व्यापार

फेसबुक ने नया खुलासा फिर लीक हुआ 40 लाख यूजर का डाटा
Posted Date : 24-Aug-2018 5:37:12 am

फेसबुक ने नया खुलासा फिर लीक हुआ 40 लाख यूजर का डाटा

डाटा लीक मामले में फंसी फेसबुक ने नया खुलासा किया है. उसका कहना है कि एक थर्ड पार्टी ऐप ने करीब 40 लाख यूजर का पर्सनल डाटा का दुरुपयोग किया गया. यह खुलासा उसकी जांच में हुआ है. फेसबुक ने कहा कि हमने ‘माईपर्सनेल्‍टी’ एप को बैन कर दिया है. यह 2012 के पहले से एक्टिव है. फेसबुक के अनुसार एप ऑडिट के लिए राजी नहीं था और यह भी साफ है कि उसने रिसर्चर और कंपनियों के साथ डाटा साझा किया. डाटा की सुरक्षा का इंतजाम भी बहुत कमजोर था.

कैसे हुआ डाटा लीक
फेसबुक के अनुसार जिन लोगों ने माईपर्सनेल्‍टी एप में अपनी फेसबुक जानकारी शेयर की उनका डाटा लीक हुआ है. ऐसे यूजर की संख्‍या करीब 40 लाख है. अभी यह साफ नहीं है कि माईपर्सनेल्‍टी ने किसी मित्र की जानकारी चुराई या नहीं. फेसबुक ने मार्च में हजारों थर्ड पार्टी एप के खिलाफ जांच शुरू की थी. उसी दौरान सोशल मीडिया साइट पर कैंब्रिज एनालिटिका को यूजर का पर्सनल डाटा साझा करने का आरोप लगा था. इसके बाद 400 से ज्‍यादा एप को सस्‍पेंड कर दिया गया.

थर्ड पार्टी एप की जांच जारी रखेगी फेसबुक
फेसबुक ने कहा कि वह विभिन्‍न एप के खिलाफ जांच जारी रखेगी. साथ ही साइट की सुरक्षा और पुख्‍ता करेगा ताकि किसी थर्ड पार्टी एप के जरिए डाटा चोरी न हो सके. जून में फेसबुक पर फिर यूजर्स का डाटा लीक करने का आरोप लगा था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने एप्पल, सैमसंग, माइक्रोसॉफ्ट समेत स्मार्टफोन बनाने वाली दुनिया की करीब 60 कंपनियों को यूजर्स से संबंधित जानकारी लीक की थी. हालांकि, फेसबुक ने कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले के बाद यूजर्स की जानकारी न साझा करने का दावा किया था. उसने अपने सिक्योरिटी फीचर्स को भी मजबूत बनाने का दावा किया था. लेकिन, नए विवाद के बाद अब फेसबुक फिर से सवालों के घेरे में आ गई.

एक दिलचस्प कहानी एक बाबा दो कारोबारी भाई और एक करीबी का खेल हवा में उड़ गए 22,500 करोड़ रुपये
Posted Date : 24-Aug-2018 5:36:03 am

एक दिलचस्प कहानी एक बाबा दो कारोबारी भाई और एक करीबी का खेल हवा में उड़ गए 22,500 करोड़ रुपये

एक प्रभावशाली ‘बाबा’ और भौतिकवाद के प्रति कमजोरी रखने वाला उसका परिवार. एक कंपनी बेचने से मिले करीब 10 हजार करोड़ रुपये की नकदी के साथ दो युवा कारोबारी और उनके परिवार का एक बेहद करीबी. इन सबने मिलकर एक ऐसा कारनामा किया जो बॉलीवुड की किसी कहानी को भी फेल कर सकता है. उनके कारनामे से करीब 22,500 करोड़ रुपये हवा में उड़ गए.

कारोबारी जगत में मलविंदर सिंह और शिवेंदर सिंह दो साल पहले से चर्चा में हैं, जब यह पता चला कि उनके ऊपर करीब 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है. यह तब है, जब 2008 में उन्होंने तबकी भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी रैनबैक्सी को जापान की दाइची सैंक्यो को बेचा था अौर इससे उनके पास 9,567 करोड़ रुपये की नकदी आ गई थी. यह कंपनी उन्हें अपने पिता परविंदर सिंह से विरासत में मिली थी.

