नई दिल्ली । इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में देश की इकनॉमिक ग्रोथ 7.2-7.9 पर्सेंट रह सकती है। अगले हफ्ते आधिकारिक आंकड़ा आने से पहले अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया है। कच्चे तेल की कीमत बढऩे, रुपये में कमजोरी और मॉनसून सीजन में असमान बारिश के बावजूद ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है क्योंकि कंस्ट्रक्शन के साथ कंजम्पशन ग्रोथ बढिय़ा रही है।
अप्रैल-जून क्वॉर्टर में जीडीपी ग्रोथ 8.2 पर्सेंट थी, जो नौ क्वॉर्टर्स में सबसे अधिक थी। अप्रैल-जून क्वॉर्टर में ऊंची ग्रोथ का बड़ा कारण यह था कि पिछले साल की इसी तिमाही में नोटबंदी और गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स के चलते ग्रोथ कम हो गई थी। ऐसे में बेस इफेक्ट के चलते इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रोथ 8 पर्सेंट से ऊपर पहुंच गई। वहीं, जुलाई-सितंबर क्वॉर्टर में चीन की इकनॉमिक ग्रोथ धीमी होकर 6.5 पर्सेंट रही।
दूसरे क्वॉर्टर की ग्रोथ को मौजूदा फाइनैंशल ईयर के लिए लगभग 7.5 पर्सेंट की ग्रोथ के अनुमान के अनुसार देखा जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को इस वित्त वर्ष में ग्रोथ 7.4 पर्सेंट रहने की उम्मीद है। इकनॉमिक टाइम्स को सितंबर तिमाही की जीडीपी ग्रोथ के सात अनुमान मिले हैं, जिनका औसत 7.5 पर्सेंट है।
कोटक महिंद्रा बैंक की इकनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज ने कहा, सितंबर तिमाही में इससे पिछली तिमाही से कम ग्रोथ रहेगी। जून तिमाही में बेस इफेक्ट के चलते ग्रोथ काफी तेज थी। हालांकि, दूसरे क्वॉर्टर में भी ग्रोथ मजबूत रहने के संकेत हैं। कोटक महिंद्रा बैंक ने जीडीपी ग्रोथ 7.9 पर्सेंट रहने का अनुमान दिया है। सेंट्रल स्टैटिस्टिकल ऑफिस सितंबर क्वॉर्टर के लिए जीडीपी आंकड़ा 30 नवंबर को जारी करेगा।
इंडिया रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट देवेन्द्र पंत का कहना है, मॉनसून औसत रहा है और इससे कृषि पर असर पड़ा है। हमें पहले क्वॉर्टर में एग्रीकल्चरल ग्रोथ 5.3 पर्सेंट से कम रहने की उम्मीद है। इंडिया रेटिंग्स ने सितंबर क्वॉर्टर में जीडीपी ग्रोथ 7.3 पर्सेंट रहने की उम्मीद जताई है। इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन के अनुसार, मौजूदा फाइनैंशल ईयर के पहले छह महीनों में देश का इंडस्ट्रियल आउटपुट 5.1 पर्सेंट बढ़ा है। मैन्युफैक्चरिंग में ग्रोथ 5.3 पर्सेंट की रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 2 पर्सेंट थी।
रेटिंग एजेंसी इकरा की प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, एग्रीकल्चरल ग्रोथ कमजोर रहने के हमारे अनुमान के बावजूद, न्यूनतम समर्थन मूल्य में बदलाव, किसानों के कर्ज माफ करने, कंस्ट्रक्शन में तेजी आने और राज्य सरकारों की ओर से वेतन बढ़ाने से दूसरे क्वॉर्टर में डिमांड बढऩे की उम्मीद है। यस बैंक की चीफ इकनॉमिस्ट शुभदा राव ने कहा कि सर्विसेज सेक्टर में अच्छे सुधार से दूसरे क्वॉर्टर में ग्रोथ को मदद मिली है। एचडीएफसी बैंक को जुलाई-सितंबर क्वॉर्टर में जीडीपी में 7.4 पर्सेंट की वृद्धि होने की उम्मीद है।
मुंबई । फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल ने हाल में उस महिला के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिनके आरोपों के चलते उन्हें कंपनी से अचानक इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, बाद में बंसल ने शिकायत वापस ले ली। इस मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने यह जानकारी दी है। बंसल के एक करीबी सूत्र ने बताया, बिन्नी ने महिला के खिलाफ ब्लैकमेल करने और झूठे आरोप लगाने को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने जब महिला को स्टेटमेंट देने के लिए बुलाया तो उन्होंने वॉलमार्ट से बिन्नी की शिकायत करने के लिए माफी मांगी।
