मुंबई । रिलायंस इंडस्ट्रीज के 37 लाख से भी ज्यादा निवेशकों के लिए आज का दिन बेहद खास है। मार्केट कैप के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और देश के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी ने अपने शेयरहोल्डरों के लिए बोनस शेयर की घोषणा की थी। कंपनी ने बोनस शेयर के लिए 28 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट फिक्स की थी, जो आज है। यानी आज कंपनी के शेयर एक्स-बोनस ट्रेड करे रहे हैं और निवेशकों के डीमैट अकाउंट में बोनस शेयर अलॉट हो गए हैं। कंपनी के रिकॉर्ड्स में आज जिन निवेशकों के पास जितने शेयर होंगे, उन्हें उसी के हिसाब से बोनस शेयर दिए गए हैं।
मुकेश अंबानी ने कंपनी की 47वीं एजीएम में किया था ऐलान
बताते चलें कि मुकेश अंबानी ने 29 अगस्त को कंपनी की 47वीं एजीएम में शेयरहोल्डरों को 1:1 के रेशो में बोनस शेयर जारी करने का ऐलान किया था। कंपनी ने बोनस शेयर के लिए सोमवार, 28 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट फिक्स किया था। जो निवेशक आज, 28 अक्टूबर को कंपनी के नए शेयर खरीदेंगे, उन्हें आज खरीदे गए नए शेयर पर बोनस शेयर नहीं दिया जाएगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2017 में शेयरहोल्डरों को 1:1 के रेशो में बोनस शेयर जारी किया था। उससे पहले कंपनी ने साल 2009 में अपने शेयरहोल्डरों को 1:1 के रेशो में बोनस शेयर जारी किया था।
शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुआ था रिलायंस के शेयर का भाव
पिछले हफ्ते शुक्रवार को कंपनी के शेयर बड़ी गिरावट के साथ 2655.70 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। शुक्रवार को 2687.00 रुपये के भाव पर खुला रिलायंस का शेयर कारोबार के दौरान 2688.70 रुपये के इंट्राडे हाई से लेकर 2644.00 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंचा था और अंत में 2655.70 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों का 52 वीक हाई 3217.90 रुपये और 52 वीक लो 1338.00 रुपये है। बीएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज का मौजूदा मार्केट कैप 9,05,315.56 करोड़ रुपये है।
मुंबई । तमाम कंपनियां तिमाही नतीजे जारी करने के साथ-साथ अपने निवेशकों के लिए डिविडेंड का ऐलान कर रही हैं। इसी बीच दिग्गज डिफेंस कंपनी मझगांव डॉक ने भी अपने शेयरहोल्डरों के लिए डिविडेंड का ऐलान किया था। अब इस डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट काफी नजदीक आ चुकी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स की। पानी के जहाज बनाने वाली इस कंपनी ने 17 अक्टूबर को अपने शेयरहोल्डरों के लिए डिविडेंड का ऐलान किया था।
23.19 रुपये का डिविडेंड देगी कंपनी
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था कि शेयरहोल्डरों को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 10 रुपये की फेस वैल्यू प्रत्येक शेयर पर 23.19 रुपये का डिविडेंड दिया जाएगा। कंपनी ने इस डिविडेंड के भुगतान के लिए बुधवार, 30 अक्टूबर को रिकॉर्ड डेट तय किया है। 30 अक्टूबर को कंपनी के शेयर एक्स-डिविडेंड ट्रेड करेंगे। यानी, 30 अक्टूबर को खरीदे जाने वाले नए शेयरों पर निवेशकों को डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेगा। शेयरहोल्डरों के बैंक खाते में 20 नवंबर या उससे पहले ही डिविडेंड के पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
2 टुकड़ों में बंटेगा मझगांव डॉक का शेयर
कंपनी ने इसके साथ ही स्टॉक स्प्लिट का भी ऐलान किया है। कंपनी ने कहा कि 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले एक शेयर को दो हिस्सों में बांटा जाएगा। जिसके बाद कंपनी के प्रत्येक शेयरों की फेस वैल्यू 5 रुपये हो जाएगी। हालांकि, कंपनी ने स्टॉक स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट की घोषणा नहीं की है।
1 साल में 118.82 प्रतिशत का रिटर्न
बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयरों ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। कंरनी के शेयरों ने पिछले 1 साल में 118.82 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। डिफेंस स्टॉक ने निवेशकों को पिछले 2 साल में 550.68 प्रतिशत और पिछले 3 साल में 1446.33 प्रतिशत का भारी-भरकम रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले 3 महीने से कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है।
नई दिल्ली । केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में की गई प्रमुख पहलों का उद्देश्य विकसित भारत को साकार करना है।
मीडिया से बात करते हुए जितेंद्र सिंह ने सरकार के साहसिक एवं रणनीतिक विज्ञान प्रोत्साहन के बारे में बताया, जिसमें बायोइकोनॉमी बनाने के उद्देश्य से बायो ई3 नीति पेश करने के लिए अंतरिक्ष स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष शुरू करना शामिल है।
