बताया कि फिलहाल उनकी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) लाने की कोई योजना नहीं है।
मुंबई के रियल एस्टेट मार्केट को लेकर चक्रवर्ती ने कहा कि यह प्रत्यक्ष तौर पर ग्लोबल ट्रेड से जुड़ा है और यह अच्छे अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि कंपनी वित्तीय राजधानी में मध्यम से लेकर लग्जरी मार्केट पर फोकस करेगी, जहां एक अपार्टमेंट इकाई की कीमत आमतौर पर 4 करोड़ रुपये से अधिक रहेगी।
गुरुग्राम मुख्यालय वाली यह कंपनी पहले से ही हैदराबाद, इंदौर और मोहाली सहित विभिन्न भारतीय शहरों में कारोबार कर रही है।
चक्रवर्ती ने आगे कहा कि कंपनी का लगभग 85 प्रतिशत राजस्व आवासीय क्षेत्र से आता है, जबकि शेष राजस्व वाणिज्यिक क्षेत्र से आता है। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक कंपनी के पास 8 मिलियन वर्ग फुट से अधिक जगह निर्माणाधीन होगी, जिसे चार वर्षों में पूरा करना होगा।

 

सरपट दौड़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्विक उथल-पुथल से चिंताएं बरकरार : आरबीआई
Posted Date : 23-Oct-2024 9:49:54 pm

सरपट दौड़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्विक उथल-पुथल से चिंताएं बरकरार : आरबीआई

नई दिल्ली  । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जोर देकर कहा है कि तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और मजबूती से वे आत्मसंतुष्ट नहीं हैं।
उनके अनुसार, मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन अच्छा है और भारत अपने विकास पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने आरबीआई के हालिया मासिक बुलेटिन में कहा, मुद्रास्फीति में गिरावट आ रही है, हालांकि हमें अभी भी काफी दूरी तय करनी है। बाहरी क्षेत्र अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है। विदेशी मुद्रा भंडार नए शिखर छू रहा है। राजकोषीय समेकन का काम चल रहा है। वित्तीय क्षेत्र मजबूत और लचीला बना हुआ है।
गवर्नर ने आगे कहा कि भारत की संभावनाओं के बारे में वैश्विक निवेशकों का आशावाद शायद अब तक के उच्चतम स्तर पर है।
उन्होंने कहा, हालांकि, तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों के बीच हम आत्मसंतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा, हम मुद्रास्फीति को लक्ष्य के साथ स्थायी रूप से जोडऩे के लिए प्रतिबद्ध हैं।
केंद्रीय बैंक के अनुसार, प्राइवेट फाइनल कंज्प्शन एक्सपेंडिचर (पीएफसीई), जो समग्र मांग का मुख्य आधार है, में जबरदस्त उछाल आया है।
पीएफसीई वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 7.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और इसका समग्र जीडीपी वृद्धि में 4.2 प्रतिशत अंकों का योगदान रहा है।
आरबीआई के अनुसार, ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे वृद्धि देखी जा रही है। अप्रैल-अगस्त 2024 में मोटरसाइकिल की बिक्री में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई, जबकि जून-जुलाई 2024 में ट्रैक्टर की बिक्री में वृद्धि हुई।
इसके अलावा, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) के तहत काम की मांग वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 16.6 प्रतिशत घटी, जो कृषि क्षेत्र में रोजगार में सुधार को दर्शाती है।
आरबीआई के दस्तावेज में जोर दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) को लेकर खर्च में बढ़ोतरी हुई है, जो कि ग्रामीण मांग को लेकर एक अच्छा संकेत है। दक्षिण-पश्चिम मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा, खरीफ की बुवाई में बढ़ोतरी, जलाशयों के बेहतर स्तर और कृषि को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण ग्रामीण मांग में सुधार को बनाए रखने के संकेत हैं।
इसमें कहा गया है कि घरेलू विकास ने अपनी गति बरकरार रखी है तथा निजी उपभोग और निवेश में भी समान वृद्धि हुई है।

