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इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के 421 प्रोजेक्ट्स की लागत 4.40 लाख करोड़ रुपये बढ़ी: एमओएसपीआई
Posted Date : 25-Dec-2023 4:30:38 am

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के 421 प्रोजेक्ट्स की लागत 4.40 लाख करोड़ रुपये बढ़ी: एमओएसपीआई

नईदिल्ली। नवंबर में 150 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाली 421 इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर प्रोजेक्ट्स की लागत 4.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गई। एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की इस रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी निगरानी में शामिल 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक निवेश की 1,831 इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर प्रोजेक्ट्स में से 421 प्रजोक्ट्स की लागत बढ़ गई है जबकि 845 प्रजोक्ट्स विलंब से चल रही है।
मंत्रालय की नवीनतम मासिक रिपोर्ट के मुताबिक, निगरानी में रखी गई 1,831 प्रजोक्ट्स की कुल मूल लागत 25,10,577.59 करोड़ रुपये थी लेकिन उनके पूरा होने की अनुमानित लागत 29,50,997.33 करोड़ रुपये हो गई। इस तरह कुल लागत में 4,40,419.74 करोड़ रुपये यानी 17.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
रिपोर्ट कहती है कि नवंबर, 2023 तक इन प्रजोक्ट्स पर 15,58,038.07 करोड़ रुपये का खर्च आया, जो प्रजोक्ट्स की अनुमानित लागत का 52.80 प्रतिशत है। हालांकि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि देरी की गणना समापन की नवीनतम अनुसूची के आधार पर की जाती है तो विलंबित परियोजनाओं की संख्या घटकर 629 हो जाती है।
इसमें कहा गया है कि 308 परियोजनाओं के लिए न तो उसकी मंजूरी का वर्ष और न ही संभावित निर्माण अवधि की सूचना दी गई है। देरी से चल रही 845 परियोजनाओं में से 204 में एक से 12 महीने की देरी है जबकि 198 परियोजनाएं 13-24 महीने की देरी से चल रही हैं। वहीं 322 परियोजनाओं में 25-60 महीने की देरी है और 121 परियोजनाएं पांच साल से अधिक विलंब से चल रही हैं। देरी से चल रही 845 परियोजनाओं का समय औसतन 36.64 महीने बढ़ गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों ने इस देरी के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी, वन और पर्यावरण मंजूरी हासिल करने में विलंब और बुनियादी ढांचे के समर्थन की कमी को जिम्मेदार बताया है।

 

घरेलू कोयला आधारित बिजलीघरों का विद्युत उत्पादन अप्रैल-नवंबर के दौरान 8.39 प्रतिशत बढ़ा
Posted Date : 25-Dec-2023 4:30:08 am

घरेलू कोयला आधारित बिजलीघरों का विद्युत उत्पादन अप्रैल-नवंबर के दौरान 8.39 प्रतिशत बढ़ा

नईदिल्ली। घरेलू कोयला आधारित बिजलीघरों से विद्युत उत्पादन चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान 8.38 प्रतिशत बढक़र 779.1 अरब यूनिट रहा। एक अधिकारिक बयान में कहा गया कि एक साल पहले इसी अवधि में घरेलू कोयला आधारित बिजलीघरों से विद्युत उत्पादन 718.83 अरब यूनिट रहा था।
कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश में बिजली उत्पादन आलोच्य अवधि में 7.71 प्रतिशत बढ़ा है। कुल मिलाकर कोयला आधारित बिजलीघरों (आयातित कोयला मिलाकर) के उत्पादन में चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान सालाना आधार पर 11.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसका कारण गर्मी का बढऩा, देश के उत्तरी भाग में मानसून में देरी के साथ कोविड महामारी के बाद वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी है।
मिश्रण के लिए कोयले का आयात चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक 44.28 प्रतिशत घटकर 1.51 करोड़ टन रहा। कोयला आयात तब घटा है जब इस दौरान बिजली की मांग बढ़ी है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह कोयला उत्पादन में देश के आत्मनिर्भर होने और कोयला आयात में कमी लाने की प्रतिबद्धता को बताता है।

 

बैंकों को बड़े दिवालिया मामलों की हर महीने समीक्षा का निर्देश
Posted Date : 24-Dec-2023 4:45:48 am