तो सवाल यही है कि उनके पास से यह करीब 22,500 करोड़ रुपये (9,500 करोड़ नकदी और 13,000 करोड़ कर्ज) कहां हवा हो गए. यह भारतीय कॉरपोरेट जगत का अपने तरह का पहला उदाहरण है. इसे समझने के लिए बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लन और उनके परिवार के कारनामे को भी समझना होगा.

रैनबैक्सी को बेचने के बाद पिछले 10 साल में सिंह बंधु ने फोर्टिस हेल्थकेयर और रेलिगेयर एंटरप्राइजेज जैसे एनबीएफसी से भी अपना प्रभावी नियंत्रण खो दिया. जबकि सिंह बंधुओं द्वारा रैनबैक्सी बेचे जाने के दो साल बाद ही अजय और स्वाति पीरामल ने अपने फार्मा कारोबार को अबॉट लेबोरेटरीज को बेच दिया था और इससे उन्हें 18,000 करोड़ रुपये मिले थे. आज पीरामल परिवार ने इस पैसे को फिर से निवेश कर 25,000 करोड़ की संपत्त‍ि बना ली है.मलविंदर और शिवेंदर सिंह ने हमारे सहयोगी प्रकाशन बिजनेस टुडे के सवालों के ई-मेल से दिए जवाब में यह स्वीकार किया है, ‘आज हम अपने सभी प्रमुख कारोबार-फोर्टिस, एसआरएल और रेलिगेयर-पर नियंत्रण खो चुके हैं. अपने कर्ज चुकाने और बैंकों द्वारा हमारे गिरवी रखे गए शेयरों को भुनाने की वजह से ऐसा हुआ है.’

कौन हैं बाबा ढिल्लन और गोधवानी गुरिंदर सिंह ढिल्लन राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के आध्यात्मिक गुरु हैं और ‘बाबाजी’ या ‘व्यास के संत’ के नाम से मशहूर हैं. सिंह परिवार इनका अनुयायी है और सिर्फ अनुयायी ही नहीं बल्कि ढिल्लन परिवार और सिंह परिवार में बहुत करीबी रिश्ता है. राधा स्वामी सत्संग ब्यास के करीब 20 लाख अनुयायी हैं और देश भर में उसके आश्रम आदि के रूप में काफी जमीन है. सिंह बंधुओं के परिवार का एक और करीबी व्यक्ति है सुनील नारायणदास गोधवानी.

शेयर बाजार में मजबूती का रुख सेंसेक्स 28 अंक पर चढ़ा
Posted Date : 24-Aug-2018 5:34:53 am

शेयर बाजार में मजबूती का रुख सेंसेक्स 28 अंक पर चढ़ा

देश के शेयर बाजार में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को मजबूती का रुख रहा. 30 शेयर वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह करीब 10.05 बजे 28.43 अंक की बढ़त के साथ 38366.39 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. लगभग इसी समय 50 शेयर वाला निफ्टी भी 7.75 अंक की तेजी के साथ 11590.50 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया. शुक्रवार को बैंकिंग, मेटल और रियल्टी शेयरों में तेजी आने से बाजार को सकारात्मक रुख मिला है.

मिडकैप शेयरों में तेजी
कारोबार के दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर में खरीदारी का सिलसिला दिखाई दिया. कारोबार के दौरान एक्सिस बैंक, ओएनजीसी, एसबीआई, वेदांता, एलएंडटी, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और मारुति में बढ़त देखी गई. वहीं आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा, भारती एयरटेल, इंफोसिस, विप्रो, आईटीसी के शेयर में गिरावट आई है.

कारोबारी सत्र की शुरुआत में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 30.03 अंकों की मजबूती के साथ 38,366.79 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 16.15 अंकों की कमजोरी के साथ 11,566.60 पर खुला.

डेबिट कार्ड से भी EMI पर ले सकेंगे सामान
Posted Date : 20-Aug-2018 6:24:04 pm

डेबिट कार्ड से भी EMI पर ले सकेंगे सामान

आप जब भी ऑनलाइन कोई सामान खरीदते हैं, तो उसे ईएमआई पर लेने के लिए आपके पास क्रेडिट कार्ड होना जरूरी है. लेकिन अब आप क्रेडिट कार्ड से ही नहीं, बल्क‍ि डेबिट कार्ड से भी किश्तों पर सामान ले सकते हैं. फ्लिपकार्ट यह ऑफर दे रही है. इसके लिए आपको न कोई प्रोसेस‍िंग फीस चुकानी पड़ेगी और ना ही किसी तरह का डॉक्युमेंटेशन करना होगा. इसके लिए आपके बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस की शर्त होना भी अन‍िवार्य नहीं है अगर आप एक्स‍िस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई के ग्राहक हैं, तो आप इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे.

