व्यापार

सोशल मीडिया पर औसतन 7 घंटे रोज बिता रहे भारतीय युवा : आईआईएम-रोहतक
Posted Date : 08-Jan-2024 3:47:26 am

सोशल मीडिया पर औसतन 7 घंटे रोज बिता रहे भारतीय युवा : आईआईएम-रोहतक

नई दिल्ली। युवाओं द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि एक पुरुष का औसत स्क्रीन टाइम 6 घंटे 45 मिनट है, जबकि एक महिला का औसत स्क्रीन टाइम 7 घंटे 5 मिनट है। अध्ययन से यह भी पता चला कि लगभग 60.66 प्रतिशत युवा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, जिसका सबसे अधिक उपयोग शाम को होता है।सबसे अधिक दर्शक संख्या 50 प्रतिशत से अधिक मनोरंजन से संबंधित सामग्री की है। आईआईएम के मुताबिक, पिछले दशक में दुनिया भर में स्मार्टफोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। किफायती डेटा प्लान और बढ़ती इंटरनेट सुविधाओं के साथ देश में बड़ी संख्या में युवा डिजिटल मीडिया की ओर रुख कर रहे हैं।
इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आभासी सार्वजनिक स्थान बन गए हैं, इसके माध्यम से युवा अपने विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करते हैं। जहां एक ओर ये प्लेटफॉर्म कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं, वहीं दूसरी ओर ये स्क्रीन टाइम बढ़ाने में भी योगदान देते हैं। इंस्टाग्राम पर ट्रेंड फॉलो करने से लेकर यूट्यूब पर कंटेंट देखने तक, सोशल मीडिया के कारण युवाओं का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है।
यह अध्ययन अक्टूबर-नवंबर 2023 के दौरान आईआईएम-रोहतक के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा आयोजित किया गया था। इसके लिए 18 से 25 वर्ष की आयु के 38,896 युवाओं से डेटा एकत्र किया गया था। आईआईएम-रोहतक के निदेशक प्रोफेसर धीरज शर्मा ने कहा कि अध्ययन में विभिन्न क्षेत्रों, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक वर्गों के 18,521 पुरुषों और 14,375 महिलाओं को शामिल किया गया था। वे अपने स्क्रीन टाइम के दौरान मुख्य रूप से यूट्यूब, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, सफारी और गूगल क्रोम का उपयोग करते हैं। इसके अलावा युवाओं में पारंपरिक कॉलिंग की जगह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड व्हाट्सएप कॉलिंग का चलन भी बढ़ रहा है। इसका कारण यह है कि युवा अपने संचार में गोपनीयता चाहते हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म युवाओं के लिए डिजिटल अभिव्यक्ति और ऑनलाइन पहचान निर्माण के लिए एक कैनवास प्रदान करते हैं। प्रोफेसर शर्मा के मुताबिक, सोशल मीडिया पर युवाओं के कुल स्क्रीन टाइम में से 31.27 फीसदी इंस्टाग्राम पर, 28.32 फीसदी व्हाट्सएप पर, 19.78 फीसदी स्नैपचैट पर और 17.20 फीसदी समय फेसबुक पर बिताते हैं। अध्ययन का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि मनोरंजन से संबंधित सामग्री में सबसे अधिक 54.52 प्रतिशत दर्शक हैं, जबकि सोशल मीडिया पर देखी जाने वाली अन्य सामग्री में पेशेवर और स्वयं सहायता (26.23 प्रतिशत), शिक्षा, ज्ञान और समाचार (14.28 प्रतिशत) और राजनीतिक सामग्री में 4.97 प्रतिशत दर्शक शामिल है।।
जब ओटीटी प्लेटफार्मों पर सामग्री का उपभोग करने की बात आती है, तो अध्ययन से पता चला कि यूट्यूब सबसे आगे है और 32.03 प्रतिशत युवा इसे पसंद करते हैं। आईआईएम के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कनेक्टिविटी के साथ-साथ अवसर भी प्रदान करते हैं। ऐसे में डिजिटल अवसरों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के बीच तालमेल बनाने के लिए विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है। आज के डिजिटल युग में, देश के युवाओं के बीच अत्यधिक स्क्रीन समय को कम करके डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के सकारात्मक प्रभाव को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। नीति निर्माताओं को ऐसी नीतियां बनाने की जरूरत है ताकि युवा स्वेच्छा से सोशल मीडिया का उपयोग सीमित करें और इसका उपयोग अपने विकास के लिए करें।

 

विमान की खिडक़ी का शीशा टूटने के बाद अलास्का एयरलाइंस का बड़ा फैसला, कंपनी ने सभी बोइंग 737-9 का परिचालन रोका
Posted Date : 08-Jan-2024 3:45:56 am

