व्यापार

1.25 बिलियन डॉलर का कर्ज लेने की प्लानिंग में एसबीआई , साल 2024 का होगा सबसे बड़ा बैंक लोन
Posted Date : 16-Nov-2024 6:15:20 pm

1.25 बिलियन डॉलर का कर्ज लेने की प्लानिंग में एसबीआई , साल 2024 का होगा सबसे बड़ा बैंक लोन

नई दिल्ली  । देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई इस साल का सबसे बड़ा बैंक लोन लेने की योजना बना रहा है। भारतीय स्टेट बैंक 1.25 बिलियन डॉलर का कर्ज लेने की तैयारियों में जुटा हुआ, जो भारत के फाइनेंशियल सेक्टर का इस साल का सबसे बड़ा डॉलर-डिनॉमिनेटेड लोन होगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि सीटीबीसी बैंक, एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी और ताइपे फूबोन बैंक 5 साल के लोन की व्यवस्था कर रहे हैं, जिसमें रिस्क-फ्री सिक्यॉर्ड ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट पर 92.5 बेसिस पॉइंट्स का इंटरेस्ट मार्जिन है।
गुजरात के गिफ्ट सिटी ब्रांच से होगा टांजैक्शन
मामले से परिचित लोगों ने बताया कि भारत का टॉप लेंडर देश के सबसे नए फाइनेंशियल सेंटर गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (त्रढ्ढस्नञ्ज ष्टद्बह्ल4) में अपनी ब्रांच के माध्यम से सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए सुविधा जुटा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बड़ी डील को अन्य फाइनेंशियर्स के साथ सिंडिकेट किया जा रहा है। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक ने इस मामले पर पूछे गए ब्लूमबर्ग के सवाल का जवाब नहीं दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक इस साल फॉरेन करेंसी डेट जुटाने में कई अन्य स्थानीय उधारकर्ताओं में शामिल हो गया है। नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों या तथाकथित शैडो बैंकों ने खासतौर पर लोकल लेवल पर सख्त नियमों के बीच डॉलर-डिनॉमिनेटेड सुविधाओं का तेजी से इस्तेमाल किया है।
भारतीय स्टेट बैंक ने जुलाई में भी लिया था 750 मिलियन डॉलर का कर्ज
चोलामंडलम इंवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी 300 मिलियन डॉलर की सिंडिकेटेड टर्म फैसिलिटी प्राप्त करने वाली लेटेस्ट भारत की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है। दूसरी ओर, लोकल फाइनेंशियर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सिडनी ब्रांच 125 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर ($81 मिलियन) के 3 साल के लोन की मार्केटिंग कर रही है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा 750 मिलियन डॉलर का उधार जुटा रहा है। बड़ी कंपनियों द्वारा उधार न लिए जाने की वजह से इस साल भारत का डॉलर लोन वॉल्यूम 27त्न घटकर 14.2 बिलियन डॉलर रह गया है। जुलाई में, स्टेट बैंक ने 750 मिलियन डॉलर का 3 साल का लोन लिया था।

 

चावल निर्यात को मंजूरी मिलने से एग्री एक्सपोर्ट बढऩे की उम्मीद
Posted Date : 15-Nov-2024 7:39:12 pm

चावल निर्यात को मंजूरी मिलने से एग्री एक्सपोर्ट बढऩे की उम्मीद

जयपुर । बीते माह चावल निर्यात को मंजूरी मिलने से एग्री एक्सपोर्ट बढऩे की संभावना प्रबल हो गई है। इस साल सरकार को एग्री एक्सपोर्ट 5000 करोड़ डालर तक पहुंचने की उम्मीद है। नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट को मंजूरी के कारण ही एग्री एक्सपोर्ट को समर्थन मिल सकता है। स्थानीय सूरजपोल मंडी स्थित प्रमुख फर्म जगदीश नारायण रतनलाल सिंघल एंड संस के मजोज सिंघल ने कहा कि बीते माह अक्टूबर में नॉन-बासमती चावल के निर्यात को मंजूरी मिली है। अक्टूबर में सेला तथा ब्राउन राइस की ड्यूटी खत्म हुई है। चावल निर्यात के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2023-24 में 1.4-1.5 करोड़ टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ था, जबकि वर्ष 2024-25 में 1.7-1.8 करोड़ टन चावल के निर्यात का अनुमान है। ज्ञात हो कि बासमती चावल का 55 लाख टन एक्सपोर्ट होने का अनुमान है। जबकि सेला चावल का 70 से 80 लाख टन एक्सपोर्ट होने का अनुमान है। वहीं दूसरी ओर नॉन बासमती चावल का निर्यात 40 फीसदी तक घटने की आशंका है। गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर लगा प्रतिबंध हटाकर एक्सपोर्ट के लिए न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस (एमईपी) लागू कर दी थी। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट के लिए न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस की जरूरत को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। सिंघल ने कहा कि एक्सपोर्ट हटने से किसानों एवं व्यापारियों को फायदा होगा। निर्यात को मंजूरी मिलने के सरकार के इस फैसले के बाद चावल पर 10 से 15 फीसदी दाम अधिक मिल रहे हैं।  