कैसे मिलेगा फायदा 
फ्‍लिपकार्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक यह ऑफर आपके लिए है या नहीं. इसका पता आप DCEMI को 57575 पर SMS कर चेक कर सकते हैं. इसके अलावा किसी उत्पाद के नीचे दिखने वाले ईएमआई ऑप्शन में आपको डेबिट कार्ड ईएमआई का विकल्प मिलेगा.

ऐसे पूरी करें प्रोसेस: 
अगर आपको डेबिट कार्ड ईएमआई का विकल्प मिल रहा है, तो पेमेंट पेज पर आपको ‘डेबिट कार्ड ईएमआई’ को पेमेंट ऑप्शन के तौर पर चुनना होगा.

ओटीपी अथवा पिन एंटर कर आप ट्रांजैक्शन को ऑथराइज करेंगे.

अंत में आपको ईएमआई पेमेंट प्लान को कन्फर्म करना है.

इस तरह आप बिना किसी द‍िक्कत के आसानी से डेबिट कार्ड पर ही ईएमआई शुरू कर सकेंगे. ऐसे में क्रेडिट कार्ड व थर्ड पार्टी के बिना ही आपका काम हो जाएगा.

फॉर्च्यून की ‘दुनिया को बदलो’ सूची में ‘जियो’ को मिला शीर्ष स्थान
Posted Date : 20-Aug-2018 6:23:07 pm

फॉर्च्यून की ‘दुनिया को बदलो’ सूची में ‘जियो’ को मिला शीर्ष स्थान

 न्यूयॉर्क: सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो फॉर्च्यून की ‘दुनिया को बदलो’ (चेंज द वर्ल्ड) सूची में शीर्ष पर रही है. इस सूची में मुनाफे के उद्देश्य से काम कर दुनिया को मदद करने और सामाजिक समस्याओं को हल करने में सहयोग करने वाली वैश्विक कंपनियों को रैंकिंग दी जाती है. जियो फॉर्च्यून की इस सूची में फार्मा क्षेत्र की दिग्गज मर्क तथा बैंक ऑफ अमेरिका से आगे रही है. चीन का समूह अलीबाबा सूची में पांचवें स्थान पर है. वहीं खाद्य एवं दवा स्टोर क्रोगर सूची में छठे, औद्योगिक मशीनरी कंपनी एबीबी आठवें तथा नेटवर्क एवं संचार क्षेत्र की दिग्गज ह्यूजेज नेटवर्क सिस्टम दसवें स्थान पर रही हैं.

फॉर्च्यून ने कहा, ‘‘यदि इंटरनेट तक पहुंच को मूल अधिकार माना जाए, तो रिलायंस जियो को इसका सबसे अधिक श्रेय जाता है, जिसने इसकी पहुंच को बढ़ाया है.’’ संयुक्त राष्ट्र ने 2016 की गर्मियों में इसे मूलभूत अधिकार घोषित किया था. जियो इस क्षेत्र में सितंबर, 2016 में धमाके के साथ उतरी थी. उसने मुफ्त कॉल और डाटा की पेशकश कर अपने प्रतिद्वंद्वियों को विलय करने या बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया था. उसके बाद से जियो के ग्राहकों की संख्या 21.5 करोड़ पर पहुंच चुकी है और अब यह कंपनी मुनाफे में है.

फॉर्च्यून ने कहा कि अंबानी कहना चाहेंगे उन्होंने जनता को डिजिटल आक्सिजन दिया है. दो साल पहले दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश में ज्यादा आक्सिजन नहीं थी.