विमान की खिडक़ी का शीशा टूटने के बाद अलास्का एयरलाइंस का बड़ा फैसला, कंपनी ने सभी बोइंग 737-9 का परिचालन रोका

वाशिंगटन। अलास्का एयरलाइंस ने अपने सभी बोइंग 737-9 विमानों का परिचालन रोक दिया है। ऐसे ही एक विमान की एक खिडक़ी और उसके साथ जुड़ी केबिन की दीवार का एक हिस्सा निकलकर हवा में उड़ जाने के बाद ओरेगॉन के पोर्टलैंड में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अलास्का एयरलाइंस के सीईओ बेन मिनिकुची के शुक्रवार देर रात एक बयान के हवाले से कहा, उड़ान संख्या 1282 पर आज रात की घटना के बाद हमने 65 बोइंग 737-9 विमानों के अपने बेड़े को अस्थायी रूप से बंद करने का एहतियाती कदम उठाने का फैसला किया है।
बोइंग ने एक अलग बयान में कहा कि एक तकनीकी टीम जांच में सहयोग के लिए तैयार है। कुल 171 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों को लेकर ओन्टारियो, कैलिफोर्निया के लिए जाने वाले विमान ने शुक्रवार शाम 4.52 बजे उड़ान भरी और 20 मिनट बाद पोर्टलैंड लौट आया। एक यात्री द्वारा भेजी गई तस्वीरों के अनुसार, हवाई जहाज के धड़ का एक बड़ा हिस्सा और एक खिडक़ी गायब थी। सीएनएन ने फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के हवाले से कहा, चालक दल द्वारा दबाव की समस्या की सूचना दिए जाने के बाद अलास्का एयरलाइंस की उड़ान 1282 सुरक्षित रूप से पोर्टलैंड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लौट आई।
पोर्टलैंड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और अलास्का एयरलाइंस दोनों ने आपातकालीन लैंडिंग की पुष्टि की थी। विमान में सवार एक यात्री काइल रिंकर ने उड़ान भरने के तुरंत बाद एक खिडक़ी हवा में उड़ गई। उन्होंने आगे कहा, यह सचमुच अजीबो-गरीब था। अभी-अभी विमान ऊंचाई पर पहुंचा, और खिडक़ी/दीवार अचानक से खुल गई, इसका पता तब चला जब ऑक्सीजन मास्क नीचे आ गए। एफएए और राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने घोषणा की है कि वे घटना की जांच करेंगे।

 

वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान, एनएसओ ने जारी किए आंकड़े
Posted Date : 07-Jan-2024 4:42:23 am

वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान, एनएसओ ने जारी किए आंकड़े

नई दिल्ली । वैश्विक परिस्थियों के चुनौतीपूर्ण बने रहने के बावजूद केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) का अनुमान है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 7.3 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होगी।
एनएसओ का यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पिछले अनुमान से अधिक है। केंद्रीय ने दिसंबर में जीडीपी वृद्ध के अपने पहले के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ा कर सात प्रतिशत कर दिया था। वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत थी।
आगामी मार्च में समाप्त होने वाले इस वित्त वर्ष में वृद्धि के संबंध में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार 2011-12 कीमतों पर वास्तविक जीडीपी वर्ष 2023-24 में 171.79 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर रहने का अनुमान है। गत 31 मई को जारी अनंतिम अनुमान के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 160.06 लाख करोड़ रुपये था।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान कीमतों पर भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 के 16.1 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 20-23-24 में 8.9 प्रतिशत रहने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष के बजट में वर्तमान कीमतों पर जीडीपी वृद्धि 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। इस तरह वर्तमान कीमत पर जीडीपी के संभावित आकार के बारे में एनएसओ का अनुमान रिजर्व बैंक के अनुमान से अधिक पर सरकार के अनुमान से कम है।
एनएवओ के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में वर्तमान कीमतों पर जीडीपी 296.58 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2022- 23 में यह 272.41 लाख करोड़ रुपये था।
चालू वित्त वर्ष में खनन क्षेत्रकी वृद्धि 8.1 प्रतिशत हो सकती है जो पिछले वित्त वर्ष 4.6 प्रतिशत थी। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रिशत रहने का अनुमान है जो एक साल पहले के 1.3 प्रतिशत की तुलना में बड़ा सुधार है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि 7.8 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर तिमाही में क्वार्टर में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत थी।
चालू वित्त वर्ष में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि 10.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है,कृषि और संबद्ध क्षेत्र को छोडक़र, सभी आर्थिक क्षेत्रों ने 6 प्रतिशत ऊंची दर से वृद्ध दर्ज की है। कृषि क्षेत्र मंदा चल रहा है और चालू वित्त वर्ष में इसकी वृत्रि अनुमानित वृद्धि 1.8 प्रतिशत रहेगी। पिछले वित्त वर्ष में इस क्षेत्र की वृद्धि 4.0 प्रतिशत थी। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर उनके 6.5 प्रतिशत के अनुमान से कहीं अधिक आंकी गई है।
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के अंदर उद्योग क्षेत्र, विशेष रूप से निर्माण क्षेत्र एक महत्वपूर्ण चालक के रूप में उभरा है, जबकि सेवाओं में नरमी देखी गई है।उन्होंने कहा कि मांग पक्ष को निवेश का एक बड़ा सहारा मिल रहा है लेकिन निजी खपत 4.4 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ समग्र जीडीपी वृद्धि दर से पीछे चल रही है। जोशी ने कहा,हम उम्मीद करते हैं कि उच्च ब्याज दरों और धीमी वैश्विक वृद्धि दर के कारण अगले वित्त वर्ष 2024-25 में में भारत की आर्थिक वृद्धि की गति धीमी होगी। मिलवुड केन इंटरनेशनल के सीईओ और संस्थापक नीश भट्ट ने कहा कि उपभोक्ता खर्च की रफ्तार सुस्त है पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकारी खर्च और मजबूत घरेलू मांग और विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के कारण आर्थिक विकास को काफी हद तक बढ़ावा मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि और व्यापार, विशेष रूप से आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और अस्थिर भू-राजनीतिक स्थिति के असर से ये अनुमान प्रभावित भी हो सकते हैं।