मंत्री ने कहा, अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में मोदी सरकार की प्रमुख पहल वैश्विक नवाचार मंच पर भारत की भूमिका को आगे बढ़ाने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की वैज्ञानिक क्षमता को बढ़ाने के अलावा यह पहल एक स्थायी, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था में भी योगदान देती है जो उद्योग और संसाधनों में वैश्विक बदलावों का सामना कर सकती है।
उन्होंने कहा कि यह पहल अंतरिक्ष अन्वेषण, जैव प्रौद्योगिकी और मौसम विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत के नेतृत्व को भी सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विशेष उद्यम पूंजी कोष भारत के लगभग 300 अंतरिक्ष स्टार्टअप के बढ़ते आधार का लाभ उठाने की एक व्यापक योजना का हिस्सा है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र को निजी खिलाडिय़ों के लिए खोलने के इस फैसले से अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में उल्लेखनीय बदलाव आया है। सिर्फ एक स्टार्टअप से शुरू होकर इस नीति ने आज सैकड़ों अंतरिक्ष तकनीक कंपनियों वाला एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद की है।
चंद्रयान-3 मिशन जैसी उपलब्धियों से भारत को मिली वैश्विक मान्यता का जिक्र करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था हमारे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आगामी गगनयान अंतरिक्ष मिशन पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रगति का उद्देश्य नवाचार, सटीकता और विश्वसनीयता के साथ अग्रणी होना है।
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव चालक दल वाला अंतरिक्ष मिशन होगा जिसे 2026 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
इसी प्रकार बायो ई3 नीति के साथ सिंह ने जैव-संचालित भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अगली औद्योगिक क्रांति पारंपरिक विनिर्माण की बजाय जैव-अर्थव्यवस्था पहलों से उत्पन्न होगी। सरकार समावेशी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए जैव प्रौद्योगिकी क्षमता का दोहन कर रही है।
सिंह ने मिशन मौसम पर महत्वपूर्ण अपडेट की भी घोषणा की, जो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन के भीतर शुरू की गई एक पहल थी, जिसका उद्देश्य मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की सटीकता को बढ़ाना था।
मुंबई । इस साल दिवाली पर मुंबई एयरपोर्ट धारावी की गलियों से आए दीयों से जगमगाएगा। धारावी सोशल मिशन के तहत एयरपोर्ट को दस लाख दीयों से सजाया जाएगा।
धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) का उद्देश्य धारावी के लोगों के लिए रोजगार पैदा करना है। साथ ही, धारावी की गलियों की मुलायम मिट्टी के द्वारा हाथ से बने दीयों को एक अलग पहचान देना भी इसका उद्देश्य है।
धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) की पहल धारावी सोशल मिशन ने इस दिवाली धारावी के कुंभारवाड़ा के लिए करीब दस लाख दीयों का ऑर्डर दिया है। इन दीयों का इस्तेमाल मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड अपने यात्री जुड़ाव कार्यक्रम के लिए और अदाणी फाउंडेशन त्योहारी सीजन के दौरान जागरूकता अभियान के लिए करेगा।
दस लाख हस्तनिर्मित दीये बनाने की इस पहल से करीब 500 कारीगरों और उनके सहयोगियों को लाभ मिला है। ये कारीगर कई पीढिय़ों की कला का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन लोगों के लिए यह सिर्फ काम का ऑर्डर नहीं है, यह जीवन रेखा है। यह उनके लिए गर्व का क्षण है, जहां उनकी विरासत को न सिर्फ संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि बड़े पैमाने पर उसका जश्न भी मनाया जा रहा है।
कुंभारवाड़ा पॉटर्स एसोसिएशन के सदस्य हनीफ गलवानी ने कहा, यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है जिसे हमने प्राप्त किया है। डीआरपीपीएल के समर्थन ने हमें अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए सशक्त बनाया है। यह सिर्फ दीये बेचने के बारे में नहीं है, यह विरासत को आगे बढ़ाने के बारे में है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक दीये के पीछे पीढिय़ों के बीच सहयोग की कहानी छिपी है, जहां युवा हाथ अनुभवी कारीगरों के साथ मिलकर काम करते हैं। धारावी की गलियों की मुलायम मिट्टी से लेकर शहर भर के घरों की चमक तक, ये दीये अपने साथ उस समुदाय का प्यार, कौशल और भावना लेकर चलते हैं, जो लंबे समय से मुंबई की धडक़न रही हैं।
यह पहल स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बनाने और धारावी में पारंपरिक शिल्प कौशल को संरक्षित करने के लिए डीआरपीपीएल की एक बड़ी कोशिश है। ऐसे युग में जब मशीन से बने और आयातित सामान बाजार पर हावी हैं, हस्तनिर्मित मिट्टी के दीयों का यह बड़े पैमाने पर ऑर्डर भारतीय कारीगरों और उनकी कृतियों को बढ़ावा देता है।