बैंकों को बड़े दिवालिया मामलों की हर महीने समीक्षा का निर्देश

नई दिल्ली। वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने पत्रकारों को बताया कि वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों को हर महीने शीर्ष 20 दिवालिया मामलों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने दिवालिया मामलों की समीक्षा के लिए कहा है क्योंकि दिवालिया अदालतों में मामलों को स्वीकार करने में देरी होती है।
जोशी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) के कामकाज की भी समीक्षा करेंगी क्योंकि फँसे कर्ज की वसूली में देरी हो रही है।
सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एनएआरसीएल प्रबंधन के साथ बैठक बुलाई थी।
एनएआरसीएल की स्थापना वाणिज्यिक बैंकों की तनावग्रस्त संपत्तियों को संभालने और उनका निपटान करने के लिए की गई थी ताकि उनके बही-खाते साफ हो जाएं और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अधिक धन उपलब्ध हो सके।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह संसद को सूचित किया कि नवंबर 2024 तक एनएआरसीएल ने सितंबर 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा निर्धारित दो लाख करोड़ रुपये के मूल लक्ष्य के मुकाबले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से 11,617 करोड़ रुपये के फँसे हुए ऋण का अधिग्रहण किया है।
मंत्रालय ने कहा, एनएआरसीएल द्वारा अधिग्रहित कुछ खाते आईबीसी के तहत हैं और एनसीएलएटी द्वारा समाधान योजना को मंजूरी मिलने के बाद ही वसूली संभव है।
इस प्रकार, शेष खातों में एनएआरसीएल ने 30 नवंबर 2023 तक केवल 16.64 करोड़ रुपये की वसूली की है।
आईबीसी मामलों में भी देरी होती है, जिन्हें न्यायाधिकरणों में दाखिल होने में ही एक साल से अधिक का समय लग जाता है, जबकि समाधान प्रक्रिया 360 दिन की समयसीमा से कहीं अधिक लंबी हो जाती है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2019 से 2023 के बीच पांच वर्षों में सात लाख करोड़ रुपये से अधिक का फंसा कर्ज माफ कर दिया।
इन अटकी संपत्तियों में से 6.5 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 2023 में 94,000 करोड़ रुपये या मात्र 15 प्रतिशत की वसूली की गई है, जिसमें से आधे से अधिक बरामद राशि आईबीसी मार्ग के माध्यम से आई है।

 

गूगल क्रोम का नया सेफ्टी फीचर्स, कोई आपका पासवर्ड इस्तेमाल करेगा तो तुरंत मिलेगी जानकारी
Posted Date : 24-Dec-2023 4:45:16 am

गूगल क्रोम का नया सेफ्टी फीचर्स, कोई आपका पासवर्ड इस्तेमाल करेगा तो तुरंत मिलेगी जानकारी

नई दिल्ली।  गूगल अपने यूजर्स के लिए जल्द नया फीचर लाने जा रही है। इस अपडेट के बाद अगर कोई आपके पासवर्ड को दूसरी जगह इस्तेमाल करेगा तो उसकी जानकारी आपको तुरंत मिल जाएगा। दरअसल गूगल अपने यूजर्स की सेफ्टी के लिए क्रोम ब्राउजर में सेफ्टी चेक नाम का एक फीचर देता है। यह फीचर आपको वीक पासवर्ड, स्ट्रांग पासवर्ड, पासवर्ड कंप्रोमाइज्ड होने की जानकारी देता है। हालांकि अभी इस फीचर में यह बड़ी दिक्कत है कि इसे मैनुअली इनेबल करना होता है। ये फीचर हैकर्स से बचाए रखने में बड़ी मदद करता है।
लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक अब गूगल इस फीचर में बड़ा अपडेट देने जा रहा है। कंपनी अब इस सिक्योरिटी चेक फीचर को आटोमैटिक करने जा रही है। यानी अब इसे मैनुअली इनेबल नहीं करना होगा। ये फीचर बैकग्राउंड में रन करता रहेगा और अगर कोई आपके पासवर्ड को चुरा कर इस्तेमाल करता है या फिर हैकर्स आपके पासवर्ड को इस्तेमाल करते हैं तो आपको इसका तुरंत अलर्ट मिल जाएगा।
आपको बता दें कि गूगल का ये सेफ्टी फीचर उन वेबसाइट्स पर भी नजर रखता है जिन्हें आपने पहले कभी एक्सेस दिया था लेकिन अब आप उन वेबसाइट्स पर काम नहीं करते हैं। गूगल का ये सिक्योरिटी चेक फीचर इस तरह की वेबसाइट से आपका डेटा आटोमैटिक तरीके से हटा देगा।

 

महंगाई पर पैनी नजर रख रही है मौद्रिक नीति समिति
Posted Date : 24-Dec-2023 4:44:37 am

