0-प्रॉफिट में भी आई गिरावट
मुंबई ,27 दिसंबर ।योग गुरु रामदेव के स्वमित्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के सेल्स जबरदस्त तरीके से घट रहे हैं। इसके कारण पतंजलि के प्रॉफिट पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कंपनी के सूत्रों की माने तो मार्च 2018 में खत्म वित्त वर्ष में अच्छी-खासी कमी आई। इसकी एक वजह यह बताई जा रही है कि पतंजलि को जवाब देने के लिए खासतौर पर मल्टीनैशनल कंपनियों ने बड़े पैमाने पर नैचरल और हर्बल प्रॉडक्ट्स लॉन्च किए। इन सबके बीच पतंजलि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स लागू होने के बाद डिस्ट्रीब्यूशन के मोर्चे पर दिक्कतों में फंसी रही।
रिसर्च प्लैटफॉर्म टॉफलर से मिले फाइनैंशल डेटा के मुताबिक, फिस्कल इयर 2017-18 में पतंजलि की आमदनी 10 प्रतिशत गिरकर 8,135 करोड़ रुपये रह गई, जो सालभर पहले 9,030 करोड़ रुपये थी। 2013 के बाद यह कंपनी का सबसे कमजोर परफॉर्मेंस रहा। उस साल कंपनी की ऐनुअल सेल डबल हो गई थी। केयर रेटिंग्स के प्रविजनल डेटा के मुताबिक, फिस्कल इयर 2017-18 में कंपनी का नेट प्रॉफिट भी लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 529 करोड़ रह गया।
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पतंजलि के टर्नओवर में गिरावट की सबसे बड़ी वजह जीएसटी सिस्टम के हिसाब से समय पर खुद को ढाल पाने में नाकामी है। कंपनी ठोस इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन डिवेलप करने में भी नाकामयाब रही। कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी में तेज गिरावट की सबसे बड़ी वजह प्रॉफिट बिफोर इंट्रेस्ट, लीज, डेप्रिसिएशन ऐंड टैक्स मार्जिन में आई कमी थी। एक्सपैंशन के चलते बढ़े अन्य खर्च और खासतौर पर सेलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन एक्सपेंस में बढ़ोतरी के चलते कंपनी का पीबीआईएलडीटी मार्जिन एफवाई17 के 18.73 प्रतिशत से घटकर 11.98 प्रतिशत रह गया।
ऐनालिस्टों का कहना है कि कंपनी ने स्टेपल, पर्सनल केयर और बिस्किट जैसे बिजनस वर्टिकल के लिए अलग-अलग डिस्ट्रीब्यूटर्स अपॉइंट किए हैं जिसके चलते इसे सविजि़्संग लेवल पर दिक्कत आ रही है। आईआईएफएल ंस्टीट्यूशनल इच्टिीज की तरफ से जारी इन्वेस्टर नोट के मुताबिक, पतंजलि की ग्रोथ में सुस्ती की वजह ट्रेड चैनल्स का कमजोर मैनेजमेंट होना और ठोस ऐडवर्टाइजिंग स्ट्रैटिजी का अभाव होना है। प्रॉडक्ट कैटिगरी के हिसाब से डिस्ट्रीब्यूटर्स को अलग करने से भी उसकी रिटेलर सर्विसिंग पर दबाव बना।
पतंजलि को मिली शुरुआती कामयाबी ने हर्बल, आयुर्वेदिक और नैचरल प्रॉडक्ट्स के लिए उत्प्रेरक का काम किया। इस स्पेस में मल्टीनैशनल कंपनियों के उतरने से कन्ज्यूमर गुड्स मार्केट में इन प्रॉडक्ट्स का हिस्सा बढक़र लगभग 10 प्रतिशत हो गया है। हिन्दुस्तान यूनी लिवर (एचयूएल) ने आयुर्वेदिक पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स वाले लीवर आयुष ब्रैंड को रीलॉन्च किया है, इंदुलेखा ने हेयरकेयर ब्रैंड को खरीदा है और सिट्रा स्किनकेयर ब्रैंड लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि इसके कारण भी पतंजलि की बिक्री प्रभाव पड़ा है।
0-ट्राई ने केबल ऑपरेटरों के दिए निर्देश
नयी दिल्ली ,27 दिसंबर ।दूरसंचार नियामक ट्राई ने केबल एवं डीटीएच ऑपरेटरों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उपभोक्ता जो चैनल अभी देख रहे हैं उसे 29 दिसंबर से बंद नहीं किया जाना चाहिए। ट्राई ने बुधवार को यहां कहा कि उपभोक्ता अभी जो चैनल देख रहे उसे 29 दिसंबर से बंद किये जाने की मीडिया में खबरें आ रही है।
इसके मद्देनजर प्रसारकों/ डीपीओ/ एलसीओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपभोक्ता जो चैनल आज देख रहे हैं वे 29 दिसंबर से बंद नहीं होने चाहिए तोकि टीवी सेवा के लिए नये फ्रेमवर्क को अपनाये जाने के दौरान उपभोक्ताओं को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।
उसने कहा कि ट्राई सभी उपभोक्ताओं के लिए विस्तृत माइग्रेशन प्लान तैयार कर रहा है जिसमें सभी उपभोक्ताओं को अपनी पसंद के टेलीविजन चैनल चयन करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा और सेवा प्रदाताओं को भी निर्धारित समय में इस नये नियामक फ्रेमवर्क को अपनाने में मदद मिलेगी।
आसुनसियोन ,26 दिसंबर (आरएनएस)। इस साल दो बार पराग्वे फुटबाल लीग का खिताब जीत चुके ओलंपिया क्लब ने राष्ट्रीय टीम के फारवर्ड रोड्रिगो रोजस के साथ करार किए जाने की घोषणा की है। क्लब ने अपने वेबसाइट पर लिखा, रोजस पहले इस करार पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। च्किंग ऑफ कोपासज् का एक बार फिर से स्वागत है।