डीआरपीपीएल के प्रवक्ता ने कहा, धारावी उद्यमशीलता का प्रतीक है। इस तरह की पहलों के माध्यम से हम न केवल स्थानीय उद्योगों का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि अपने समुदाय के ताने-बाने को भी मजबूत कर रहे हैं। धारावी के भीतर विकास, सहयोग और नवाचार की संभावना बहुत अधिक है। हालांकि यह तो बस एक शुरुआत है।
धारावी सोशल मिशन (डीएनएम) डीआरपीपीएल की एक प्रमुख पहल है, जो सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी ढांचे के आयामों को शामिल करते हुए धारावी निवासियों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। मिशन में धारावी के युवाओं, महिलाओं और वंचित समूहों पर विशेष जोर दिया गया है। इन प्रयासों का फोकस कौशल-आधारित रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छता, सामाजिक जुड़ाव और सामुदायिक कल्याण को बढ़ाना है।
डीएसएम समुदाय के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने, व्यक्तियों को सशक्त बनाने, स्थायी आजीविका बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे सभी के लिए एक उज्जवल और समावेशी भविष्य का निर्माण हो सके। उद्देश्य-उन्मुख मिशन एक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र के लिए व्यक्तियों और समूहों की दीर्घकालिक और टिकाऊ, सामाजिक-आर्थिक क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करने का प्रयास करता है।
मुंबई । भारतीय नागरिकों को इंटरनेट का बेहतरीन अनुभव देने के उद्देश्य से सरकार ने नए नियम जारी किए हैं। नए नियम डिजिटल कनेक्टिविटी को लेकर संपत्तियों की रेटिंग के लिए बनाए गए हैं। इसी के साथ नए नियम दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और संपत्ति प्रबंधकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देंगे।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ‘डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों की रेटिंग विनियम, 2024’ शीर्षक से विनियम जारी किए हैं। नए नियम प्रभावी हो चुके हैं।
विनियमों के प्रावधानों के अनुसार, डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए संपत्तियों की रेटिंग मैनेज करने के लिए ट्राई की ओर से एक रेटिंग प्लेटफॉर्म सेटअप किया जाएगा। इसके अलावा, ट्राई एक इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम और इससे जुड़े एप्लिकेशन को भी सेटअप करेगा।
ट्राई ने कहा, वे प्रॉपर्टी मैनेजर जो अपनी प्रॉपर्टी के मिनिमम स्पेसिफाइड साइज के साथ रेटिंग के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें रेटिंग प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए प्रॉपर्टी मैनेजर को फीस और अथॉरिटी द्वारा तय किए गए फॉर्मेट का ध्यान रखना होगा।
डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए रेटिंग के उद्देश्य से प्रॉपर्टी को आवासीय, सरकारी प्रॉपर्टी, कमर्शियल इस्टैब्लिशमेंट, निजी या सार्वजनिक क्षेत्र, स्टेडियम या खेल का मैदान, ट्रांसपोर्ट कॉरिडर और लोगों के बार-बार इक_े होने वाली जगह जैसी कैटेगरी में बांटा गया है।
दूरसंचार नियामक के अनुसार, 4जी (एलटीई) नेटवर्क के कवरेज और 5जी नेटवर्क के रोलआउट के बावजूद स्पेक्ट्रम बैंड की उपलब्धता एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।
इसके अलावा, बिल्डिंग के अंदर डिजिटल कनेक्टिविटी की कवरेज और गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। इन परेशानियों को सेवा प्रदाताओं और संपत्ति प्रबंधकों के सहयोग से दूर किए जाने की जरूरत है।
नए नियमों को संपत्ति प्रबंधकों द्वारा अपने ग्राहकों को एक अच्छा डिजिटल कनेक्टिविटी अनुभव प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए हैं।
दूरसंचार नियामक ने कहा, बेहतर रेटिंग वाली संपत्ति ज्यादा यूजर्स, खरीदारों और निवेशकों को आकर्षित करेगी और इससे संपत्ति का मूल्य बढ़ेगा।
भारत में, 927.56 मिलियन वायरलेस इंटरनेट ग्राहक हैं, जबकि जून 2024 तक 42.04 मिलियन इंटरनेट ग्राहक अपने घरों या कार्यालयों में वायर्ड कनेक्टिविटी रखते हैं। वर्तमान में, अधिकांश आबादी इंटरनेट तक पहुंचने के लिए वायरलेस नेटवर्क पर निर्भर है।
नियामक के अनुसार, डिजिटल कनेक्टिविटी रेटिंग एजेंसी (डीसीआरए) के रूप में पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली कोई भी इकाई रेटिंग प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन के जरिए प्राधिकरण द्वारा लिस्ट की जाएगी।
ट्राई के अनुसार, डीसीआरए को किसी भी तरह के शुल्क, नियम-शर्तों को लेकर पहले ही जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, किसी भी रेटिंग गतिविधि को शुरू करने से पहले इन नियम-शर्तों और शुल्क के लिए संपत्ति प्रबंधकों की स्वीकृति मायने रखेगी।