सूत्र ने बताया, इसके बाद बिन्नी ने इस मामले को वापस लेने का फैसला किया। वह जब चाहें, इस केस को फिर से खुलवा सकते हैं। बंसल ने कोरामंगला पुलिस थाने में महिला के खिलाफ इसी मसचिन और बिन्नी बंसल: साथ रचा इतिहास, एक जैसा अंजामहीने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने 13 नवंबर को फ्लिपकार्ट से इस्तीफा दिया था। इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने कंप्लेन दर्ज कराई थी। कंपनी के बोर्ड में वॉलमार्ट के संस्थापक सैम वॉल्टन के पोते स्टुअर्ट वॉल्टन, वॉलमार्ट इंटरनेशनल की प्रेजिडेंट जूडिथ सचिन और बिन्नी बंसल: साथ रचा इतिहास, एक जैसा अंजाममैकेना और वॉलमार्ट कनाडा और एशिया के रीजनल सीईओ डर्क वान डेन बर्घे शामिल हैं। बिन्नी ने फ्लिपकार्ट में ग्रुप सीईओ की पोस्ट से इस्तीफा देने के बाद पिछले हफ्ते पुलिस कंप्लेन करने का निर्णय लिया था।
बिन्नी ने साल 2007 में सचिन बंसल के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट की स्थापना की थी। इस साल अमेरिकी रिटेल जायंट वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 पर्सेंट स्टेक खरीदा था। महिला के आरोप लगाने के बाद वॉलमार्ट ने बिन्नी की जांच एक बाहरी एजेंसी से कराई थी, जिसमें उन्हें पर्सनल मिसकंडक्ट का दोषी पाया गया। बिन्नी ने जब इस्तीफा दिया था, तब फ्लिपकार्ट ने आरोपों की तफसील से जानकारी नहीं दी थी। इतना बताया गया था कि फ्लिपकार्ट की एक पूर्व एंप्लॉयी ने आरोप लगाए थे, जो जांच में सही नहीं पाए गए। वॉलमार्ट ने 13 नवंबर के स्टेटमेंट में कहा था कि जांच में महिला के आरोप गलत पाए गए, लेकिन इससे बिन्नी की तरफ से पारदर्शिता नहीं बरतने की गलती सामने आई थी।
नई दिल्ली । रंजन पाई की मणिपाल हॉस्पिटल्स, टीपीजी कैपिटल और टेमासेक के साथ मिलकर ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड को खरीदने के करीब पहुंच गई है, जो मेदांता हॉस्पिटल की मालिक है। यह सौदा 5,800-6,000 करोड़ रुपये में हो सकता है।
पिछले हफ्ते मेदांता की बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी, लेकिन फाइल डिसिजन नहीं लिया गया था। हालांकि, अगले हफ्ते की शुरुआत में दोनों पक्षों के बीच तय समय में ड्यू डिलिजेंस के लिए एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट हो सकता है। कुछ सूत्रों ने बताया कि अग्रीमेंट इस वीकेंड पर भी हो सकता है। मेदांता के संस्थापक जाने-माने हार्ट सर्जन डॉ. नरेश त्रेहन डील के बाद भी इसमें कुछ हिस्सेदारी बनाए रख सकते हैं। हालांकि, अभी फाइनल डीटेल्स पर काम होना है। उनके परिवार के सदस्यों और सह-संस्थापक सुनील सचदेवा के पास कंपनी के 55 पर्सेंट शेयर हैं।
मणिपाल ने अभी जो प्रपोजल दिया है, उसके मुताबिक कार्लाइल ग्रुप मेदांता से पूरी तरह बाहर हो जाएगा। उसने पांच साल पहले इसमें निवेश किया था। कार्लाइल ने अमेरिका के एवेन्यू कैपिटल से 2013 में 60 करोड़ डॉलर में 27 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत टीपीजी और टेमासेक, मणिपाल में और निवेश करेंगे। इससे कंपनी में उनकी हिस्सेदारी बढ़ेगी।
टीपीजी ने मणिपाल एजुकेशन ऐंड मेडिकल ग्रुप में 2015 में 900 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उसके पास कंपनी के 22 पर्सेंट शेयर हैं। वहीं, सिंगापुर सरकार की कंपनी टेमासेक के पास मेदांता और मणिपाल दोनों में 18 पर्सेंट स्टेक है। मेदांता की स्थापना 2009 में हुई थी। यह गुरुग्राम, लखनऊ, इंदौर, रांची और श्री गंगानगर में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और क्लिनिक्स चलाती है।
एक सूत्र ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘कार्लाइल मेदांता से अच्छी कीमत पर निकलना चाहती थी। उसने पिछले हफ्ते मणिपाल के प्रस्ताव पर हामी भरी थी। ऐसा लगता है कि मणिपाल-मेदांता डील जल्द हो सकती है। इसकी टर्म शीट पर 8-10 दिनों में दस्तखत होने की उम्मीद है।’ त्रेहन और पाई ने इस खबर पर कमेंट करने से मना कर दिया, जबकि टीपीजी और कार्लाइल के प्रवक्ताओं को ईमेल से पूछे गए सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिला था।
मेदांता को स्टेंट जैसी मेडिकल डिवाइस पर प्राइस कंट्रोल और नोटबंदी का बुरा असर हुआ है। इसकी होल्डिंग कंपनी ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड की आमदनी वित्त वर्ष 2017 में 1,278 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2016 के 1,384 करोड़ से कम थी। वित्त वर्ष 2017 में कंपनी का मुनाफा गिरकर 54 करोड़ रह गया था, जो 2016 में 175 करोड़ था। ग्रुप पर वित्त वर्ष 2017 के अंत तक 182 करोड़ का कर्ज था।