 

फोनपे ने जारी की सालाना रिपोर्ट, डिजिटल नेटिव्स को सशक्त बनाने पर दिया जोर
Posted Date : 22-Oct-2024 7:49:14 pm

फोनपे ने जारी की सालाना रिपोर्ट, डिजिटल नेटिव्स को सशक्त बनाने पर दिया जोर

नई दिल्ली  । फिनटेक प्रमुख फोनपे ने सोमवार को कहा कि वह भारतीय बाजार में वित्तीय समाधान प्रदान करने में अपने नजरिए के तहत पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध है।
कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट के माध्यम से अपने विजन, रणनीति, शासन और वित्तीय प्रदर्शन को शेयर किया है।
कंपनी ने बताया कि वह देश में डिजिटल नेटिव्स के विकास में अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए घरेलू समाधान जारी रखेगी।
कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में फर्स्ट इंडिया रणनीति और विजन पर जोर दिया है। इसमें कहा गया है कि फोनपे ने भारत में अपना स्थान बदलने से लेकर देशभर में 20 हजार से अधिक रोजगार पैदा करने, भारत की डीपीआई पहल को शुरू करने और भारतीय इंटरनेट इकोसिस्टम में उद्योग अग्रणी निवेश करने, वित्तीय समावेशन और डिजिटल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है।
फोनपे ने बयान में कहा, उसका उद्देश्य एक बहु-पीढ़ी वाली भारतीय कंपनी बनाना है, जिस पर कर्मचारियों, ग्राहकों, भागीदारों और निवेशकों को गर्व हो। इस विजन की नींव मजबूत संगठनात्मक संस्कृति और मूल्य हैं। एक अनुभवी नेतृत्व टीम, प्रमुख निवेशक और एक पेशेवर निदेशक मंडल के साथ कंपनी लंबे समय तक चलने वाला विकास, मजबूत शासन और नियमों को प्राथमिकता देती है।
फोनपे समूह वित्तीय क्षेत्रों में कई व्यवसायों का संचालन करता है, जो आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई और यूआईडीएआई द्वारा विनियमित हैं।
कंपनी ने कहा, फोनपे एक मजबूत तकनीकी आधार पर असाधारण उत्पादों का निर्माण कर रहा है। रिपोर्ट में इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले प्रमुख प्लेटफार्मों को दर्शाया गया है और फोनपे की रणनीति को डायनमिक मार्केट में तकनीकी लचीलापन और स्केलेबिलिटी में सुनिश्चित करता है।
फोनपे के सीईओ और संस्थापक समीर निगम ने कहा, फोनपे पर हमारा लक्ष्य ऐसा इंटरनेट प्लेटफॉर्म बनाना है, जो भारतीय नागरिकों को उनके जीवन में सुधार लाने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सशक्त बनाते हैं। हमारा मानना है कि भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ तक एक आधुनिक और विकसित अर्थव्यवस्था को आकार देने के लिए निरंतर इनोवेशन महत्वपूर्ण हैं।
निगम ने आगे कहा, मुक्त बाजार प्रतिस्पर्धा ही प्रोडक्ट इनोवेशन और सर्विस एक्सीलेंस से चलती है, जो भविष्य है। पारदर्शिता इसका केंद्र है, यही वजह है कि हमें अपनी पहली वार्षिक रिपोर्ट जारी करने पर गर्व है। हमें उम्मीद है कि इससे लोगों को हमारी पारदर्शिता, संस्कृति और शासन मॉडल और हमारी व्यापार रणनीति की बेहतर समझ मिलेगी।
बता दें कि फोनपे के साथ 570 मिलियन से अधिक यूजर्स रजिस्टर्ड हैं और 40 मिलियन से अधिक व्यापारी इससे जुड़े हुए हैं। फोनपे तेजी के साथ भारत का डिजिटल भुगतान ऐप बन गया है।