 

42 दिन के फेस्टिव सीजन में बिकीं 42,88,248 गाडिय़ां, इसमें हैं 33,11,325 टू-व्हीलर्स, गावों से आई मजबूत डिमांड
Posted Date : 15-Nov-2024 7:38:59 pm

42 दिन के फेस्टिव सीजन में बिकीं 42,88,248 गाडिय़ां, इसमें हैं 33,11,325 टू-व्हीलर्स, गावों से आई मजबूत डिमांड

नई दिल्ली ।  देश में इस साल 42 दिन की त्योहारी अवधि में वाहनों की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढक़र 42,88,248 यूनिट हो गई। डीलरों के संगठन फाडा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गत वर्ष इस त्योहारी अवधि में 38,37,040 वाहनों का पंजीकरण हुआ था। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) के अध्यक्ष सी. एस. विग्नेश्वर ने कहा, ‘‘नवरात्रि की शुरुआत से ही हमने उल्लेखनीय वृद्धि देखी जो हमारे पूर्वानुमानित लक्ष्य के करीब पहुंच गई है। इस अवधि में 42.88 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ, जो पिछले वर्ष के 38.37 लाख वाहनों की तुलना में 11.76 प्रतिशत अधिक है।’’
6,03,009 पैसेंजर व्हीकल बिके
इस वर्ष त्योहारी अवधि में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री सात प्रतिशत बढक़र 6,03,009 इकाई हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 5,63,059 इकाई था। विग्नेश्वर ने कहा कि मांग में वृद्धि तथा बाजार में उपलब्ध अभूतपूर्व छूट से यात्री वाहनों की बिक्री में सुस्ती के बाद तेजी लौटी है। इस वर्ष 42 दिन की अवधि में दोपहिया वाहनों का पंजीकरण पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत बढक़र 33,11,325 इकाई हो गया। विग्नेश्वर ने बताया कि दोपहिया वाहनों की बिक्री में मुख्य रूप से मजबूत ग्रामीण मांग का योगदान रहा। इस दौरान वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर एक प्रतिशत बढक़र 1,28,738 इकाई हो गई। दूसरी ओर, तिपहिया वाहनों की बिक्री सात प्रतिशत बढक़र 1,59,960 इकाई हो गई। हालांकि, ट्रैक्टर की बिक्री सालाना आधार पर दो प्रतिशत घटकर 85,216 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 86,640 इकाई थी। फाडा ने कहा कि ये आंकड़े देशभर के 1,430 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में से 1,368 से एकत्र किए गए हैं।
अक्टूबर में ऑटो सेल
सिर्फ अक्टूबर की बात करें तो यात्री वाहनों की थोक बिक्री सालाना आधार पर मामूली बढ़त के साथ 3,93,238 यूनिट हो गयी। उद्योग संगठन सियाम ने बुधवार को यह जानकारी दी थी। अक्टूबर 2023 में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 3,89,714 यूनिट थी। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने बयान में कहा, पिछले महीने कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढक़र 21,64,276 यूनिट हो गई। जबकि अक्टूबर 2023 में यह 18,95,799 यूनिट थी। स्कूटर की बिक्री अक्टूबर में 22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7,21,200 यूनिट रही।

 

1 जनवरी, 2025 से महंगी हो जाएंगी मर्सिडीज की गाडिय़ां, जानें कितना दाम बढ़ाएगी कंपनी
Posted Date : 15-Nov-2024 7:38:42 pm

1 जनवरी, 2025 से महंगी हो जाएंगी मर्सिडीज की गाडिय़ां, जानें कितना दाम बढ़ाएगी कंपनी