आपके हर डिजिटल जमा और खर्च पर है आयकर विभाग नजर, अधिकारियों ने ऐसा बिछाया है जाल
Posted Date : 08-Aug-2018 12:43:38 pm

आपके हर डिजिटल जमा और खर्च पर है आयकर विभाग नजर, अधिकारियों ने ऐसा बिछाया है जाल

आयकर विभाग आपके हर जमा और खर्च पर डिजिटल नजर रखेगा। इससे कम छापेमारी में ज्यादा टैक्स चोरी पकड़ना संभव हो सकेगा। विभाग ने टैक्स स्क्रूटनी का जाल तकनीक के सहारे इतना फैला लिया है कि रिटर्न दाखिल करने के पहले ही व्यक्ति की जमा-खर्च का लेखा-जोखा सिस्टम में पहुंच जाता है।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि आयकर विभाग ने इस साल टैक्स स्क्रूटनी में कमी करेगा। पिछले साल के एक फीसदी के मुकाबले केवल 0.35 फीसदी मामलों में स्क्रूटनी होगी। 

सूत्रों की मानें तो विभाग अब इस नीति पर चल रहा है कि करदाता अगर पूरी ईमानदारी से पैसा कमाते और खर्च करते हैं तो अब आयकर विभाग उनके रिटर्न की स्क्रूटनी नहीं करेगा। इसका फायदा ये होगा कि रिटर्न फाइल करने के बाद विभाग की तरफ से नोटिस आने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। साथ ही छापा पड़ने का खतरा भी कम होगा। 

जानकारियों का जाल बिछाया 
पिछले कुछ सालों में विभाग ने खुद को तकनीकी तौर पर मजबूत किया है और ऐसी व्यवस्था लागू की गई हैं जिसके कारण विभाग को करदाताओं के तमाम वित्तीय लेन-देन और जमा खर्च की जानकारियां दूसरे स्रोतों से मिल जाती है। इन्हीं जानकारियों के आधार पर विभाग ने ये फैसला लिया है कि पिछले साल के 1 फीसदी के मुकाबले इस साल कुल रिटर्न में से केवल 0.35% मामलों की ही स्क्रूटनी की जाएगी। 

आयकर विभाग के नियम 114 डी और 114 ई में मौजूद चीजें वित्तीय लेनदेन को विभाग के कम्प्यूटराईज्ड सिस्टम में सीधे पहुंच जाती हैं। ऐसे में इन जानकारियों को ही मुकम्मल माना जाएगा और रिटर्न की स्क्रूटनी में करीब 150 फीसदी की कमी करने का फैसला किया गया है। इस नियम के दायरे में वे तमाम लेनदेन आते हैं जिनमें पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। 

सभी तरह के बैंकिंग लेनदेन, म्यूचुअल फंड, बीमा और शेयरों की खरीद बिक्री के साथ साथ गाड़ियों और ऊंचे दाम पर प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री के भी आंकड़े आयकर विभाग के पास मौजूद हैं। क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और पेमेंट एप्लीकेशन के जरिए किए जाने वाले लेनदेन की जानकारी भी आयकर विभाग के पास पहुंचती रहती है।

ऐसे में लंबे समय में विभाग के कामकाज में पाया गया है कि ज्यादातर लोगों के रिटर्न में बड़ा फर्क नहीं रहता है। आयकर विभाग स्क्रूटनी का काम कम्प्यूटर असिस्टेड स्क्रूटनी सेलेक्शन (सीएएसएस) सिस्टम के जरिए करता है और अब इस सिस्टम में अहम बदलाव किए जा रहे हैं। यही वजह है कि करदाता के इन आंकड़ों पर भरोसा कर विभाग कार्रवाई का दायरा कम करने का मन बना रहा है। 

नोटबंदी के बाद दो लाख ने रिटर्न दाखिल किया
वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने मंगलवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष में ऐसे 2.09 लाख लोगों ने आयकर विभाग को अपनी आय कर का ब्योरा दिया जो पहले रिटर्न नहीं दाखिल करते थे। ऐसे लोगों से 6,416 करोड़ रुपये का कर प्राप्त हुआ।

राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि आईटी विभाग ने उन 3.04 लाख लोगों को नोटिस जारी किए हैं जिन्होंने नोटबंदी के बाद 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी जमा कराई थी, लेकिन उन्होंने देय तिथि तक आय का रिटर्न दाखिल नहीं किया था। शुक्ला ने कहा, परिणामस्वरूप 2.09 लाख ऐसे आयकर नहीं दाखिल करने वालों (गैर-फाइलर्स) द्वारा रिटर्न दाखिल किया गया जिन्होंने 6,416 करोड़ रुपये का आत्म मूल्यांकन आधार पर अपना कर चुकाया।