 

गेल ने एलएनजी के आयात के लिए विटोल के साथ किया 10 साल का समझौता
Posted Date : 07-Jan-2024 4:42:07 am

गेल ने एलएनजी के आयात के लिए विटोल के साथ किया 10 साल का समझौता

सिंगापुर । गेल (इंडिया) लिमिटेड और विटोल एशिया पीटीई लिमिटेड ने 2026 भारत में प्रति वर्ष लगभग 10 लाख मीट्रिक टन एलएनजी की आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) सौदे पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की।
इस सौदे के तहत, विटोल अपने वैश्विक एलएनजी पोर्टफोलियो से अखिल भारतीय आधार पर गेल को एलएनजी वितरित करेगा। गेल के सीएमडी संदीप कुमार गुप्ता ने कहा: गेल द्वारा विटोल के साथ यह दीर्घकालिक एलएनजी सौदा इसके बड़े एलएनजी पोर्टफोलियो को बढ़ाएगा और देश की प्राकृतिक गैस की मांग और आपूर्ति के अंतर को पाटने में योगदान देगा।
विटोल के सीईओ रसेल हार्डी ने कहा: हमें विटोल और गेल के बीच मौजूदा संबंधों को आगे बढ़ाने और इस दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति सौदे को एक साथ पूरा करने पर खुशी है। भारत एक महत्वपूर्ण और बढ़ता हुआ एलएनजी बाजार है और हम भारत में प्राकृतिक गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने वैश्विक एलएनजी पोर्टफोलियो से एलएनजी आपूर्ति लाने के लिए उत्साहित हैं।
गेल के निदेशक (विपणन) संजय कुमार ने कहा कि गेल यह सौदा कर रहा है क्योंकि देश में प्राकृतिक गैस की मांग समेकित हो रही है और यह एलएनजी गठजोड़ के कई अर्थ हैं। गेल लंबे समय से विभिन्न एलएनजी आपूर्तिकर्ताओं के साथ सौदे कर रहा है। गेल, जो पूरे भारत में 16 हजार किमी से अधिक प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों के नेटवर्क का मालिक है और उसका संचालन करता है, प्रसार को और बढ़ाने के लिए कई पाइपलाइन परियोजनाओं के निष्पादन पर एक साथ काम कर रहा है।
कंपनी गैस ट्रांसमिशन में लगभग 70 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखती है और भारत में गैस ट्रेडिंग हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। गेल और उसकी सहायक कंपनियों/जेवी की सिटी गैस वितरण में भी जबरदस्त बाजार हिस्सेदारी है। विटोल ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी है, जिसकी उपस्थिति तेल और गैस से लेकर बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन तक है। यह प्रति दिन 74 लाख बैरल कच्चे तेल और उत्पादों का व्यापार करता है, और हर साल लगभग छह हजार समुद्री यात्राएं करता है।

 