रिपोर्ट के अनुसार, रोजस इससे पहले ओलंपिया के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी सेरो पोर्टेनो क्लब में थे जहां जनवरी 2015 से ही खेल रहे थे। ओलंपिया के कोच डेनियल गार्नेरो कोपा लिबर्टाडोरेस-2019 को लेकर बेहद गंभीर हैं जहां टीम को ग्रुप-सी में रखा गया है।
मुंबई ,26 दिसंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)द्वारा दाखिल विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग वाली याचिका पर विशेष पीएमएलए न्यायालय ने 5 जनवरी तक निर्नय स्थगित कर दिया है। इसे माल्या के लिए राहत बताया जा रहा है। इस मामले में बताया जा रहा है कि विशेष पीएमएलए जज अपने फैसले के साथ तैयार नहीं हैं, इसलिए आदेश को 5 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
माल्या के खिलाफ यह याचिका प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दी थी। बता दें कि लंदन की कोर्ट माल्या के प्रत्यपज़्ण के लिए रजामंदी दे चुकी है, लेकिन माल्या के पास फिलहाल इसके खिलाफ अपील करने के लिए जनवरी तक का वक्त है। माल्या इन दिनों ब्रिटेन में है। 62 वर्षीय कारोबारी पर मनी लांड्रिंग का भी आरोप है। लंदन की एक कोर्ट ने उसके भारत के समक्ष प्रत्यार्पण का आदेश भी दिया है।
नौ हजार करोड़ के बैंक लोन घोटाले में फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018 के तहत भगोड़ा घोषित करने संबंधी याचिका पर फैसले के लिए विशेष अदालत ने 26 दिसंबर की तिथि तय की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) कोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के बाद ईडी को माल्या की संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल जाएगा।
मुंबई ,26 दिसंबर । देश के शेयर बाजारों के शुरुआती कारोबार में बुधवार को गिरावट का रुख है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 10.26 बजे 440.08 अंकों की गिरावट के साथ 35,030.07 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 123.95 अंकों की कमजोरी के साथ 10,539.55 पर कारोबार करते देखे गए।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेंक्स सुबह 26.99 अंकों की गिरावट के साथ 35,443.16 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 28.05 अंकों की कमजोरी के साथ 10,635.45 पर खुला।
नई दिल्ली ,24 दिसंबर । केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। जेटली ने कहा है कि जीएसटी की सफलताएं गिनाते हुए कहा है कि भविष्य में 12 और 18 फीसदी की जगह अब एक नया स्टैंडर्ड टैक्स स्लैब बनाया जा सकता है, जो इन दोनों के बीच होगा। लग्जरी और सिन प्रॉडक्ट्स को अपवाद बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतत: देश में जीएसटी के 0, 5 और स्टैंडर्ड रेट टैक्स स्लैब होंगे। उन्होंने जीएसटी से पहले के दौर में 31 फीसदी तक ऊंचे टैक्स को लेकर विपक्ष पर निशाना भी साधा और आलोचनाओं का जवाब दिया।
दरअसल, फेसबुक पर लिखे ब्लॉग में जेटली ने कहा कि तंबाकू, लग्जरी गाडयि़ां, एसी, सोडा वाटर, बड़े टीवी और डिश वॉशर को छोडक़र 28 आइटम्स को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से हटाकर 18 और 12 फीसदी टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है। आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाले सीमेंट और ऑटो पाट्सज़् ही 28 फीसदी टैक्स स्लैब में बच गए हैं। उन्होंने कहा, हमारी अगली प्राथमिकता सीमेंट पर टैक्स कम करने की है। दूसरे सभी बिल्डिंग मैटेरियल पहले ही 28 से 18 या 12 में ट्रांसफर हो चुके हैं।
जीएसटी के 18 महीने शीषज़्क वाले ब्लॉग में वित्त मंत्री ने कहा है कि 183 आइटम्स पर टैक्स शून्य है। 308 आइटम्स पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, 178 पर 12 फीसदी टैक्स है, जबकि 517 आइटम्स 18 फीसदी टैक्स स्लैब में आते हैं। 28 फीसदी टैक्स स्लैब अब खत्म हो रहा है।
वित्त मंत्री ने जीएसटी की आलोचना को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा भारत का इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम दुनिया में सबसे खराब था। केंद्र और राज्य सरकारों को लेवी वसूलने का अधिकार था। 17 टैक्स लगाए जाते थे। एक उद्यमी को 17 इंस्पेक्टर का सामना करना पड़ता था। 17 रिटनज़् भरना पड़ता था और 17 असेसमेंट होते थे। टैक्स की दरें बहुत ऊंची थीं। वैट और एक्साइज का स्टैंडडज़् रेट 14.5 और 12.5 फीसदी था। इस तरह अधिकतर वस्तुओं पर टैक्स 31 फीसदी हो जाता था।