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भारत से रत्न और आभूषणों का निर्यात अक्टूबर में 9 प्रतिशत से अधिक बढ़ा
Posted Date : 20-Nov-2024 5:51:59 pm

भारत से रत्न और आभूषणों का निर्यात अक्टूबर में 9 प्रतिशत से अधिक बढ़ा

नई दिल्ली  । भारत से अक्टूबर में रत्न और आभूषणों का कुल सकल निर्यात 25,194 करोड़ रुपये रहा है। इसमें सालाना आधार पर 9.18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह पिछले साल समान अवधि में 22,857.16 करोड़ रुपये था। यह जानकारी जेम्स और ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) द्वारा सोमवार को दी गई।
अक्टूबर में रत्न एवं आभूषणों का कुल आयात 12,489.33 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 14,496.03 करोड़ रुपये की तुलना में 14.65 प्रतिशत कम है।
कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह ने कहा, लंबे समय तक सुस्ती के बाद कुल रत्न और आभूषण निर्यात में वृद्धि उद्योग के लिए बड़ी राहत है। हालांकि, भू-राजनीतिक तनाव अभी भी भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि संघर्षरत देशों के बीच समझौता हो जाएगा और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। इसके अलावा अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में चुनाव पहले ही संपन्न हो चुके हैं, इसलिए मजबूत खरीदारी संटीमेंट से मांग में कुछ तेजी आने की उम्मीद है, जिसे हॉलिडे सीजन से समर्थन मिलेगा।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारतीय आभूषण व्यापारी और निर्माता सावधानी से कदम उठा रहे हैं और मौजूदा स्टॉक को खाली करने के लिए अधिक इच्छुक हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी वेडिंग सीजन के साथ-साथ पश्चिम में छुट्टियों का मौसम भी मांग को बढ़ाएगा और इस कारण से हमें लगता है कि आयात और निर्यात दोनों में वृद्धि होगी।
अक्टूबर में सोने के आभूषणों का कुल सकल निर्यात 9,449.37 करोड़ रुपये का था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 8,603.33 करोड़ रुपये की तुलना में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
वहीं, अक्टूबर में कच्चे हीरों का सकल आयात 53,733.31 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के आयात 70,061.18 करोड़ रुपये की तुलना में 24.3 प्रतिशत कम है।

 

जुलाई-सितंबर अवधि में भारत के शहरी क्षेत्रों में बढ़ा रोजगार
Posted Date : 20-Nov-2024 5:51:25 pm

जुलाई-सितंबर अवधि में भारत के शहरी क्षेत्रों में बढ़ा रोजगार

नई दिल्ली । भारत के शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) जुलाई-सितंबर 2024 में बढक़र 50.4 प्रतिशत हो गई है, जो कि जुलाई-सितंबर 2023 में 49.3 प्रतिशत थी। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए डेटा में दी गई।  
बढ़ती हुई श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) दिखाती है कि देश में रोजगार बढ़ रहा है।
लिंग आधार पर देखें तो शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए एलएफपीआर जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 73.8 प्रतिशत से बढक़र जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान 75.0 प्रतिशत हो गया।
वहीं, शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक की महिलाओं में एलएफपीआर जुलाई-सितंबर 2024 में बढक़र 25.5 प्रतिशत हो गया है, जो कि जुलाई-सितंबर 2023 में 24 प्रतिशत था।
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), जिसे शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच जनसंख्या में नियुक्त व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है, जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 46.0 प्रतिशत से बढक़र जुलाई-सितंबर 2024 में 47.2 प्रतिशत हो गया है, जो रोजगार में वृद्धि का एक और संकेत है।
शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए डब्ल्यूपीआर जुलाई-सितंबर 2023 में 69.4 प्रतिशत से बढक़र जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान 70.7 प्रतिशत हो गया है।
शहरों क्षेत्रों में 15 वर्ष या उससे अधिक के आयु के लोगों में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2024 अवधि में गिरकर 6.4 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 6.6 प्रतिशत थी, जो दिखाता है कि देश में बेरोजगारी दर में कमी आई है।
बेरोजगारी दर को श्रम बल में शामिल व्यक्तियों में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है। लिंग के आधार पर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान 6.0 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2024 में 5.7 प्रतिशत हो गई।
डेटा के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं में बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2023 में 8.6 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2024 में 8.4 प्रतिशत हो गई।

 

आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास का बढ़ सकता है कार्यकाल
Posted Date : 19-Nov-2024 9:37:32 am

आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास का बढ़ सकता है कार्यकाल

0 महाराष्ट्र चुनाव के बाद घोषणा 
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर शक्तिकांत दास को दूसरा कार्यकाल विस्तार मिलने की संभावना है। इसकी घोषणा महाराष्ट्र चुनाव के बाद हो सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के गर्वनर का मौजूदा कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इस बीच उनके कार्यकाल को कम से कम एक और साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।अभी तक न तो किसी दूसरे उम्मीदवार पर विचार किया जा रहा है और न ही कोई चयन समिति बनी है।
शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2018 में आरबीआई का कामकाज संभाला था। यह वह दौर था जब केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे थे।दास के नेतृत्व में कई चुनौतियां रही हैं। उन्होंने कोरोना महामारी से लेकर मुद्रास्फीति के दबाव और वैश्विक वित्तीय अनिश्चितताओं के दौरान अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने पर काम किया है।उनके कार्यकाल विस्तार से सरकार का उन पर भरोसा दिख रहा है। अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है।
अगर शक्तिकांत दास के नाम पर मुहर लगती है तो वह 1960 के दशक के बाद से आरबीआई में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गर्वनर बन जाएंगे।दास से पहले बेनेगल राम राव आरबीआई गवर्नर के रूप में सबसे ज़्यादा समय तक सेवा दे चुके हैं। राव ने 1949-1957 के बीच 7 साल से अधिक समय तक केंद्रीय बैंक का नेतृत्व किया था।दास ने 2023 में सामान्य 5 साल का सेवा कार्यकाल सीमा पार कर लिया था।

भारतीय अर्थव्यवस्था ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों को पछाड़ा
Posted Date : 19-Nov-2024 9:37:18 am

भारतीय अर्थव्यवस्था ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों को पछाड़ा

  • 0-आकंड़े चौंका देंगे आपको

नईदिल्ली। दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ते जा रही है. दुनिया भर में फिलहाल तनाव और आर्थिक अनिश्चितता है. हालांकि, भारत के लिए अधिक घबराने की बात नहीं है. क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि भारत की अर्थवस्यवस्था इस साल सात फीसद की दर से बढ़ सकती है. खास बात है कि भारत की बढ़त इस साल जी-20 देशों के समूहों में सबसे अधिक है. आसान भाषा में कहें तो इस साल भारत की अर्थव्यवस्था की बढ़ता जी-20 देशों से कहीं अधिक रहने वाली है. बता दें, जी-20 सुपर पावर अमेरिका, रूस, यूके, जर्मनी, फ्रांस सहित तमाम बड़े देश शामिल हैं. खास बात है कि इस साल जहां भारत की अर्थव्यवस्था जहां सात फीसदी रह सकती है तो वहीं, अन्य बड़े देशों की आर्थिक वृद्धि तीन फीसद से भी कम रह सकती है. 
दुनिया की सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत की सबसे तेज विकास दर, आर्थिक अर्थव्यवस्था के बलबूते मजबूत हो रही है. वैश्विक चुनौतियों के बीच, भारत की अर्थव्यवस्था लगातार विकास कर रही है. जी-20 में भारत के बाद इंडोनेशिया की जीडीपी सबसे अधिक यानी पांच फीसद की दर से बढ़ सकती है. चीनी अर्थव्यवस्था 4.8 फीसद की रफ्तार से बढ़ सकती है. भारत के खास दोस्त रूस की जीडीपी 3.6 फीसद से बढ़ेगी. वहीं, ब्राजील, तुर्किये और अफ्रीका की जीडीपी तीन-तीन फीसद की दर से बढ़ेगी. 
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को इस बार झटका लगेगा क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि अमेरिका की जीडीपी इस साल 2.8 फीसद की दर से बढऩे वाली है. सऊदी अरब और मैक्सिको की अर्थव्यवस्था 1.5 रह सकती है. यूरोपीय संघ की जीडीपी 1.1 तो दक्षिण अफ्रीका की जीडीपी भी 1.1 फीसद की दर से आगे बढ़ेगी. कोरिया की अर्थव्यवस्था 2.5 फीसद की दर से बढ़ सकती है. भारत से दुश्मनी मोल लेने की फिराक में लगे कनाडा की जीडीपी खस्ता हाल रहने वाली है. कनाडा की विकास दर इस साल 1.3 फीसज रहेगी. वहीं, ऑस्ट्रेलिया की आर्थिक वृद्धि दर 1.2 फीसद रहेगी. जी-20 का एकमात्र देश अर्जेंटीना है, जिसकी आर्थिक विकास दर में 3.5 फीसद की गिरावट आ सकती है. 
रेटिंग एजेंसी मूड़ीज की मानें तो अगले साल 6.6 फीसद की दर से भारत की आर्थिक वृद्धि होगी. वहीं, 2026 में भारत की विकास दर 6.5 फीसद रह सकती है.  