नई दिल्ली । स्थानीय आभूषण विनिर्माताओं की ताजा मांग तथा विदेशी बाजारों के मजबूत रुख से बृहस्पतिवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 90 रुपये चढक़र 32,000 रुपये के स्तर को पार कर 32,040 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया।
औद्योगिक इकाइयों का उठाव बढऩे से चांदी भी 200 रुपये की बढ़त के साथ 38,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। सोने की कीमतों में पिछले तीन दिन के दौरान गिरावट आई थी। घरेलू बाजार में आभूषण विनिर्माताओं की खरीद बढऩे और बेहतर वैश्विक रुख से बृहस्पतिवार को सोना चढ़ा।
वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,228 डॉलर प्रति औंस रहा। वहीं चांदी भी 14.59 डॉलर प्रति औंस पर मजबूत रही। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता 90-90 रुपये चढक़र क्रमश: 32,040 रुपये और 31,890 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। इससे पिछले तीन दिन के दौरान सोना 200 रुपये टूटा था।
आठ ग्राम वाली गिन्नी के भाव 24,800 रुपये प्रति इकाई पर कायम रहे। सोने की तरह चांदी हाजिर भी 200 रुपये की बढ़त के साथ 38,000 रुपये प्रति किलोग्राम और साप्ताहिक डिलिवरी 302 रुपये की मजबूती के साथ 36,888 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। चांदी सिक्का लिवाल 73,000 रुपये और बिकवाल 74,000 रुपये प्रति सैकड़ा पर कायम रहा।
नई दिल्ली । टेलिकॉम इंडस्ट्री को भयंकर झटका लगने की आशंका है। मसलन अगले 6 महीने में 6 करोड़ एसआईएम कार्ड बंद हो जाएंगे। टेलिकॉम में अगले 6 महीने में सब्सक्राइबर्स की संख्या 6 करोड़ घट जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग अलग-अलग कंपनियों के मल्टीपल सिम रखने के बजाए एक टेलिकॉम कंपनी का एक ही सिम रखने को तरजीह दे रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ दिनों में प्राइस और डेटा वॉर की वजह से लगभग सभी कंपनियों के प्लान एक जैसे होने लगे हैं। ऐसे में ग्राहक अलग-अलग सिम कार्ड रखने के झंझट का खत्म करना चाहते हैं।
एक आर्थिक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले 6 महीने में लगभग 6 करोड़ एसआईएम बंद हो जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अब लोग दो सिमकार्ड रखने की जगह एक ही कार्ड को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में सीओएआई के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यू के हवाले से लिखा है कि आने वाले महीने में मोबइल यूजर्स की संख्या में 2.5 से 3 करोड़ की कमी आ सकती है। जबकि एक एक टेलीकॉम विश्लेषक ने दावा किया है कि यूजर्स की संख्या में 4.5 से 6 करोड़ तक की कमी आ सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस जियो के आने के बाद लोगों ने दो कनेक्शन को तरजीह दी लेकिन पिछले कुछ दिनों में हालात बदल गए। हर टेलिकॉम कंपनी के प्लान लगभग एक जैसे हो गए हैं। जियो की वजह से जो प्राइस वॉर शुरू हुआ उसके बाद एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया ने लगभग एक जैसे प्लान पेश करने लगे। इसी वजह से लोगों ने दो या तीन विकल्प के बजाए एक को चुनना बेहतर समझा।
रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2018 के आखिरी में देश में 1.2 अरब मोबाइस फोन यूजर्स थे। वहीं सिंगल सिम इस्तेमाल करने वाले सब्सक्राइबर्स की संख्या लगभग 7.5 करोड़ है। अब लोग मल्टीपल सिम के बजाए सिंगल सिम को बढ़ावा दे रहे हैं। टेलिकॉम कंपनियों ने रिलायंस जियो से निपटने के लिए अपने प्लान में बदलाव किए। पहले से सस्ता और ज्यादा डेटा वाले प्लान पेश किए। ताकि लोग आकर्षित हो सके। इसी का नतीजा है कि अब सभी टेलिकॉम कंपनियों के प्लान लगभग एक जैसे होने लगे हैं।
मुंबई । देश के प्रमुख शेयर बाजार गुरु नानक जयंती के मौके पर शुक्रवार को बंद हैं। नियमित कारोबार के लिए शेयर बाजार 26 नवंबर को खुलेंगे। इससे पहले गुरुवार को शेयर बाजार में नियमित कारोबार हुआ। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 218.78 अंकों की गिरावट के साथ 34,981.02 पर और निफ्टी 73.30 अंकों की गिरावट के साथ 10,526.75 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 82.53 अंकों की मजबूती के साथ 35,282.33 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 12.6 अंकों की बढ़त के साथ 10,612.65 पर खुला।
भारतीय वायदा बाजार में शुक्रवार को दिन का सत्र बंद रहेगा लेकिन शाम के सत्रों में कारोबार जारी रहेगा।