महंगाई पर पैनी नजर रख रही है मौद्रिक नीति समिति

मुंबई। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के दिसंबर की बैठक के ब्योरे में खाद्य कीमतों पर अनिश्चितता से उत्पन्न मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिम पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
बैठक के जारी विवरण के अनुसार, एमपीसी सदस्य शशांक भिडे ने खाद्य मुद्रास्फीति पर चिंता व्यक्त की जो छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष मानसून के मौसम के दौरान प्रतिकूल वर्षा की स्थिति के प्रभाव के कारण कुछ मुख्य फसलों की पैदावार कम रहने की आशंका है जिसका असर खाद्य मुद्रास्फीति पर पड़ेगा।
एमपीसी बैठक के विवरण में कहा गया है कि अल्पावधि में मुद्रास्फीति पैटर्न को प्रभावित करने वाले कारकों की एक श्रृंखला को ध्यान में रखते हुए ओवरऑल मुद्रास्फीति 2023-24 की तीसरी और चौथी तिमाही में क्रमश: में 5.6 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत तथा 2024-25 की पहली तिमाही में 5.2 प्रतिशत अनुमानित है। इसके बाद दूसरी तिमाही में इसके चार प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत रहने की संभावना है।
खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 5.55 प्रतिशत बढ़ी, जो तीन महीने का उच्चतम स्तर है।
आरबीआई के अधिकारी राजीव रंजन के अनुसार, विकास के मोर्चे पर, अर्थव्यवस्था पूरी गति से चल रही है और मौद्रिक नीति इस उच्च विकास प्रक्षेपवक्र का समर्थन करने का सबसे अच्छा तरीका मूल्य स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखना है।
एमपीसी में तीन आरबीआई सदस्य और तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं। दिसंबर में लगातार पांचवीं बैठक में उसने रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था।

 

मूल्य नियंत्रण के लिए 3.46 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 13,164 मीट्रिक टन चावल की बिक्री
Posted Date : 23-Dec-2023 5:16:49 am

मूल्य नियंत्रण के लिए 3.46 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 13,164 मीट्रिक टन चावल की बिक्री

नई दिल्ली ।  देश में चावल, गेहूं और आटे के खुदरा मूल्य को नियंत्रित करने के लिए 3.46 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 13,164 मीट्रिक टन चावल की बिक्री की गई है। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक यह बिक्री 26वीं ई-नीलामी में की गई है। केंद्रीय मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार की बाजार में मूल्य नियंत्रण की पहल के एक हिस्से के रूप में, गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जाती है। 26वीं ई-नीलामी 20 दिसंबर को आयोजित की गई, जिसमें 4 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं और 1.93 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चावल की बोली लगाई गई थी।
ई-नीलामी में, 2178.24 रुपये क्विंटल के हिसाब से 3.46 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं और 2905.40 रुपये क्विंटल के औसत मूल्य के हिसाब से 13,164 मीट्रिक टन चावल बेचा गया। इसके अलावा, 1 जनवरी 2019 से ई-नीलामी दिनांक 20 दिसंबर 2023 में एलटी बिजली कनेक्शन वाले बोली दाताओं के लिए केवल 50 मीट्रिक टन गेहूं और एचटी बिजली कनेक्शन वाले बोली दाताओं के लिए 250 मीट्रिक टन गेहूं की अनुमति दी जा रही है। यह कदम भंडार की जमाखोरी को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि मुक्त बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) घरेलू (डी) के अंतर्गत बेचे गए गेहूं को संसाधित किया जा रहा है और सफल बोलीदाता द्वारा खुले बाजार में जारी किया जा रहा है।
मंत्रालय का कहना है कि उपरोक्त के अलावा, एक बोलीदाता द्वारा बोली लगाने वाले चावल की न्यूनतम मात्रा 1 मीट्रिक टन और अधिकतम मात्रा 2,000 मीट्रिक टन निर्धारित की गई है। ई-नीलामी दिनांक 20 दिसंबर 2023 को बोलीदाता चावल के संदर्भ में मुक्त बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) घरेलू (डी) के अंतर्गत 1 मीट्रिक टन के गुणकों में बोली लगा सकते हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि मुक्त बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) घरेलू (डी) के अंतर्गत चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है और वर्तमान ई-नीलामी में चावल की बिक्री पिछली ई-नीलामी में बेचे गए 3,300 मीट्रिक टन से बढक़र 13,164 मीट्रिक टन हो गई है।