नई दिल्ली । जर्मनी की लग्जरी कार मेकर मर्सिडीज-बेंज ने शुक्रवार को कहा कि वे 1 जनवरी, 2025 से अपनी गाडिय़ों की कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रही है। कंपनी ने बताया कि 1 जनवरी से उनकी कारें 3 प्रतिशत महंगी हो जाएंगी। कंपनी ने गाडिय़ों की कीमत बढ़ाने के पीछे की प्रमुख वजहों के बारे में भी बताया है। मर्सिडीज का कहना है कि लागत में बढ़ोतरी, महंगाई के दबाव और उच्च परिचालन खर्च के कारण उसे ये कदम उठाना पड़ रहा है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने अपने बयान में कहा कि भारत में मर्सिडीज-बेंज की लग्जरी कार की कीमतों में 2 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी होगी। बिजनेस की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने जा रही है कंपनी
1 जनवरी, 2025 से मर्सिडीज जीएलसी क्लास की कीमत दो लाख रुपये और मर्सिडीज मायबाक एस 680 लग्जरी लिमोसिन की कीमत 9 लाख रुपये तक बढ़ जाएगी। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर संतोष अय्यर ने कहा, ‘‘पिछली तीन तिमाहियों से, हम अपनी लागत संरचना पर बढ़ते दबाव का सामना कर रहे हैं। ऐसा मुख्य रूप से कच्चे माल की बढ़ती लागत, कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव, लॉजिस्टिक खर्चों में बढ़ोतरी और महंगाई की वजह से हो रहा है।’’ उन्होंने आगे कहा कि बिजनेस की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए हमने कीमतों में मामूली बढ़ोतरी का फैसला किया है।
अक्टूबर 2024 में मर्सिडीज बेंज की बिक्री में दिखा था शानदार उछाल
बताते चलें कि अक्टूबर 2024 में मर्सिडीज बेंज की बिक्री में शानदार बढ़ोतरी देखने को मिली थी। त्योहारी सीजन के चलते कंपनी ने अक्टूबर में कुल 1792 गाडिय़ां बेची थीं। जबकि पिछले साल के अक्टूबर महीने में मर्सिडीज बेंज ने 1374 गाडिय़ां ही बेची थीं। मर्सिडीज बेंज ने इस साल सितंबर में कुल 1308 गाडिय़ां की बिक्री की थी। वहीं दूसरी ओर, भारत में मर्सिडीज बेंज की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनी बीएमडब्ल्यू ने अक्टूबर 2024 में कुल 1475 गाडिय़ों की बिक्री की थी। पिछले साल अक्टूबर में बीएमडब्ल्यू ने कुल 1165 गाडिय़ां बेची थीं।

 

भारत में बने एप्पल आईफोन की देश से बाहर धड़ाधड़ हो रही बिक्री, सात महीनों में रिकॉर्ड निर्यात
Posted Date : 14-Nov-2024 9:01:01 pm

भारत में बने एप्पल आईफोन की देश से बाहर धड़ाधड़ हो रही बिक्री, सात महीनों में रिकॉर्ड निर्यात

नई दिल्ली  । चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) के पहले सात महीनों में एप्पल ने भारत से आईफोन निर्यात में लगभग 60,000 करोड़ रुपये का नया रिकॉर्ड बना लिया है।
आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में, क्यूपर्टिनो स्थित टेक दिग्गज ने लगभग 60,000 करोड़ रुपये (7 बिलियन डॉलर से अधिक) मूल्य के आईफोन निर्यात किए, जो चालू वित्त वर्ष में हर महीने लगभग 8,450 करोड़ रुपये (लगभग 1 बिलियन डॉलर) मूल्य के निर्यात बराबर है।
इस बार, कंपनी भारत से अपनी 14 और 15 सीरीज के दूसरे लोकप्रिय मॉडलों के अलावा हाल ही में लॉन्च किए गए आईफोन 16 मॉडल का निर्यात कर रही है।
वित्त वर्ष 2024 में एप्पल ने 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन निर्यात किए।
इस वित्त वर्ष में, टेक दिग्गज ने पांच महीने पहले ही 10 बिलियन डॉलर का 70 प्रतिशत हासिल कर लिया है।
सरकार की मेक इन इंडिया और पीएलआई योजनाओं के साथ कंपनी एक नया निर्यात रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार है।
एप्पल ने पिछले वित्त वर्ष में भारत में 14 बिलियन डॉलर के आईफोन को मैन्युफैक्चर और असेंबल किया और 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के डिवाइस का निर्यात किया।
भारत से आईफोन निर्यात 2022-23 में 6.27 बिलियन डॉलर से बढक़र 2023-24 में 10 बिलियन डॉलर को पार कर गया।
कुल मिलाकर, आईफोन निर्माता का भारत में परिचालन पिछले वित्त वर्ष 23.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
जुलाई-सितंबर की अवधि में, टिम कुक के नेतृत्व वाली कंपनी ने भारत में अब तक का सबसे बड़ा राजस्व रिकॉर्ड बनाया।
कुक ने कहा था कि हम भारत में जो कुछ दिख रहा है उससे उत्साहित हैं, यहां हमने अब तक का सबसे बड़ा राजस्व रिकॉर्ड बनाया है। एप्पल में यह इनोवेशन का एक असाधारण वर्ष रहा है।
भारत में एप्पल के दो रिटेल स्टोर्स नई दिल्ली साकेत और मुंबई बीकेसी मौजूद हैं। इस बीच एप्पल के सीईओ नए स्टोर खोलने की घोषणा कर चुके हैं।
आईडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल ने 2024 की तीसरी तिमाही में 4 मिलियन यूनिट के साथ भारत में अपनी अब तक की सबसे बड़ी तिमाही शिपमेंट पोस्ट की। एप्पल ऑनलाइन चैनल में दूसरे सबसे बड़े प्लेयर के रूप में भी उभरा, जिसमें आईफोन 15 और आईफोन 13 सबसे ज्यादा शिप किए गए डिवाइस थे।