सेबी ने शॉर्ट सेलिंग के नियम कड़े किये
Posted Date : 07-Jan-2024 4:41:51 am

सेबी ने शॉर्ट सेलिंग के नियम कड़े किये

मुंबई । बाजार नियामक सेबी द्वारा जारी एक नए सर्कुलर के अनुसार, संस्थागत निवेशकों को ऑर्डर देते समय पहले ही बताना होगा कि लेनदेन शॉर्ट सेलिंग है या नहीं।
हालांकि, आदेश में कहा गया है कि खुदरा निवेशकों को लेनदेन के दिन कारोबारी घंटों के अंत तक इसी तरह का खुलासा करने की अनुमति दी जाएगी।
आदेश के अनुसार, दलालों को शेयर-वार शॉर्ट सेलिंग की स्थिति पर विवरण एकत्र करने, डेटा को एकत्रित करने और अगले कारोबारी दिन व्यापार शुरू होने से पहले स्टॉक एक्सचेंजों पर अपलोड करना अनिवार्य किया जाएगा। स्टॉक एक्सचेंज तब ऐसी जानकारी को समेकित करेंगे और प्रसारित करेंगे इसे हर सप्ताह जनता की जानकारी के लिए अपनी वेबसाइटों पर डालेंगे। सेबी की मंजूरी के साथ समय-समय पर इस तरह के खुलासे की आवृत्ति की समीक्षा की जा सकती है।
सेबी ने खुदरा और संस्थागत निवेशकों जैसे सभी वर्गों के निवेशकों को शॉर्ट सेल करने की अनुमति दी है, लेकिन बेईमानी को रोकने के लिए कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
यह निर्णय हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में कथित हेरफेर की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ठीक बाद आया है।
शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन सेबी से यह जांच करने को कहा कि क्या भारतीय निवेशकों को अनुसंधान एजेंसी के कार्यों से नुकसान हुआ है या क्या बाजार में शॉर्ट पोजीशन ली गई है जो कानून के खिलाफ है।
सेबी ने पहले अक्टूबर 2023 में स्टॉक एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉरपोरेशन के लिए एक मास्टर सर्कुलर जारी किया था, जिसे अब नवीनतम सर्कुलर में नए प्रावधानों को शामिल करने के साथ अपडेट किया गया है।

 

उबर ने भारत में टियर 2, 3 शहरों में फ्लेक्सिबल प्राइसिंग सर्विस का किया विस्तार
Posted Date : 07-Jan-2024 4:41:35 am

उबर ने भारत में टियर 2, 3 शहरों में फ्लेक्सिबल प्राइसिंग सर्विस का किया विस्तार

नई दिल्ली । राइड-हेलिंग प्रमुख उबर अब अपने यूजर बेस का विस्तार करने के लिए भारत के कई टियर 2 और 3 शहरों में अपने फ्लेक्सिबल प्राइसिंग सर्विस की टेस्टिंग कर रहा है, जिससे यात्रियों को अपनी राइड के लिए एक विशेष किराया बोली लगाने की अनुमति मिल सके।
फ्लेक्सिबल प्राइसिंग सर्विस कॉलर उबर फ्लेक्स का भारत में पहली बार पिछले साल अक्टूबर में टेस्ट किया गया था।
टेकक्रंच के अनुसार, इस सर्विस का विस्तार अब औरंगाबाद, अजमेर, बरेली, चंडीगढ़, कोयंबटूर, देहरादून, ग्वालियर, इंदौर, जोधपुर और सूरत जैसे शहरों तक कर दिया गया है।
उबर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, हम वर्तमान में भारत के कुछ टियर 2 और 3 बाजारों में इस फीचर का टेस्ट कर रहे हैं।
उबर फ्लेक्स की टेस्टिंग लेबनान, केन्या और लैटिन अमेरिका में भी की जा रही है। उबर के स्टैंडर्ड प्राइसिंग मॉडल के विपरीत, फ्लेक्स राइडर्स को नौ प्राइसिंग प्वाइंट्स से अपनी पसंद के किराये की बोली लगाने की अनुमति देता है, जिसमें एक डिफ़ॉल्ट प्राइस चुना जाता है।
राइडर्स एक किराया चुन सकते हैं जिसे आस-पास के ड्राइवरों के साथ साझा किया जाएगा, जो प्रस्तावित किराए के आधार पर राइड को एसेप्ट या रिजेक्ट कर सकते हैं।
इसी तरह ड्राइवरों के पास यूजर्स को अपने रेट्स बताने का विकल्प होता है।
जो भी ड्राइवर का प्रस्ताव उनकी नजर में आता है, वे उसे चुन सकते हैं और फिर, राइड कंफर्म हो जाती है।
एक अन्य राइड-हेलिंग ऐप इनड्राइव वर्तमान में राइडर्स को एक विशिष्ट किराया मैन्युअल रूप से इनपुट करने की अनुमति देता है।
पिछले फरवरी में, इनड्राइव ने 150 मिलियन डॉलर जुटाए, यह कहते हुए कि वह इस फंड का उपयोग कस्टमर्स को प्राप्त करने और बनाए रखने और अपनी निरंतर वृद्धि का समर्थन करने के लिए करेगा।