 

भारत की 30% भूमि की उर्वरता हो रही प्रभावित
Posted Date : 19-Nov-2024 9:36:50 am

भारत की 30% भूमि की उर्वरता हो रही प्रभावित

0-कृषि मंत्री ने कहा-तत्काल उपाय करने की है जरूरत

नईदिल्ली। देश में 30 प्रतिशत भूमि की उर्वरता खराब हो रही है। मिट्टी की खराब होती क्षमता चिंताजनक है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टिकाऊ खेती के वास्ते मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए तत्काल उपाय करने की जरूरत है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मृदा’ पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि भुखमरी को समाप्त करने, जलवायु कार्रवाई तथा भूमि पर जीवन से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए मृदा की गुणवत्ता में सुधार करना जरूरी है।
खबर के मुताबिक, चौहान ने कहा कि हम हर साल 33 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्नों का उत्पादन कर रहे हैं और 50 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का निर्यात कर रहे हैं। हालांकि, यह सफलता चिंता के साथ आई है, विशेष रूप से मृदा गुणवत्ता के संबंध में। चौहान ने बताया कि भारत की करीब 30 प्रतिशत भूमि की गुणवत्ता बढ़ती उर्वरक खपत, उर्वरकों के असंतुलित इस्तेमाल, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और गलत मृदा प्रबंधन प्रथाओं के कारण कम होती जा रही है।
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को 22 करोड़ से ज्यादा मृदा गुणवत्ता कार्ड बांटने और सूक्ष्म सिंचाई, जैविक और प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने सहित विभिन्न सरकारी पहलों पर प्रकाश डाला। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिक केंद्रित प्रयासों की जरूरत है, खासकर बढ़ते तापमान, अनियमित वर्षा और जलवायु परिवर्तन चुनौतियों को देखते हुए। चौहान ने कहा कि वैज्ञानिकों तथा किसानों के बीच की खाई को पाटने के लिए जल्द ही आधुनिक कृषि पर एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
इसी मौके पर मौजूद नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे दक्षिण अमेरिकी देशों में संरक्षित कृषि व जुताई रहित विधियों के सफल कार्यान्वयन के बावजूद भारत और दक्षिण एशिया में इन्हें सीमित रूप से अपनाए जाने पर सवाल उठाया। चंद ने कहा कि हालांकि कुछ गैर सरकारी संगठन और निजी कंपनियां पुनर्योजी कृषि तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं, लेकिन इन पहलों का दायरा सीमित है। उन्होंने भारतीय मृदा वैज्ञानिक सोसायटी (आईएसएसएस) से बड़े पैमाने पर समाधान की अगुवाई करने का आह्वान किया।

 

भारतीय टायर निर्माता वित्त वर्ष 2025 में 7-8 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के लिए तैयार
Posted Date : 18-Nov-2024 6:19:16 pm

भारतीय टायर निर्माता वित्त वर्ष 2025 में 7-8 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के लिए तैयार

नई दिल्ली। भारत में टायर निर्माताओं को वित्त वर्ष 2025 में 7-8 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि देखने को मिल सकती है। सोमवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि कीमतों और बिक्री की मात्रा दोनों में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि के कारण होगी।
क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021 और 2023 के बीच 21 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज करने के बाद राजस्व में लगातार दूसरे वर्ष एकल अंक में वृद्धि होगी।
उद्योग की बिक्री (टन भार को लेकर) का 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू मांग को पूरा करता है और बाकी का हिस्सा निर्यात किया जाता है।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, घरेलू मांग का लगभग दो-तिहाई हिस्सा रिप्लेसमेंट सेगमेंट से है और बाकी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से है।
उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में, मुख्य रूप से वाणिज्यिक और यात्री वाहनों से रिप्लेसमेंट डिमांड, वॉल्यूम वृद्धि को बढ़ावा देगी, जबकि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में धीमी वृद्धि के कारण ओईएम की मांग में केवल 1-2 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 प्रतिशत क्षमता उपयोग के साथ, टायर निर्माता हमारे द्वारा रेट किए गए इस वित्त वर्ष में 5,500 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर नरेन कार्तिक ने कहा, घरेलू टायर निर्माताओं का समर्थन करने के लिए, भारत सरकार ने प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए चीनी रेडियल टायरों पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है।
इस वित्त वर्ष के दौरान प्राप्ति वृद्धि में उतार-चढ़ाव रहेगा क्योंकि टायर निर्माता प्राकृतिक रबर की कीमत में उछाल को संतुलित करने के लिए धीरे-धीरे कीमतें बढ़ा रहे हैं, जो आवश्यक कच्चे माल का लगभग आधा हिस्सा है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, वॉल्यूम वृद्धि रिप्लेसमेंट डिमांड से प्रेरित होगी। इसमें आगे कहा गया है कि मजबूत बैलेंस शीट और क्रमिक क्षमता विस्तार टायर निर्माताओं की क्रेडिट प्रोफाइल को स्थिर रखेगा।
निर्यात को लेकर उत्तरी अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में कमजोर मांग के कारण इस वित्त वर्ष में वृद्धि दर 2-3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो भारत के कुल निर्यात का लगभग 60 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण सप्लाई चेन में बाधा के कारण माल ढुलाई लागत में वृद्धि हुई है और ट्रांजिट समय लंबा हो गया है, जिससे निर्यात मांग पर असर पड़ा है।
इसके अलावा, प्राकृतिक रबर की कीमतों में तेज वृद्धि थाईलैंड और वियतनाम जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में खराब मौसम के कारण वैश्विक कमी के कारण हुई है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा है।