 

भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी में 200 गीगावाट का स्तर किया पार : केंद्र
Posted Date : 14-Nov-2024 9:00:37 pm

भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी में 200 गीगावाट का स्तर किया पार : केंद्र

नई दिल्ली   । केंद्र सरकार ने आंकड़ों के आधार पर दावा किया है कि भारत ने अपनी सौर क्षमता में जबरदस्त इजाफा किया है। भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी में 200 गीगावाट का स्तर पार कर लिया है, जो देश की कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी का 46.3 प्रतिशत से अधिक है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार, कुल रिन्यूएबल एनर्जी बेस्ड बिजली उत्पादन क्षमता अब 203.18 गीगावाट है।
देश का लक्ष्य 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट हासिल करना है।
सौर ऊर्जा क्षेत्र में 92.12 गीगावाट के साथ सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। पवन ऊर्जा ने भी 47.72 गीगावाट के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया, जो देश भर में कोस्टल और इनलैंड (तटीय और अंतर्देशीय) विंड कॉरिडोर की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर भी एक प्रमुख योगदानकर्ता है, जिसमें बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट 46.93 गीगावाट और छोटे हाइड्रो पावर 5.07 गीगावाट उत्पादन करते हैं। ये प्रोजेक्ट भारत की नदियों और वॉटर सिस्टम से ऊर्जा का एक विश्वसनीय और टिकाऊ स्रोत प्रदान करते हैं।
बायोमास और बायोगैस ऊर्जा सहित बायोपावर, रिन्यूएबल एनर्जी मिश्रण में 11.32 गीगावाट और जोड़ता है।
देश की कुल रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में मात्र एक वर्ष में 24.2 गीगावाट (13.5 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है, जो अक्टूबर 2024 में 203.18 गीगावाट तक पहुंच गई। पिछले साल अक्टूबर 2023 में यह 178.98 गीगावाट थी।
मंत्रालय के अनुसार, परमाणु ऊर्जा को शामिल करने पर, भारत की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता 2023 में 186.46 गीगावाट की तुलना में 2024 में 211.36 गीगावाट तक बढ़ गई।
मंत्रालय के अनुसार यह उपलब्धि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की बढ़ती प्रतिबद्धता और हरित भविष्य के निर्माण में इसकी प्रगति को दर्शाती है,
मंत्रालय ने कहा कि यह देश के ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है, जो स्वच्छ, गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा स्रोतों पर देश की बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है।
8,180 मेगावाट (मेगावाट) परमाणु क्षमता को ध्यान में रखते हुए, कुल गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित बिजली अब देश की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का लगभग आधा हिस्सा है, जो वैश्विक मंच पर स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व की ओर एक मजबूत कदम का संकेत देता है।
भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावाट तक पहुंच गई है, जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी बिजली मिश्रण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इंटरनेशनल रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी (आईआरईएनए) की 2024 वार्षिक समीक्षा के अनुसार, 2023 में, भारत का रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर लेगा, जिसमें अनुमानित 1.02 मिलियन नौकरियां पैदा होंगी।
वैश्विक रिन्यूएबल एनर्जी वर्कफोर्स 2023 में बढक़र 16.2 मिलियन हो गया, जो 2022 में 13.7 मिलियन था, जिसमें भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (आईएलओ) के सहयोग से तैयार की गई यह रिपोर्ट स्वच्छ ऊर्जा में भारत के बढ़ते कदम और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली ग्रीन जॉब्स के अवसर बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है।